पर जमा और निकासी के तरीके

बीएसबीडी खाते से डिजिटल भुगतान पर निकासी की सीमा हटाई जाए : रिपोर्ट
नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को डिजिटल भुगतान को ‘जीरो-बैलेंस बेसिक बचत खाता जमा’ (बीएसबीडी) पर निकासी पाबंदी के दायरे से बाहर रखना चाहिए। भारती प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे की एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स लेनदेन पर ‘मर्चेंट डिकाउंट दर (एमडीआर)’ के बदले में एकसमान 0.3 फीसदी का शुल्क लगाने की इजाजत भी सरकार को दी जानी चाहिए।
रिपोर्ट कहती है कि ई-कॉमर्स मंचों पर इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से होने वाले सभी भुगतान पर 0.3 फीसदी के एकसमान शुल्क के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकेंगे। इस राशि का उपयोग यूपीआई ढांचे को मजबूत करने और उसकी देखरेख के लिए किया जा सकेगा।
बीएसबीडी पर निकासी पाबंदी के बारे में रिपोर्ट कहती है कि डिजिटल भुगतान के मौजूदा चरण में आरबीआई को डिजिटल भुगतान को बचत जमा में निकासी प्रतिबंधों की पुरानी परिभाषा से बाहर रखने के तरीके और साधन तलाशने होंगे।
कुछ बैंकों ने बीएसबीडी खातों से लेनदेन की संख्या पर पाबंदी लगाई हुई है। मसलन, मुंबई के एक बैंक ने बीएसबीडी खाते से हर महीने दस बार निकासी की ही सीमा तय की हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि खाते की भिन्न श्रेणी के लिए सेवा शुल्क भी भिन्न हो सकता है लेकिन बचत खाते के लिए लेनदेन को कहीं पर सीमित करना और कहीं पर न करना भेदभावपूर्ण है और यह समानता के अधिकार का विरोधाभासी है।
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
किस बैंक में मिल रहा कितना ब्याज. जमा पूंजी पर कहां सबसे ज्यादा कमाई; जानें विस्तार से
Bank Interest Rates वर्तमान दौर में अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर विकल्प बैंक को ही माना जाता है। जहां से समय-समय पर आप वित्तीय लेनदेन नकद निकासी नकद जमा सुविधाजनक तरीके से कर सकते हैं। बैंक बचता खाता से लेकर एफडी तक निश्चित ब्याज देते हैं।
रांची, जेएनएन। Bank Interest Rates लोभ-लालच और ठगी-चालबाजी के वर्तमान दौर में आम आदमी के पास अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर विकल्प बैंक और डाकघर को ही माना जाता है। जहां से समय-समय पर आप वित्तीय लेनदेन, नकद निकासी, नकद जमा सुविधाजनक तरीके से कर सकते हैं। बैंक बचता खाता से लेकर एफडी तक पर निश्चित समय के लिए निश्चित ब्याज देते हैं। हालांकि, बैंक दर बैंक ब्याज दर में ऊंच-नीच देखने को मिलती है।
लंबे समय तक निवेश के लिए अभी एफडी, फिक्स्ड डिपॉजिट बेहद चलन में है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कहां और किस बैंक में कितने दिनों के लिए जमा पूंजी सुरक्षित रखी जा सकती है। और उस पर ब्याज मद में कमाई कितनी होगी। यहां हम बैंक के ब्याज दरों का तुलनात्मक ब्योरा देते हुए यह बता रहे हैं कि किस बैंक में कितना ब्याज मिल रहा है। और आपकी जमा पूंजी पर कहां पर जमा और निकासी के तरीके सबसे ज्यादा कमाई हो रही है। एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और पीएनबी के ब्याज दरों पर यहां एक नजर डालें। जानें विस्तार से.
FD पर ऐसे मिलता है ब्याज
सावधि जमा पर ब्याज की दर निवेश की गई मूल राशि और निवेश की अवधि से निर्धारित होती है। नतीजतन जब जमा परिपक्व हो जाती है, तो आपको मूलधन और चक्रवृद्धि ब्याज दोनों प्राप्त होंगे। FD पर ब्याज दरें तब निर्धारित की जाती हैं जब आप FD शुरू करते हैं, और यह दर आपके द्वारा इसे बनाए रखने की अवधि यानी इसकी अवधि के आधार पर निर्धारित की जाती है। प्रत्येक बैंक के लिए ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं। यह FD की राशि और अवधि पर भी निर्भर करती है। इसके अलावा, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि ग्राहक वरिष्ठ नागरिक है या नहीं।
एचडीएफसी बैंक की एफडी दरें
इससे पहले अप्रैल में एचडीएफसी बैंक ने अपनी एक साल की एफडी की ब्याज दर को 5 फीसदी से 10 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 5.10 फीसदी कर दिया था, और इसकी एक साल एक दिन से दो साल तक की एफडी को भी 5 फीसदी से 10 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 5.10 फीसदी कर दिया गया है। उच्च दरें 6 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हुईं। ये 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी के लिए नई दरें हैं।
बैंक की वेबसाइट के अनुसार 7 पर जमा और निकासी के तरीके से 29 दिनों में मैच्योर होने वाली जमा रकम पर 2.50 प्रतिशत ब्याज दर प्राप्त होगी। 30 से 90 दिनों की परिपक्वता वाली सावधि जमा पर ब्याज दर 3% है। 91 दिनों से लेकर 6 महीने में खत्म होने वाली जमा रकम पर HDFC बैंक 3.50 फीसदी ब्याज दर दे रहा है। बैंक अब 6 महीने 1 दिन से लेकर 9 महीने के साथ-साथ 9 महीने 1 दिन से 1 साल से कम में मैच्योर होने वाली सावधि जमा पर 4.40 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश करेगा।
एसबीआई की एफडी ब्याज दरें
10 मार्च, 2022 से, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 2 करोड़ रुपये से अधिक की थोक सावधि जमा (FD) पर ब्याज दरों में 20-40 आधार अंकों की वृद्धि की है। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, 211 दिनों से लेकर एक साल से कम की अवधि वाली 2 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी पर ब्याज दर में 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है। ये एफडी अब 10 मार्च, 2022 तक 3.30 प्रतिशत अर्जित करेंगे। सीनियर्स 3.80 प्रतिशत अर्जित करेंगे, जो पहले 3.60 प्रतिशत था। एक वर्ष से दस वर्ष की अवधि के लिए दरों को 40 आधार अंक बढ़ाकर 3.10 प्रतिशत से 3.60 प्रतिशत कर दिया गया है। 3.60 प्रतिशत से वरिष्ठ नागरिक 4.10 प्रतिशत कमाएंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा की FD की ब्याज़ दरें
बैंक पर जमा और निकासी के तरीके प्रेस बयान के अनुसार नई दरें 25 फरवरी, 2022 से प्रभावी होंगी। BOB आम जनता को एक साल की सावधि जमा पर 5% ब्याज दर की पेशकश कर रहा है, जो पहले 4.90 प्रतिशत थी। बैंक एक से दो साल में परिपक्व होने वाली सावधि जमा पर ब्याज दर 5.10 प्रतिशत प्रदान करता है।
आईसीआईसीआई बैंक की एफडी ब्याज दरें
आईसीआईसीआई बैंक एफडी ब्याज पर जमा और निकासी के तरीके दरें 20 जनवरी, 2022 से प्रभावी हैं। आईसीआईसीआई बैंक अब 7 से 29 दिनों की अवधि के साथ जमा पर 2.50 प्रतिशत ब्याज दर और 30 से 90 दिनों की परिपक्वता वाली एफडी पर 3% ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। , बैंक की वेबसाइट के अनुसार। 91 से 184 दिनों की मैच्योरिटी वाली FD के लिए 3.5 प्रतिशत और 185 से एक साल से कम की मैच्योरिटी वाली FD के लिए 4.40 प्रतिशत. बैंक एक साल से लेकर 389 दिनों तक की FD पर 5% ऑफर कर रहा है।
पीएनबी की एफडी ब्याज दरें
7 दिनों से लेकर 10 साल तक की परिपक्वता वाली सावधि जमा और 2.90 प्रतिशत से 5.25 प्रतिशत तक की ब्याज दरों की पेशकश की जाती है। पीएनबी 7-45 दिन की सावधि जमा पर 2.9 फीसदी और एक साल से कम की एफडी पर 4.4 फीसदी का भुगतान कर रहा है। दो साल से अधिक लेकिन तीन साल से कम की पर जमा और निकासी के तरीके अवधि के साथ जमा पर, बैंक 5.10 प्रतिशत का भुगतान करता है। पांच से दस साल की अवधि वाली जमाओं पर पीएनबी ग्राहकों को 5.25 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। ये FD दरें 1 अगस्त, 2021 से प्रभावी हैं।
बैंक में पैसा जमा करने व निकालने के संबंध में लाया गया नया नियम, 26 मई से होगा प्रभावी
केंद्र सरकार ने बैंक खाते में एक निश्चित सीमा के अधिक पैसे जमा करने या निकालने को लेकर नया नियम लागू किया है. जानकारों का मानना है कि इससे वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ेगी. सीबीडीटी ने इस संबंध में 10 मई को अधिसूचना जारी की थी.
- News18 हिंदी
- Last Updated : May 15, 2022, 10:48 IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बैंक खाते में एक निश्चित सीमा के अधिक पैसे जमा करने या निकालने को लेकर नया नियम लागू किया है जो 26 मई से प्रभावी हो जाएगा. इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता खोलने के लिए भी यह नियम लागू किया गया है. सरकार ने उपरोक्त दोनों कार्यों के लिए आधार या पैन (स्थाई खाता संख्या) को अनिवार्य कर दिया है.
अब 20 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करने या निकालने पर यह नियम लागू होगा. सीबीडीटी ने 10 मई को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है. इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह जरूरी होगा. जानकारों का मानना है कि इससे वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता बढ़ेगी.
क्या है नया नियम?
नियमों के अनुसा, अगर किसी व्यक्ति को पैन की जानकारी देने की जरूरत है लेकिन उसके पास पैन नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान देकर काम निपटा सकता है. नांगिया एंड कंपनी के शैलेश कुमार ने कहा कि लेनदेन के पर जमा और निकासी के तरीके समय पैन नंबर दिए जाने के बाद कर अधिकारियों के लिए लेनदेन पर नजर रखना सरल हो जाएगा.
जानकारों की राय
सीबीडीटी ने नए नियम इनकम टैक्स (15वां संशोधन) रूल्स, 2022 के तहत तैयार किए हैं. एकेएम ग्लोबल के संदीप सहगल ने इस कदम से वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसकी वजह से बैंक, डाकघर या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा, “इससे सरकार को वित्तीय प्रणाली में कैश ट्रांजेक्शन पर नजर रखने में मदद मिलेगी. इससे पर जमा और निकासी के तरीके संदिग्ध जमा व निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में सख्ती आएगी.” अभी तक आयकर से जुड़े कार्यों के लिए आधार या पैन का इस्तेमाल होता है. बता दें कि आयकर विभाग से जुड़े हर काम में पैन नंबर देना जरूरी होता है. वहीं, अगर बड़ी राशि के लेनदेन के समय अगर किसी शख्स के पास पैन मौजूद नहीं है तो वह आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
आपके Saving Account पर रहती है आयकर विभाग की नजर, जानिये कितना पैसा जमा करना फायदेमंद
क्या आपको पता है कि बचत खाते में कितना रकम जमा करनी चाहिए, जिसे टैक्स के दायरे में न आए। दरअसल सरकार ने ब्लैक मनी पर रोक लगाने बैंकों, कॉरपोरेट्स, पोस्ट ऑफिस और एनबीएफसी के साथ वित्तीय रिपोर्टिंग को पेश करना आवश्यक कर दिया है।
आज के समय में हर आदमी का बैंक में खाता जरूरत होता है। हालांकि नौकरीपेशा या कारोबारियों को एक से ज्यादा खातों को इस्तेमाल करते हैं। वैसे तो सेविंग अकाउंट में कितना भी पैसा जमा कर सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बचत खाते में कितना रकम जमा करनी चाहिए, जिसे टैक्स के दायरे में न आए। दरअसल सरकार ने ब्लैक मनी पर रोक लगाने बैंकों, कॉरपोरेट्स, पोस्ट ऑफिस और एनबीएफसी के साथ वित्तीय रिपोर्टिंग को पेश करना आवश्यक कर दिया है। जब खाते में ट्रांजेक्शन रकम ज्यादा हो। इसके दायरे में पैसे जमा करना व निकालना, शेयर मार्केट में इंवेस्ट, क्रेडिट कार्ड बिल, विदेशी करेंसी खरीद और संपत्ति में लेन देन आते हैं। इनकम टैक्स नियमों के अनुसार बैंकिंग सेक्टर को वित्त वर्ष के दौरान कर विभाग को 1 साल के उन अकाउंट की जानकारी उपलब्ध करानी होती है। जिसमें नियमित तौर पर दस लाख रुपए या उससे अधिक की जमा या निकासी हुई है। यह लिमिट कस्टमर के एक या उससे अधिक बचत खातों में जमा रकम की समग्र रूप से देखी जाती है। वहीं एक वित्तीय साल में बैंक खाते में 10 लाख से या उससे अधिक के ट्रांजेक्शन करने पर अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। ऐसी स्थिति में अगर किसी के सेविंग अकाउंट में अधिक लेनदेन हुआ है तो उसे अलर्ट रहना चाहिए। हालांकि करंट अकाउंट में सीमा 50 लाख रुपए से अधिक है। होस्टबुक लिमिटेड के संस्थापक कपिल राणा का कहना है कि लोगों को इनकम टैक्स के नियम 114ई की जानकारी होना चाहिए। जिससे किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
अब घर बैठे किसी भी बैंक खाते में भेजें राशि, जानिए क्या है 'डोमेस्टिक मनी ट्रान्सफर'
घर बैठे कैश जमा करने की सुविधा के बारे में शायद ही कभी आपने सोचा होगा। लेकिन अब ये सच होने वाला है। अब किसी भी बैंक खाते में कैश जमा करने की सुविधा डाक विभाग ने देनी शुरू कर दी है। डाकिया के अतिरिक्त डाकघरों के काउंटर पर पहुंच कर भी कैश जमा कराया जा सकता है। डाकिया आपके घर पहुंचकर मोबाइल के माध्यम से कुछ प्रकिया पूर्ण करायेगा और कैश डाकिया के हाथ में पहुंचते ही आपके द्वारा बताये गए खाते में क्रेडिट हो जायेगा। इसके लिए नकद भेजने वाले के पास बैंक एकाउंट होना जरूरी नहीं है, सिर्फ मोबाइल नम्बर होना अनिवार्य है। डाक विभाग द्वारा इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम द्वारा घर बैठे किसी भी बैंक खाते से नकद निकालने की सुविधा पहले से ही दी जा रही है, लेकिन अब घर बैठे कैश जमा करने की सुविधा भी डाक विभाग ने आरम्भ कर दिया है। इस 'डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर' सेवा के तहत ग्राहक को प्राप्तकर्ता के खाते का नंबर, आईएफएससी कोड व अपना मोबाइल नंबर बताकर कैश देना होगा। डाकिया अपने मोबाइल से तुंरत बताये गये खाते में रुपये ट्रांसफर करेगा तो ग्राहक के मोबाइल पर एक ओटीपी आयेगा। जिसे डाकिया से शेयर करना होगा। ओटीपी डालते ही खाते में बैलेंस क्रेडिट हो जायेगा और ग्राहक के मोबाइल पर एक और कंफर्म मैसेज पहुंच जायेगा।
महज दस रुपए में होगा काम
डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर सेवा का लाभ लेने के लिये नाम मात्र का शुल्क रखा गया है, जो न्यूनतम 10 ₹ या जमा की गयी धनराशि का एक फीसदी जो भी अधिक हो वह लिया जायेगा। इस सुविधा से लोगों को बैंकों में लाइन में नहीं लगना पड़ेगा और किसी भी व्यक्ति के खाते में धन जमा करवाना संभव हो पायेगा। महिलाओं, वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग जनों, दुकानदार, प्रवासी श्रमिकों इत्यादि को इससे काफी सहूलियत मिलेगी। गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों तक डाक विभाग के विस्तृत नेटवर्क के चलते यह सुविधा हमेशा लोगों के लिए फायदेमंद रहेगी।
कौन कितना पैसा करा सकता है जमा
डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर सेवा के तहत घर बैठे रुपये जमा करने पर कुछ शर्तें लागू हैं। जिसके तहत पैन कार्डधारक एक बार में ₹25,000, एक दिन में ₹ 49,999 और एक माह में अधिकतम एक लाख रुपये किसी भी बैंक खाते में नकद जमा करा सकते हैं। वहीं बिना पैनकार्ड वाले व्यक्ति द्वारा एक बार में ₹ 5,000 रू., एक दिन में ₹ 25,000 और एक माह में भी अधिकतम ₹ 25,000 घर बैठे किसी भी बैंक खाते में नकद जमा करा सकते हैं। इस सेवा के तहत न्यूनतम 100 रुपया जमा कराया जा सकता है।
अपने बंद पीपीएफ खाते को इन तरीकों से दोबारा चालू करें
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) को देश भर में सबसे लोकप्रिय निवेशों में से एक माना जाता है। एक व्यक्ति पीपीएफ खाते में 15 साल तक के कार्यकाल के लिए 1.50 लाख रुपये तक निवेश कर सकता है और बदले में अच्छी ब्याज दर प्राप्त कर सकता है। केंद्र सरकार की योजना के अनुपालन में, PPF खाता गारंटीड रिटर्न देता है जो अन्य कम जोखिम वाले उत्पादों के रिटर्न से अधिक होता है। खाते को सक्रिय रखने के लिए एक जमाकर्ता को एक वर्ष में 500 रुपये की राशि जमा करनी होती है। यदि नियत तारीख तक पर जमा और निकासी के तरीके राशि जमा नहीं की जाती है तो खाता निष्क्रिय हो जाता है। हालाँकि, नीचे बताए गए कुछ चरणों का पालन करके खाते को फिर से शुरू किया जा सकता है। एक सार्वजनिक भविष्य निधि खाता (पीपीएफ) निष्क्रिय हो जाता है जब खाताधारक एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम शुल्क 500 रुपये जमा करने में विफल रहता है। अपने PPF खाते को पुन: सक्रिय करने के लिए यह करें।
लिखित आवेदन जमा करें
एक निष्क्रिय पीपीएफ खाते को फिर से शुरू करने के लिए, खाताधारक को उस बैंक या डाकघर की शाखा में एक लिखित अनुरोध प्रस्तुत करना होगा जहाँ आपने खाता खोला है। खाते की 15 साल की अवधि के दौरान किसी भी समय आवेदन किए जा सकते हैं।
जुर्माना के साथ न्यूनतम जमा
खाता निष्क्रिय होने की स्थिति में निवेशक को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए न्यूनतम 500 रुपये जमा करने होंगे। इसके साथ ही, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए 50 रुपये का जुर्माना देना होगा जिसमें खाता निष्क्रिय था। आवेदन के साथ चेक को बैंक शाखा में जमा करना होगा।
यह है पूरी प्रोसेस
अपना आवेदन जमा करने के बाद, आपका बैंक या डाकघर यह देखने के लिए आवेदन की जांच करेगा कि क्या 15 साल की अवधि बीत चुकी है। सफल सत्यापन पर, आपका PPF खाता पुनः आरंभ किया जाएगा। हालांकि, अगर 15 साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है, तो खाता फिर से शुरू नहीं किया जा सकता है।
बगैर ऑर्डर किए आ जाए डिलीवरी तो हो जाएं अलर्ट, ऐसे 8 स्टेप्स से खाली हो रहे अकाउंट्स
कोरोना महामारी के बाद ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: Nov 17, 2022 | 5:55 PM
कोरोना महामारी के बाद ज्यादातर लोग Online Shopping की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. और Fraud के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसलिए आपको भी सावधान रहने की जरूरत है. अपराधी आपके साथ फ्रॉड करने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. अपराधी इसके लिए कई नए तरीके भी इस्तेमाल कर रहे हैं. अब एक नए तरीके की धोखाधड़ी सामने आ रही है, जिसमें फर्जी डिलीवरी बॉय आपके घर आकर कुछ मिनटों में आपके Bank Account को खाली कर सकता है.
ऐसे में आपको बेहद सावधान रहने पर जमा और निकासी के तरीके की जरूरत है. अगर आपने कोई सामान ऑर्डर किया है, और आपके घर डिलीवरी बॉय सामान देने पहुंचता है, तो उससे बचने की खास जरूरत है. इसके लिए आपको पहले यह जानना होगा कि अपराधी इस फ्रॉड को कैसे करते हैं. आइए जान लेते हैं.
ये भी पढ़ें
सरकारी बैंकों पर दिखेगा हड़ताल का असर, जमा और निकासी का रुक सकता है काम
ICICI बैंक ने पर जमा और निकासी के तरीके ग्राहकों को दिया बड़ा झटका, इस FD स्कीम पर अब मिलेगा कम ब्याज
दुबई या न्यूयॉर्क को अपना विदेशी ठिकाना बनाएंगे अडाणी, खोलने जा रहे फैमिली ऑफिस!
WhatsApp पर भी फेसबुक और ट्विटर की तरह कर सकेंगे पोल, इन स्टेप्स को करना होगा फॉलो
ऐसे करते हैं अपराधी यह फ्रॉड
- आपने ऑनलाइन किसी सामान के लिए ऑर्डर नहीं दिया है.
- लेकिन, इसके बावजूद अपराधी फर्जी डिलीवरी पर जमा और निकासी के तरीके लेकर आपके घर के दरवाजे तक आ जाएगा.
- अब आप यह सोचेंगे कि आपने तो कोई ऑर्डर नहीं किया है. तो आप उसे डिलीवरी लेने से मना कर देंगे.
- फिर, पर जमा और निकासी के तरीके अपराधी आपसे ऑर्डर को कैंसिल करने की बात कहेगा.
- इसके बाद अपराधी कहेगा कि आप कॉल सेंटर में फोन करके बात कर लीजिए. वह आपसे एक फर्जी कॉल सेंटर में बात करा देगा. फिर, फर्जी कॉल सेंटर आपसे ओटीपी मांगेगा.
- ओटीपी देते ही आपकी बैंकिंग और कुछ दूसरी निजी डिटेल्स अपराधियों तक पहुंच जाएगी.
- ओटीपी मिलते ही वह अपराधी तुरंत आपके घर के दरवाजे से वापस लौट जाएगा.
- उसके जाने के बाद कुछ मिनटों में वह आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देगा. और आप परेशान हो जाएंगे कि आपका पैसा कहां चला गया. असल में, ओटीपी की मदद से ठग ने आपकी डिटेल्स हासिल करके आपके साथ बैंक फ्रॉड कर दिया है.
इसके अलावा आपको बता दें कि बैंक फ्रॉड से बचने के लिए किसी अनजान व्यक्ति या अज्ञात नंबर से मिले मैसेज में दी गई फाइल को मंजूर नहीं करें और डाउनलोड न करें. साथ ही, अज्ञात नंबरों से आए मैसेज का जवाब नहीं दें.