मोमेंटम संकेतक

रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान, अगले वित्त वर्ष तक 9% की दर से बढ़ेगी भारत की रियल GDP
ICRA ने यह अनुमान ऐसे समय मोमेंटम संकेतक में जताया है, जब कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते एक तरह से अनिश्चितता का माहौल है।
रेटिंग एजेंसी इकरा (ICRA) ने मंगलवार को अनुमान जताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रियल जीडीपी ग्रोथ (Real GDP Growth) वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 दोनों में 9 फीसदी बनी रह सकती है। ICRA ने यह अनुमान ऐसे समय में जताया है, जब कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते एक तरह से अनिश्चितता का माहौल है।
रेटिंग एजेंसी ने इस बात पर जोर डाला कि वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी मोमेंटम संकेतक तिमाही के लिए मौजूद आंकड़े इस बात का पुख्ता सबूत नहीं देते हैं कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) कमेटी ने टिकाऊ ग्रोथ रिकवरी के जो क्राइटेरिया रखा है, उसे हासिल कर लिया गया है। ऐसे में फरवरी 2022 में नीतिगत रुख को बदलकर 'न्यूट्रल' करने की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
ICRA की चीफ इकनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा, "अक्टूबर-नवंबर 2021 के आंकड़े भारत में व्यापक आधार पर ग्रोथ रिकवरी का संकेत नहीं दे रहे हैं। अब यह सरकार की तरफ होने वाले वास्तविक खर्च की गति यह तय करेगी कि क्या तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ अर्थपूर्ण तरीके से 6.0-6.5 फीसदी से अधिक रहती है या नहीं।"
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इकरा ने बताया कि अर्थव्यवस्था के लिए अहम 13 संकेतकों में से सात संकेतक कोरोना-पूर्व स्तर से अधिक ग्रोथा इशारा कर रहे हैं। इनमें GST ई-वे बिल जनरेशन (+26.7 प्रतिशत), नॉन-ऑयल एक्सपोर्ट ( +26.0 प्रतिशत), रेल माल ढुलाई (+20.2 प्रतिशत), कोल इंडिया लिमिटेड आउटपुट (+15.7 प्रतिशत), बिजली उत्पादन (+9.9 प्रतिशत), पेट्रोल खपत (+6.4 प्रतिशत) और बंदरगाहों पर कार्गो यातायात (+4.0 प्रतिशत) शामिल है। दूसरी तिमाही के दौरान भी ऐसा ही ट्रेंड देखा गया था।
वहीं छह संकेतकों की मात्रा में पिछले साल के मुकाबले इस अक्टूबर-नवंबर 2021 में गिरावट देखी गई है, जो यह इशाका करती है कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी व्यापक आधार पर नहीं हुई है। यह मोमेंटम संकेतक सभी 6 संकेतक कोरोना-पूर्व के स्तर से नीचे बने हुए हैं। इनमें स्कूटर उत्पादन (-25.1 प्रतिशत), घरेलू एयरलाइन ट्रैफिक (-22.8 प्रतिशत), गाड़ियो का रजिस्ट्रेशन (-22.8 प्रतिशत), डीजल की खपत (-6.8 प्रतिशत), पैसेंजर व्हीकल (PV) उत्पादन (-3.1 प्रतिशत) और मोटरसाइकिल उत्पादन (-2.6 प्रतिशत) शामिल है।
रेटिंग एजेंसी ने यह निष्कर्ष निकाला है कि फरवरी 2022 की समीक्षा के दौरान मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान रुख को "न्यूट्रल" में बदलने की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त ग्रोथ-मोमेंटम नहीं है।
"हम उम्मीद करते हैं कि मार्च 2022 तक टीके की दोनों डोज लेने वाले एडल्ट्स की संख्या बढ़कर 85-90 प्रतिशत हो जाएगा। इसके साथ ही 15-18 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन और बूस्टर डोज का ऐलान भी एक स्वागतयोग्य कदम है। अभी यह देखना बाकी है कि क्या ये कदम भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर को आने से रोकने में कामयाब होते हैं या नहीं।"
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई राज्यों में प्रतिबंध लगाएं जा रहे हैं, जो चौथी तिमाही में आर्थिक सुधारों को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है।
ICRA ने कहा "हमने वित्त वर्ष 2022 में 9 प्रतिशत जीडीपी ग्रोथ के अपने पूर्वानुमान को बनाए रखा है। हालांकि इस दौरान K-शेप में रिकवरी दिख सकती है, जहां संगठित सेक्टर की ग्रोथ लाइन ऊपर जाएगी और असंगठित क्षेत्र की ग्रोथ लाइन नीचे की ओर आएगी।" एजेंसी ने कहा, "वित्त वर्ष 2023 में भी हमें अर्थव्यवस्था के 9 फीसदी के समान ग्रोथ रेट से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि वित्त वर्ष 2023 में अधिक व्यापक स्तर की ग्रोथ देखने को मिल सकती है।"
MoneyControl News
First Published: Dec 28, 2021 3:17 PM
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Zig Zag इंडिकेटर परिभाषा और उपयोग की मार्गदर्शिका – Sentiment इंडिकेटर
अकेले उपयोग करने पर यह इंडिकेटर अधिक प्रभावी नहीं होता| Zig Zag इंडिकेटर का उपयोग अक्सर दूसरे इंडिकेटरों के साथ किया जाता है, इसके अतिरिक्त, एक जैसे मानक होना भी मुश्किल होता है| हालाँकि, बाजार के ट्रेंड जानने के लिए अभी भी इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है|
Zig Zag इंडिकेटर के प्रभाव
Elliott, Fibonacci को पहचानना
बेहतर निर्णय लेने के लिए Elliott wave और Fibonacci की खोज में ये आपकी मदद कर सकते हैं|
Zig Zag के जरिए ट्रेंड को स्पष्ट रूप से देखें
Zig Zag इंडिकेटर आपको ट्रेंड की समग्र तस्वीर देखने में मदद करता है| ध्यान मोमेंटम संकेतक दें कि, दूर भविष्य के ट्रेंड पकड़ना ठीक रहता है, लेकिन निकट भविष्य के ट्रेंड अधिक विश्वसनीय नहीं होते हैं|
Zig Zag इंडिकेटर आपको कई तरह की वेव दिखाते हैं, वेव के आधार पर निर्णय लेने के लिए आपको अपने अनुभव का उपयोग करना चाहिए|
कोई स्पष्ट सिग्नल नहीं, लेकिन मजबूत समर्थन
मोमेंटम इंडिकेटर और ऑसीलेटर इंडिकेटर के जैसे यह बहुत अच्छे सिग्नल नहीं दे पाता है| लेकिन एक बार जब आप Zig Zag इंडिकेटर के रूपों से परिचित हो जाते हैं जो केवल अभ्यास से सीखा जा सकता है| यदि आप Scalping या Harmonic Pattern जैसे ट्रेड करना पसंद करते हैं तो यह आपको बहुत सहायता प्रदान करता है|
रेखाएँ किसी सामान्य मानक का उपयोग किए बिना ही बाजार के अपने अनुभव द्वारा खींची जा सकती हैं| इसलिए, Zig Zag इंडिकेटर को काफी स्वाभाविक माना जाता है|
हालाँकि, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म सामान्य सूत्र के अनुसार Zig-Zag की गणना करने के टूल प्रदान करते हैं, जिसे कस्टमाइज भी किया जा सकता है| यह बहुत सुविधाजनक है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं अपनी स्वयं की Zig Zag रेखा खींचना पसंद करता मोमेंटम संकेतक हूँ|
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What is Technical Analysis in Stock Market? in Hindi
तकनीकी विश्लेषण क्या होता है? What Is Technical Analysis?
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) एक उपकरण, या विधि है, मोमेंटम संकेतक जिसका उपयोग किसी सुरक्षा के संभावित भविष्य के मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है।
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) की वैधता के पीछे यह धारणा है कि बाजार में सभी प्रतिभागियों की सामूहिक क्रियाएं – खरीदना और बेचना – एक व्यापारिक सुरक्षा से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी को सटीक रूप से दर्शाती हैं, और इसलिए, लगातार सुरक्षा के लिए उचित बाजार मूल्य प्रदान करती हैं। .
तकनीकी व्यापारियों का मानना है कि बाजार में वर्तमान या पिछले मूल्य की गति, भविष्य की कीमत की गति का सबसे विश्वसनीय संकेतक है।
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग न केवल तकनीकी व्यापारियों द्वारा किया जाता है। कई मौलिक व्यापारी मौलिक विश्लेषण का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि बाजार में खरीदना है या नहीं, लेकिन यह निर्णय लेने के बाद वो तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करके अच्छे, कम जोखिम वाले खरीद प्रवेश मूल्य स्तरों को इंगित करते है ।
तकनीकी विश्लेषण को कैसे समझे ? ( How to u nderstanding Technical Analysis)
मौलिक विश्लेषण के विपरीत, जो बिक्री और कमाई जैसे व्यावसायिक परिणामों के आधार पर सुरक्षा के मूल्य का मूल्यांकन करने का प्रयास करता है, तकनीकी विश्लेषण कीमत और मात्रा के अध्ययन पर केंद्रित है। तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) उपकरण का उपयोग सुरक्षा के लिए आपूर्ति और मांग के तरीकों की जांच करने के लिए किया जाता है, जो कीमत, मात्रा और निहित अस्थिरता में परिवर्तन को प्रभावित करेगा।
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग अक्सर विभिन्न चार्टिंग टूल से अल्पकालिक व्यापारिक संकेतों को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह व्यापक बाजार या इसके किसी एक क्षेत्र के सापेक्ष सुरक्षा की ताकत या कमजोरी के मूल्यांकन में सुधार करने में भी मदद कर सकता है। यह जानकारी विश्लेषकों को अपने समग्र मूल्यांकन अनुमान को बेहतर बनाने में मदद करती है।
ऐतिहासिक ट्रेडिंग डेटा के साथ किसी भी सुरक्षा पर तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) का उपयोग किया जा सकता है। इसमें स्टॉक, वायदा, वस्तुएं, निश्चित आय, मुद्राएं और अन्य प्रतिभूतियां शामिल हैं। इस ट्यूटोरियल में, हम आमतौर पर अपने उदाहरणों में स्टॉक का विश्लेषण करेंगे, लेकिन ध्यान रखें कि इन अवधारणाओं को किसी भी प्रकार की सुरक्षा पर लागू किया जा सकता है। वास्तव में, वस्तुओं और विदेशी मुद्रा बाजारों में तकनीकी विश्लेषण कहीं अधिक प्रचलित है जहां व्यापारी अल्पकालिक मूल्य आंदोलनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) इस धारणा से संचालित होता है कि पिछली व्यापारिक गतिविधि और सुरक्षा के मूल्य परिवर्तन सुरक्षा के भविष्य के मूल्य आंदोलनों के मूल्यवान संकेतक हो सकते हैं जब उचित निवेश या व्यापारिक नियमों के साथ जोड़ा जाता है। पेशेवर विश्लेषक अक्सर अनुसंधान के अन्य रूपों के संयोजन के साथ तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं। रिटेल व्यापारी पूरी तरह से एक सुरक्षा और इसी तरह के आंकड़ों के मूल्य चार्ट के आधार पर निर्णय ले सकते हैं, लेकिन इक्विटी विश्लेषकों का अभ्यास शायद ही कभी मौलिक या तकनीकी विश्लेषण के लिए अपने शोध को सीमित करता है।
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) वस्तुतः किसी भी व्यापार योग्य उपकरण के मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने का प्रयास करता है जो आम तौर पर स्टॉक, बॉन्ड, वायदा और मुद्रा जोड़े सहित आपूर्ति और मांग की ताकतों के अधीन होता है। वास्तव में, कुछ तकनीकी विश्लेषण को केवल आपूर्ति और मांग बलों के अध्ययन के रूप में देखते हैं जैसा कि एक सुरक्षा के बाजार मूल्य आंदोलनों में परिलक्षित होता है। तकनीकी विश्लेषण आमतौर पर मूल्य परिवर्तनों पर लागू होता है, लेकिन कुछ विश्लेषक केवल कीमत के अलावा अन्य नंबरों को ट्रैक करते हैं, जैसे कि ट्रेडिंग वॉल्यूम या ओपन इंटरेस्ट के आंकड़े।
पूरे उद्योग में, सैकड़ों पैटर्न और संकेत हैं जो शोधकर्ताओं द्वारा तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) व्यापार का समर्थन करने के लिए विकसित किए गए हैं। तकनीकी विश्लेषकों ने मूल्य आंदोलनों पर पूर्वानुमान और व्यापार करने में मदद करने के लिए कई प्रकार की व्यापारिक प्रणालियां भी विकसित की हैं। कुछ संकेतक मुख्य रूप से समर्थन और प्रतिरोध क्षेत्रों सहित मौजूदा बाजार प्रवृत्ति की पहचान करने पर केंद्रित होते हैं, जबकि अन्य एक प्रवृत्ति की ताकत और इसके जारी रहने की संभावना को निर्धारित करने पर केंद्रित होते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तकनीकी संकेतक और चार्टिंग पैटर्न में ट्रेंडलाइन, चैनल, मूविंग एवरेज और मोमेंटम इंडिकेटर्स शामिल हैं।
सामान्य तौर पर, तकनीकी विश्लेषक निम्नलिखित व्यापक प्रकार के संकेतकों को देखते हैं:
- मूल्य रुझान (Price trends)
- चार्ट पैटर्न (Chart Pattern)
- मात्रा और गति संकेतक ( Volume and momentum indicators)
- दोलक (Oscillataors)
- मूविंग एवरेज (Moving Avarage)
- समर्थन और प्रतिरोध स्तर ( Support & Ressistance )
तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे किया जाता है? (How Is Technical Analysis Used?)
तकनीकी विश्लेषण वस्तुतः किसी भी व्यापार योग्य उपकरण के मूल्य आंदोलन की भविष्यवाणी करने का प्रयास करता है जो आम तौर पर स्टॉक, बॉन्ड, वायदा और मुद्रा जोड़े सहित आपूर्ति और मांग की ताकतों के अधीन होता है। पूरे उद्योग में, सैकड़ों पैटर्न और संकेत हैं जो शोधकर्ताओं द्वारा तकनीकी विश्लेषण व्यापार का समर्थन करने के लिए विकसित किए गए हैं। तकनीकी विश्लेषकों ने मूल्य आंदोलनों पर पूर्वानुमान और व्यापार करने में मदद करने के लिए कई प्रकार की व्यापारिक प्रणालियां भी विकसित की हैं।
इन 20 स्टॉक्स में आ सकती है गिरावट, कहीं आपने भी तो नहीं लगाया इनमें पैसा?
मोमेंटम इंडिकेटर (MACD) के हिसाब से इन 20 शेयरों में बियरिश क्रॉसओवर बन रहे हैं, जिसके चलते आने वाले दिनों में इन शेयरों में गिरावट आ सकती है.
- Rahul Oberoi
- Updated On - August 19, 2021 / 12:15 PM IST
एक ओर जब बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी ने बुधवार को अपने नए रिकॉर्ड हाई बनाए हैं, उसी समय मोमेंटम इंडिकेटर MACD (मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस) NSE पर 20 स्टॉक्स में बिकवाली के संकेत दे रहा है. ऐसे में अगर इन 20 में से आपके पास भी कोई स्टॉक है तो आपको भी अलर्ट रहने की जरूरत है. अगर इन स्टॉक्स में गिरावट आती है तो निवेशकों को नुकसान हो सकता है.
यहां देखिए कौन से हैं वो स्टॉक्स
मोमेंटम इंडिकेटर के अनुसार वेदांता, इंडसइंड बैंक, रेडिको खेतान (Radico Khaitan Ltd.), सेंचुरी एक्स्ट्रुशन्स(Century Extrusions Ltd), केईआई इंडस्ट्रीज, भाग्यनगर प्रॉपर्टीज, जेएचएस स्वेन्दगार्ड, एचईजी, रोसारी बायोटेक, आरपीजी लाइफ साइंस सिनेलाइन इंडिया, कारबोरंडम, एनडीटीवी, Aphageo (India), सीमेक (Seamec), मनकसिया स्टील्स, कार्बोरंडम यूनिवर्सल, एसएमएस लाइफ साइंस, लक्ष्मी फाइनेंस और खंडवाला सिक्योरिटीज ऐसे स्टॉक्स हैं जिनमें गिरावट के संकेत मिल रहे हैं.
जानिए क्या है MACD इंडिकेटर
यह एक मोमेंटम ऑक्सीलेटर है. जिसे मोमेंटम को समझने के लिए गेराल्ड एपेल द्वारा बनाया गया था. MACD लेगिंग इंडिकेटर के रूप में काम करता है. और इसे दो एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज का उपयोग करके बनाया गया है. MACD लाइन इंडिकेटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और मोमेंटम संकेतक डिफ़ॉल्ट रूप से यह 12 पीरियड ईएमए और 26 पीरियड ईएमए (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) के बीच का अंतर है. सिग्नल लाइन एमएसीडी लाइन का 9 पीरियड ईएमए होता है. जो ‘खरीद’ या ‘बिक्री’ के अवसरों को दर्शाने के लिए MACD के शीर्ष पर प्लॉट किया जाता है.
कैलकुलेशन
MACD लाइन = (12 Days EMA – 26 Days EMA)
सिग्नल लाइन = (एमएसीडी लाइन का 9 Days EMA)
सिग्नल लाइन क्रॉसओवर ‘खरीद’ या ‘बिक्री’ के अवसरों को दर्शाता है.
जानिए कब खरीदें स्टॉक्स
जब MACD सिग्नल लाइन को पार करता है. तो यह चार्ट पर एक तेजी का संकेत देता है. यह दर्शाता है कि स्टॉक की कीमत ऊपर की ओर बढ़ सकती है. दूसरी ओर, एक मंदी का क्रॉसओवर तब होता है. जब MACD सिग्नल लाइन के नीचे से गुजरता है. वर्तमान में, स्पाइसजेट, जुबिलेंट फूडवर्क्स, डाबर इंडिया, कंटेनर कॉर्पोरेशन, ग्रेविटा इंडिया, आरती इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, एम्फैसिस, एस्ट्रोन पेपर और सुवेन लाइफ साइंसेज ऐसे स्टॉक्स हैं. जो सिग्नल लाइन से ऊपर कारोबार कर रहे हैं.
टेक्निकल अनलिस्ट्स के मुताबिक MACD एक अनबॉण्डेड इंडिकेटर है यह ओवर बॉट और ओवरसोल्ड जोन का पता लगाने में इतना कारगर नहीं है. लेगिंग इंडिकेटर होने के कारण ये प्राइस मूवमेंट को फॉलो करता है.
इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि शेयर बाजार में काम करने वाले लोगों को इसके साथ कुछ और इंडिकेटर जैसे रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंगर बैंड, फिबोनाची सीरीज, कैंडलस्टिक पैटर्न और स्टोकेस्टिक का कॉम्बिनेशन उपयोग करना चाहिए. ऐसे तकनीकी संकेतकों के आधार पर स्टॉक खरीदने या बेचने से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से भी सलाह लेनी चाहिए.
30 शेयरों वाला BSE सेंसेक्स 18 मोमेंटम संकेतक अगस्त को पहली बार 56,000 अंक को पार कर गया, जबकि NSE निफ्टी 50 इंडेक्स लगभग 10.35 बजे (IST) 16,700 अंक के आसपास कारोबार कर रहा था.