कॉमर्स का अर्थ एंव परिभाषाएँ

ई-कॉमर्स का प्रारंभ : भारत में ई कॉमर्स अभी अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ है लेकिन ऐसी आशा की जा रही है कि यह बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जायेगा। अभी कुछ दिनों पहले हिमाचल में इंटरनेट के द्वारा एक तर्क सेब बेचा गया था। सुनील मेहता ने इस प्रकार का पहला विक्रय किया था।
जर्नल का अर्थ, परिभाषा, लाभ एंव जर्नल का प्रारूप | Definition, Benefits and Format of Journal in hindi
जर्नल प्रारंभिक लेखे की तरह वह पुस्तक है जिसमें सौदों का लेखा स्मारक बुक से तिथिवार किया जाता है तथा जिन सौदों का विवरण स्मारक बुक में नहीं दिया जाता उन्हें सौधा इस पुस्तक में लिख दिया जाता है। इस पुस्तक में लेखा क्रमानुसार किया जाता है।
जर्नल (Journal) फ्रेंच भाषा के Jour शब्द से बना है। इसका अर्थ डायरी है। हिन्दी में इसका अनुवाद रोचनामचा कहा जाता है। जर्नल या पंजी वह सहायक पुस्तक है, जिसमें व्यवसाय के प्रत्येक वित्तीय सौदे के दोनों रूपों (Aspects) का प्रारंभिक लेखा तारीखवार एवं क्रमानुसार नियमों के अनुसार किया जाता है।
जर्नल (Journal) |
जर्नल की परिभाषा
एल. सी. क्रापर - “जर्नल एक ऐसा पुस्तक है जो व्यवहारों को इस रूप में वर्गीकृत करने या कॉमर्स का अर्थ एंव परिभाषाएँ छाँटने हेतु प्रयोग की जाती है, जिनसे बाद में खाता बही में प्रविष्टि करने में सुविधा बनी रहे।"
एम. जे. कील - “जर्नल (पंजी) अथवा रोचनामचा एक व्यावसायिक अभिलेख है, जिसमें मूल रूप से व्यवहारों को लिखा जाता है तथा जिसमें समस्त व्यवहारों को व्यवस्थित रूप में तथा तिथि क्रम में एक स्थान पर प्रस्तुत किया जाता है।"
कार्टर - “जर्नल प्रारंभिक लेने की प्रथम पुस्तक है जिसमें स्मारक बही से व्यवहार उतारे जाते हैं। इन व्यवहारों का तिथिवार क्रमानुसार डेबिट (नाम) व क्रेडिट (जमा) में वर्गीकृत कर संक्षिप्त व्यौरा सहित दोहरा लेखा प्रणाली के अनुसार लेखा किया जाता है।”
संक्षेप में कहा जा सकता है कि जर्नल वह पुस्तक है, जिसमें व्यवसाय के प्रत्येक सौदे को जो मुद्रा में हो या मुद्रा में मापा जा सके के दोनों रूपों अर्थात् डेबिट तथा क्रेडिट का प्रारंभिक लेखा तिथिवार क्रमानुसार किया कॉमर्स का अर्थ एंव परिभाषाएँ जाता है।
जर्नल का प्रारूप (Proforma of Journal)
व्यवसाय में इस बही को रखने की आवश्यकता को निम्नलिखित विन्दुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है -
1. सौदों की सम्पूर्ण वास्तविक जानकारी रखने में सहायक - नकल बही में प्रत्येक व्यावसायिक व्यवहारों का सम्पूर्ण विवरण तिथिवार रखा जाता है, जिसे आवश्यकता अनुसार सत्यता हेतु प्रस्तुत किया जाता है।
2. खाताबही की सहायक - नकल यही में किये गये लेखों के आधार पर खातों का वर्गीकरण किया जाता है। इस तरह नकल बही खाता बही के निर्माण में सहायक है।
3. सौदों का संक्षिप्त विवरण - नकल बहो में प्रत्येक सौदे की प्रविष्टि करने के बाद सौदों का संक्षिप्त विवरण भी लिखा जाता है। अतः कम समय में किसी भी सौदे की जानकारी सरलता से प्राप्त किया जाता है।
4. नाम एवं जमा का ज्ञान - नकल बड़ी के माध्यम से यह ज्ञात हो जाता है कि किस खाते में कितनी राशि जमा (Credit) किया गया है।
ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
भूमिका : आजकल लोग प्राचीन तरीकों को बहुत ही कम अपनाते है वे प्राचीन तरीकों को अपनाने की जगह पर आधुनिक तरीकों को अधिक अपनाते हैं। पुराने तरीकों में काम बहुत ही समय में होता है लेकिन आधुनिक तरीकों से काम बहुत ही जल्दी हो जाता है।
ई-कॉमर्स का अर्थ : ई कॉमर्स का अर्थ होता है इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या हम कह सकते हैं इंटरनेट द्वारा व्यापार करना। आज के समय में इटरनेट के व्यापार में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। सन् 1998 में इस मिडिया से 43 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। यह आज तक बहुत उन्नति कर रहा है।
सत्यकेतु विद्यालंकार के अनुसार संस्कृति की परिभाषाएँ
- सत्यकेतु विद्यालंकार ने लिखा है - ' मनुष्य अपनी बुद्धि का प्रयोग कर कर्म के क्षेत्र में जो सृजन करता है , उसको संस्कृति कहते हैं ।
- रामधारी सिंह दिनकर के अनुसार ' संस्कृति मानव -जीवन में उसी तरह व्यापत है , जिस प्रकार फूलों में सुगंध और दूध में मक्खन के पास हैं , वे चीजें जो वे करते हैं। '
हर्सकोविट्ज के अनुसार संस्कृति की परिभाषाएँ
- हर्सकोविट्ज ने संस्कृति को मनुष्य का समस्त सीखा हुआ व्यवहार कहा है अर्थात् वे चीजें , जो मनुष्य के पास हैं , वे चीजें जो वे करते हैं और वह सब जो वे सोचते हैं , संस्कृति हैं।
- प्रसिद्ध अँग्रेजी कवि टी.एस. इलियट के अनुसार ' शिष्ट व्यवहार , ज्ञानार्जन , कलाओं के अस्वाद आदि के अतिरिक्त किसी जाति अथवा राष्ट्र को वे समस्त क्रियाएँ व कार्य , जो उसे विशिष्ट बनाते हैं , उसकी संस्कृति के अंग है। '
उक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि संस्कृति किसी भी समाज परम्परा से मिली भौतिक एवं अभौतिक विरासत का नाम है। संस्कृति विचार और आचरण के वे नियम और मूल्य हैं , जिन्हें कोई समाज अपनी विकास यात्रा के दौरान प्राप्त करता है।
ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
भूमिका : आजकल लोग प्राचीन तरीकों को बहुत ही कम अपनाते है वे प्राचीन तरीकों को अपनाने की जगह पर आधुनिक तरीकों को अधिक अपनाते हैं। पुराने तरीकों में काम बहुत ही समय में होता है लेकिन आधुनिक तरीकों से काम बहुत ही जल्दी हो जाता है।
ई-कॉमर्स का अर्थ : ई कॉमर्स का अर्थ होता है इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या कॉमर्स का अर्थ एंव परिभाषाएँ हम कह सकते हैं इंटरनेट द्वारा व्यापार करना। आज के समय में इटरनेट के व्यापार में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। सन् 1998 में इस मिडिया से 43 अरब डॉलर कॉमर्स का अर्थ एंव परिभाषाएँ का व्यापार हुआ था। यह आज तक बहुत उन्नति कर रहा है।
निरीक्षण के दोष (Inspection Defects)
निरीक्षण के दृष्टिकोण सुधारात्मक, सकारात्मक, रचनात्मक न होकर नकारात्मक आलोचनात्मक व विध्वंसात्मक है। अतः निरीक्षण विधि के दोषों की चर्चा अग्रलिखित विन्दुओं के आधार पर की जाती है-
1. निरीक्षण का केन्द्रीकृत प्रारूप:- निरीक्षण नीतियों का निर्धारण अधिकारी वर्ग द्वारा किया जाता है, जो विद्यालय की वास्तविक स्थिति से अनभिज्ञ होते हैं। यदि इन नीतियों के निर्धारण में अध्यापकों का सहयोग लिया जाए तो निरीक्षण अधिक सार्थक व सफल हो सकता है परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि निरीक्षण प्रक्रिया केन्द्रीकृत योजना है जिसमें उन तत्त्वों की उपेक्षा की जाती है, जिन्हें वास्तव में महत्त्वपूर्ण स्थान मिलना चाहिए।
2. अयोग्य निरीक्षक:- आज निरीक्षक पद पर जिन व्यक्तियों का चयन किया जाता है, आवश्यक नहीं कि उन्हें शिक्षण का अनुभव हो ही और इसके अभाव में वह शिक्षा की प्रक्रिया को समझे बिना ही निरीक्षण कार्य करते हैं, जो बहुत अधिक विश्वसनीय नहीं होता। साथ ही निरीक्षक के अन्दर जो नेतृत्व को भावना होनी चाहिए, वह भी उनमें निहित नहीं होती। वास्तव में यदि देखा जाए तो निरीक्षण एक विशिष्ट प्रकृति का कार्य है और इसके लिए ऐसे ही व्यक्तियों की नियुक्ति की जानी चाहिए जो इसमें विशेष दक्ष हो।