निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली

म्यूचुअल फंड संचालक कंपनी सभी निवेशकों की निवेश राशि को निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली इकट्ठा करती है और उन से कुछ सुविधा शुल्क भी लेती है. फिर इस राशि को उन के लिए बाजार में निवेश करती है. इन में निवेश करने का फायदा यह है कि निवेशक को इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं होती कि आप कब शेयर खरीदें या बेचें, क्योंकि यह चिंता फंड मैनेजर की होती है. वही निवेशक के निवेश का रखरखाव करने वाला होता है.
निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली
म्यूचुअल फड कितना लाभकारी Grihshobha - Hindi | February First 2020 आप की आय और जरूरत के हिसाब से किस तरह के में निवेश सही रहेगा हम आप निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली को बताते हैं. आशा मिश्रा
आज के दौर में म्यूचुअल फंड इनवैस्टमैंट का एक नया जरीया बनता जा रहा है. म्यूचुअल फंड को हिंदी में पारस्परिक निधि कहते हैं, किंतु इस का अंगरेजी नाम ही अधिक प्रचलित है. म्यूचुअल फंड एक प्रकार का सामूहिक निवेश है. निवेशकों का समूह मिल कर स्टौक, अल्प अवधि के निवेश या अन्य प्रतिभूतियों ( सिक्युरिटीज ) में निवेश करता है. यूटीआई एएमपी भारत की सब से पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी है. म्यूचुअल फंड में एक फंड प्रबंधक होता है, जो फंड के निवेशों को निर्धारित करता है और लाभ और हानि का हिसाब रखता है. इस प्रकार हुए फायदेनुकसान को निवेशकों के बीच बांट दिया जाता है.
म्यूचुअल फंड के जरीए सिर्फ इक्विटी या शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. अगर आप को शेयर बाजार निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली की ज्यादा समझ नहीं है या आप इस में लगाए गए निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली अपने पैसे की निगरानी के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं तो म्यूचुअल फंड निश्चित तौर पर आप के लिए बेहतर माध्यम है.
पिछली दिवाली से अब तक इन आईपीओ ने दिया जोरदार रिटर्न
मुंबई- पिछली दिवाली से अब तक आए IPO ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, पिछली दिवाली से अब तक 44 कंपनियों ने आईपीओ लाकर बाजार से 95,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इनमें से 31 कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं।
अडाणी विल्मर के शेयर 8 फरवरी को लिस्ट हुए। रिटर्न देने के मामले में इसका प्रदर्शन सबसे उम्दा रहा है। ओपनिंग के दिन इसने 15% बढ़त दर्ज की थी। फिलहाल ये इश्यू प्राइस से 187% ऊपर है। वेरांडा लर्निंग सॉल्यूशंस इस मामले में दूसरे स्थान निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली पर है। लिस्टिंग के दिन इसमें 18% तेजी आई थी। अब तक यह 137% चढ़ चुका है।
डेटा पैटर्न्स के शेयर 29% प्रीमियम पर लिस्ट हुए थे। अब तक यह इश्यू प्राइस से 120% तक बढ़त हासिल कर चुका है। वीनस पाइप्स एंड ट्यूब्स ने भी लिस्टिंग के दिन 8% बढ़त हासिल की थी और अब यह 104% निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली ऊपर चल रहा है। कैम्पस एक्टिववेयर, गो फैशंस इंडिया, मेट्रो ब्रांड्स और लेटेंट व्यू एनालिटिक्स का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है।
Gold Price: दिवाली के बाद लगातार सस्ता क्यों हो रहा गोल्ड? अभी और नीचे आएंगे दाम, जानिए कारण
Gold-Silver Price: निवेशकों को उम्मीद है कि यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक में एक बार फिर नीतिगत दर बढ़ाने की घोषणा हो सकती है.
Gold-Silver Price Today: दिवाली पर सोने की रिकॉर्ड बिक्री के बाद इसकी कीमत पर लोगों की नजरें बनी निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली हुई हैं. पिछले सत्र में सोने के 1.3 प्रतिशत लुढ़कने के निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली बाद इंटरनेशनल मार्केट में सोमवार (31 अक्टूबर) को सोना सपाट रहा. निवेशकों को उम्मीद है कि यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक में एक बार फिर नीतिगत दर बढ़ाने की घोषणा हो सकती है. धनतेरस और दिवाली के मौके पर 25 हजार करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ज्वैलरी की बिक्री हुई थी.
कोरोनावायरस के संकट के बीच सोना क्यों साबित हो रहा है 'वरदान'
दिसंबर 2019 में सोना 39,700 रुपये प्रति दस ग्राम था. (फाइल फोटो)
खास बातें
- निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ सोना
- अनिश्चितता की वजह से सोने में उछाल
- दिवाली तक और बढ़ सकते हैं सोने के दाम
सोना (Gold) गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है. कोविड-19 (COVID-19) महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है. विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा. ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के पूर्व चेयरमैन बच्छराज बमाल्वा ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता की वजह से सोना चढ़ रहा है. हालांकि, सोने की ‘भौतिक' मांग कम है, इसके बावजूद ‘जोखिम' के बीच निवेशकों को अपनी बचत तथा निवेश के लिए पीली धातु में सबसे बेहतर विकल्प दिख रहा है.''
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बमाल्वा कहते हैं कि रूस ने कोरोनावायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, लेकिन अभी इसको लेकर दुनिया बहुत निश्चिंत नहीं हैं. हालांकि, वह मानते हैं कि वैक्सीन को लेकर जैसे-जैसे सकारात्मक खबरें आएंगी, अन्य परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ेगा ओर सोना स्थिर होगा. दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा. वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान' है. गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है. जिंस विश्लेषक एवं आजाद फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख अमित आजाद मानते हैं कि सोने में इस समय तेजी की वजह ‘हेजिंग' है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच जो तनाव है, वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तक रहेगा. उसके बाद चीजें स्थिर होंगी. मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नीश भट्ट ने कहा कि 2020 के कैलेंडर वर्ष निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली के शुरू से ही सोना छलांगे मार रहा है. शुरुआत में इसकी वजह विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती थी, बाद में कोविड-19 को लेकर निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली अनिश्चितता. दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने संकट के समय अपनी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए प्रणाली में जमकर तरलता डाली है. उन्होंने कहा कि तरलता उपलब्ध होने के बीच निवेश के सीमित विकल्पों के चलते निवेशक पीली धातु में निवेश कर रहे हैं. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एसोसिएट निदेशक एवं प्रमुख (जिंस एवं मुद्रा) किशोर नार्ने कहते हैं कि सोने की कीमतों में तेजी की प्रमुख वजह कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्थाओं में आई सुस्ती तथा ब्याज दरों का करीब शून्य निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली के स्तर पर होना है.
Diwali Muhurat Trading 2020: जानें मुहूर्त निवेशकों के लिए क्यों खास है दिवाली ट्रेडिंग का शुभ समय, क्यों इस मौके पर करनी चाहिए खरीददारी
बिजनेस डेस्क। दीपावली पर शेयर बाजार (Share Market) बंद होता है, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए खुलता है। इसे मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन (Muhurat Trading Session) कहा जाता है। इसका खास महत्व है। इस दौरान शेयर बाजार में निवेश करना शुभ माना जाता है। इस एक घंटे के इस मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान ज्यादातर लोग शेयर खरीदते हैं। इस मौके पर बिकवाली नहीं होती है। इसलिए शेयर बाजार में तेजी आ जाती है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है।