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कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं

कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं
दोस्तो, आप में से बहुत से लोग ऐसे हैं जो कमोडिटी ( commodity ) ट्रेडिंग के बारे में जानना चाहते हैं।

आर्थिक सुधारों से 2013 में बढ़ेगा निवेश

नई दिल्ली : वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के चलते निवेश में नरमी आने से सरकार को 2012 में एफडीआई नीति में ढील देने को बाध्य होना पड़ा जिसका असर 2013 में एफडीआई में तेज बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल सकता है।
विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र, एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र, जिंस एक्सचेंज, बिजली एक्सचेंज, प्रसारण, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नीति उदार की।
इस साल के 10 महीनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 33 प्रतिशत तक घटकर 21 अरब डॉलर पर आ गया जो बीते साल की इसी अवधि में 31 अरब डॉलर था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में एक अधिकारी ने हालांकि उम्मीद जताई कि कई महत्वपूर्ण निर्णयों को देखते हुए 2013 में देश में और एफडीआई आ सकता है।
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा कि सरकार को अधिक निवेश हासिल करने के लिए और सुधार करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2012 वैश्विक एवं घरेलू कारकों से अच्छा नहीं रहा, लेकिन 2013 में चीजों में सुधार आने की उम्मीद है।’
महीनों तक नीतिगत निर्णय लेने में लाचार रहने के आरोप का सामना करने वाली सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देकर निवेशकों में उत्साह पैदा की।
साथ ही उसने विमानन क्षेत्र में विदेशी विमानन कंपनियों को 49 प्रतिशत निवेश करने की भी अनुमति दी। इसके अलावा, प्रसारण क्षेत्र में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी गई और साथ ही बिजली एक्सचेंजों में विदेशी निवेश की अनुमति दे दी गई। सरकार ने प्रसारण क्षेत्र में डीटीएच जैसी कंपनियों में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को सरकार से बगैर पूर्व मंजूरी लिए कमोडिटी एक्सचेंजों में 23 प्रतिशत तक निवेश करने की भी अनुमति दे दी गई। वहीं, संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों में एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी गई।
इस समय देश में 14 संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां परिचालन कर रही हैं जिनमें से 9 कंपनियों में विदेशी निवेश नहीं है।
इस दौरान, सरकार ने घटिया मशीनों के आयात को हतोत्साहित करने के लिए पुरानी मशीनों के आयात के बदले इक्विटी देने की सुविधा वापस ले ली।
दीर्घकालीन दृष्टि के तहत औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने 2017 तक वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखा है जो 2007 में 1.3 प्रतिशत था। (एजेंसी)

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Indian Commodity Market | Commodity vs Equity in Hindi

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दोस्तो, आप में से बहुत से लोग ऐसे हैं जो कमोडिटी ( commodity ) ट्रेडिंग के बारे में जानना चाहते हैं।

तो यदि आप भी कमोडिटी ट्रेडिंग में रुचि रखते हैं और जानना चाहते हैं कि भारतीय कमोडिटी मार्केट ( Indian Commodity Market ) क्या है ? और कमोडिटी ट्रेडिंग ( Commodity Trading ) ? कैसे होती है ? तो इस लेख को पूरा पढ़े।

सबसे पहले ये जान लेते है कि कमोडिटी का अर्थ क्या होता है ?

कमोडिटी क्या है – ( What is Commodity Trading in Hindi ) –

यदि आसान भाषा में समझे तो कमोडिटी का अर्थ होता है ‘वस्तु’।

अर्थात ‘ऐसी वस्तुवें जो मनुष्य द्वारा निर्मित नही होती हैं कमोडिटी कहलाती हैं।’

कपास, ताँबा, सोना, चांदी, जिंक, पॉम आयल, क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस, दाल, चावल, चना आदि- आदि वस्तुवों या कॉमोडिटी के उदाहरण हैं।

कमोडिटी दो प्रकार की होती हैं –

1 – कृषि वस्तुवें ( Agricultural Commodities ) –

ये ऐसी कमोडिटी होती हैं जो खेतों में पैदा होती हैं या ये कह सकते हैं कि हमारे रसोई में जो वस्तुवें उपयोग की जाती हैं उन्हें ही कृषि वस्तुएं कहा जाता है। जैसे – आलू , प्याज , टमाटर , गेहूँ , चावल , कपास आदि।

2 – गैर कृषि वस्तुवें ( Non Agricultural commodity ) –

सरल भाषा मे कहे तो ये वो वस्तुवें हैं जो प्रकृति द्वारा निर्मित होती हैं और खदानों ( mines ) से प्राप्त होती हैं। जैसे कि प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल ( Criud Oil ), सोना, चांदी, जिंक आदि – आदि।

भारतीय कमोडिटी मार्केट ( Indian Commodity Market in Hindi) –

भारतीय कमोडिटी मार्केट भी शेयर बाजार की तरह ही काम करता है लेकिन फिर भी शेयर ( equity ) और कमोडिटी में कुछ अन्तर होते हैं जिसे आगे बताया जाएगा।

भारत में वैसे तो कमोडिटी ट्रेडिंग के कई प्लेटफॉर्म हैं। लेकिन सबसे ज्यादा ट्रेडिंग MCX और NCDEX में ही किया जाता है।

जैसे कि इक्विटी ट्रेडिंग के लिए सबसे ज्यादा NSE( National Stock Exchange ) और BSE( Bombay Stock Exchange ) का इस्तेमाल किया जाता है।

MCX ( Multi Commodity Exchange in Hindi ) –

MCX एक्सचेंज में गैर कृषि वस्तुओं जैसे – bullions , क्रूड ऑयल, Base Metals, प्राकृतिक गैस आदि का व्यापार किया जाता है। यह एक्सचेंज सोमवार से शुक्रवार तक चलता है और सुबह 9 बजे खुलता है और रात 11:55 बजे तक कार्य करता है।

NCDEX ( National Commodity Derivative Exchange in Hindi ) –

यहाँ पर कृषि से जुड़ी वस्तुवों जैसे – आलू , प्याज , टमाटर , कपास , चना , गेहूं , चावल आदि का व्यापार होता है।

NCDEX एक्सचेंज सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कार्य करता है।

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है – ( Commodity Trading in Hindi )commodity-trading

दोस्तों, अब तक आप ये तो समझ ही चुके होंगे कि कमोडिटी क्या होती है।अब कमोडिटी ट्रेडिंग को समझने की कोशिश करते हैं।

मान लिया आपको सोना या चांदी खरीदना है तो आप क्या करेंगे ? आप ज्वेलरी की दुकान पर जाएंगे और आपको जितना सोना खरीदना होगा उसका जो भी मूल्य चल रहा होगा वो चुकाएंगे और सोना खरीद कर घर ले जाएंगे।

और जब सोना का भाव काफी बढ़ जाएगा तो आप उसे बेच कर मुनाफा बना लेंगे।

उसी प्रकार आप एक्सचेंज के माध्यम से भी सोना खरीद सकते हैं लेकिन यहाँ पर आपको अलग – अलग मात्रा की लॉट साइज मिलेंगी आपको जितने लॉट खरीदना हो खरीद सकते है।

ज्वेलरी की दुकान के विपरीत यहाँ आपको सोना घर ले जाने को नही मिलेगा बल्कि ऐसे समझिये कि जैसे आप बैंक में पैसों का जो भी लेनदेन करते हैं तो उसका ब्यौरा आपकी पासबुक में दर्ज हो जाता है।

ठीक वैसे ही एक्सचेंज से जो भी खरीद – बिक्री आपके द्वारा की जाती है वो आपके पासबुक में दर्ज हो जाती है भौतिक रूप से आप उसे घर नही ले जा सकते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए आपको किसी ब्रोकर के पास अपना डीमैट खाता खुलवाना होता है। वैसे तो भारत के ज्यादातर ब्रोकर कमोडिटी ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं। लेकिन फिर भी आपको खाता खुलवाने से पहले पता कर लेना कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं है कि वह ब्रोकर कमोडिटी ट्रेडिंग की आज्ञा देता है या नही।

कमोडिटी मार्केट बिल्कुल शेयर मार्केट की भांति ही कार्य करता है। अगर आपको नही पता कि शेयर मार्केट कैसे काम करता है तो आप इस वेबसाइट के अन्य लेख पढ़ कर समझ सकते हैं।

कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट में अन्तर –

दोस्तों वैसे तो कमोडिटी मार्केट और शेयर मार्केट के काम करने का तरीका एक जैसा है लेकिन फिर भी दोनों में कुछ अन्तर होता है। जिसे नीचे दिये विवरण से आसानी से समझ सकते हैं ।

Commodity Vs Equity in Hindi commodity-vs-equity

Equity Market ( शेयर मार्केट ) –

1 – स्टॉक ट्रेडिंग में हम किसी भी कंपनी का आई.पी.ओ. ( I.P.O.) या किसी भी कंपनी के शेयर के साथ – साथ dollar और euro की भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ।

2 – कंपनियां जो कि कच्चे माल से उत्पाद (Product ) तैयार करती हैं तथा इस प्रकार के तैयार उत्पाद की ट्रेडिंग शेयर मार्केट में होती है ।

3 – Equity का शेयर होल्डर कंपनी का शेयर धारक अर्थात कंपनी का हिस्सेदार बन जाता है।

4 – लाभांश (Dividend) मिलता है। जो कि होल्डिंग समय मे कंपनियों द्वारा अपने निवेशकों को दिया जाता है ।

5 – इंट्राडे ट्रेडिंग के हिसाब से देखा जाये तो यहाँ तरलता ( Liquidity ) ज्यादा होती है और ब्रोकर के द्वारा मार्जिन मनी ( Margin Money ) भी अधिक मिलता है ।

6 – यहाँ lot Size या फुटकर मे एक – दो शेयर भी खरीद सकते हैं। इसलिए यहाँ कम पैसे से भी ट्रेडिंग कर सकते हैं ।

7 – मुख्यतः N.S.E. और B.S.E. इन दो एक्सचेंज में ट्रेडिंग होती है ।

8 – N.S.E. और B.S.E. सुबह 9 बजे से शाम 3:30 बजे तक कार्य करते हैं ।

9 – यहाँ विभिन्न तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं जैसे – कैश, फ्यूचर और ऑप्शन , delivery आधारित।

10 – यदि Risk की बात करें तो यहाँ कॉमोडिटी की तुलना मे कम रिस्क है ।

यहाँ पर लंबी अवधि के लिये निवेश भी किया जाता है ।

कॉमोडिटी मार्केट ( Commodity Market ) –

1 – कॉमोडिटी ट्रेडिंग में सोना , चाँदी, एल्मुनियम के साथ – साथ कृषि वस्तुवों आदि कि ट्रेडिंग करते हैं ।

2 – कॉमोडिटी मुख्यतः कच्चा माल (Raw material) ही होते हैं जिससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं ।

3 – शेयर के विपरीत कॉमोडिटी ट्रेडिंग कान्ट्रैक्ट आधारित होती है। जिसकी एक समय सीमा पहले से ही निर्धारित होती है उसके बाद वह समाप्त हो जाता है ।

4- डिविडेन्ड नहीं मिलता है

5- कॉमोडिटी ट्रेडिंग मे तरलता कम होती है ।

Equity की तुलना में Margin Money भी कम होता है।

6- यहाँ पर केवल Lot Size मे ही ट्रेडिंग होती है इसलिए स्टॉक की तुलना में ज्यादा पैसे कि आवश्यकता होती है।

7 – MCX और NCDEX एक्सचेंज के द्वारा ट्रेडिंग होती है ।

8 – MCX सुबह 9 बजे से रात 11:55 तक कार्य करता है ।

NCDEX में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक कार्य होता है ।

9- कॉमोडिटी में केवल फ्यूचर और ऑप्शन विधि में ही ट्रेडिंग होती है ।

10 – यहाँ पर केवल फ्यूचर और ऑप्शन में ही ट्रेडिंग होती है इसलिए रिस्क भी अधिक है । निवेश नहीं किया जा सकता है ।

निष्कर्ष ( Conclusion ) –

दोस्तों , उम्मीद है कि अब आपको ये समझ मे आ चुका होगा कि Indian Commodity Market क्या है तथा कॉमोडिटी ट्रेडिंग कैसे होती है एवं स्टॉक ट्रेडिंग और कॉमोडिटी ट्रेडिंग में मुख्य रूप से क्या अन्तर है।

जहाँ तक पैसे कमाने की बात की जाए तो बहुत से लोग कमोडिटी ट्रेडिंग कर के बहुत अच्छे पैसे कमा रहे हैं।

यदि आप भी कमोडिटी ट्रेडिंग से पैसे कमाना चाहते हैं तो पहले थोड़ा समय सीखने में लगाइये। जब एक बार आप को कॉमोडिटी ट्रेडिंग सीख और समझ जाएंगे तो बहुत आसानी से पैसे भी कमाने लग जाएंगे।

दोस्तों, कॉमोडिटी ट्रेडिंग से संबंधित यदि आपके पास कोई जानकारी हो जिससे पाठकों को लाभ मिल सकता हो तो आप कमेन्ट के माध्यम से हमें जरूर बतायें।

निकल दोलन मजबूत जारी है; भविष्य के एलएमई सीमा तक पहुंचते हैं

निकल रैली लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर 15% दैनिक सीमा से अधिक हो गई, अचानक मूल्य झूलों की एक श्रृंखला को जोड़ते हुए, क्योंकि बाजार छोटे पदों के बड़े पैमाने पर संपीड़न के बाद फिर से समायोजित करने का प्रयास करता है।

(ब्लूमबर्ग) निकल रैली लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर 15% दैनिक सीमा को पार कर गई, अचानक मूल्य झूलों की एक श्रृंखला को जोड़ते हुए, क्योंकि बाजार छोटे पदों के बड़े पैमाने पर संपीड़न के बाद फिर से समायोजित करने का प्रयास करता है।

निकेल वायदा लंदन में दोपहर में $32,380 प्रति टन यूएस डॉलर पर छाया हुआ, लाभ के पहले दिन 16 मार्च को बाजार फिर से खोलने के उद्देश्य से नए मूल्य प्रतिबंधों के साथ इस महीने की अराजकता को दोहराने से रोकने के उद्देश्य से। ट्रेडिंग के पहले चार दिनों में बहुत कम मात्रा के बीच कीमतें सीमा से आगे गिर गईं, एक स्तर तक पहुंचने से पहले जिस पर खरीदार आखिरकार मंगलवार को बाजार में लौट आए।

शंघाई में वायदा भी आसमान छू गया जब दोपहर के सत्र में व्यापार फिर से शुरू हुआ, शेयर बाजार कैप में 17% तक बढ़ गया।

बुधवार की बढ़ोतरी निकल बाजार में उथल-पुथल की एक अभूतपूर्व अवधि को लम्बा खींचती है, मार्च की शुरुआत में दो व्यापारिक सत्रों में एलएमई की कीमतें 250% बढ़ गईं, चीनी कंपनी त्सिंगशान होल्डिंग ग्रुप कंपनी पर केंद्रित छोटे पदों के संकुचन के दौरान यूएस $101,365 प्रति टन का रिकॉर्ड मारा। एक्सचेंज ने हस्तक्षेप किया और एक सप्ताह के लिए वार्ता को निलंबित कर दिया और व्यापार में अरबों डॉलर रद्द कर दिए। बाजार फिर से खुलने पर ढह गया, और वर्तमान में सर्वकालिक उच्च से 70% नीचे है, लेकिन महीने की शुरुआत के बाद से 30% से अधिक बढ़ गया है।

अन्य बेस मेटल्स भी एलएमई में बढ़ गए, 9 मार्च के बाद से जस्ता 7.3% बढ़कर उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि एल्यूमीनियम में 6.2% की वृद्धि हुई। एलएमई में तरलता की कमी बढ़ रही है, और कई निवेशक धातु की अभूतपूर्व अस्थिरता के मद्देनजर अपने पदों को समाप्त करना चाहते हैं।

निकल पर आज की बढ़ोतरी छत के कदम का अर्थ यह भी है कि एलएमई फिर से अपने “आधिकारिक” मूल्य को निर्धारित करने में विफल रहा, दोपहर के भोजन के समय एक प्रमुख बेंचमार्क सेट किया गया। औद्योगिक धातु क्षेत्र भौतिक लेनदेन के लिए संकेतक के रूप में एलएमई कीमतों पर निर्भर करता है, जबकि कमोडिटी इंडेक्स जैसे उत्पादों में वित्तीय निवेशक अपने पदों को महत्व देने के लिए शेयर बाजार की कीमतों का उपयोग करते हैं। एलएमई ने परिचालन के निलंबन से एक दिन पहले 7 मार्च के बाद पहली बार मंगलवार को एक आधिकारिक मूल्य प्रकाशित किया था।

बुधवार को लंदन में ट्रेडिंग धीरे-धीरे शुरू हुई, गति प्राप्त करने से पहले कीमतें सीमा तक पहुंच गईं। हालांकि त्सिंगशान अपने बैंकों के साथ आगे मार्जिन समायोजन से बचने के लिए एक समझौते पर पहुंच गया, फिर भी बाजार में बड़ी संख्या में मंदी के दांव हैं जिन्हें पूर्ववत करने की आवश्यकता है, और ऐसे समय में जब आपूर्ति के बारे में आशंका बढ़ जाती है।

निकेल की वाइल्ड मूव्स एलएमई फ्यूचर्स जंप के रूप में 15% सीमा तक जारी रहती

Commodity trading India 2022: कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए 5 सफल टिप्स

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इसलिए , यदि आप एक नौसिखिया हैं तो आपको कमोडिटीज में गहराई से जाने के लिए इक्विटी के बारे में सीखना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि कमोडिटी स्टॉक और बॉन्ड की तुलना में बहुत अधिक अस्थिर हैं। हालांकि , यह उच्च अस्थिरता व्यापारियों को बाजार के झूलों से लाभ उठाने का पर्याप्त अवसर प्रदान करती है।

वस्तुओं की कीमतें आपूर्ति और मांग जैसे कारकों और वित्तीय बाजारों के दायरे से बाहर की घटनाओं से भी प्रभावित होती हैं , जो स्टॉक या बॉन्ड की कीमतों को प्रभावित नहीं कर सकती हैं। आपके द्वारा ट्रेड की जाने वाली किसी भी एसेट की तरह , यह महत्वपूर्ण है कि जब आप कोई पोजीशन खोलते हैं , तो आप जो हासिल करना चाहते हैं , उसके लिए आपके पास एक ठोस ट्रेडिंग प्लान और रणनीति होनी चाहिए।

अनुसंधान , और दोनों तकनीकी और मौलिक बाजार विश्लेषण , एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाते हैं जब एक व्यापारिक रणनीति तैयार करने की बात आती है जो आपके लक्ष्यों के अनुरूप होती है जो आपको यथार्थवादी सीमाएं निर्धारित करने में मदद करती है और आपके लाभ लक्ष्यों का एक स्पष्ट विचार बनाए रखती है।

1) अत्यधिक अस्थिरता से बचें

अत्यधिक अस्थिरता व्यापार के अवसर पैदा करती है , लेकिन साथ ही जोखिम भी बढ़ाती है क्योंकि बाजार आपके खिलाफ तेजी से आगे बढ़ सकता है। जब आप शुरुआत कर रहे हों तो यह महत्वपूर्ण है कि आप बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिमों को समझें और कीमतों में बदलाव कितनी जल्दी हो सकता है।

ट्रेडिंग कमोडिटीज एक अंतर्निहित जोखिम के साथ आती हैं क्योंकि वे कुछ अन्य प्रकार के बाजारों की तुलना में अपेक्षाकृत अस्थिर संपत्ति हो सकती हैं। इस कारण से , आप कम से कम शुरुआत में , ऐसी घटनाओं के इर्द-गिर्द व्यापार करने से बचना चाह सकते हैं जो मूल्य आंदोलनों को जल्दी और महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं , इनमें शामिल हैं ; प्रमुख भू-राजनीतिक घटनाएं , प्राकृतिक आपदाएं , टैरिफ विवाद।

2) व्यापारिक निर्णयों के लिए अपने बाजार अनुसंधान पर भरोसा करें

ट्रेडिंग की भावना में बह जाना आसान हो सकता है , खासकर जब आप ऑनलाइन ट्रेडिंग में अपेक्षाकृत नए हों। चाहे यह अपने आप को अधिक लाभ उठाने में हो और एक जीतने वाले व्यापार के बाद दोगुना हो या घाटे का पीछा करने के लिए आपको असफल व्यापार के बाद नहीं करना चाहिए , यह महत्वपूर्ण है कि आप जमीन से जुड़े रहें और अपनी स्थिति से जितना संभव हो सके अलग रहें। आपका व्यापार एक व्यवसाय चलाने के समान है , इसकी सफलता या विफलता ठोस योजना और अच्छे निर्णय लेने के लिए कम हो जाएगी , इसलिए हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके व्यापारिक निर्णय आपकी व्यापारिक रणनीति और योजना द्वारा मान्य हैं। एक "सफल" व्यापार का गठन करने वाले स्पष्ट मापदंडों और सीमाओं को परिभाषित करें और सुनिश्चित करें कि आप इन मानदंडों को पूरा करने वाले पदों को बंद कर दें।

3) तकनीकी संकेतकों का लाभ उठाएं

संकेतकों को आपके व्यापारिक विचारों का परीक्षण करने और उन्हें कच्चे डेटा विश्लेषण के अधीन करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि आप वास्तविक बाजार स्थितियों के आधार पर सूचित निर्णय ले सकें। संकेतक विशेष रूप से यह तय करने के लिए उपयोगी हो सकते हैं कि बाजार में प्रवेश और निकास दोनों कब करें। नए व्यापारियों के लिए सबसे उपयोगी संकेतकों में से एक मूविंग एवरेज है , एक उपकरण जो आपको अपने रेंज ट्रेडिंग पर अधिक नियंत्रण की अनुमति देता है। जैसा कि नाम से पता चलता है कि मूविंग एवरेज समय के साथ किसी परिसंपत्ति की औसत कीमत को ट्रैक करता है और इस प्रवृत्ति से ऊपर या नीचे की ओर कोई भी विचलन मौजूदा बाजार की दिशा से दूर जाने का संकेत दे सकता है , जो प्रमुख व्यापारिक अवसरों को उजागर करता है।

यह महत्वपूर्ण है कि आप याद रखें कि मूविंग एवरेज पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं और बाजारों के व्यापार के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी भी उपकरण की तरह वे पूर्ण सटीकता के साथ भविष्य के बाजार आंदोलन की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। जब सही तरीके से उपयोग किया जाता है , तो वे आपके व्यापारिक विचारों को मान्य करने और परीक्षण करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण हैं और बाजार के रुझानों के शीर्ष पर बने रहने का एक शानदार तरीका है।

4) कमोडिटी बाजार की चक्रीय प्रकृति को समझें

आमतौर पर , सभी वस्तुएं चक्रीय प्रवृत्तियों में चलती हैं जो मांग और आपूर्ति और आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों के परस्पर क्रिया द्वारा निर्धारित होती हैं। एक सफल निवेशक के रूप में , आपको चक्र में चरण का पता लगाना चाहिए ; कमोडिटी बाजार वर्तमान में बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभान्वित होने की स्थिति में है। इसके अलावा , एक व्यापारी के रूप में , आप चक्र को चलाने और आपूर्ति और मांग संतुलन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मांग में वृद्धि हुई है बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए पूंजीगत व्यय बढ़ाया जाता है यह उच्च पूंजीगत व्यय के कारण कीमतों को बढ़ाता है , और मांग की आपूर्ति से अधिक होने के कारण भी। हालांकि , उच्च कीमतें मांग को कम करने और कम करने लगती हैं

आपूर्ति धीरे-धीरे मांग से अधिक हो जाती है जिससे मांग में वृद्धि के लिए कमोडिटी की कीमतों में गिरावट आती है। कीमतों में कमी को समायोजित करने के लिए पूंजीगत व्यय को कम किया जाता है , जो आपूर्ति को कम करता है और बाद में आपूर्ति और मांग संतुलन लाता है और फिर प्रक्रिया फिर से शुरू होती है

5) एक उपयुक्त एक्सचेंज का चयन करें

आपको एक ऐसे एक्सचेंज का चयन करना चाहिए जहां पर्याप्त तरलता हो , ताकि खरीदार या विक्रेता को खोजने की निरंतर चिंता के बिना कमोडिटी फ्यूचर्स को स्वतंत्र रूप से खरीदा या बेचा जा सके। साथ ही , एक्सचेंज का क्लियरिंग हाउस व्यापार में शामिल दोनों पक्षों के प्रतिपक्ष के रूप में कार्य करता है। यह किसी भी क्रेडिट जोखिम को समाप्त करता है। साथ ही , जोखिम और भी कम हो जाता है क्योंकि सभी प्रमुख एक्सचेंजों को कमोडिटी फ्यूचर्स में पोजीशन को दैनिक आधार पर बाजार में चिह्नित करने की आवश्यकता होती है। इसलिए , उपयुक्त एक्सचेंज का चयन करने पर किसी भी प्रतिपक्ष जोखिम को समाप्त कर दिया जाता है।

साथ ही , आपको कमोडिटी में उनके ट्रैक रिकॉर्ड के कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं आधार पर एक एक्सचेंज का चयन करना होगा। उदाहरण के लिए , एमसीएक्स गैर-कृषि वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध और मजबूत है , जबकि एनसीडीईएक्स कृषि वस्तुओं में मजबूत है। कमोडिटी बाजार में एक शिक्षार्थी को प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों के तथ्यों और यांत्रिकी के बारे में अच्छी तरह से परिचित होना चाहिए।

निष्कर्ष:

कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए सफल रणनीतियों को सीखने से आपको दिन-प्रतिदिन की अस्थिरता के साथ-साथ निरंतर तेजी और मंदी के रुझानों की सवारी करने में मदद मिल सकती है। एक कुशल कमोडिटी ट्रेडर बनने के लिए , आपको कमोडिटी स्ट्रैटेजी से अधिक की आवश्यकता है। आपको अनुशासन और कड़ी मेहनत की जरूरत है। आजकल , कमोडिटी व्यापारियों के सामने प्रमुख चुनौतियों में से एक यूएस-चीन व्यापार युद्ध है। चल रहे यूएस-चीन व्यापार युद्ध पहले से ही उच्च इंट्राडे अस्थिरता के लिए उत्प्रेरक रहा है। हालांकि , हमारी सर्वोत्तम कमोडिटी इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति के साथ हर कोई एक चतुर व्यापारी बन सकता है और इंट्राडे अस्थिरता का लाभ उठा सकता है।

कृपया ध्यान दें कि निवेश के किसी भी रूप में जोखिम शामिल है, आप व्यापार में शामिल जोखिमों के बारे में अधिक जानने के लिए Mirade जोखिम प्रकटीकरण विवरण पर क्लिक कर सकते हैं। *Mitrade पर प्रचार नियम और शर्तों के अधीन हैं।

इस लेख की सामग्री केवल लेखक की व्यक्तिगत राय है और इसका मतलब निवेश सलाह नहीं है। इस लेख की सामग्री केवल संदर्भ के लिए है और पाठकों को इस लेख को किसी भी निवेश के आधार के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए। निवेशकों को इस जानकारी का उपयोग स्वतंत्र निर्णय के विकल्प के रूप में या पूरी तरह से इस जानकारी के आधार पर निर्णय लेने के लिए नहीं करना चाहिए। यह किसी भी व्यापारिक गतिविधि का गठन नहीं करता है और व्यापार में किसी भी लाभ की गारंटी भी नहीं देता है। इस लेख पर आधारित किसी भी परिणाम के लिए Mitrade जिम्मेदार नहीं होंगे। मिट्रेड भी इस लेख में सामग्री की 100% सटीकता की गारंटी नहीं दे सकता है।

हाजिर मांग के कारण कच्चे तेल का वायदा भाव में तेजी

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में बृहस्पतिवार को कच्चा तेल छह रुपये की तेजी के साथ 6,953 रुपये प्रति बैरल हो गया।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का नवंबर डिलिवरी वाला अनुबंध छह रुपये या 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,953 रुपये प्रति बैरल हो गया। इसमें 1,612 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से वायदा कारोबार में कच्चातेल कीमतों में तेजी आई।

वैश्विक स्तर पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85.26 डॉलर प्रति बैरल रह गया जबकि कमोडिटी एक्सचेंजों की सीमाएं ब्रेंट क्रूड का दाम 0.17 प्रतिशत की हानि दर्शाता 92.70 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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