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मौजूदा रुझान

मौजूदा रुझान
इ​क्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अ​धिकारी जी चोकालिंगम का मानना है, ‘भारतीय बाजारों में बिकवाली काफी बढ़ गई है। भारतीय बाजारों में ऐसी कई समस्याएं दिखी हैं जो मूल रूप से विदेशों से जुड़ी हुई हैं। जहां कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान घटाए हैं, वहीं यह देश वै​श्विक तौर पर तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। तेल कीमतों में गिरावट, अच्छे मॉनसून, खरीफ फसल में सुधार से भी धारणा मजबूत होगी। अमेरिकी फेड ने मौजूदा दर वृद्धि के साथ ​ल​क्षित वृद्धि के 65 प्रतिशत को पार कर लिया है। निवेशकों को मौजूदा गिरावट का इस्तेमाल अच्छी गुणवत्ता वाले शेयर खरीदने में करना चाहिए।’

निफ्टी 500 के आधे शेयर 200 डीएमए से नीचे आए

बाजारों में पिछले सप्ताह से गिरावट का रुझान बना हुआ है। पिछले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में 75 आधार अंक तक की वृद्धि की थी। वर्ष 2022 में अमेरिकी केंद्रीय मौजूदा रुझान बैंक द्वारा दरों में यह तीसरी वृद्धि थी। सेंसेक्स और मौजूदा रुझान निफ्टी-50 में तब से करीब 4 प्रतिशत गिरावट आई है और कुल प्रतिफल के संदर्भ में इन सूचकांकों का प्रतिफल 2022 में बढ़ने के बजाय नीचे आ गया है।

तकनीकी संकेतकों से पता चलता है कि निफ्टी-500 सूचकांक में शामिल 268 शेयरों में गिरावट आई और वे अपने 200 डीएमए से नीचे आ गए हैं। दीर्घाव​धि निवेशकों के लिए, 200-डीएमए किसी शेयर या सूचकांक में मौजूदा रुझान का व्यापक संकेत मुहैया कराता है। कारोबारी ऐसे शेयर पसंद करते हैं जो 200-डीएमए से ऊपर हों, क्योंकि उनमें बेहतर प्रदर्शन करने की अ​धिक संभावना होती है।

विश्लेषकों का मानना है कि बिकवाली काफी बढ़ गई है, क्योंकि निवेशकों में अमेरिकी फेड द्वारा दर वृद्धि के बाद चिंता पैदा हुई है। उनका कहना है कि भारतीय बाजार अभी भी मध्याव​धि से दीर्घाव​धि के नजरिये से ‘गिरावट पर खरीदें’ की ​स्थिति में हैं।

Uttar Pradesh Election Results: रुझानों पर बोले उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा; 'बीजेपी तोड़ देगी 2017 का रिकॉर्ड'

Uttar Pradesh Election Results: उत्तर प्रदेश चुनाव की मतगणना के शुरुआती रुझानों से संकेत मिलता है कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी से आगे चल रही है। रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए और अपनी पार्टी की जीत मौजूदा रुझान पर भरोसा जताते हुए, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि नवीनतम चुनाव विपक्ष के लिए एक परीक्षा होगी क्योंकि मौजूदा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार न केवल अपना कार्यकाल जारी रखेगी बल्कि '2017 के यूपी चुनाव का रिकॉर्ड तोड़ देगी।'

यूपी के डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा, "लोगों ने उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ा है। ऐसा लगता है कि लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम मौजूदा रुझान योगी के तहत योजनाओं को अपनाया है। मुझे यकीन है कि उत्तर प्रदेश के भीतर हमारे विकास कार्यों में तेजी आएगी और गति मिलेगी।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि बीजेपी 2017 के यूपी चुनावों में बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ देगी।"

उत्तराखंड चुनाव: BJP में टिकट कटने के बाद यूपी जैसे होंगे हालात?

उत्तराखंड चुनाव: BJP में टिकट कटने के बाद यूपी जैसे होंगे हालात?

सत्ता विरोधी रुझान को खत्म करने के लिए भाजपा उत्तराखंड में अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है। हालांकि इसके बावजूद पार्टी उत्तराखंड में यूपी जैसे पालाबदल न होने को लेकर निश्चित नजर आती है। भाजपा के आंतरिक सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी के कई मौजूदा विधायकों के टिकट खतरे में पड़ गए हैं। इन विधायकों को पार्टी के भीतर से ही कड़ी चुनौती भी मिल रही है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे विधायकों की सँख्या बीस तक पहुंच सकती है।

छटनी की जद में आने वाले विधायकों को भी इसकी भनक लग चुकी है। इस कारण ऐसे विधायक अब एकजुट होकर प्रमुख नेताओं से मिल रहे हैं। हालांकि पार्टी पर विधायकों की इस लामबंदी से खास फ़र्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। पार्टी नेतृत्व टिकट कटने के बावजूद इनमें से ज्यादातर के पार्टी में ही बने रहने को लेकर आश्वस्त है। इसकी एक अहम वजह यूपी के विपरीत यहां सियासी विकल्प सीमित होने में हैं। इन विधायकों के मुकाबले मुख्य विपक्षी कांग्रेस के पास पहले से ही मजबूत नेता है।

उत्तराखंड चुनाव: BJP में टिकट कटने के बाद यूपी जैसे होंगे हालात?

उत्तराखंड चुनाव: BJP में टिकट कटने के बाद यूपी जैसे होंगे हालात?

सत्ता विरोधी रुझान को खत्म करने के लिए भाजपा उत्तराखंड में अपने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की तैयारी कर रही है। हालांकि इसके बावजूद पार्टी उत्तराखंड में यूपी जैसे पालाबदल न होने को लेकर निश्चित नजर आती है। भाजपा मौजूदा रुझान के आंतरिक सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी के कई मौजूदा विधायकों के टिकट खतरे में पड़ गए हैं। इन विधायकों को पार्टी के भीतर से ही कड़ी चुनौती भी मिल रही है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे विधायकों की सँख्या बीस तक पहुंच सकती है।

छटनी की जद में आने वाले विधायकों को भी इसकी भनक लग चुकी है। इस कारण ऐसे विधायक अब एकजुट होकर प्रमुख नेताओं से मिल रहे हैं। हालांकि पार्टी पर विधायकों की इस लामबंदी से खास फ़र्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। पार्टी नेतृत्व टिकट कटने के बावजूद इनमें से ज्यादातर के पार्टी में ही बने रहने को लेकर आश्वस्त है। इसकी एक अहम वजह यूपी के विपरीत यहां मौजूदा रुझान सियासी विकल्प सीमित होने में हैं। इन विधायकों के मुकाबले मौजूदा रुझान मुख्य विपक्षी कांग्रेस के पास पहले से ही मजबूत नेता है।

शुरुआती रुझानों में सर्बिया के मौजूदा राष्ट्रपति की जीत

सर्बिया के राष्ट्रीय चुनाव में सोमवार को आधिकारिक शुरुआती रुझानों में मौजूदा राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक और अस्थिर बाल्कन एवं यूरोप में रूस की महत्वपूर्ण सहयोगी रही उनकी पार्टी की जीत की पुष्टि होती दिख रही है।

शुरुआती रुझानों में सर्बिया के मौजूदा राष्ट्रपति की जीत

सर्बिया के राष्ट्रीय चुनाव में सोमवार को आधिकारिक शुरुआती रुझानों में मौजूदा राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक और अस्थिर बाल्कन एवं यूरोप में रूस की महत्वपूर्ण सहयोगी रही उनकी पार्टी की जीत की पुष्टि होती दिख रही है। मतों की गिनती लगभग पूरी हो चुकी है और सरकारी चुनाव अधिकारियों के आंकड़े के अनुसार, वूसिक ने रविवार के राष्ट्रपति पद के लिए हुए वोट में लगभग 60 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन के साथ भारी जीत हासिल की, जबकि उनकी सर्बियन प्रोग्रेसिव पार्टी ने 43 प्रतिशत मत हासिल किए।

रेटिंग: 4.14
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 697
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