रणनीति व्यापार

इसके साथ ही उन्होंने इस बारे में भी अनिश्चितता जताई कि इस प्रारूप के तहत एक उभरती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए किफायती एवं कम लागत वाली ऊर्जा को लेकर किसी तरह का भेदभाव तो नहीं किया जाएगा।
भारत अभी आईपीईएफ के व्यापार समूह का हिस्सा नहीं, अपनाएगा इंतजार की रणनीति
लॉस एंजिलिस, 10 सितंबर (भाषा) भारत ने 14 सदस्यीय हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप (आईपीईएफ) के व्यापार समूह से फिलहाल खुद को अलग रखा है लेकिन उसने बाकी तीन क्षेत्रों- आपूर्ति शृंखला, हरित अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से जुड़ने का फैसला किया है।
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आईपीईएफ की यहां आयोजित दो-दिवसीय मंत्री-स्तरीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि भारत इस संगठन के व्यापार खंड का हिस्सा रणनीति व्यापार बनने को लेकर बातचीत जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि व्यापार खंड का औपचारिक रूप से हिस्सा बनने के पहले भारत इसकी रूपरेखा के बारे में स्पष्टता आने का इंतजार करेगा।
गोयल ने कहा, ‘‘व्यापार से संबंधित स्तंभ में सभी देशों के बीच रणनीति व्यापार खासकर पर्यावरण, श्रम, डिजिटल व्यापार, सार्वजनिक खरीद से संबंधित रूपरेखा के बारे में व्यापक सहमति बननी अभी बाकी है। हमें यह देखना है कि सदस्य देशों को व्यापार से संबंधित किस तरह के लाभ होंगे।’’
व्यापारी जागरूकता सम्मेलन में तय होगी आंदोलन की रणनीति
-उद्योग व्यापार संगठन के पदाधिकारी बोले छापेमारी कर व्यापारियों का किया जा रहा उत्पीड़न
-17 दिसंबर को गूलर रोड एक पैलेस में व्यापारी जागरूकता कार्यक्रम में तय करेंगे आंदोलन की रणनीति
अलीगढ़। कार्यालय संवाददाता
आगरा रोड स्थित जिज्ञासु भवन में मंगलवार को उद्योग व्यापार संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें सरकारी विभागों द्वारा की जा रही छापेमारी का विरोध किया गया। व्यापारियों ने कहा कि व्यापारियों को उत्पीड़न से बचाने के लिए एकजुटता व आंदोलन की जरूरत है। 17 दिसंबर को व्यापारी जागरूकता सम्मेलन में व्यापारी आंदोलन की रणनीति तय करेंगे।
भारत में वैकल्पिक निर्यात रणनीति की जरूरत
भारतीय रिजर्व बैक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कुछ दिनों पहले एक साक्षात्कार में सुझाव दिया था कि सलाहकार, विधि, दवा, लेखा आदि पेशेवर सेवाओं के साथ सूचना-प्रौद्योगिकी संबद्ध एवं समर्थित सेवाएं (आईटीईएस) भारत की निर्यात नीति का प्रमुख हिस्सा होना चाहिए। राजन ने कहा कि विनिर्माण की जगह इन सेवाओं को निर्यात में प्रमुखता दी जानी चाहिए।
यह सच है कि देश से होने वाले निर्यात में आईटीईएस, सॉफ्टवेयर और सलाहकार सेवाओं की बड़ी हिस्सेदारी रही है। कोविड-19 खासकर महामारी के समय यह हिस्सेदारी और बढ़ गई। मगर निर्यात बढ़ाने में इन सेवाओं को प्रमुख हथियार बनाने की बात पूरी तरह तर्कसंगत नहीं लगती है। पेशेवर सेवाओं में अधिक प्रशिक्षित कर्मियों की जरूरत होती है, इसलिए ये वर्तमान में देश के समक्ष बढ़ती बेरोजगारी एवं अनौपचारिक क्षेत्र में कम प्रशिक्षित लोगों के समक्ष रोजगार की कमी की समस्या दूर नहीं कर सकती हैं। देश में अनौपचारिक क्षेत्र की रोजगार सृजन में 85 प्रतिशत तक हिस्सेदारी होती है। कोविड महामारी के दौरान अनौपचारिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग रणनीति व्यापार बेरोजगार हो गए हैं। इस वजह से संरचनात्मक समस्याएं और गहरा गई हैं। अधिक कौशल की जरूरत वाली गतिविधियों से ऊंची योग्यता वाले सलाहकारों और पेशेवरों की मांग तो बढ़ेगी मगर इससे महामारी के दौरान दिखा असमान सुधार का संकट और विकराल हो जाएगा।
भुगतान में पारदर्शिता
ईकामर्स व्यवसायों के बावजूद एक विशाल रणनीति व्यापार सरणी है भुगतान समाधान चुनने के लिए, अधिकांश भुगतान समाधान पूरी तरह से सही नहीं हैं। भुगतान में पारदर्शिता ईकामर्स में ब्लॉकचेन का एक और महत्वपूर्ण लाभ है। ब्लॉकचेन प्रत्येक शेयर को एक साझा लेज़र में रिकॉर्ड करता है जो संरक्षित है और इसे किसी के द्वारा साझा या संशोधित नहीं किया जा सकता है।
यह ई-कॉमर्स संचालन के लिए ऑनलाइन भुगतान लेनदेन के लिए उच्च सुरक्षा प्रदान करता है। सुरक्षा के साथ, यह विकेंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से दृश्यता और तेज रणनीति व्यापार प्रसंस्करण गति प्रदान करता है।
इसके अलावा, कोई भी देश या मुद्रा ब्लॉकचेन को बाध्य नहीं करता है। इस प्रकार ईकामर्स में ब्लॉकचेन-आधारित मुद्राओं के उपयोग से अंतरराष्ट्रीय ईकामर्स स्टोर के लिए लेनदेन की लागत कम होगी। ईकामर्स के लिए ब्लॉकचेन का लाभ उठाकर, व्यवसाय अपने वर्कफ़्लो, मौजूदा भुगतान विधियों और परिचालन दक्षता में सुधार कर सकता है।
लागत प्रभावशीलता
बिटकॉइन और क्रिप्टोक्यूरेंसी का उपयोग अधिकांश ईकामर्स विक्रेताओं द्वारा लागत प्रभावी डिजिटल भुगतान समाधान का लाभ उठाने के लिए किया जाता है। चूंकि क्रिप्टो-लेनदेन में कोई भुगतान प्रक्रिया शामिल नहीं है, ईकामर्स व्यवसाय शून्य प्रसंस्करण शुल्क पर इस मुद्रा को स्वीकार कर सकते हैं।
इसी तरह, ईकामर्स में ब्लॉकचेन उन मार्केटप्लेस के विकेंद्रीकरण का समर्थन करता है जो डिजिटल लेनदेन की लागत को स्वचालित रूप से कम करते हैं। यह ग्राहकों के लिए कम कीमतों में परिणाम देगा और दोनों व्यापारियों के साथ-साथ खरीदारों के लिए भी एक लागत प्रभावी तरीका है।
डेटा सुरक्षा
उपभोक्ता डेटा की सुरक्षा ईकामर्स फर्मों के लिए एक सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह हमेशा उद्योग में बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है। चाहे विकेंद्रीकृत या क्लाउड-सक्षम, डेटा आसानी से कमजोर एन्क्रिप्शन का शिकार हो सकता है। यहां तक कि अच्छी तरह से एन्क्रिप्टेड समाधान इन दिनों आधुनिक तरीकों से आसानी से हैक हो सकते हैं।
ईकामर्स में ब्लॉकचेन एक रास्ता प्रदान करता है डेटा चोरी के जोखिम का मुकाबला करें एक विकेन्द्रीकृत पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग रणनीति व्यापार करके जो एकल प्रविष्टि बिंदु से हैक करना असंभव बनाता रणनीति व्यापार है। ईकामर्स में ब्लॉकचैन-आधारित प्रणालियों को अपनाने से हैकर्स को संवेदनशील ग्राहक जानकारी और डेटाबेस तक पहुंचने से रोकने के लिए व्यवसायों को सक्षम किया जाएगा। इसी समय, प्रौद्योगिकी सुनिश्चित करती है कि आपका व्यवसाय डेटा सुरक्षा नियमों का अनुपालन करता है।
विदेश दौरों से व्यापार में सुधार की रणनीति
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी से घटती भारतीय उपस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने नई रणनीति पर काम करने का फैसला किया है। दुनिया के दूसरे देशों के साथ कूटनीतिक संबंधों के मुकाबले अब सरकार धीरे-धीरे वाणिज्यिक रिश्तों को अहमियत देने की तरफ बढ़ेगी। इसके लिए मंत्रियों और अधिकारियों के विदेश दौरों की योजना इस लिहाज से बनाई जाएगी, जिससे दूसरे देशों के साथ भारत के व्यापारिक रिश्तों को भी रणनीति व्यापार मजबूत किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक अगले एक साल तक सरकार इसी योजना के मुताबिक विदेश दौरों के कार्यक्रम तैयार करेगी। इसके तहत एक व्यापक रणनीति बनाई गई है। इस रणनीति के तहत प्रत्येक महीने किसी मंत्री, नौकरशाह या किसी सरकारी प्रतिनिधिमंडल का विदेश दौरा सुनिश्चित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार पूरे एक साल इसी रणनीति पर चलना चाहती है।