चढ़ाव के दौर में निफ्टी वायदा

Share Market: लाल निशान पर शेयर बाजार, 188 अंक लुढ़का Sensex
विश्लेषकों के अनुसार अवकाश के कारण कम कारोबार दिवस वाले सप्ताह के दौरान घरेलू बाजार में मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है।
क्रिसमस के मौके पर शेयर बाजार और वित्तीय बाजार शुक्रवार को बंद रहेंगे। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, इस सप्ताह पर्याप्त नकदी, टीका जारी होने से जुड़ी सकारात्मक खबरें तथा अमेरिकी प्रोत्सोहन पैकेज को लेकर बढ़ती संभावना को देखते हुए बाजार में बढ़त का रुख रह सकता है। हालांकि इस सप्ताह से शुरू क्रिसमस अवकाश को देखते हुए मुनाफावसूली से इनकार नहीं किया जा सकता है। बाजार में मासिक वायदा एवं विकल्प खंड के अनुबंध समाप्त होने के कारण भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। जियोजीत फाइनेंशयिल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”इस सप्ताह बाजार की नजर वैश्विक घटनाक्रमों पर होगी। आने वाले दिनों में अमेरिका में प्रोत्साहन पैकेज को लेकर निर्णय तथा ब्रेक्जिट समझौता देखने को मिल सकता है।
मुनाफावसूली से उतार-चढ़ाव की आशंका
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश प्रतिरूप पर भी निवेशकों की नजर होगी। बाजार में तेजी का एक प्रमुख कारण एफपीआई का निवेश रहा है। च्वाइस ब्रोकिंग के कार्यकारी निदेशक सुमित बगाडिया ने कहा, निवेशकों की नजर कोविड-19 से जुड़ी गतिविधियों, प्रोत्साहन पैकेज और ब्रेक्जिट सौदे पर होगी। सैमको सिक्योरिटीज की वरिष्ठ शोध विश्लेषक निराली शाह ने कहा, ऐसा लगता है कि फिलहाल बजार पर तेजड़िये हावी हैं। हालांकि मुनाफावसूली से इनकार नहीं किया जा सकता है। पिछले सप्ताह बीएसई मानक सूचकांक 861.68 अंक यानी 1.86 प्रतिशत मजबूत हुआ।
शीर्ष आठ कंपनियों की पूंजी 1.25 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
बाजार में मजबूत रुख के बीच देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से आठ के बाजार पूंजीकरण में पिछले सप्ताह 1,25,229.25 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। एचडीएफसी, टीसीएस और बजाज फाइनेंस सर्वाधिक लाभ में रहीं। पिछले सप्ताह बीएसई मानक सूचकांक सेंसेक्स 861.68 अंक यानी 1.86 प्रतिशत मजबूत हुआ। केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आयी। जबकि एचडीएफस बैंक, इन्फोसिस समेत शेष आठ कंपनियों की बाजार हैसियत बढ़ी है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह 29,700.13 करोड़ रुपये उछलकर 10,74,157.65 करोड़ रुपये पहुंच गया। बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 24,642.81 करोड़ रुपये बढ़कर 3,16,481.88 करोड़ रुपये पहुंच गया।
वहीं एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 15,996.69 करोड़ रुपये बढ़कर 7,77,119.60 करोड़ रुपये और इन्फोसिस का एमकैप 11,376.62 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 5,06,777.66 करोड़ रुपये पर आ गया। कोटक महिंद्रा बैंक की बाजार हैसियत 5,622.59 करोड़ रुपये बढ़कर 3,85,870.02 करोड़ रुपये जबकि भारती एयरटेल का एमकैप 3,573.39 करोड़ रुपये बढ़कर 2,78,560.76 करोड़ रुपये रहा। आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 1,324.16 करोड़ रुपये बढ़कर 3,56,853.67 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।इसके उलट, हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 9,868.14 करोड़ रुपये घटकर 5,47,846.03 करोड़ रुपये तथा रिलांयस इंडस्ट्रीज का एमकैप 8,463.15 करोड़ रुपये कम होकर 12,62,975.08 करोड़ रुपये पर आ गया। बाजार हैसियत के हिसाब से रिलांयस इंडस्ट्रीज शीर्ष स्थान पर बनी रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लि., इन्फोसिस, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस और भारतीय एयरटेल का स्थान रहा।
Share Market 2022: जनवरी 2022 में कैसे रहेंगे शेयर बाजार के हालात? यहां जानें सब
Share Market 2022: 2 जनवरी को गुरु शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेगा। वक्री बुध उत्तरा षाढा नक्षत्र अनाज, मूंग, शेयर बाजार, बैंक व निफ्टी में घटाबढ़ी के बाद मंदी दिखाई देगी।
by Mahesh Kumar Shiva
Share Market January 2021
Share Market 2022 : वैदिक ज्योतिष शास्त्र का वायदा कारोबार और शेयर बाजार (Share Market News) से गहरा संबंध है। हाजिर एवं वायदा बाजार पर राजनीति, प्रकृति एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं का भी असर पड़ता है। इसके अलावा कुशल कारोबारी वर्तमान विशोंत्तरी ग्रह दशा तथा आर्थित हालात को ध्यान में रखते हुए ही कारोबार (Share Market January 2022) करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि नए साल 2022 का पहले महीने जनवरी में शेयर बाजार और मार्किट (Share Market 2022) की क्या स्थिति रहने वाली है।
Share Market January 2022
कुछ राज्यों में ओमिक्रोन के प्रभाव को देखते हुए लगाए गए नाइट कर्फ्यू का असर बाजार पर साफ दिखाई देगा। इसका नुकसान मध्यम वर्गीय व्यापारियों को उठाना पड़ सकता है। 2 जनवरी को गुरु शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेगा। कुंभ राशिस्थ गुरु पर मंगल की विशेष शत्रु दृष्टि चल रही है, इस लिहाज से गेहूं आदि सभी अनाजों में मंदी दिखाई देगी। 4 जनवरी को मकर राशिगत चंद्रमा एवं मंगलवार के दिन चंद्र दर्शन होना भी तेजी कारक रहेगा। गुड़, सरसो, मूंगफली व सोना चांदी में तेजी बनी रहेगी।
5 जनवरी को बुध श्रवण नक्षत्र में आकर शनि के साथ एकनक्षत्र संबंध बनाएगा। इसी दिन शुक्र पूर्वा षाढा नक्षत्र में आ जाएगा तथा सायंकाल पश्चिम भी अस्त हो जाएगा। यह ग्रह स्थिति भी बाजार में तेजी का इशारा कर रही है। तेजी के साथ कुछ समय के लिए मंदी होगी और तेजी मंदी का यह दौर 10 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद 11 जनवरी को सूर्य उत्तरा षाढा नक्षत्र में आ जाएगा, जिस कारण उड़द, मूंग, चावल, चना, गेहूं, गुड़, खांड, शक्कर, कपास, चमड़ा, सरसो व जूट आदि में तेजी बनेगी। 12 जनवरी को वक्री शुक्र के पूर्व में उदय होने से सोना, चांदी, शक्कर व सुगंधित पदार्थों तेजी रहेगी।
14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करके बुध व शनि के साथ एकराशि संबंध बनाएगा। इसी दिन बुध भी वक्री हो रहा है। इसलिए व्यापारी एवं सट्टा कारोबारी इस दिन बनने वाली जबरदस्त तेजी का लाभ उठा सकेंगे। घी, तेल, अलसी, गुड़ शक्कर, सोना चांदी, क्रूड आयल में तेजी देखने को मिलेगी। बैकिंग सेक्टर, शेयर बाजार में भी तेजी का रुख रहेगा। 16 जनवरी को मंगल मूल नक्षत्र तथा धनु राशि में आकर शुक्र के साथ मेल करेगा। यह ग्रहयोग भी तेजी को बढ़ावा देगा। सोना चांदी में तेजी दिखाई देगी।
17 जनवरी को वक्री बुध पश्चिम में अस्त होने शेयर बाजार, सोना चांदी में जहा तेजी दिखाई देगी, वहीं रुई में मंदी दिखाई पड़ेगी। 18 जनवरी को गुरु के शतभिषा नक्षत्र के दूसरे चरण में आने से गेहूं, अनाज, हल्दी, सुपारी, केसर, सोना व तांबा में मंदी नजर आएगी। इसके बाद 19 जनवरी को शनि पश्चिम में अस्त होगा, जिससे रुई व शेयर बाजार और गोल्ड मार्किट में पहले मंदी रहेगी, लेकिन दोपहर बाद तेजी का रुख रहेगा। 20 जनवरी को शनि श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण में आकर बुध के साथ युति बनाएगा, जिससे गेहूं, गुड़, अलसी, नमक व क्रूड आयल में प्रचंड तेजी दिखाई देगी। 22 जनवरी को वक्री बुध उत्तरा षाढा नक्षत्र अनाज, मूंग, शेयर बाजार, बैंक व निफ्टी में घटाबढ़ी के बाद मंदी दिखाई देगी।
24 जनवरी को वक्री बुध सूर्य श्रवण नक्षत्र में आकर शनि के साथ एकनक्षत्र संबंध बनाएगा, जिससे गेहूं, जौं, चावल, रुई, सूत, सोना व चांदी के साथ साथ गुड़, अलसी, सुपारी, लौंग तेजी बनेगी। सोना चांदी में अचानक तेजी आने के बाद मंदी का झटका लगेगा। 29 जनवरी को वक्री बुध पूर्व में उदय होगा, इसी दिन शुक्र के मार्गी होने से चांदी, मोती, गुड़ व धान्य में तेजी का असर दिखाई देगा।
13 से 17 जनवरी तक वायदा एवं हाजिर बाजार तथा शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी का दौर चलेगा।
Stock Market Today: सेंसेक्स तकरीबन 600 अंकों की गिरावट के साथ खुला
Stock Market: FMCG इंडेक्स को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा दबाव IT और ऑटो शेयरों में है.
- Money9 Hindi
- Updated On - June 21, 2021 / 09:47 AM IST
अगर आपको 10-15 फीसदी का मुनाफा हुआ है तो आप कुछ शेयर बेचकर मुनाफा बुक कर सकते हैं. लंबी अवधि में आपको अनुशासन बनाना होगा और अपने निवेश का ट्रैक रखना होगा
Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में इस हफ्ते के कारोबार की शुरुआत बड़ी गिरावट के साथ हुई है. सेंसेक्स ने चढ़ाव के दौर में निफ्टी वायदा 596.78 अंकों की गिरावट लेकर 51,747.67 पर खुला. वहीं, निफ्टी ने भी 175.35 अंकों की कमजोरी लेकर 15,508 पर सोमवार के सेशन की शुरुआत की है. सेंसेक्स में फिसलने वाले शेयरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं. 30 शेयरों में से सिर्फ 4 शेयरों में ही हरियाली है – एनटीपीसी, हिंदुस्तान युनिलीवर, सन फार्मा और एशियन पेंट्स.
दरअसल, कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है. वहीं, भारत में भी कोई बड़ा ट्रिगर नहीं है जिससे बाजारों को बल मिले. गौरतलब है कि इसी हफ्ते जून महीने में वायदा कारोबार की एक्सपायरी की वजह से भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
इन सेक्टर्स ने बनाया दबाव
FMCG इंडेक्स को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा दबाव IT और ऑटो शेयरों में है.
निफ्टी FMCG में 0.26 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है. वहीं, निफ्टी ऑटो 1.12 फीसदी की कमजोरी है. निफ्टी बैंक में 0.84 फीसदी की गिरावट है और निफ्टी IT इंडेक्स 0.96 फीसदी नीचे है.
संस्थागत निवेशकों के सौदे
शुक्रवार के सेशन में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से 2,680.57 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की गई है. वहीं, चढ़ाव के दौर में निफ्टी वायदा घरेलू संस्थागत निवेशकों की तरफ से 446.20 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे गए थे.
इन शेयरों में होगी कमाई
टेक्निकल एनालिस्ट्स की ओर से इन 6 शेयरों में छोटी अवधि में कमाई का मौका है –
अजीत मिश्रा, रेलिगेयर ब्रोकिंग के दिए सुझाव
बंधन बैंक | बेचें | स्टॉप लॉस: 325 रुपये | टार्गेट प्राइस: 296 रुपये
एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) | खरीदें | स्टॉप लॉस: 670 रुपये | टार्गेट प्राइस: 740 रुपये
हिंदुस्तान युनिलीवर (HUL) | खरीदें | स्टॉप लॉस: 2330 रुपये | टार्गेट प्राइस: 2630 रुपये
मजहर मोहम्मद, चार्टव्यू इंडिया के दिए सुझाव
शिल्पा मेडिकेयर | खरीदें | स्टॉप लॉस: 500 रुपये | टार्गेट प्राइस: 850 रुपये
जे एंड के बैंक | खरीदें | स्टॉप लॉस: 29 रुपये | टार्गेट प्राइस: 39 रुपये
रेडिंगटन | खरीदें | स्टॉप लॉस: 255 रुपये | टार्गेट प्राइस: 299 रुपये
(डिस्क्लेमर: शेयरों पर दिए गए सुझाव एक्सपर्ट्स और ब्रोकरेजेस की ओर से दिए गए हैं. ये सुझाव Money9.com की वेबसाइट या मैनेजमेंट की ओर से नहीं है. Money9.com का सुझाव है कि मार्केट पार्टिसिपेंट्स को सर्टिफाइड एक्सपर्ट्स के साथ चर्चा के बाद ही खरीदारी, बिकवाली या होल्ड करने का फैसले लें.)
चढ़ाव के दौर में निफ्टी वायदा
भारतीय अर्थव्यवस्था की नब्ज़ माना जाने वाला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स हिचकोले भले खा रहा हो, पर यह झुकने के मूड में तो कतई नहीं है.
कभी चीन के शेयर बाज़ार का उतार-चढ़ाव इस पर हावी हो जाता है, तो कभी अमरीकी फेडरल रिज़र्व का बयान इसके सर चढ़कर बोलने लगता है.
भारत में महंगाई की दर में लगातार कमी होने और ब्याज दर में स्थिरता का माहौल कायम होने से वैश्विक बाज़ार की शक्तियाँ शेयर बाज़ार पर हावी हैं.
दरअसल, बाज़ार का रुख़ घरेलू निवेशक नहीं, बल्कि विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई तय कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जनवरी-मई 2007 में भारतीय म्यूचुअल फंड संस्थानों ने जहाँ 700 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की, वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों ने तकरीबन 17,267 करोड़ रुपए की खरीदारी की.
एफआईआई द्वारा की गई खरीदारी पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 73 फ़ीसदी अधिक चढ़ाव के दौर में निफ्टी वायदा है.
भारत ने बीते वर्ष के दौरान 9.4 फ़ीसदी की विकास दर हासिल की है और महंगाई की दर पाँच फ़ीसदी से थोड़ा ही अधिक है.
अगले दो-तीन महीनों के दौरान 1000 अरब रुपए के आकार वाले भारतीय शेयर बाज़ार की डोर मॉनसून के हाथों में रहेगी.
मौसम विभाग के अनुसार मॉनसून के सामान्य से 95 फ़ीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है.
क्या मॉनसून की बौछार ने शेयर बाज़ार को भी हरा-भरा कर सकती है. यही एक फैक्टर है जो अनिश्चित है.
ब्याज दर में स्थिरता और कुछ हद तक गिरावट का रुख़, महंगाई में लगातार कमी और विदेशी निवेश के प्रति सरकार का अनुकूल रवैया शेयर बाज़ार को गति देने के लिए काफ़ी है.
चीन की सरकार चीनी शेयर बाज़ार में यदा-कदा हस्तक्षेप करती रहती है.
पिछले सप्ताह उसने शेयरों की ख़रीद बिक्री पर लगने वाला टैक्स बढ़ाकर तीन गुना कर दिया और वहाँ के बाज़ार धराशाई हो गए.
जिन शेयरों के साथ यह हादसा हुआ, उनमें एफआईआई का निवेश प्रतिबंध के स्तर तक विनियमित है.
चीन के प्रभाव की बात करें तो एशियाई बाज़ारों पर इसका नाममात्र का असर होगा या फिर सकारात्मक असर होगा.
यदि चीन के बाज़ार से एफआईआई पलायन करते हैं तो वे कहाँ जाएंगे?
निश्चित रूप से एशिया के ही किसी और बाज़ार में और इससे एशियाई शेयर बाज़ारों में उछाल आना स्वाभाविक है.
अमरीकी ब्याज दर बनाम सेंसेक्स
जब कभी अमरीकी फेडरल रिज़र्व ब्याज दरें बढ़ाता है तो बांड बाज़ार में उछाल आ जाता है, जबकि शेयर बाज़ार धराशाई हो जाते हैं.
पाँच जून को फेडरल रिज़र्व के अध्यक्ष बेन बर्नेक ने कहा, "‘महंगाई पर नियंत्रण अमरीकी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है."
इसके बाद ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की अटकलों का दौर शुरू हो गया और अमरीकी शेयर बाज़ार नासडैक़ लड़खड़ा गया.
नतीजतन एशियाई शेयर बाजारों में भी हलचल पैदा हो गई.
विलय-अधिग्रहण ने थामी बागडोर
वैश्विक बाज़ार को गति देने वाला सबसे बड़ा कारक है विलय और अधिग्रहण.
भारतीय कंपनियां विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों को खरीदती फिर रही हैं तो विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल करने में जुटी हैं.
यह कारक इस हद तक प्रभावी है कि कोक ने विटामिन वाटर को खरीदकर अमरीकी शेयर बाज़ार को नई दिशा दे दी थी.
भारतीय कंपनियों की विलय-अधिग्रहण संबंधी गतिविधियों पर नज़र रखिए, सेंसेक्स का रुख़ मालूम हो जाएगा.
आईपीओ की दहशत
इस माह दो बड़े आईपीओ भारतीय शेयर बाज़ार पर दस्तक देने वाले हैं डीएलएफ और आईसीआईसीआई.
आमतौर पर मजबूत आईपीओ से पूर्व बाज़ार में बिकवाली देखी जाती है.
छोटे निवेशक अपने शेयर बेचकर पूँजी इकट्ठा करते हैं और आईपीओ में निवेश करते हैं.
पर बाज़ार में पर्याप्त मात्रा में नकदी उपलब्ध होने और एफआईआई के हावी होने की वजह से बिकवाली की उम्मीद न के बराबर है.
बाज़ार की मजबूती का पता इस बात से चल जाता है कि वायदा कारोबार के कांट्रेक्ट में मई 2007 में बहुत अधिक रॉलओवर हुआ है.
जून 2007 के लिए तकरीबन 50,000 करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान है.
लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशक खुलकर निवेश कर सकते हैं.
अल्पावधि में जोखिम अधिक है इसलिए निवेशकों को विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही निवेश करना चाहिए.
यदि सेंसेक्स 13,900 चढ़ाव के दौर में निफ्टी वायदा और निफ्टी 4095 के नीचे आता है तो यह मानना चाहिए कि बाज़ार में गिरावट का दौर शुरू हो गया है.
Share Market 2022: जनवरी 2022 में कैसे रहेंगे शेयर बाजार के हालात? यहां जानें सब
Share Market 2022: 2 जनवरी को गुरु शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेगा। वक्री बुध उत्तरा षाढा नक्षत्र अनाज, मूंग, शेयर बाजार, बैंक व निफ्टी में घटाबढ़ी के बाद मंदी दिखाई देगी।
by Mahesh Kumar Shiva
Share Market January 2021
Share Market 2022 : वैदिक ज्योतिष शास्त्र का वायदा कारोबार और शेयर बाजार (Share Market News) से गहरा संबंध है। हाजिर एवं वायदा बाजार पर राजनीति, प्रकृति एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं का भी असर पड़ता है। इसके अलावा कुशल कारोबारी वर्तमान विशोंत्तरी ग्रह दशा तथा आर्थित हालात को ध्यान में रखते हुए ही कारोबार (Share Market January 2022) करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि नए साल 2022 का पहले महीने जनवरी में शेयर बाजार और मार्किट (Share Market 2022) की क्या स्थिति रहने वाली है।
Share Market January 2022
कुछ राज्यों में ओमिक्रोन के प्रभाव को देखते हुए लगाए गए नाइट कर्फ्यू का असर बाजार पर साफ दिखाई देगा। इसका नुकसान मध्यम वर्गीय व्यापारियों को उठाना पड़ सकता है। 2 जनवरी को गुरु शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करेगा। कुंभ राशिस्थ गुरु पर मंगल की विशेष शत्रु दृष्टि चल रही है, इस लिहाज से गेहूं आदि सभी अनाजों में मंदी दिखाई देगी। 4 जनवरी को मकर राशिगत चंद्रमा एवं मंगलवार के दिन चंद्र दर्शन होना भी तेजी कारक रहेगा। गुड़, सरसो, मूंगफली व सोना चांदी में तेजी बनी रहेगी।
5 जनवरी को बुध श्रवण नक्षत्र में आकर शनि के साथ एकनक्षत्र संबंध बनाएगा। इसी दिन शुक्र पूर्वा षाढा नक्षत्र में आ जाएगा तथा सायंकाल पश्चिम भी अस्त हो जाएगा। यह ग्रह स्थिति भी बाजार में तेजी का इशारा कर रही है। तेजी के साथ कुछ समय के लिए मंदी होगी और तेजी मंदी का यह दौर 10 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद 11 जनवरी को सूर्य उत्तरा षाढा नक्षत्र में आ जाएगा, जिस कारण उड़द, मूंग, चावल, चना, गेहूं, गुड़, खांड, शक्कर, कपास, चमड़ा, सरसो व जूट आदि में तेजी बनेगी। 12 जनवरी को वक्री शुक्र के पूर्व में उदय होने से सोना, चांदी, शक्कर व सुगंधित पदार्थों तेजी रहेगी।
14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करके बुध व शनि के साथ एकराशि संबंध बनाएगा। इसी दिन बुध भी वक्री हो रहा है। इसलिए व्यापारी एवं सट्टा कारोबारी इस दिन बनने वाली जबरदस्त तेजी का लाभ उठा सकेंगे। घी, तेल, अलसी, गुड़ शक्कर, सोना चांदी, क्रूड आयल में तेजी देखने को मिलेगी। बैकिंग सेक्टर, शेयर बाजार में भी तेजी का रुख रहेगा। 16 जनवरी को मंगल मूल नक्षत्र तथा धनु राशि में आकर शुक्र के साथ मेल करेगा। यह ग्रहयोग भी तेजी को बढ़ावा देगा। सोना चांदी में तेजी दिखाई देगी।
17 जनवरी को वक्री बुध पश्चिम में अस्त होने शेयर बाजार, सोना चांदी में जहा तेजी दिखाई देगी, वहीं रुई में मंदी दिखाई पड़ेगी। 18 जनवरी को गुरु के शतभिषा नक्षत्र के दूसरे चरण में आने से गेहूं, अनाज, हल्दी, सुपारी, केसर, सोना व तांबा में मंदी नजर आएगी। इसके बाद 19 जनवरी को शनि पश्चिम में अस्त होगा, जिससे रुई व शेयर बाजार और गोल्ड मार्किट में पहले मंदी रहेगी, लेकिन दोपहर बाद तेजी का रुख रहेगा। 20 जनवरी को शनि श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण में आकर बुध के साथ युति बनाएगा, जिससे गेहूं, गुड़, अलसी, नमक व क्रूड आयल में प्रचंड तेजी दिखाई देगी। 22 जनवरी को वक्री बुध उत्तरा षाढा नक्षत्र अनाज, मूंग, शेयर बाजार, बैंक व निफ्टी में घटाबढ़ी के बाद मंदी दिखाई देगी।
24 जनवरी को वक्री बुध सूर्य श्रवण नक्षत्र में आकर शनि के साथ एकनक्षत्र संबंध बनाएगा, जिससे गेहूं, जौं, चावल, रुई, सूत, सोना व चांदी के साथ साथ गुड़, अलसी, सुपारी, लौंग तेजी बनेगी। सोना चांदी में अचानक तेजी आने के बाद मंदी का झटका लगेगा। 29 जनवरी को वक्री बुध पूर्व में उदय होगा, इसी दिन शुक्र के मार्गी होने से चांदी, मोती, गुड़ व धान्य में तेजी का असर दिखाई देगा।
13 से 17 जनवरी तक वायदा एवं हाजिर बाजार तथा शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी का दौर चलेगा।