शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है?

शेयर ब्रोकर आपका दोस्त नहीं है। वह एक डॉक्टर की तरह होता है, जो मरीज से दवा के बदले शुल्क लेता है। अगर आप सही डॉक्टर के पास नहीं पहुंचेंगे तो खामियाजा आपको ही भुगतना पड़ेगा।
Stock Broker Meaning in Hindi
अगर आप स्टॉक मार्केट में रूचि रखते है तो आपने कभी न कभी स्टॉक ब्रोकर का नाम जरूर सुना होगा, शेयर मार्केट में ट्रेड या निवेश करने के लिए स्टॉक ब्रोकर बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। इसलिए आज हम Stock Broker Meaning in Hindi लेख के जरिए समझेंगे कि स्टॉक ब्रोकर क्या होता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है?
तो चलिए Stock Broker Meaning in Hindi के प्रत्येक पहलु को समझते है….
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
स्टॉकब्रोकर एक बिचौलिये की तरह काम करता है जिसके पास निवेशक और ट्रेडर की ओर से स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक और प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का अधिकार होता है।
स्टॉक ब्रोकर सीधे स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से निवेशक और ट्रेडर के आधार पर ट्रेड करते हैं। क्योंकि, एक निवेशक या ट्रेडर स्टॉक एक्सचेंजों में सीधे ट्रेड नहीं कर सकता है। स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए, आपको एक मध्यस्थ की आवश्यकता होती है जो लेनदेन में आपकी सहायता करता है। यह बिचौलिया स्टॉक ब्रोकर होता है जो आपकी ओर से स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए अधिकृत है।
Stock Broker Meaning in Hindi समझते समय, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि एक स्टॉकब्रोकर निवेशक और ट्रेडर के लिए काम करता है। इसलिए अपनी सर्विस के लिए ब्रोकर आपसे कुछ कमीशन भी चार्ज करता है। ब्रोकर की भूमिका अपने क्लाइंट के लिए शेयर खरीदना और बेचना है।
इसके अलावा स्टॉकब्रोकर एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; वे मार्केट की सही जानकारी प्रदान करते हैं जो एक निवेशक को सही निवेश निर्णय लेने में मदद करती है।
स्टॉकब्रोकर सेबी द्वारा रजिस्ट्रेड होते है इसलिए हम इन पर भरोसा कर सकते है और इनके साथ अपने निवेश की शुरुआत कर सकते है। इसके साथ ही, जिस स्टॉक ब्रोकर को आप चुन रहे है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य भी होना चाहिए और सेबी के साथ पंजीकृत होना भी आवश्यक है।
स्टॉकब्रोकर अपनी वेबसाइट पर अपना पंजीकरण विवरण प्रदर्शित करते हैं। कोई भी सेबी की वेबसाइट पर जा सकता है और पंजीकृत स्टॉकब्रोकरों का विवरण की जाँच कर सकता है।
आइए हम उन सेवाओं को देखें जो एक स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को प्रदान करता है।
स्टॉक ब्रोकर के कार्य
* कुछ स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को स्टॉक और अन्य प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने पर सटीक सलाह देते हैं। क्योंकि ब्रोकर स्टॉक मार्केट अच्छे से समझते हैं, इसलिए वह निवेशक को सलाह दे सकते हैं कि कौन से स्टॉक को खरीदना और बेचना है और उन्हें कब खरीदना या बेचना चाहिए। यह किसी भी स्टॉक की सलाह देने से पहले उस कंपनी का गहन शोध करते हैं।
* स्टॉकब्रोकर अपने ग्राहकों को एक मंच (वेबसाइट, मोबाइल ऐप और ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर) प्रदान करता है जहां निवेशक या ट्रेडर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी के शेयर्स में निवेश या ट्रेड कर सकता है।
* स्टॉकब्रोकरअपने ग्राहको के निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करते हैं और उनके पोर्टफोलियो के बारे में नियमित अपडेट प्रदान करते हैं।
* स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को शेयर के वारे में नॉलेज प्रदान करता है जिससे कि ट्रेडर या निवेश मार्केट को सीख कर सही से अपने ट्रेडिंग या निवेश निर्णय ले सके।
* सभी ब्रोकर अब ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करते हैं जिसमें ग्राहक उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन कर सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग गतिविधि कर सकते हैं। ऑनलाइन स्टॉकब्रोकिंग सेवाएं तेज हो गयी हैं क्योंकि लेनदेन इंटरनेट की मदद आपके घर पर रहकर ही किया जा सकता है, और इसके साथ ही क्लाइंट ब्रोकर के साथ चैट रूम, ईमेल के माध्यम से भी मदद ले सकता है और रीयल-टाइम अपडेट पा सकता है।
स्टॉक ब्रोकर कितने तरह के होते है?
अब जब आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख की मदद से जान चुके हैं कि स्टॉकब्रोकर क्या है और इनके क्या – क्या कार्य है, तो आइए स्टॉक ब्रोकरों के प्रकारों पर एक नज़र डालते हैं। स्टॉक ब्रोकर को प्रदान की जाने वाली सेवा के आधार पर, तीन वर्गों में बांटा जा सकता है – फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर, डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर और बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने ग्राहकों को बहुत सी सेवाएं प्रदान करते हैं। यह ट्रेडिशनल ब्रोकर हैं जो अपने ग्राहकों को सलाहकार सेवाओं के साथ ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। इसी बजह से फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर्स द्वारा ली जाने वाली कमीशन के रूप में फीस अधिक होती है।
ब्रोकर निवेशक या ट्रेडर के द्वारा लिए गए ट्रेड पर कमीशन लेते है जिसे ब्रोकरेज कहा जाता है। आप जितना अधिक ट्रेड करेंगे आपको उतनी ही अधिक ब्रोकरेज फीस देनी होती है।
फुल-सर्विस ब्रोकर की पूरे देश में शाखाएँ होती हैं। इसलिए आप ग्राहक सेवा और सलाह के लिए इन शाखाओं में जा सकते हैं।
फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- एंजेल ब्रोकिंग
- शेयरखान
- मोतीलाल ओसवाल
- इंडिया इंफोलाइन (IIFL)
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अस्तित्व में आए। ये ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं। इसके अलावा यह ब्रोकर किसी भी तरह की सलाहकार सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। इसी वजह से डिस्काउंट ब्रोकर कम कमीशन लेते हैं, जो कि ज्यादातर एक फ्लैट फीस के रूप में होती है।
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ज़ेरोधा (डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए क्लिक करे)
- अपस्टॉक्स
- ऐलिस ब्लू
- फायर्स
- 5 पैसा
- ग्रो
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर
यह ऐसे ब्रोकर होते है जो पहले से ही बैंक के रूप में काम कर रहे है इसलिए इन शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? पर न भरोसा करने का सवाल ही नहीं उठता है। बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह काम करते है यह भी आपको ट्रेडिंग टर्मिनल के साथ – साथ निवेश सलाह भी प्रदान करते है इसी लिए ये भी फुल-सर्विस स्टॉक ब्रोकर की तरह ज्यादा ब्रोकरेज लेते है।
बैंक आधारित स्टॉक ब्रोकर के कुछ उदाहरण –
- ICICIdirect
- Kotak Securities
- HDFC Securities
- SBI Securities
- AxisDirect
निष्कर्ष
भारत में बहुत से स्टॉक ब्रोकर है और नए – नए स्टॉक ब्रोकर मार्केट में आ रहे है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पूरी सावधानी के साथ अपने स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करे। क्योंकि बीते कुछ समय में बहुत से ब्रोकर बंद हुए है, और ब्रोकर बंद होने की बजह से एक ट्रेडर या निवेशक को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अभी तक आप Stock Broker Meaning in Hindi लेख में ब्रोकर क्या होता है यह पूरी तरह से समझ गए होंगे, फिर भी आपका कोई सवाल रहता है तो आप कमेंट कर सकते है।
ABOUT STOCK MARKETS.
देश की अर्थव्यवस्था प्राय: हर क्षेत्र में तरक्की की कुलांचे भर रही है। अमेरिका तथा अन्य पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था जहां मंदी के दौर से गुजर रही है, वहीं इंडियन कॉर्पोरेट कंपनियां न केवल सफलता के नए मानदंड स्थापित कर रही हैं, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान भी बना रही हैं। ऐसे में उनके शेयर बाजार में आते ही कुछ ही घंटों में ओवर-सब्सक्राइब हो जा रहे हैं। दरअसल, अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ शेयर बाजार में भी अब पहले से अधिक रौनक आ गई है। यही कारण है कि अब सिर्फ बडे निवेशक ही नहीं, बल्कि आम आदमी भी पैसा बनाने के लिए इसमें निवेश करने लगा है और बाजार की गतिविधियां बढने से कुशल ब्रोकर, डीलर, सेल्स परसन, कॅप्लायंस ऑफिसर्स, इंफॉर्मेशन सिक्युरिटी ऑडिटर्स आदि की डिमांड में काफी तेजी आई है।
उल्लेखनीय है कि शेयर मार्केट काफी संवेदनशील होने के कारण इसमें सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत होती है। चूंकि छोटे निवेशक बाजार के रुख और जिन कारणों से शेयर बाजार प्रभावित होता है, उससे सही तरीके से वाकिफ नहीं होते, इसलिए उन्हें किसी ऐसे जानकार की सेवा लेने की जरूरत महसूस होती शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ही है, जो उसके पैसे का सुरक्षित निवेश सुनिश्चित कर सके और इसलिए स्टॉक ब्रोकर और इस मार्केट से जुडे अन्य जानकार लोगों की जरूरत होती है। यदि आप भी स्टॉक ब्रोकर बनने में दिलचस्पी रखते हैं, तो सबसे पहले आपको इस मार्केट के बारे में अच्छी तरह से जानना होगा। इसके लिए पहले आप किसी प्रामाणिक संस्थान से इससे संबंधित कोर्स करें। फिर उसके बाद किसी स्थापित ब्रोकर के साथ कुछ समय काम करके प्रैक्टिकल अनुभव भी हासिल कर सकते हैं। वैसे, यदि आप कैपिटल और कॅमोडिटी मार्केट में रेगुलर इनवेस्ट करने वाले जागरूक निवेशक हैं, तो आप भी स्टॉक मार्केट से संबंधित शॉर्ट-टर्म कोर्स करके अपना ज्ञान बढा सकते हैं। ऐसा करने से आप भी मार्केट की सही एनालिसिस करने में सक्षम हो सकेंगे।
क्या है स्टॉक एक्सचेंज?
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा मार्केट है, जहां स्टॉक ब्रोकर्स शेयर्स, डिबेंचर्स, गवर्नमेंट्स सिक्युरिटीज, बॉन्ड्स लोगों और संस्थाओं को खरीदते व बेचते हैं। इन सिक्युरिटीज का मूल्य डिमांड और सप्लाई के आधार पर मिनट-मिनट में बदलता रहता है। देश में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई), मुंबई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), दिल्ली दो बडे स्टॉक एक्सचेंज हैं। इसके अलावा कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरू, अहमदाबाद, जयपुर और लखनऊ में भी स्टॉक मार्केट हैं।
क्या करते हैं स्टॉक ब्रोकर?
शेयर मार्केट में एक स्टॉक ब्रोकर डीलर, अडवाइजर या सिक्युरिटी एनालिस्ट के रूप में काम करता है। स्टॉक ब्रोकर को खुद को संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड कराना होता है। स्टॉक मार्केट का मेंबर बनने के लिए लिखित परीक्षा देनी होती है और इसे उत्तीर्ण करने के बाद ट्रेनिंग भी लेनी होती है। लिखित परीक्षा में अकाउंटेंसी, कैपिटल मार्केट, सिक्युरिटी और पोर्टफोलियो एनालिसिस का टेस्ट लिया जाता है। ब्रोकर को मेंबरशिप के लिए एक निश्चित धनराशि भी सिक्युरिटी मनी के रूप में जमा करनी होती है। इसके बाद मेंबर को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि स्टॉक मार्केट में काम करने के लिए शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? उसके पास कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि का इंफ्रास्ट्रक्चर है। उसे यह विकल्प भी बताना होता है कि वह एक डीलर के रूप में काम करना चाहेगा या फिर वहां पहले से कार्यरत स्टॉकब्रोकिंग फर्म के साथ एजेंट के रूप में! स्टॉक मार्केट में चार तरह के स्टॉक ब्रोकर्स होते हैं : 1. सिक्युरिटीज सेल्स रिप्रेजेंटेटिव 2. सिक्युरिटीज ट्रेडर्स 3. सिक्युरिटीज ब्रोकर्स तथा 4. सिक्युरिटीज एनालिस्ट।
किन लोगों की होती है जरूरत?
स्टॉक मार्केट में काम कर रही बडी ब्रोकिंग फर्मे ऐसे एमबीए को प्राथमिकता देती हैं, जिन्होंने फाइनैंस में स्पेशलाइजेशन किया हो या फिर वह चार्टर्ड अकाउंटेंट या चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट हो। इस प्रोफेशन में इकोनॉमिस्ट, अकाउंटेंट्स, फाइनैंस मैनेजर, फाइनैंशियल एनालिस्ट, कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट्स, इनवेस्टमेंट ऐंड फाइनैंशियल प्लानर्स की आवश्यकता भी होती है।
ब्रोकर की बढती मांग
इंस्टीटयूट ऑफ कम्प्यूटर अकाउंटेट (आईसीए) के चेयरमैन एनके श्यामसुखा का कहना है कि स्टॉक मार्केट बिजनेस और करियर की दृष्टि से तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। इसमें स्किल्ड लोगों की जबर्दस्त मांग है। वर्ष 1992-93 में जहां स्टॉक ब्रोकर्स की संख्या लगभग साढे छह हजार थी, वहीं आज इनकी संख्या बढकर करीब पंद्रह हजार हो गई है।
करें कौन-सा कोर्स?
यदि आप स्टॉक मार्केट से जुडना चाहते हैं, तो आपको एमबीए (फाइनैंस), सीए या सीएफए करना होगा। इकोनॉमिक्स या कॉमर्स में पोस्ट-ग्रेजुएशन करके भी आप इस क्षेत्र में जा सकते हैं। हां, शर्त बस यही है कि आपको वित्तीय मामलों का एक्सपर्ट होना चाहिए। वैसे, खुद स्टॉक एक्सचेंजों या अन्य प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्स/शॉर्ट टर्म कोर्स करके भी आप इस क्षेत्र में आ सकते हैं। आइए जानते हैं इन कोर्सो के बारे में :
पीजी डिप्लोमा इन फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग : इसमें दो कोर्स हैं, एक की अवधि 12 महीने है जबकि दूसरा 6 माह का कोर्स है। इसके तहत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है। किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट (इकोनॉमिक्स व कॉमर्स को प्राथमिकता) इसमें प्रवेश ले सकते हैं। यह कोर्स देश के कई संस्थानों में उपलब्ध है।
कैपिटल मार्केट सर्टिफिकेट प्रोग्राम : यह शॉर्ट टर्म कोर्स है, जो पूरे वर्ष चलता रहता है। इस कोर्स में कभी भी एडमिशन लिया जा सकता है। यह कोर्स मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीटयूट द्वारा संचालित किया जाता है। यह प्रोग्राम ऑनलाइन भी उपलब्ध है। ऑल इंडिया सेंटर फॉर कैपिटल मार्केट स्टडीज द्वारा एक वर्ष की अवधि का पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम भी चलाया जाता है।
पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट : नरसी मुंजी इंस्टीटयूट, मुंबई द्वारा चलाए जाने वाले इस कोर्स की अवधि एक वर्ष है।
डिप्लोमा इन फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग : एक साल की अवधि वाला यह कॅरेस्पॉन्डेंस-कम-लेक्चर कोर्स इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल ऐंड इनवेस्टमेंट प्लॉनिंग, मुंबई द्वारा संचालित किया जाता है। बीएलबी इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल मार्केट (बीआईएफएम) द्वारा भी पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फाइनैंशियल प्लानिंग ऐंड वेल्थ मैनेजमेंट प्रोग्राम चलाया जाता है। इसमें ग्रेजुएट प्रवेश ले सकते हैं। इसमें 3 ट्राइमेस्टर में 16 पेपर पढाए जाते हैं।
शॉर्ट टर्म कोर्स
कुछ प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा शॉर्ट टर्म कोर्स भी संचालित किए जाते हैं। इनमें तीन महीने का स्टॉक करियर और स्टॉक बिजनेस कोर्स प्रमुख हैं। इन कोर्सो के तहत कैपिटल मार्केट मॉडयूल, डेरिवेटिव मार्केट, कॅमोडिटी मार्केट, ओडीआईएन लाइव टर्मिनल ऑपरेशन, बैक ऑफिस जॉब ऑपरेशन, फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल एनालिसिस आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा स्मार्ट इनवेस्टर (3 माह का) कोर्स भी है। ये सभी जॉब ओरिएंटेड कोर्स हैं, जिन्हें करने के बाद आप ब्रोकर फर्मो में काम पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
द मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ट्रेनिंग इंस्टीटयूट 18वीं-19वीं मंजिल, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, दलाल स्ट्रीट, मुंबई-400 001 वेबसाइट : www.bseindia.com
इंस्टीटयूट ऑफ फाइनैंशियल एड इवेस्टमेंट प्लानिंग, बी/303, वेंटेक्स विकास, अंधेरी ईस्ट, मुंबई
द इंस्टीटयूट ऑफ कम्प्यूटर अकाउंटेंट 31, इंद्रदीप बिल्डिंग, कम्युनिटी सेंटर, अशोक विहार, नई दिल्ली-88, फोन : 011-47086000, 46056000 वेबसाइट : www.icajobguarantee.com
द नरसी मुंजी इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी, मुंबई वेबसाइट : www.nmims.edu
द यूटीआई इंस्टीटयूट ऑफ कैपिटल मार्केट्स प्लॉट 82, सेक्टर-17, वाशी, नवी मुंबई- 400705
How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें?
How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले आपको एक सही शेयर ब्रोकर चुनना बहुत ही जरूरी होता है। एक शेयर ब्रोकर आपके और स्टॉक एक्सचेंज के बीच में किसी भी शेयर की खरीद बिक्री या फिर लेनदेन के लिए एक मेडिएटर का काम करता है।
एक सही शेयर ब्रोकर चुनना इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि शेयर बाजार में शेयर या फिर स्टॉक की जितनी भी खरीद बिक्री होती है यह इन्हीं शेयर ब्रोकर के माध्यम से होती है। शेयर ब्रोकर एक पंजीकृत शेयर दलाल होता है। अगर आप सही शेयर ब्रोकर का चुनाव नहीं कर पाते। तो शेयर बाजार में अपने लेनदेन पर आपको कई सारी समस्या आ सकती है। आपको अपने ट्रांजिशन पर अधिक शुल्क अदा करना पड़ सकता है। यहां पर कमीशन भी मायने रखती है। लॉन्ग टर्म या लंबी अवधि के दौरान किए गए निवेश में 1% का अंतर भी आपको कहीं लाख रुपए घाटे में डाल सकती है। यही वजह है कि लोग अपने शेयर ब्रोकर को चुनने से पहले कई सारे बातों का ध्यान रखते हैं।
आज के हमारे इस लेख में हम यह जानेंगे कि आप एक सही How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें?
How to Choose a Stock Broker – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें?
शेयर बाजार से जब भी आप शेयर की खरीद बिक्री करते हो, तब आप सीधे स्टॉक एक्सचेंज किया फिर शेयर मार्केट से शेयर नहीं खरीदते हो।
आपको स्टॉक एक्सचेंज से शेयर की खरीद बिक्री करने के लिए एक पंजीकृत दलाल (Broker) की आवश्यकता होती है। आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि एक पंजीकृत ब्रोकर कौन होता है? एक पंजीकृत ब्रोकर SEBI द्वारा रजिस्टर्ड या पंजीकृत होता है।
एक स्टॉक ब्रोकर कोई भी एक व्यक्ति हो सकता है कोई एक कंपनी हो सकती है। या फिर कोई संस्था या ग्रुप हो सकता है। स्टॉक ब्रोकर, की सहायता से ही हम स्टॉक एक्सचेंज पर बिकवाली यानी की खरीद बिक्री का काम करते हैं।
इसके एवज में ब्रोकर को ब्रोकरेज (Brokerage) यानी कि एक तरह का शुल्क या कमीशन हमें दलाल या ब्रोकर को अदा करनी पड़ती है। ब्रोकर की सहायता से ही हम शेयर के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज मार्केट जैसे कि NSE और BSE को देते हैं। जो एक तरह से मध्यस्ता कार्य करते हुए, हमारे आर्डर को पूरा करता है।
शेयर दलाल का क्या-क्या काम होता है? What is the Work of Stock Broker?
जैसा कि हमने ऊपर इसके बारे में बताया है कि एक स्टॉक ब्रोकर, SEBI के अंतर्गत पंजीकृत होता है। जोकि किसी भी निवेशक और स्टॉक मार्केट के बीच में मीडिएटर (Mediator) के रूप में कार्य करती है। यानी कि सीधे शब्दों में कहें तो, शेयर बाजार यानी कि स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले खरीद बिकवाली के सभी कार्य कोई भी निवेशक स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही करता है। एक स्टॉक ब्रोकर SEBI के अंतर्गत पंजीकृत होने के साथ-साथ वह SEBI के नियमों का पालन भी करता है।
चलिए हम इसे एक उदाहरण द्वारा समझते हैं कि किस तरह से निवेशक और स्टॉक मार्केट के बीच में स्टॉक ब्रोकर कार्य करता है। यहां पर आपको इस बात का ध्यान भी रखना है कि स्टॉक मार्केट में जितनी भी लेनदेन होती है। वह आज स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही होती है।
मान लीजिए कि एक निवेशक को XYZ कंपनी के शेयर की आवश्यकता है। इसके लिए निवेशक अपने स्टॉक ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर उस कंपनी के शेयर को खो जेएगा। उस कंपनी के 100 शेयर खरीदने के लिए अपने स्टॉक ब्रोकर को ऑर्डर देता है। स्टॉक ब्रोकर आपके ऑर्डर को स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) पर भेजता है। और उपलब्ध शुगर की मात्रा के अनुसार आपका ऑर्डर पूर्ण होता है।
संबंधित कंपनी के शेयर खरीदने के लिए, आप जो स्टॉक ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) मेंटेन कर रहे हैं। उससे पैसों को डिबेट कर लिया जाता है। और यह पैसों को शेयर बेचने वाले के ट्रेडिंग खाते पर ट्रांसफर कर दिया जाता है।
आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को आपके डीमेट अकाउंट (DEMAT Account) पर हस्तांतरण कर दिया जाता है। इस तरह से स्टॉक ब्रोकर आपके एवं स्टॉक मार्केट के बीच में किसी भी ऑर्डर को पूरा करने के लिए मीडिएटर के रूप में कार्य करती है।
एक अच्छे स्टॉक ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? How to Choose a Stock Broker
शेयर बाजार में खरीद बिकवाली सिर्फ पंजीकृत शेयर दलालों के माध्यम से की जाती है। इसलिए निवेशक के लिए सही दलाल का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है। शेयर ब्रोकर के मामले में विश्व के सबसे लोकप्रिय निवेशक वारेन बफे की बात काफी रोचक है:-
शेयर ब्रोकर आपका दोस्त नहीं है। वह एक डॉक्टर की तरह होता है, जो मरीज से दवा के बदले शुल्क लेता है। अगर आप सही डॉक्टर के पास नहीं पहुंचेंगे तो खामियाजा आपको ही भुगतना पड़ेगा।
अगर आप एक सही स्टॉक ब्रोकर का चुनाव नहीं करते हैं तो इसका खामियाजा सच में आप को ही भुगतना पड़ेगा। शेयर बाजार में निवेश करने वाले दिग्गज निवेशक इस बात को सही मानते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद एक साधारण निवेशक अपने व्यवहार में यह नहीं झलकता कि वे ब्रोकर को लेकर के संजीदा हो। ज्यादातर निवेशक तो अपने शेयर ब्रोकर का नाम, उसकी फॉर्म तथा उसके फोन नंबर से ज्यादा कुछ नहीं जानते और शेयर की खरीद बिक्री के लिए पूरी तरह से अपने ब्रोकर पर ही आश्रित रहते हैं, और सोचते हैं कि ब्रोकर उनके लाभ के लिए ही सब कार्य कर रहा है।
यदि आप ऐसा सोचते हैं तो यह बिल्कुल गलत है। क्योंकि, सच तो यह है कि पैसा किसी के कंधे पर सवार होकर के नहीं कमाया जा सकता। अगर आप में सूझ बुझ, विश्लेषण क्षमता व जागरूकता नहीं है तो आपकी सहायता कोई नहीं कर सकता है। यदि आप में सूझबूझ और विश्लेषण की क्षमता और जागरूकता है तो आप अपने शेयर ब्रोकर से अधिक कार्य ले सकते हैं।
इसलिए किसी भी शेयर ब्रोकर का चुनाव करते समय उसके ट्रैक रिकॉर्ड, उसकी सेवा की गुणवत्ता, ग्राहकों के लिए सलाहकारी सेवा, मार्केट रिसर्च इत्यादि के अलावा ब्रोकर का व्यवहार भी खास मायने रखता है। यदि कोई ब्रोकर सस्ती सेवाएं उपलब्ध करवाता है। इसके एवज में ब्रोकरेज कम लेता है और लुभावनी खबरें देता है। तो इसका मतलब यह नहीं होता कि ब्रोकर का चयन आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
वैसे ब्रोकर और निवेशक का रिश्ता पूरी तरह से विश्वास पर टिका होता है। लेकिन फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:-
- अगर कोई ब्रोकर आपको किसी खास कंपनी के स्टाफ को खरीदने के लिए कह रहा है। तो संभल जाइए किससे ब्रोकर को अधिक कमीशन मिल रहा होगा।
- आपको ब्रोकर की पैंतेरी बाजी को समझना आना चाहिए। बहुत से ब्रोकर अपने लाभ के लिए अपने ग्राहकों को ठगने का काम भी करते हैं।
- यदि आपका ब्रोकर आपकी जरूरत, वित्तीय स्थिति व्यक्तिगत इस गांव को जाने बिना आपके लिए ट्रेड करता है तो आपको जोखिम भी उठाना पड़ सकता है।
- एक अच्छे ब्रोकर को इस बारे में जानकारी होती है कि उसका ग्रहण किस तरह के स्टॉप पर ट्रेड करना चाहता है।
- एक ब्रोकर को इस बारे में जानकारी होती है कि अगर वह उस से नाखुश या फिर वह कर से संबंधित कुछ शिकायत है तो वह सर्विस विभाग के अतिरिक्त SEBI पर जाकर भी शिकायत कर सकता है।
- सही ब्रोकर का चुनाव करने के लिए आप NSE और BSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर के उनकी सूची देख सकते हैं।
- एक अच्छे ब्रोकर का चुनाव करने से पहले किसी भी निवेशक को उनका ट्रेड रिकॉर्ड देखना जरूरी होता है।
- आप ऐसे ब्रोकर का चुनाव करें। जिस से संपर्क करने में आपको किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
- आजकल अनेक बैंक में ब्रोकिंग का कारोबार चल रहा है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर आप डिमैट अकाउंट जिस बैंक पर खुलवा रहे हैं वहीं से आप Broking Account या Trading Account ले सकते हैं।
- एक अच्छा ब्रोकर ग्रहक की सैर से संबंधित सुरक्षित ट्रेडिंग, ग्राहकों को निवेश संबंधी परामर्श और उनके पोर्टफोलियो को संचालित करता है। How to Choose a Stock Broker ( स्टॉक ब्रोकर का चुनाव कैसे करें)
ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है। उसके पास या अधिकार होता है कि वह खुद के लिए तथा किसी और के लिए भी उस निवेश के लिए जो उस ब्रोकर के पास रजिस्टर्ड हो, शेयरों की खरीद बिक्री कर सकता है। पहले जहाँ किसी भी स्टॉक मार्केट पर शेयर दलाल या स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते थे वहीं अब कुछ लाखों रुपए खर्च करके आप एक रजिस्टर्ड ब्रोकर बन सकते हैं। इसलिए एक सही ब्रोकर का चुनाव करते वक्त आपको इन सारी चीजों के बारे में जानकारी होना बेहद ही जरूरी है।
Admin Desk हम हिंदी भाषा में यहां सरल शब्दों में आपको ज्ञानवर्धक जानकारियां उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं। ज्यादातर जानकारी है इंटरनेट पर अंग्रेजी भाषा में मौजूद है। हमारा उद्देश्य आपको हिंदी भाषा में बेहतर और अच्छी जानकारी उपलब्ध कराना है।
मानसिक प्रताड़ना से शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? तंग आकर शेयर ब्रोकर ने की आत्महत्या, लिखा पांच पन्नों का सुसाइड नोट; गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी से मांगा न्याय
गुजरात के एक शेयर मार्केट ब्रोकर ने सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। सुसाइड नोट में सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर यह कदम उठाने की बात कही है। गृह राज्य मंत्री से न्याय मांगा है।
सूरत में एक युवक ने खुदकुशी कर ली है। सूदखोरों की प्रताड़ना की वजह से शेयर बाजार में ब्रोकर का काम करने वाले युवक ने सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान प्रवीण एल कुंभानी के तौर पर हुई है। कुंभानी ने सुसाइड नोट में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी से न्याय की गुहार लगाई है। इसके अलावा सूदखोरों की प्रताड़ना के बारे में भी लिखा है।
सुसाइड नोट के मुताबिक, जिस युवक को उसने पैसे दिए थे वह उसे वापस नहीं कर रहा था और जिसे पैसे देने हैं, वह लगातार मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहा था। कटारगाम पुलिस ने मामला दर्ज कर इस मामले में आगे की जांच शुरू की है। सुसाइड नोट में उल्लेख है कि ब्रोकर ने सूदखोरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने वाले शेयर ब्रोकर ने सुसाइड नोट में राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी का नाम लिखकर न्याय की मांग की है। उसने नोट में हर्ष सांघवी को अपना अच्छा दोस्त बताया है।
सुसाइड नोट में क्या लिखा है
मृतक ने नोट में लिखा, 'मेरा सुसाइड नोट प्रवीण एल कुंभानी। मैं कर्ज में हूं। जिन लोगों को मैंने शेयर मार्केट में ब्याज दिया, वे मुझे पैसे वापस नहीं कर रहे हैं। मैं ब्याज और शेयर बाजार में काम कर रहा था। मैं उन लोगों को लाखों रुपये देता था। अब मेरे पास पैसे नहीं हैं। ये लोग मुझसे पैसों की मांग कर रहे हैं। इसलिए मैंने यह कदम उठाया। मैंने शेयर बाजार में ब्याज का भुगतान किया है। मेरे पास इन लोगों को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए मैंने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया है। इन्हीं लोगों की वजह से मैं ऐसा कर रहा हूं। मैं मजबूर हूं। इन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया है। ये लोग मेरी मौत की वजह हैं। मैं पुलिस विभाग से अनुरोध करता हूं कि इन लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मेरे परिवार को न्याय मिलना चाहिए। कृपया मेरे परिवार को इन लोगों से मुआवजा दिलाएं। मैं हर्षभाई सांघवी से मेरे परिवार को न्याय दिलाने की अपील करता हूं।'
फेसबुक पर पोस्ट कर रहा हूं सुसाइड नोट- मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है, 'मैं अपने दोस्तों से अपने परिवार के साथ खड़े होने की अपील करता हूं। मैं इस सुसाइड नोट को फेसबुक पर अपलोड कर रहा हूं।'
Top five stock broker accounts in India : (स्टॉक ब्रोकर ट्रेंडिंग)
नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं शेयर मार्केट से जुड़े एक बहुत ही रोचक और जरूरी विषय के बारे मे। जैसा की stock broker, meaning, stock broker india, हम सभी जानते हैं की आजकल शेयर मार्केट किस कदर चर्चे का विषय बना हुआ है।
हर कोई शेयर मार्केट मे निवेश करना चाहता है। लेकिन यदि आपको किसी बड़ी कंपनी मे निवेश (invest) करना है जैसे की apple, google, facebook, इत्यादि, तो आपको एक broker/ legal advisor की आवश्यकता होगी।
यह वोह इंसान या संस्था होती है जो की निवेशकों को राय देती है की उन्हे किस सतो आईये जानते हैं की ब्रोकर क्या है, यह आपके लिए कैसे सहायक है और top 5 broker accounts कौन कौन से हैं।
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क्या है ब्रोकर? (What is a broker?)
ब्रोकर किसी third party का नाम है जो आपके और आपके द्वारा खरीदे गए शेयर के बीच का लिंक बनता है। यह आपके सभी trading transactions को आसान बनाता है।
एक ब्रोकर का काम होता है आपके behalf पर शेयर मार्केट मे शेयर्स खरीदना और बेचना। आपका ब्रोकर आपको यह भी suggest करता है की आपको कौनसा शेयर खरीदना चाहिए और कौनसा नही। इस काम के लिए यह ब्रोकर आपसे अपनी commission मांगता है।
एक ब्रोकर कोई इंसान भी हो सकता है और कोई financial body भी, जैसे की बैंक जो की आपके बदले मे
आपके सारे स्टॉक मार्केट के transactions करता है।
यह सारे काम हालाँकि आपकी मर्ज़ी सेही किये जाते हैं पर इनको करने वाली याही third party होती है।