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निवेश खाता

निवेश खाता
• एनपीएस को सभी नागरिकों के लिए मॉडल 18 से 65 वर्ष के बीच की आयु के सभी भारतीय नागरिकों को स्वैच्छिक आधार पर एनपीएस में शामिल होने की अनुमति प्रदान करता है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली

एनपीएस एक बाजार से जुड़ा परिभाषित अंशदान उत्पाद है। एनपीएस के अंतर्गत अलग-अलग अभिदाताओं के लिए केन्द्रीय रिकार्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए) द्वारा एक अभिन्न (यूनीक) स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) सृजित और बनाए रखे है।

एनपीएस के तहत दो प्रकार के खाते नामत: टियर-I और टियर-II खोले जाते हैं। टियर-I खाता प्रतिबंधित आहरणों वाला पेंशन खाता है। टियर-II एक स्वैच्छिक खाता है जो निवेश और आहरणों की लिक्विडिटी प्रदान करता है। यह तभी अनुमत होता है जब अभिदाता के नाम से टियर-I खाता सक्रिय हो। सेवानिवृत्ति तक एक समयावधि के दौरान संचित अंशदान में बाजार से जुड़े प्रतिफलों के साथ वृद्धि होती है।

योजना से बाहर निकलने/सेवानिवृत्ति/अधिवर्षिता पर कुल संचित राशि के न्यूनतम 40% को जीवन बीमा कंपनी से वार्षिकी (एन्यूटी) खरीदने के लिए अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाता है जिससे अभिदाता के जीवन काल तक पेंशन प्रदान की जा सके और शेष कार्पस का एकमुश्त भुगतान कर दिया जाता है।

एनपीएस में कैसे शामिल हों:

• एनपीएस के अंतर्गत नामांकन और अंशदान सरकारी कर्मचारियों के लिए नोडल अधिकारियों; कारपोरेट कर्मचारियों के लिए नियोक्ता या पीओपी और अन्य लोगों के लिए पीओपी या ईएनपीएस के माध्यम से किया जाता है।

• एनपीएस एक सरल संरचना के माध्यम से अभिशासित है जिसमें पीएफआरडीए द्वारा नियुक्त मध्यस्थ अर्थात पेंशन निधियों, अभिरक्षक, केन्द्रीय रिकार्डकीपिंग एजेंसी (सीआरए), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास, न्यासी बैंक (ट्रस्टी बैंक), प्वाइंट्स आफ प्रेजेन्स (पीओपी) और वार्षिकी सेवा प्रदाता (एएसपी) शामिल होते हैं।

एनपीएस की मुख्य विशेषताएं:

• सभी भौगोलिक स्थलों और रोजगार के परिवर्तन करने पर वेबपोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से एनपीएस अभिदाताओं के लिए पेंशन खाते की ऑनलाइन पहुंच के जरिए पहुंच और परिवर्तन करने (सुवाहयता) की सुविधा (पोर्टबिलिटी) सुनिश्चित की गई है।

आंशिक आहरण- अभिदाता विनियमों में विनिर्दिष्ट कुछेक उद्देश्यों के लिए एनपीएस के अंतर्गत पूरी अभिदान अवधि के दौरान अधिकतम तीन बार एनपीएस टियर-I खाते से बाहर निकलने (निकासी) से पूर्व किसी समय अपने स्वयं के अंशदान का 25% तक आहरण कर सकता है। आंशिक आहरण के लिए एनपीएस टियर-1 खाते से कम से कम दस वर्ष के अंशदान पर ही अनुमति है और दो क्रमिक आहरणों के बीच कम से कम पांच वर्ष का अंतराल होना चाहिए।

एनपीएस के अंतर्गत कर लाभ:

(क) एनपीएस टियर-I में कर्मचारी का अपना अंशदान आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के अंतर्गत 1.50 लाख रुपए की समग्र सीमा के भीतर धारा 80सी सीडी(I) के तहत कर छूट के लिए पात्र है। वित्तीय वर्ष 2015-16 से अभिदाता को एनपीएस टियर-I खाते में अंशदान हेतु धारा 80सीसीडी 1(बी) के अंतर्गत अनुमत कटौती के अतिरिक्त धारा 80सीसीडी 1 के तहत छूट दी जाएगी जो कि अधिकतम 50,000 रुपए के अध्यधीन होगी।

निवेश की आवश्यकता क्यों है?

इसे सुनेंरोकेंविनिवेश (Disinvestment) से आशय किसी देश की सरकार, किसी उद्योग, या किसी कम्पनी का योजनाबद्ध रूप से आर्थिक बहिष्कार करने से है ताकि उसे अपनी नीतियों को बदलने के लिए विवश किया जा सके। किसी सरकार में विनिवेश करने का उद्देश्य उस सरकार को बदलकर नयी सरकार लाना भी हो सकता है।

एमडीआरटी का फुल फॉर्म क्या है?

इसे सुनेंरोकें1927 में स्थापित, मिलियन डॉलर राउंड टेबल ( MDRT ), 69 देशों में 500 से अधिक कंपनियों के दुनिया के अग्रणी जीवन बीमा और वित्तीय सेवा पेशेवरों के 62,000 से अधिक का एक वैश्विक, स्वतंत्र संघ है। विश्व स्तर पर, एमडीआरटी सदस्यता को जीवन बीमा और वित्तीय सेवा व्यवसाय में उत्कृष्टता के मानक के रूप में मान्यता प्राप्त है।

निवेश का उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनिवेश का मुख्य उद्देश्य भविष्य की आय अर्जित करना है। साथ ही, निवेश अप्रत्याशित और आकस्मिक खर्चों को पूरा करने और किसी भी आपात स्थिति में सहायता करने में मदद करेगा।

इसे सुनेंरोकेंनिवेश या विनियोग (investment) का सामान्य आशय निवेश खाता ऐसे व्ययों से है जो उत्पादन क्षमता में वृद्धि लायें। यह तात्कालिक उपभोग व्यय या ऐसे व्ययों संबंधित नहीं है जो उत्पादन के दौरान निवेश खाता समाप्त हो जाए। निवेश शब्द का कई मिलते जुलते अर्थों में अर्थशास्त्र, वित्त तथा व्यापार-प्रबन्धन आदि क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।

प्रेरित निवेश क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रेरित निवेश वह निवेश है जो आय तथा लाभ की मात्रा पर निर्भर करता है। यह निवेश आय तथा लाभ में होने वाले परिवर्तनों से प्रेरणा प्राप्त करता है। आय तथा लाभ के बढ़ने की सम्भावना से यह बढ़ता है तथा इसमें होने वाली कमी से यह कम होता जाता है। प्रेरित निवेश लाभ या आय सापेक्ष होता है।

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NRI के लिए निवेश की रणनीति, NRI कैसे करें भारत में निवेश

NRI भारतीय बाजार में निवेश कब करें। योर मनी पर जानिये NRI के लिए भारत में निवेश की रणनीति कैसे अलग है। बता दें कि NRI भारत में निवेश कर सकते हैं। NRI को दो तरह के खाते खोलने की जरूरत होती है। इस खास शो में सीएनबीसी-आवाज़ के साथ मिलकर AnandRathi Pvt Wealth Management निवेश खाता के फिरोज़ अझीज आपको NRI के खातों और निवेश से संबंधित जानकारी और सुझाव देंगे।

NRE खाता (नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल)

एनआरआई खाते में फॉरेन करेंसी जमा कर रूपए में बदली की जा सकती है। इस खाते से भारत में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल खाता टैक्स फ्री खाता होता है। इसमें सेविंग, रिकरिंग, फिक्सड खाते का विकल्प होता है। इस खाते से पैसे विदेश ले जा सकते हैं। इसमें विदेश से होने वाली कमाई जमा की जा सकती है।

NRO खाता (नॉन रेजिडेंट ऑर्डिनरी)

निवेश की बात: सही जगह निवेश से बड़े होने तक निवेश खाता करोड़पति होगी आपकी संतान, जल्दी शुरुआत से मिलेगा बेहतर रिटर्न

बच्चे के जन्म के बाद से वयस्क होने तक या जब तक बच्चा अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो जाता, उसकी वित्तीय जिम्मेदारियां माता-पिता की होती हैं। यदि माता-पिता चाहते हैं कि बच्चे के सक्षम होने तक उसके खर्च आसानी से पूरे हों और उनका अपना रिटायरमेंट प्लान प्रभावित न हो तो जितना जल्दी हो सके बच्चे की वित्तीय जरूरतों के लिए निवेश शुरू कर दें। जितनी जल्दी निवेश शुरू करेंगे, शुरुआती निवेश उतना ही कम होगा और रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा।

बजाज कैपिटल के जॉइंट CMD संजीव बजाज कहते हैं कि सटीक प्लान से आप अपनी संतान को वयस्क होने तक करोड़पति भी बना सकते हैं, ताकि वह अपने ही पैसों से अपना ड्रीम करियर शुरू कर सके। निवेश शुरू करने से पहले मौजूदा लागत का अनुमान लगा लें और उसमें बच्चे के उच्च शिक्षा की उम्र तक पहुंचने के सालों की महंगाई एडजस्ट कर लें। यदि लक्ष्य कम से कम सात साल हो तो इक्विटी में निवेश करें। इसके अलावा हमेशा अपने निवेश को अलग-अलग साधनों में डायवर्सिफाई करके रखें, ताकि जोखिम कम हो।

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