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फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना

फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना

Future Trading in Hindi

अगर आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं तो आपने कभी न कभी फ्यूचर ट्रेडिंग का नाम सुना ही होगा, तो आज हम Future Trading in Hindi पोस्ट में जानेंगे कि फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है, फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे की जाती है और इसमें कौन – कौन से जोखिम शामिल है।

फ्यूचर ट्रेडिंग डेरीवेटिव का ही एक भाग है, जैसा कि आपको पता होगा कि डेरिवेटिव फाइनेंसियल कॉन्ट्रैक्ट होते है जो स्टॉक, कमोडिटीज, करेंसी आदि जैसे एसेट से अपना मूल्य प्राप्त करते हैं। डेरीवेटिव को विस्तार से समझने के लिए आपको यह लेख पढ़ना चाहिए।

चलिए अभी हम Future Trading in Hindi लेख में फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? इसके वारे में समझते है….

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है?

फ्यूचर ट्रेडिंग को समझने से पहले, हम समझते हैं कि फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स क्या होते हैं?

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट:- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीददार और विक्रेता के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें खरीददार और विक्रेता दोनों भविष्य में एक पूर्वनिर्धारित क्वांटिटी में किसी एसेट फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना को एक निश्चित प्राइस पर खरीदने और बेचने का कॉन्ट्रैक्ट करते हैं। इस कॉन्ट्रैक्ट को फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट कहा जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग :- फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को फ्यूचर ट्रेडिंग कहा जाता है।
स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से बहुत से स्टॉक्स और इंडेक्स में फ्यूचर ट्रेडिंग की जा सकती है इसके साथ – साथ आप करेंसी और कमोडिटी में भी फ्यूचर ट्रेडिंग के माध्यम से ट्रेडिंग कर सकते है।

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट कितने तरह के होते है?

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स में तीन महीने के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं:

  1. Current Month Contract
  2. Near Month Contract
  3. Far Month Contract

Current Month Contract :- Current Month Contract का मतलब है जो महीना चल रहा है उस महीने के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना या बेचना।
उदाहरण के लिए,
माना अभी जनवरी का महिना चल रहा है और आप जनबरी महीने के ही कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड करते है तो उन कॉन्ट्रैक्ट को Current Month Contract कहा जाता है।

Near Month Contract :- Near Month Contract का मतलब है जो फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना महीना चल रहा है उससे अगले महीने के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना या बेचना।
उदाहरण के लिए,
माना अभी जनवरी का महिना चल रहा है और आप फरबरी महीने के कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड करते है तो उन कॉन्ट्रैक्ट को Near Month Contract कहा जाता है।

Far Month Contract :- Far Month Contract का मतलब है जो महीना चल रहा है उससे अगले दो महीने के कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना या बेचना।
उदाहरण के लिए,
माना अभी जनवरी का महिना चल रहा है और आप मार्च महीने के कॉन्ट्रैक्ट में ट्रेड करते है तो उन कॉन्ट्रैक्ट को Far Month Contract कहा जाता है।
नोट :- जिस महीने के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को आप खरीद या बेच रहे है, वह कॉन्ट्रैक्ट उस महीने के आखिरी गुरुवार को एक्सपायर हो जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे करते हैं?

अभी Future Trading in Hindi लेख में हम एक उदाहरण की मदद से समझते है कि फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

माना अगर हम एचडीएफसी बैंक के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना या बेचना चाहते हैं, तो हम इसके तीन फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स को खरीद या बेच सकते हैं।

हम फ्यूचर्स को केवल लॉट में खरीद या बेच सकते हैं और प्रत्येक स्टॉक और इंडेक्स के लिए लॉट साइज अलग-अलग होता है। यह लॉट साइज स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते है कि किस स्टॉक और इंडेक्स का लॉट साइज क्या होगा। एक्सचेंज किसी भी स्टॉक और इंडेक्स के लॉट साइज को कभी भी बदल सकता है।

उदाहरण,
एचडीएफसी बैंक अप्रैल फ्यूचर
वर्तमान फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना प्राइस – 1500 रु
लॉट साइज – 500 शेयर्स

अव अगर एचडीएफसी बैंक के शेयर प्राइस में अप्रैल के अंत तक 10 रुपये का उछाल आता है तो आपको 500×10 यानी 5 हजार रूपये का प्रॉफिट होगा। इसके दूसरी तरफ अगर एचडीएफसी बैंक के शेयर प्राइस में अप्रैल के अंत तक 10 रुपये की गिरावट आती है तो आपको 500×10 यानी 5 हजार रूपये का नुकसान होगा।

फ्यूचर में ट्रेड क्यों करे?

यदि आप फ्यूचर में ट्रेड करते हैं, तो आप बहुत फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना कम पैसे में बहुत अधिक शेयरों में ट्रेड कर सकते हैं। जहाँ हमें एक दिन से अधिक समय के लिए शेयर खरीदने पर शेयरों की पूरी राशि देनी होती है, उसी फ्यूचर्स में हम केवल शेयरों के मूल्य का 15 – 50% देकर ट्रेड कर सकते हैं, इस राशि को प्रारंभिक मार्जिन भी कहा जाता है।

लॉन्ग टाइम के लिए शॉर्ट पोजीशन :- स्टॉक्स में आप एक दिन से ज्यादा शॉर्ट पोजीशन नहीं ले सकते हैं, लेकिन फ्यूचर ट्रेडिंग में आप कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने तक अपनी शॉर्ट पोजीशन होल्ड रख सकते हैं।

कम ब्रोकरेज और टैक्स :- अगर हम फ्यूचर्स में ट्रेडिंग करते हैं तो कुल मिलाकर हमें शेयर ट्रेडिंग की तुलना में बहुत कम चार्जेज देने पड़ते है।

फ्यूचर्स ट्रेडिंग की विशेषताएं

* फ्यूचर्स ट्रेडिंग की कई विशेषताएं हैं, जिसके कारण फ्यूचर्स ट्रेडिंग बहुत लोकप्रिय है। आइए फ्यूचर ट्रेडिंग की कुछ विशेषताओं को समझते हैं जो इस प्रकार हैं:
* फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की प्राइस उसकी संपत्ति (स्टॉक या इंडेक्स) पर निर्भर करती है। यदि संपत्ति की कीमत बढ़ती है, तो फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत भी बढ़ेगी।
* फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को आसानी से ट्रेड किया जा सकता है।
* यदि कोई ट्रेडर अपने कॉन्ट्रैक्ट से निकलना चाहता है तो वह कभी भी बाहर जा सकता है जिसके लिए उसे कोई जुर्माना नहीं देना होगा।
* फ्यूचर ट्रेडिंग दो पक्षों के बीच होती है जिसमें दोनों पक्षों द्वारा अपने कॉन्ट्रैक्ट को पूरा नहीं करने का डर हमेशा बना रहता है, इसलिए इसे सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है, फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना ताकि ट्रेडिंग में कोई घोटाला न हो।
* फ्यूचर ट्रेडिंग को सेबी द्वारा सुचारू रूप से चलाया जाता है, जिसमें चूक की संभावना न के बराबर होती है।
* फ्यूचर्स ट्रेडिंग के अपने नियम होते हैं जिनका एक ट्रेडर को पालन करना होता है।
* फ्यूचर ट्रेडिंग में सेटलमेंट का समय निश्चित होता है, जिसमें दोनों पक्ष अपने कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार समय पर अपने कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करते हैं और इसके लिए किसी भौतिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती है।

फ्यूचर ट्रेडिंग में शामिल जोखिम

फ्यूचर ट्रेडिंग में शेयर ट्रेडिंग की तुलना में अधिक जोखिम होता है और इस कारण से एक ट्रेडर को फ्यूचर ट्रेडिंग करते समय अपने जोखिम का प्रबंधन करना चाहिए। फ्यूचर ट्रेडिंग में हम वास्तविक राशि से कम राशि देकर ट्रेडिंग करते हैं, इसलिए फ्यूचर ट्रेडिंग में रिस्क और रिवॉर्ड दोनों ज्यादा होते हैं।

निष्कर्ष

फ्यूचर ट्रेडिंग, इक्विटी ट्रेडिंग की तुलना में ज्यादा जोखिम भरी है और इक्विटी ट्रेडिंग से अलग ज्ञान की मांग करती है इसलिए फ्यूचर ट्रेडिंग में आने से पहले फ्यूचर ट्रेडिंग को अच्छे से समझले उसके उपरान्त ही फ्यूचर ट्रेडिंग की शुरुआत करे। अगर आप बिना मार्केट और फ्यूचर ट्रेडिंग की समझ के इसमें आते है तो आप बहुत बड़ा जोखिम ले रहे है।

हेलो दोस्तों, अगर Future Trading in Hindi से संबंधित कोई संदेह है, तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट कर सकते हैं। हम आपके प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द देंगे।

निफ्टी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस से कैसे कमाएं मुनाफा?

हाल में हमने आपको फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के बारे में बताया था. अब हम आपको निफ्टी फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के बारे में बता रहे हैं.

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस

अगर कारोबार के बारे में आपका ठोस नजरिया है और आप जोखिम ले सकते हैं तो थोड़ी कीमत चुका कर आप निफ्टी ऑप्शंस और फ्यूचर्स पर दांव खेल सकते हैं.

कॉल ऑप्शन इस खरीदने वाले को तय अवधि के दौरान पहले से तय कीमत पर निफ्टी खरीदने का अधिकार देता है. बायर को चाहे तो अपने अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है. वह चाहे तो अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं भी कर सकता है. इसी तरह पुट ऑप्शन इसे खरीदने वाले को इंडेक्स बेचने का अधिकार देता है. इंडेक्स फ्यूचर्स के सौदों का निपटारा कैश में होता है.

प्रश्न: निफ्टी फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सौदा कैसे काम करता है?
उत्तर: इसे उदाहरण के साथ समझते हैं. मान लीजिए ट्रेडर ए को लगता है कि निफ्टी 10,7000 के स्तर तक चढ़ेगा. इसके लिए वह कुछ मार्जिन चुकाता है, जो कॉन्ट्रैक्स की कुल लागत का छोटा हिस्सा होता है. वह जिससे सौदा करता है, वह ट्रेडर बी है, जो इस स्तर पर निफ्टी बेचता है.

यदि निफ्टी 10,8000 के स्तर तक चढ़ जाता है, तो ए के पास अधिकार होगा कि वह अपने बी से 10,700 के भाव पर ही निफ्टी खरीद सके और उसके मौजूदा भाव यानी फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना 10,800 के स्तर पर बेच सके. इस तरह उसे 7,500 रुपये (75x100) का फायदा होगा.

इसी तरह यदि निफ्टी फ्यूचर्स 10,600 तक लुढ़क जाता हैं, तो बी निफ्टी फ्यूचर्स को ए को 10,700 के स्तर पर ही बेचेगा. ऐसे में ए को 100 रुपये प्रति शेयर का नुकसान होगा.

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ए को 10,700 के स्तर पर कॉल ऑप्शन खरीदने के लिए 200 रुपये का प्रीमियम (शुक्रवार का क्लोजिंग प्राइस) प्रति शेयर चुकाना होगा. यदि निफ्टी 100 अंक की छलांग लगाकर एक्सपाइरी से पहले 10,800 तक पहुंच जाता है तो ऑप्शन की वैल्यू में 100 रुपये इजाफा होगा.

ऐसे सौदों में विक्रेता का पैसा ज्यादा फंसा हुआ माना जाता है. हालांकि, कॉल खरीदार को भी घाटा हो सकता है, यदि निफ्टी उसकी उम्मीद से अधिक लुढ़क जाए. यदि स्टॉक एक्सचेंज की कोई खास शर्त या नियम न हो, तो इन सौदों का सेटलमेंट नकद में होता है.

प्रश्न: फ्यूचर्स और ऑप्शंस में किसे खरीदने में ज्यादा फायदा है?
उत्तर: दोनों ही प्रकार के सौदों के अपने लाभ और हानि हैं. एक ऑप्शन विक्रेता को अधिक जोखिम और मार्जिन रखना पड़ता है, जो खरीदार द्वारा उसे मिलने वाले प्रीमियम से अधिक होता है. हालांकि, फ्यूचर सौदा खरीदने या बेचने के लिए खरीदार और विक्रेता को समान मार्जिन रखना होता है.

अमूमन यह पूरे सौदे की वैल्यू के 10 फीसदी तक होता है. एक ऑप्शन को लंबे समय तक अपने पास रखना वैल्यू कम कर देता है.फ्यूचर्स के साथ ऐसा नहीं होता क्योंकि उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है.

हालांकि, फ्यूचर्स में फायदा और नुकसान असीमित हो सकता है. ऑप्शन के मामले में (खरीदार के लिए) फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना घाटे सिर्फ चुकाए गए प्रीमियम तक ही सीमित होता है, जबकि मुनाफा काफी अधिक हो सकता है.

प्रश्न: इन सौदों का कारोबार कहां और कैसे होता है?
उत्तर: इन सौदों के के लिए आप ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग खाता खुलवा सकते हैं. कैश सेटलमेंट के चलते इन सौदों के लिए डीमैट जरूरी नहीं होगा. इन सौदों का कारोबार बीएसई और एनएसई पर होता है.एनएसई पर इन सौदों की लिक्विडिटी अधिक होती है.

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फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस क्या हैं? निवेश फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना करने से पहले आसान भाषा में समझें

हर कोई अपने निवेश से मुनाफा कमाना चाहता है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है.

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Sep 16, 2022 | 5:35 PM

हर कोई अपने निवेश से मुनाफा कमाना चाहता है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के जरिए न केवल शेयरों में, बल्कि सोने, चांदी, एग्रीकल्चर कमोडिटी और कच्चे तेल (क्रड ऑयल) सहित कई अन्य डेरिवेटिव सेगमेंट में भी कारोबार करके पैसा कमाया जा सकता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस को समझने से पहले उस मार्केट को समझना जरूरी है, जिसमें ये प्रोडक्ट्स खरीदे और बेचे जाते हैं.

इन दोनों प्रोडक्ट का डेरिवेटिव मार्केट में कारोबार होता है. ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जहां से ये ट्रेड किए जा सकते हैं. अगर आप भी इसमें शुरुआत करना चाहते हैं, तो 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) वह प्लेटफॉर्म है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आपका सफर शुरू करने में मदद कर सकता है.

डेरिवेटिव्स क्या होते हैं?

डेरिवेटिव वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) हैं, जो एक अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) या बेंचमार्क से अपनी कीमत (वैल्यू) हासिल करते हैं. उदाहरण के लिए, स्टॉक, बॉन्ड, करेंसी, कमोडिटी और मार्केट इंडेक्स डेरिवेटिव में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉमन एसेट हैं. अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) की कीमत बाजार की स्थितियों के मुताबिक बदलती रहती है. मुख्य रूप से चार तरह के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट हैं – फ्यूचर (वायदा), फॉरवर्ड, ऑप्शन और स्वैप.

फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (वायदा अनुबंध) क्या है?

फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के जरिए खरीदार (या विक्रेता) भविष्य में एक पूर्व निर्धारित तिथि पर एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर संपत्ति खरीद या बेच सकता है. वायदा कारोबार (फ्यूचर ट्रेडिंग) करने वाले दोनों पक्ष अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं. इन अनुबंधों का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है. वायदा अनुबंध की कीमत अनुबंध खत्म होने तक मार्केट के हिसाब से बदलती रहती है.

एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (विकल्प अनुबंध) क्या है?

ऑप्शन एक अन्य तरह का डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट है, जो खरिदार (या विक्रेता)को भविष्य में एक खास कीमत पर एक अंतर्निहित परिसंपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन उस तारीख पर शेयर खरीदने या बेचने की कोई बाध्यता नहीं होती है. इस स्थिति में अगर जरूरी हो, तो वह किसी भी समय ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (विकल्प अनुबंध) से बाहर निकल सकता है. लेकिन फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (वायदा अनुबंध) में ऐसा करना संभव नहीं है. आपको फ्यूचर डिलीवरी के समय कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) पूरा करना होगा. दो तरह के ऑप्शन (विकल्प) हैं. पहला है कॉल ऑप्शन और दूसरा है पुट ऑप्शन. कॉल ऑप्शन संपत्ति (एसेट) खरीदने का अधिकार देता है जबकि पुट ऑप्शन बेचने का अधिकार देता है.

ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज Coinstore ने लॉन्च किया फ्यूचर्स क्रेडिट फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना फीचर, यूजर को क्या फायदा?

ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज Coinstore ने लॉन्च किया फ्यूचर्स क्रेडिट फीचर, यूजर को क्या फायदा?

ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज,  Coinstore.com  ने आज फ्यूचर क्रेडिट फीचर लॉन्च करने की घोषणा की है. यह फीचर यूजर और फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना इंवेस्टर को अपने फंड का उपयोग किए बिना अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बढ़ाने में सक्षम बनाता है. जो निवेशक एक लंबी अवधि के लिए डिजिटल एसेट्स खरीदना और रखना पसंद करते हैं, वे बाजार की गतिविधियों को और अधिक भुनाने के लिए भविष्य की क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ उठा सकते हैं. फ्यूचर्स आमतौर पर कमोडिटी ट्रेडिंग से जुड़े होते हैं, हालांकि, यह कई प्रकार की एसेट्स के लिए भी उपलब्ध है.

फ्यूचर्स क्रेडिट Coinstore.com उपयोगकर्ताओं के लिए एक डिजिटल फंड लोन रिवार्ड्स है, जो उपयोगकर्ताओं को Coinstore के स्थायी फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझने में मदद करता है. Coinstore का फ्यूचर्स क्रेडिट फीचर प्रत्येक योग्य रजिस्टर्ड यूजर को भाग फ्यूचर्स ट्रेडिंग को समझना लेने से लाभान्वित करने में सक्षम बनाता है. रजिस्टर्ड यूजर को ट्रेडिंग के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए, Coinstore.com जमा किए गए प्रत्येक USDT के लिए एक से बढ़कर एक फ्यूचर्स क्रेडिट की पेशकश कर रहा है. Coinstore.com के यूनिक कॉन्ट्रैक्ट फीचर का अनुभव करते हुए यूजर लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे.

इस मौके पर Coinstore.com के को-फाउंडर जेनिफर लू, ने अधिक जानकारी देते हुए कहा, "हम दुनिया भर में अपने उपयोगकर्ताओं के लिए फ्यूचर क्रेडिट फीचर लॉन्च करने के लिए बहुत उत्साहित हैं. यह क्रिप्टो समुदाय के विश्वास को बढ़ावा देगा और एक डिजिटल फंड के रूप में क्रिप्टो इकोसिस्टम को बहुत आवश्यक लिक्विडिटी प्रदान करेगा. फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का आविष्कार प्रोड्यूसर्स, कंज्यूमर्स और इंवेस्टर्स के जोखिम को कम करने के लिए किया गया था. हालांकि, उन प्रोडक्ट्स में ट्रेड या इंवेस्ट करने की सलाह दी जाती है जिनसे आप परिचित हैं और उनसे जुड़े जोखिमों को समझते हैं."

स्पॉट ट्रेडिंग के विपरीत जहां निवेशकों को लाभ होता है जब कीमत ऊपर की ओर बढ़ रही होती है, फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स और हमारे फ्यूचर्स क्रेडिट जैसे फीचर ट्रेडर्स को बड़ी मात्रा में बेसिक एसेट्स के निवेश की आवश्यकता के बिना क्रिप्टोकरेंसी के लिए अधिक जोखिम देती हैं. फ्यूचर्स क्रेडिट एसेट्स की कीमत में उतार-चढ़ाव की परवाह किए बिना उपयोगकर्ताओं को लाभ के अवसर प्रदान करता है. इंडेक्स फ्यूचर्स की पहली उपस्थिति भारत में वर्ष 2000 में हुई थी. इसके बाद, पर्सनल स्टॉक फ्यूचर्स कुछ साल बाद शुरू हुए. आपके ट्रांजेक्शन की मात्रा जितनी अधिक होगी, आपका लाभ मार्जिन उतना ही बड़ा होगा.

कंपनी का दावा है कि Coinstore.com पारदर्शी ट्रेडिंग अनुभव बनाने में विश्वास करता है. Coinstore.com ने यह भी दावा किया है कि दुनिया भर में इसके 180 कर्मचारी हैं, 175 देशों में 1.1 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं.

(डिस्क्लेमर: किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले अपने स्वयं के सलाहकारों से परामर्श करें. और जहां जरूरी हो, खुद से रिसर्च करें. इस जानकारी को फाइनेंशियल या इंवेस्टमेंट एडवाइज के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की कोई भी सिफारिश किसी भी तरह से पर्सनलाइज्ड नहीं होती है.)

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