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शेयर मार्केट अकाउंट क्या है?

शेयर मार्केट अकाउंट क्या है?

Demat और Trading अकाउंट में क्या फर्क होता है? स्टॉक ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें ये कैसे होते हैं अलग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

Representative Image (Source: Pexels)

शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपके पास इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट रखना स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सबसे पहली शर्त है. इसके अलावा एक ट्रेडिंग अकाउंट भी है, जिसकी जरूरत आपके इन्वेस्टमेंट नेचर के हिसाब से पड़ती है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इनका फर्क, इनका काम और इनका रोल समझना जरूरी है.

Demat Account क्या होता है?

डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं.

इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?

डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में कुछ बेसिक फर्क

1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.

2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.

3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.

डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?

आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.

हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए जरूरी हैं ये दो अकाउंट, जानिये डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है

नई दिल्‍ली, ब्रांड डेस्‍क। आज के माहौल में सिर्फ पारंपरिक निवेश के विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निर्भर रहना बेवकूफी है। बढ़ती महंगाई ना सिर्फ आपका मुनाफा खा रहा है बल्कि आपकी बचत में सेंध लगा रहा है। ऐसे में निवेशक को निवेश का ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो ना सिर्फ महंगाई को मात दे सके बल्कि आपको भविष्य को भी सुरक्षित कर सके। निवेश का यह विकल्प है स्टॉक मार्केट। तकनीक के इस दौर में शेयर बाजार में निवेश बहुत आसान हो गया। एक डीमैट अकाउंट खोलकर आप बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। बैंक खाते की तरह इसमें आपके शेयर जमा होते हैं।

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कैसे होती है सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account, दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है। निवेश काफी अहम प्रक्रिया होती है और उसमें बड़े पैमाने पर कैश का इस्तेमाल होता है इसलिए तीनों चरणों को अलग अलग रखा गया है। जब कोई निवेशक कारोबार करना चाहता है तो पहले वो कैश को बैंक खाते से रिलीज करता है, जिसके बाद इस रिलीज की गई रकम के आधार पर ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। ऑर्डर पूरा होने पर खरीदी गई सिक्योरिटी को Demat Account में सुरक्षित कर लिया जाता है। वहीं बिक्री की स्थिति में पहले निवेशक डीमैट अकाउंट में उन सिक्योरिटी को चुनता है जिसे उसे बेचना हो, इसका बाद Trading Account में ऑर्डर का विकल्प दिखता है। शेयर की बिक्री का ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है। डील पूरी होने पर डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटी रिलीज कर उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है जिसने इन सिक्योरिटी को खरीदा है और वहां से मिला पैसा सिक्योरिटी बेचने वाले निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। देखने में ये काम काफी पेचीदा लगता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी के हाथ में होती है। निवेशक सिर्फ कुछ जानकारी भर कर और कुछ विकल्पों का चुनाव कर ये प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर सकता है।

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डीमैट अकाउंट क्या है

जहां आपके शेयर और निवेश कागजात डिजिटल रूप में रखे जाते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है

इसके जरिए आप ट्रेडिंग कर सकते हैं, सिक्योरिटी खरीद सकते हैं, निवेश कर सकते हैं और ये डीमैट अकाउंट से लिंक होता है।

डिपॉजिटरी क्या होते हैं

डिपॉजिटरी वो संस्थाएं होती हैं जहां निवेशकों के सभी निवेश डॉक्यूमेंट सुरक्षित होते हैं। देश में दो डिपॉजिटरी हैं जिन्हें एनएसडीएल और सीडीएसएल के रूप में जाना जाता है। इन संस्थाओं के साथ डिपॉजिरी पार्टिसिपेंट यानि डीपी जुड़े होते हैं जिन्हें हम शेयर ब्रोकर के रूप में भी जानते हैं। ये ग्राहकों को सेवाएं देते हैं और एनएसडील या सीडीएसएल और आम निवेशकों के बीच लिंक का काम करते हैं। उदाहरण के लिए एनएसडील के जुड़े डीपी या Broking फर्म अपने ग्राहकों के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं और इन ग्राहकों के निवेश डिजिटल रूप में NSDL में डिपॉजिट होते हैं। वहीं CDSL के साथ जुड़े डीपी अपने ग्राहकों को डीमैट की सुविधा देते हैं और इन निवेश दस्तावेजों को सीडीएसएल के पास सुरक्षित रखते हैं। ध्यान रखें कि डीमैट खाते डिपॉजटरी खोलती है, ब्रोकिंग फर्म या डीपी इसके लिए एक माध्यम होते हैं। जो कि आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की सुविधा देते हैं। 5paisa भी आपके लिए बिना शुल्क, बेहद कम समय में Demat Account खोलता है और साथ ही ब्रोकरेज के लिए आकर्षक दरें भी ऑफर करता है। तो आज ही 5paisa।com पर अपना Demat Account खोलें!

ट्रेडिंग के लिए Demat अकाउंट चाहिए तो अब तक का सबसे किफायती और आसान तरीका अपनाइए

भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। अगर आप भी शेयर मार्केट (Share Market ) में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं लेकिन Demat खाता खोलने, उसे समझने और उसके संचालन करने की बेसिक से ब्रॉड जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए अब आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब यह सभी काम पर आप अपने मोबाइल पर घर बैठे बिना किसी की मदद के कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपने फोन के गूगल प्ले स्टोर पर जाना होगा और वहां से 5paisa App डाउनलोड कर लेना है।

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क्या Demat खाता भी बैंक खाते की तरह ही होता है?

भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। डीमैट खाता एक तरह से बैंक अकाउंट की तरह ही होता है। लेकिन इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का वास्तविक अर्थ डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है, जिसकी मदद से शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस खाते के माध्यम से शेयरों व संबंधित डॉक्यूमेंट्स के रखरखाव की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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5paisa में कैसे लॉगिन करें अपना Demat Account

यदि आपके पास 5paisa App है तो अच्छा है लेकिन अगर आपके पास यह एप नहीं है तो तुरंत अपने फोन पर यह एप डाउनलोड कर लीजिए। क्योंकि ऑनलाइन ट्रेड के लिए यह पहला पड़ाव है। इस खाते की मदद से कोई भी निवेशक फिजिकल शेयर को डिमैडिमैटेरियलाइज कर सकता है।

इस एप पर डीमैट खाता खोलने वाले इच्छुक निवेशक के पास केवल उसका व्यक्तिगत पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र,पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा पते का प्रमाण जैसे राशन कार्ड, बिजली का बिल, टेलीफोन बिल, संपत्ति कर की रसीद, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, या आधार कार्ड भी मान्य होगा।

वहीं खाता खोलने के कैंडिडेट्स को आय का प्रमाण जैसे आयकर रिटर्न (ITR) की फोटोकॉपी, हाल की सैलरी स्लिप, वर्तमान बैंक का बैंक खाता विवरण, या स्वयं का कैंसिल चेक।

Demat vs Trading Account: डीमैट व ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

Demat vs Trading Account: इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं।

शेयर बाजार

शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।

आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।

विस्तार

शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें?

शेयर मार्किट के बारे में पूरी जानकारी होने के बाद आपको यह भी पता होना चाहिए कि इससे पैसा कमाने के लिए शेयर मार्किट का अकाउंट कैसे बनाये। अगर आपका Demat Account नहीं होगा तो आप ना तो शेयर खरीद सकते है और ना ही शेयर बेच सकते है।

तो हमारा यह आर्टिकल उन्हीं लोगों के लिए है। यहां हम आपको बताएंगे कि आप शेयर मार्किट में अकाउंट कैसे ओपन करे?

शेयर मार्केट अकाउंट की जानकारी

अगर आप भी शेयर खरीदना बेचना चाहते है तो आपके पास एक अकाउंट होना चाहिए, जिसे Demat Account के नाम से जाना जाता है। जब आप Demat Account बनाते है तो एक unique id मिलती है जिसके द्वारा ट्रेंडिंग और इन्वेस्टमेंट किया जाता है। यहाँ शेयर मार्केट के अकाउंट के लिए आपकी जरूरी डिटेल ली जाती है।

share market account kaise khole

अगर आपको भी शेयर मार्केट से पैसा कमाना है तो आपके पास Demat Account होना आवश्यक है। वैसे भी इन दिनों Demat Account खुलवाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस खाते को खुलवाने के लिए आप फाइनेंशियल प्लानर की मदद भी ले सकते हैं परंतु ऑनलाइन तरीके से स्वयं भी खोला जा सकता है।

अब हम आपको शेयर बाजार की जानी-मानी कंपनी Zerodha व Angel Broking के बारे में बताएंगे जिससे आप आसानी से Account बना पाएं। तो चलिए अब बात करते हैं कि शेयर मार्केट में अपना खाता कैसे खोला जाए।

Zerodha में शेयर मार्किट में अकाउंट कैसे बनाये?

हम आपको शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए Zerodha में अकाउंट खोलने के ऑनलाइन तरीके के बारे में बताएंगे, जो देखने में काफी मुश्किल लगता है लेकिन यह आसानी से बन जाता है।

Zerodha का interface user friendly है जिससे कुछ ही मिनटों में Demat Account एक्टिवेट हो जाता है, खास बात यह है कि आपको किसी ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ते। Zerodha में ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीके से अकाउंट खोले जाते हैं।

ऑफलाइन अकाउंट खोलने में लगभग 7 दिन का समय लगता है, वही ऑनलाइन अकाउंट 15 मिनट में खुल जाता है। Zerodha में अकाउंट खोलने के लिए आपको हमारे द्वारा बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:

Step 1 – सबसे पहले Zerodha की ऑफिशियल वेबसाइट www.zerodha.com पर जाएं व sign up वाले ऑप्शन पर क्लिक करें। निचे इसकी link दी गयी है.

Step 2 – यहां आपको अपना मोबाइल नंबर फिल करना पड़ेगा। इस नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे रजिस्टर करना होगा।

Step 3 – अब New Page पर आपको अपना नाम व E-mail id फिल करनी है और आपको E-Mail वेरीफिकेशन के लिए code भेजा जाएगा उसे फिल कर दें।

Step 4 – इसके बाद आप PAN Card number, Date of Birth, Gender जैसी पर्सनल इंफॉर्मेशन फिल करें।

Step 5 – अगले स्टेप में आपको खाता खोलने के लिए कुछ पेमेंट करनी होती है जिसके लिए आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग का प्रयोग कर सकते हैं।

Step 6 – पेमेंट करने के बाद आपको स्क्रीन पर Connect to Digilocker नजर आएगा, इस पर क्लिक करके आधार लिंक करें।

Step 7 – अब आपको Pop up window दिखाई देगी जिसके sign in बटन पर क्लिक करें और अपना मोबाइल नंबर फिल करके ओटीपी रजिस्टर कर दें।

Step 8 – आपको user id व Password चुनना है जिसके बाद आपको Digilocker आधार से जोड़ने का ऑप्शन दिखेगा।

Step 9 – अगले स्टेप मे आपको अपने बैंक से संबंधित जानकारी जैसे शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? बैंक का नाम, ब्रांच का नाम, अकाउंट होल्डर का नाम, अकाउंट नंबर और IFSC Code आदि भरना है।

Step 10 –अगले स्टेप में आपको अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन भरनी है जिसके बाद एक ओटीपी प्राप्त होगा जिससे आप नोट कर ले

Step 11 – अब आपका In Person Verification किया जाएगा जो webcam या phone के द्वारा ऑनलाइन होगा। आपको अपना cancel cheque, Passport size Photo व Signature के scan image जमा करनी है।

Step 12 –अब आपको Zerodha के टर्म्स एंड कंडीशन व प्राइवेसी पेज दिखाई देगा। आप इसे अच्छे से पढ़ लें और आधार से e-sign करें, जिसके बाद ओटीपी फिल करके sign in कर ले।

Step 13 – अब आपको E-mail id पर Zerodha की Client id और Password भेज दी जाएगी, इसे use करके आप Zerodha में ट्रेड कर सकते है।

Zerodha मे अकाउंट खोलने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • Pan Card
  • Aadhar Card
  • Cancelled Cheque या बैंक के पासबुक के मुख्य पृष्ठ की फोटो
  • Signature
  • Passport Size Photo (scanned image)

Angel Broking मे शेयर मार्केट अकाउंट कैसे खोले?

शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए आप Zerodha के अलावा Angel Broking में भी अकाउंट खोल सकते हैं। यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है।

Angel Broking में अकाउंट खोलने के लिए हमारे द्वारा बताए गए स्टेप को फॉलो करें:

Step 1 – सबसे पहले आप Angel Broking की ऑफिशियल वेबसाइट www.angelone.in पर विजिट करें।

Step 2 – अब स्क्रीन पर Open an Account का आइकन नजर आएगा वहां पर नाम, मोबाइल नंबर और current city फिल कर दें।

Step 3 – अब आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा उसे फिल कर दें।

Step 4 – अगले स्टेप में आपको Date of birth, E-mail id, PAN card number, Bank account number और IFSC Code भरना है।

Step 5 – अब आपकी E-mail id पर Demat Account का user id व Password भेजा जाएगा। आपका अकाउंट ट्रेड करने के लिए पूरी तरीके से तैयार है।

महत्वपूर्ण दस्तावेज

एड्रेस दस्तावेज

Zerodha या Angel Broking मे Address वेरीफाई करने के लिए आप नीचे दिए गए दस्तावेजों में से किसी भी एक दस्तावेज का प्रयोग कर सकते है:

  • Voter ID
  • Electricity Bill
  • Employee ID

शेयर मार्केट मे अकाउंट खोलने के लिए योग्यता

आपने देखा ही है कि बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए कुछ ना कुछ योग्यता मांगी जाती है उसी प्रकार अगर आप शेयर मार्केट में अकाउंट खुलवाना चाहते शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? है तो उसके लिए भी निम्न योग्यताएं होनी आवश्यक है:

  • Share Market मे अकाउंट खुलवाने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • आप भारत के निवासी होने चाहिए अगर आप भारतीय मूल के नहीं है तो आपको NRI Demat Account खुलवाना होगा।
  • आपको अपने सभी दस्तावेज तैयार रखने होंगे क्योंकि दस्तावेजों के ना होने पर Demat Account खोलना संभव नहीं है।

शेयर मार्केट में अकाउंट बनाने के लिए कितना समय लगता है?

Share Market में अकाउंट बनाने के लिए 1 से 2 दिन का समय लगता है।

क्या ऑनलाइन शेयर मार्केट में अकाउंट बनाया जा सकता है?

जी बिलकुल आप ऑनलाइन Share Market में अकाउंट बना सकते हैं वो भी बहुत ही आसनी से।

क्या डिस्काउंट ब्रोकर से डीमैट अकाउंट बनाना सही है?

जी discount ब्रोकर से डीमैट अकाउंट बनाना ही सबसे सही होता है। क्यूँकि इसमें आपको काफ़ी खिफ़ायती मूल्य में आपका अकाउंट बन जाता है।

आज आपने क्या सीखा?

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें जरुर पसंद आई होगी. इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से डिमैट अकाउंट कैसे खुलता है? समझ गए होंगे। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को Share Market की पूरी जानकारी के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.

यदि आपको यह post लेख आज ही शेयर मार्किट में अकाउंट कैसे बनाये पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये.

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