हड़ताल मूल्य

बढ़ती महंगाई ने देश के कोने-कोने में बिगाड़ा घरों का बजट, जानें कहां ऑटो चालकों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी
Inflation Effect on Public: देश में बढ़ती महंगाई से आम जनता बेहद परेशान है. घरों में रोजाना के खर्चे लगभग दोगुने हो गए हैं और लोगों का जीना मुहाल हो गया. अब इस जगह ऑटो चालकों ने हड़ताल की धमकी भी दी.
By: पीटीआई-भाषा (एजेंसी) | Updated at : 12 Apr 2022 02:32 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
ऑटो चालकों की हड़ताल की धमकी (फाइल फोटो)
Inflation Effect on Public: बीते कुछ महीनों से आवश्यक वस्तुओं और ईंधन के मूल्य में लगातार हो रही वृद्धि के कारण के आम लोगों के घर का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है और समाज का लगभग हर वर्ग इससे परेशानी महसूस कर रहा है. जानें देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों की परेशानियां क्या हैं..
पेट्रोल-डीजल हड़ताल मूल्य काफी महंगा
जहां एक ओर सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं पिछले एक महीने में पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपये प्रति लीटर तक वृद्धि हुई है. इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में रसोई गैस सहित अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
पंजाब में जीवन मुश्किल
पंजाब के फगवाड़ा में रहने वाली एक गृहिणी अनुदीप कौर गोराया ने कहा, ''ईंधन की कीमतों में प्रतिदिन की वृद्धि ने हमारे रोज़मर्रा के जीवन को मुश्किल बना दिया है. रसोई गैस के एक सिलिंडर की कीमत लगभग एक हजार रुपये है और फल, सब्ज़ियों, हड़ताल मूल्य खाना पकाने वाले तेल समेत कई वस्तुओं की कीमतों में भी तेज़ी से वृद्धि हुई है.''
हरियाणा में ऑटो चालक परेशान
हरियाणा के एक जिले हिसार में ऑटो मार्केट में दुकान चलाने वाले व्यवसायी ओमपाल सिंह ने कहा , ''बढ़ती महंगाई ने न केवल बड़े बल्कि छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों को भी प्रभावित किया है. फिर चाहे वह मध्य प्रदेश में दूध बेचने वाला हो या फिर केरल का मछली विक्रेता.''
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भोपाल में जनता परेशान
भोपाल के एक दूध विक्रेता कल्लू राम (50) ने कहा कि 'कीमतों में वृद्धि से उनकी बचत पर सेंध लगी है. उन्होंने कहा ‘‘मैं अपने ग्राहकों को बाइक से दूध पहुंचाने जाता हूं. कुछ महीने पहले मैं पेट्रोल पर केवल 100 रुपये प्रतिदिन खर्च करता था, जबकि आज यह खर्च बढ़ कर 160 रुपये प्रतिदिन तक पहुंच गया है. मैं चाहता हूं कि पेट्रोल के दाम कम हों.''
चंडीगढ़ में खर्चों पर लगी रोक
चंडीगढ़ के एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी बलदेव चंद ने कहा कि महंगाई ने उनके घर के बजट को बहुत प्रभावित किया है. वे कहते हैं ‘‘ मेरी पेंशन एक अच्छा हिस्सा पहले ही मेरी और मेरी पत्नी द्वारा ली जाने वाली दवाईयों पर खर्च हो रहा था. आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने हमें सभी गैर-जरूरी खर्चों पर रोक लगाने के लिए मजबूर कर दिया है.''
छत्तीसगढ़ में घटी सब्जी विक्रेताओं की आय
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाज़ार में सब्ज़ी बेचने वाली कामिनी पटेल का कहना है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि से ग्राहक और विक्रेता दोनों प्रभावित हुए हैं. कामिनी ने कहा ‘‘पहले मैं रोज़ाना 1500 रुपये तक कमा लेती थी लेकिन अब आमदनी 1000 रुपये से भी नीचे आ गई है. लोग महंगी सब्जि़यां खरीदने से कतरा रहे हैं.''
दिल्ली में CNG के दाम में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग पर ऑटो चालकों की हड़ताल की धमकी
पिछले एक महीने में सीएनजी की कीमत में हुई 10 रुपये प्रति किलो की वृद्धि के कारण ऑटो और कैब चालकों ने 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है. दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी ने कहा ''सीएनजी अब 69 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक दर पर मिल रही है. हम सरकार से सीएनजी पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सब्सिडी देने की मांग करते हैं ताकि हम जि़ंदा रह सकें. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.''
होटल और रेस्टोरेंट उद्योग मुश्किल में
कोविड-19 महामारी के कारण घाटे में चल रहे होटल और रेस्तरां मालिकों का कहना है कि गैस सिलिंडर और अन्य वस्तुओं की कीमतों में हुई वृद्धि ने कोविड महामारी के बाद व्यापार को एक ओर झटका दिया है. होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुदेश कुमार पोद्दर का कहना है ''एलपीजी के वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों के साथ-साथ सभी आवश्यक वस्तुओं की कुल दरों में 20 फीसदी तक की वृद्धि हुई है. ग्राहकों को खोने के डर से रेस्टोरेंट अपनी वस्तुओं के दाम बढ़ाने में असमर्थ हैं, लेकिन खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है.''
वित्तीय सलाहकार की राय
मुबंई में रहने वाले एक वित्तीय सलाहकार दीपक सहिजवाला ने कहा '' जब तक यूक्रेन संकट जारी रहेगा, ईंधन की कीमतों में वृद्धि होती रहेगी. भारत के लिए उच्च मुद्रास्फीति चिंता का विषय है. सरकार के पास एकमात्र उपाय है कि वह ईंधन को जीएसटी के दायरे में लेकर आये. इससे खुदरा स्तर पर कीमतों में काफी कमी आएगी.''
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Published at : 12 Apr 2022 02:32 PM (IST) Tags: Petrol Delhi Diesel prices inflation strike Auto Drivers Vegetable Rates Fruit prices हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
बैंक हड़ताल से 16,500 करोड़ रुपये मूल्य के चेक नहीं हो पाए क्लियर.
सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंककर्मियों की दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल सोमवार से शुरू हो गई। प्रमुख यूनियनों के नेताओं ने इस हड़ताल के पूरी तरह सफल रहने का दावा किया है। उनका हड़ताल मूल्य कहना है कि 16,500 करोड़ रुपये मूल्य के दो करोड़ चेक/ इंस्ट्रुमेंट्स का क्लियरेंस प्रभावित हुआ है। ऑल इंडिया बैंक हड़ताल मूल्य इम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के महासचिव सी. एच. वेंकटाचालम ने कहा, ”करीब 16,500 करोड़ रुपये मूल्य के औसतन दो करोड़ चेक का क्लियरेंस रूक गया है। सरकारी ट्रेजरी से जुड़ा कामकाज और सामान्य बैंकिंग लेनदेन भी प्रभावित हुआ है।”
वेंकटाचालम के मुताबिक करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों ने सरकारी बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को काम नहीं किया। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने IDBI Bank के अलावा दो अन्य बैंकों के निजीकरण का फैसला किया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने इसके खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है।
AIBEA के महासचिव ने कहा, ”विभिन्न राज्यों से हमें जो रिपोर्ट्स मिल रही हैं, उनके मुताबिक सभी केंद्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुई हैं।”उन्होंने कहा कि अधिकतर शाखाएं नहीं खुलीं और बैंकों के बंद होने के कारण नए चेक स्वीकार नहीं किए गए।
वेंकटाचालम ने कहा कि बैंक निजी हाथ में हड़ताल मूल्य ना जाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को बैंकों की हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा, ”हमारे लोगों की सेविंग्स को बचाने के लिए यह हड़ताल बुलायी गयी है। देश के प्राथमिकता वाले और कमजोर तबकों को अधिक लोन सुनिश्चित करने के हड़ताल मूल्य लिए इस हड़ताल का आयोजन किया गया है।”
उन्होंने कहा कि बैंक परिचालन लाभ प्राप्त कर रहे हैं लेकिन कॉरपोरेट लेनदारों के कर्ज नहीं चुकाने की वजह से की जाने वाली प्रोविजनिंग के चलते शुद्ध आधार पर घाटे में चले जा रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर के नौ यूनियनों के अम्ब्रेला बॉडी UFBU ने दो दिनों की इस हड़ताल का आह्वान किया है।
बैंक हड़ताल से देश भर में सेवा हुई प्रभावित
नई दिल्ली : बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के विरोध और वेतन वृद्धि की मांग पर बैंकों के कर्मचारी संघों के प्रतिनिधि संगठन की घोषणा पर देश भर में बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण बैंकिंग सेवा ठप्प हो गई। सरकारी बैंकों के पांच कर्मचारी संघों तथा चार अधिकारी संघों के प्रतिनिधि संगठन युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने कहा कि 27 सरकारी, 12 निजी, आठ विदेशी तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 10 लाख से अधिक कर्मचारी तथा अधिकारी सोमवार को दो दिनों की हड़ताल पर चले गए।
एटीएम हालांकि चालू रहे, लेकिन देश भर में बैंकों में नकदी निकासी, जमा और चेक क्लियरेंस प्रक्रिया आंशिक तौर पर बाधित रही। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा कि पूरे देश में 7,40,000 करोड़ रुपये के करीब 10 करोड़ चेकों का क्लियरेंस नहीं हो पाया। चेन्नई क्लियरिंग हाउस में करीब 64 हजार करोड़ रुपये मूल्य के करीब 90 लाख चेक को क्लियर नहीं किया जा सका।
उन्होंने कहा कि हड़ताल के मंगलवार को भी जारी रहने पर उपकरणों का मूल्य और उसकी संख्या और बढ़ सकती है। हड़ताल के मंगलवार को भी जारी रहने पर एटीएम से नकदी खत्म हो जाने की आशंका है। यूएफबीयू ने इससे पहले 20-21 जनवरी को हड़ताल घोषित की थी, लेकिन इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने पांच फीसदी वेतन वृद्धि की पुरानी पेशकश को बढ़ाकर 9.5 फीसदी कर दिया और इसमें और वृद्धि करने का वादा किया। इसके बाद हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था। 27 जनवरी को हुई वार्ता में आईबीए ने हालांकि इसे 9.5 फीसदी से मामूली बढ़ाकर 10 फीसदी ही किया, जिसे यूएफबीयू ने खारिज कर दिया। यूएफबीयू 30 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग कर रहा है, क्योंकि नवंबर 2012 के बाद वेतन वृद्धि नहीं हुई है।
यूएफबीयू वेतन वृद्धि की मांग के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का भी विरोध कर रहा है। इन सुधारों में शामिल है निजीकरण, विलय, निजी कंपनियों को नए बैंक लाइसेंस जारी किया जाना, बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां तथा अन्य मुद्दे। कर्नाटक में 50 हजार कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण करीब 10 हजार बैंक शाखाओं का काम काज ठप्प रहा। कोलकाता में कुछ निजी बैंक शुरू में खुले थे, लेकिन हड़तालियों ने उन्हें बंद करवा दिया। लगभग सभी एटीएम के बंद हो जाने के कारण लोगों को परेशानी हुई। उत्तर हड़ताल मूल्य प्रदेश में सरकारी और निजी बैंकों के लगभग 90,000 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर रहे। प्रदेश में करीब 6,000 हड़ताल मूल्य सरकारी बैंकों में कामकाज ठप रहा। राजधानी लखनऊ में 350 शाखाओं के करीब 6,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे।
मुंबई में भी हड़ताल के कारण बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ। शहर में सरकारी, निजी, कई विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में ताले लटके रहे। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के सभी इलाकों के राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों का कामकाज पूरी तरह ठप्प रहा। तमिलनाडु में राष्ट्रीय, निजी, विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के करीब 1,00,000 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बिहार में करीब 40 हजार से ज्यादा बैंक अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। एक अनुमान के मुताबिक करीब 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।
छत्तीसगढ़ में 5 हजार बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। राजधानी रायपुर में 30 बैकों के कर्मचारियों ने पंजाब नेशनल बैंक के कार्यालय के सामने मोती बाग चौक पर प्रदर्शन किया। एक अनुमान के मुताबिक बैकों की हड़ताल से प्रदेश में करीब 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। (एजेंसी)
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राशन की दुकानों के सेल्समेन हड़ताल पर, प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध- MP NEWS
अशोकनगर। राशन दुकानदारों पर हुई एफआइआर के विरोध में शनिवार से जिले के सभी सेल्समेनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इसके अलावा इन्होंने वेतन न मिलने की मांग भी उठाई है। सेल्समेनों का कहना है कि जो राशन आया ही नहीं, उसको आधार बनाकर प्रशासन द्वारा गलत एफआइआर की जा रही है।
शासकीय उचित मूल्य दुकानदार कल्याण संघ के हड़ताल मूल्य जिला अध्यक्ष लखन यादव ने बताया कि करीब एक साल हो गया है हम सेल्समेनों को वेतन नहीं दिया गया। इसके हड़ताल मूल्य अलावा अक्टूबर 2019 में शासन स्तर ही गलती के कारण डबल राशन स्टाक में दिखने लगा था, बाद में इसे हटाया गया, तो करीब 70 फीसद दुकानों से हट गया, मगर 30 फीसद दुकानों पर यह स्टाक अभी भी दर्शा रहा है, जिस कारण कोई भी अधिकारी जांच के लिए आता है, तो उसे यह राशान स्टाक में दिखता है और वह गड़बड़ी समझकर हमारे खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआईआर करा देता है। इसके अलावा सेल्समेनों पर होने वाली एफआइआर में धारा 409 का उपयोग किया जाता है, जो कि डाकू और लुटेरों के लिए लगाते हैं। हम लोग कोई डाकू या लुटेरे नहीं है।
सेल्समेन बोले- नहीं मनाएंगे अन्ना उत्सव
प्रदेश सरकार द्वारा हर माह की सात तारीख को अन्ना उत्सव मनाया जाता है। फरवरी माह की सात तारीख भी आने वाली है। ऐसे में अन्ना उत्सव कैसे मनेगा, इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। सेल्समेनों ने कह दिया है कि वह इस अन्ना उत्सव में शामिल नहीं होंगे। गत रोज उन्होंने डिप्टी कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में भी इस बात का जिक्र किया था। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.