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डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।

Demat Account: डीमैट खाता खुलवा रहे हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, फायदे में रहेंगे

By: ABP Live | Updated at : 24 Jan 2022 06:44 AM (IST)

Demat Account: डीमैट अकाउंट (Demat account) के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर बातों पर ध्यान देना होता है.

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस

  • ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.
  • आजकल ज्यादातर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.
  • इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.

शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर

भारत में नॉन-रेजिडेंट इंडियन(NRI) अपने नाम पर रेगुलर सेविंग्स बैंक अकाउंट नहीं खोल सकते हैं। वह अपने नाम पर NRE(Non-Resident External Account ) या NRO(Non-Resident Ordinary Account ) बैंक अकाउंट ही खोल सकते हैं। यदि कोई NRI भारत में अपने सेविंग्स अकाउंट का इस्तेमाल करता है तो उसे RBI के द्वारा निर्देशित FEMA(Foreign Exchange Management Act) नियमों के अंदर बड़ी पेनल्टी लग सकती है। NRE और NRO बैंक अकाउंट का अंतर इस प्रकार है :

रेपटरिएबिलिटी या Repatriability

मिलने वाला ब्याज(Interest) टैक्स-फ्री है।

F&O (फ्यूचर और ऑप्शंस ) में ट्रेडिंग करने के लिए एक NRO बैंक अकाउंट को ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के साथ लिंक किया जाना चाहिए।

NRE बैंक अकाउंट को NRE PIS अकाउंट खोलने के लिए उपयोग किया जा सकते है और NRO बैंक अकाउंट को Zerodha के साथ NRO non-PIS अकाउंट खोलने के लिए उपयोग किया जा सकता है। PIS और non-PIS अकाउंट के बीच के अंतर जानने के लिए देखिये NRI Zerodha में ट्रेडिंग डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर और डीमैट अकाउंट कैसे खोल सकते है?

बैंक खाता एवं डीमैट खाता में अंतर स्पष्ट कीजिए (कोई छः)।​

sidney134

डीमैट और एक ट्रेडिंग अकाउंट के बीच मुख्य अंतर यह होता है कि एक डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल आपकी प्रतिभूतियों जैसे कि आपके शेयर प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में रखने के लिए किया जाता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर है जबकि अकाउंट का इस्तेमाल स्टॉक बाजार में इन प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है।

anitajoshi197720

Answer:

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खरीदने के बाद डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर आपके शेयर कहां रखे जाते हैं? क्या आपके अलावा भी कोई उन्हें बेच सकता है?

खरीदने के बाद आपके शेयर कहां रखे जाते हैं? क्या आपके अलावा भी कोई उन्हें बेच सकता है?

सेंट्रल डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CDSL) और नेशनल सिक्योरिटीज डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) दोनों ही भारत में सरकार की रजिस्टर्ड शेयर डिपॉजिटरी हैं. ये आपके शेयर, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखता है. प्रत्येक डिपॉजिटरी एक स्टॉक एक्सचेंज से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच अंतर जुड़ी है.

हमारे देश में दो एक्सचेंज हैं जिसमें स्टॉक ट्रेडिंग होती है: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE). NSE की डिपॉजिटरी NSDL है और BSE की डिपॉजिटरी CDSL है. CDSL की स्थापना 1999 में हुई थी और NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी.

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