बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ

पूरा बैंकिंग सिस्टम क्यों है परेशान?
Bitcoin: कौन है बिटकॉइन क्रिएटर Satoshi Nakamoto? उसके बारे में हम क्या जानते हैं और क्या नहीं
13 साल पहले सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के एक व्यक्ति या ग्रुप ने बिटकॉइन (Bitcoin) नाम वाले नए सॉफ्टवेयर सिस्टम का जिक्र करते हुए एक पेपर रिलीज किया था। आज उसी बिटकॉइन की कीमत 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है और इसने एक ऐसी घटना को जन्म दिया है, जिसके समर्थकों का मानना है कि यह पूरे ग्लोबल फाइनेंशिय नेटवर्क को फिर से जोड़ सकता है।
31 अक्टूबर, 2008 को, सातोशी नाकामोतो ने क्रिप्टोग्राफरों के एक ग्रुप को नौ पेज का एक पेपर भेजा, जिसमें बिटकॉइन नाम के "इलेक्ट्रॉनिक कैश" के एक नए फॉर्म की रूपरेखा तैयार की गई थी। उस समय किसी को भी नाकामोतो की पहचान से किसी को कुछ लेनादेना नहीं था। साथ ही उस ग्रुप के ज्यादातर लोगों को बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बिटकॉइन के आइडिया पर ही संदेह था।
हैल फिने, निक स्जाबो, डेविड चाउम और वेई दाई जैसे क्रिप्टोग्राफर और डेवलपर्स एक दशक से ज्यादा समय से कैश के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को डेवलप करने की कोशिश कर रहे थे। वे सभी कई कारणों के चलते इसमें फेल रहे।
विस्तार
बात करेंसी की हो और क्रिप्टो का जिक्र न हो, ऐसा होना नामुमकिन है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में तो इतने बड़े-बड़े दावे होने लगे हैं कि इसे सोने से भी सोणा कहा जाने लगा है। हालांकि, इन सबसे पहले एक सवाल उठता है कि आखिर क्या है ये क्रिप्टोकरेंसी? कैसे इसे खरीद और बेच सकते हैं? कैसे इनकी माइनिंग होती है और इनकी कीमत लगातार कैसे बढ़ रही है? वैसे ये सवाल काफी पुराने हो सकते हैं, लेकिन अमर उजाला एक खास सीरीज 'कहानी क्रिप्टो की' शुरू कर रहा है। इसकी पहली कड़ी में क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत से उसके क्वाइन बनने तक की कहानी बताई जा रही है। सीरीज की अगली कड़ियों में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होने और उनकी कीमतों के आसमान छूने तक के हर किस्से से आपको रूबरू कराया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी आजकल काफी चर्चा में है, लेकिन यह सुर्खियों में उस वक्त ज्यादा आई थी, जब जुलाई 2010 के दौरान बिटक्वाइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में आई और उससे लेन-देन भी होने लगा। उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 0.0008 डॉलर थी, जो वर्तमान में 58 हजार डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है। बिटक्वाइन भले ही आज के जमाने की काफी प्रचलित है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत 1980 से भी पहले हो गई थी।
सबसे पहले बनी थी ब्लाइंडिंग एल्गोरिदम
जानकारी के मुताबिक, 1980 के दौर में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविट चौम ने 'ब्लाइंडिंग' नाम की एल्गोरिदम का अविष्कार किया था, जो सेंट्रल से मॉडर्न वेब-बेस्ड इनक्रिप्शन पर आधारित थी। यह एल्गोरिदम सिक्योर, पार्टियों के बीच अपरिवर्तनीय सूचना के आदान-प्रदान और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक करेंसी ट्रांसफर के लिए आधार तैयार करने के मकसद से बनाई गई थी। हालांकि, इस पर कुछ काम नहीं हुआ।
ब्लाइंडिंग के चर्चा में बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ आने के 15 साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेई दई ने बी-मनी नाम की वर्चुअल करेंसी को लेकर व्हाइट पेपर तैयार किया। बी-मनी में मॉडर्न क्रिप्टोकरेंसी के कई बेसिक कंपोनेंट्स थे। व्हाइट पेपर में बी-मनी के जटिल प्रोटेक्शन और डिसेंट्रलाइजेशन का जिक्र किया गया था। हालांकि, बी-मनी कभी एक्सचेंज के रूप में बाजार में नहीं आ पाई।
सबसे पहले एलन मस्क ने की थी वर्चुअल करेंसी की वकालत
वर्ष 1990 और 2000 से पहले कई डिजिटल बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ फाइनेंस माध्यम भी सामने आए, जिनमें पेपल (PayPal) आदि शामिल थे। गौर करने वाली बात यह है कि पेपल की शुरुआत टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने की थी। उन्होंने ही उस वक्त पहली बार वर्चुअल करेंसी की वकालत भी की थी और 10 साल बाद क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में आए उछाल ने उनकी बात साबित भी की। हालांकि, यह भी सच है कि साल 2000 के बाद जब बिटक्वाइन अस्तित्व में आया, उसके बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बाद ही सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में तेजी दर्ज की गई।
नोट: 'कहानी क्रिप्टो की' सीरीज में आज क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की दास्तां बताई गई। कल हम आपको बिटक्वाइन की शुरुआत होने और इसके शिखर पर चढ़ने के किस्से से रूबरू कराएंगे।
क्या होता है बिटकॉइन? इसकी शरुआत कैसे हुई? पूरे बैंकिंग सिस्टम को हिला कर रख देने वाले बिटकॉइन के बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ बारे में सब कुछ जानिए
आज इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स, काई सारे ऐसे एप्स मौजूद हैं जो बिटकॉइन खरीदते और बेचते हैं. साधारण भाषा में कहें, तो कई ऑनलाइन मार्केट प्लेस से बिटकॉइन खरीदे या बेचे जा सकते हैं.
जब से बिटकॉइन का जन्म हुआ है तब से ही बिटकॉइन की खूब चर्चा हो रही है. शुरुआत में तो ये हालात थे कि चारों तरफ हर किसी के मुंह से बिटकॉइन ही बिटकॉइन सुनाई देता था. कई देशों की सरकारों के विरोध के बाद इसकी बातें बहुत कम हो गई थीं लेकिन अब एक बार फिर से बिटकॉइन की चर्चा ज़ोरों पर है और इसके पीछे का कारण है बिटकॉइन की कीमत। दरअसल, बिटकॉइन की कीमत बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. जानकारी हो कि मौजूदा वक्त में एक बिटकॉइन की कीमत करीब 26 लाख रुपए हो चुकी है लगातार बढ़ती ही जा रही है यही वजह बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ है कि निवेशक इन दिनों बिटकॉइन में भर-भर के निवेश कर रहे हैं.
Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
चलिए जानते है Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका नाम तो आपने काफी बार सुना होगा जिसमे से बहुत से लोग इसके बारे में भलीभांति जानते भी है परन्तु कुछ लोग इस करेंसी को लेकर काफी कंफ्यूज है उनकों इसके बारे में यह समझ में नहीं आ रहा है की ये असल में है क्या तो आज आपको इससे रिलेटेड सारी जानकारी देंगे.
हर देश की एक अलग जिसे उस देश में खरीददारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कुछ ऐसी भी मुद्रा है जिसके जरिये किसी भी देश में लेनदेन कर सकते है ठीक उसी प्रकार बिटकॉइन है लेकिन यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे ना तो हम देख सकते है और ना ही उसे छू सकते है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है. जो Peer to Peer सिक्योर नेटवर्क के जरिये लेनदेन किया जाता है.
Bitcoin का मालिक कौन है
बिटकॉइन का ऑथर Satoshi Nakamoto है. वैसे इसका कोई एक व्यक्ति मालिक नहीं है क्योंकि यह एक ओपन सोर्से डीसेण्ट्रलाइज डिजिटल करेंसी है इसे सातोशी का नाम दिया गया है. और यह एक इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर रहने वाली मुद्रा है जिसे किसी डिजिटल वॉलेट के माध्यम से स्टोर करके रखा जा सकता है. लोग Bitcoin एक व्यवसाय के रूप में भी इस्तेमाल करते है शुरुआती दिनों में इसका रेट काफी कम था उस समय बहुत से लोगों ने इसमें इन्वेस्ट किया और जब बिटकॉइन के मूल्य में बढ़ोतरी हुई तो लोगों ने इसे सेल करके काफी अच्छा मुनाफा कमाया था.
अब बिटकॉइन का रेट काफी बढ़ चूका है यदि इस समय Bitcoin के मूल्य की बात करे तो भारतीय रुपए में 1 बिटकॉइन का रेट 25,45,947 है. कुछ ऐसी वेबसाइट भी है जिसके जरिये माइनिंग करके बिटकॉइन बनाये जा सकते है ये साइटें कम्प्यूटर पॉवर के जरिये एक ट्रांजैक्शन प्रोसेस करती है जिससे Bitcoin का निर्माण होता है. Bitcoin Mining करने के बाद वॉलेट में भी ले सकते है.
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
इसे बनाने वाले व्यक्ति जापान के नागरिक है परन्तु बिटकॉइन को आमतौर पर किसी एक देश की करेंसी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है और इसे हर कोई व्यक्ति ऑनलाइन खरीद या बेच सकता है या ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकता है. Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 में सातोशी नकामोतो नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी. इनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था.
आशा करती हूँ की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया होगा की Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका मुख्य Symbol – ₿ ये है और इसे BTC के नाम से भी जाना जाता है.
नोट: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बिटकॉइन को अधिकारिक अनुमति नहीं दी है एक प्रेस के जरिये चेतावनी देते हुए कहा है की इसका लेनदेन जोखिम हो सकता है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है?बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है – बिटकॉइन मूल रूप से एक “COMPUTER FILE” है जिसे स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर “DIGITAL WALLET APP” में स्टोर किया जाता है। लोग आपके डिजिटल वॉलेट में बिटकॉइन भेज सकते हैं, और आप भी अपनी बिटकॉइन को अन्य लोगों के वॉलेट में भेज सकते हैं। इस लेन-देन को ब्लॉकचेन कहा जाता है और हर एक लेन-देन एक सार्वजनिक सूची में दर्ज किया जाता है।
बिटकॉइन कितने प्रकार के होते हैं?
जानें आखिर बिटकॉइन कितने प्रकार की होते हैं.
बाजार में 18,000 से अधिक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध हैं। इन क्रिप्टो सिक्कों का उपयोग निवेश वाहनों, मूल्य के भंडार के रूप में किया जाता है जिन्हें क्रिप्टो एक्सचेंजों पर खरीदा, बेचा या कारोबार किया जा सकता है।
उनमे से कुछ पॉपुलर बिटकॉइन का नाम हैं जैसे १. Bitcoin (BTC), २. Ethereum (ETH), ३. Tether (USDT)