एक प्रतिभूति खाता क्या है?

एक प्रतिभूति खाता क्या है?
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ई-फाइलिंग वॉल्ट उच्च सुरक्षा - पूछे जाने वाले प्रश्न
1. ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट क्या है?
ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सेवा पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के लिए दूसरे कारक प्रमाणीकरण के साथ अपने ई-फ़ाइलिंग खातों पर उच्चतर प्रतिभूति को सक्षम करने के लिए उपलब्ध है। ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट का उपयोग आपके ई-फ़ाइलिंग खाते में लॉग इन करने और/या पासवर्ड रीसेट करने के लिए किया जा सकता है। हालाँकि ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सेवा का उपयोग करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन इसे अपने ई-फ़ाइलिंग खाते को सुरक्षित करने के लिए उपयोग करने की सिफारिश की जाती है।
2. द्वितीय-कारक प्रमाणीकरण क्या है?
द्वितीय-कारक प्रमाणीकरण आपके ई-फ़ाइलिंग खाते में उच्च स्तर की सुरक्षा को सक्षम करने के लिए एक कार्यविधि है। यह ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर पंजीकृत उपयोगकर्ता आई.डी. और पासवर्ड को मान्य करने के अलावा प्रतिभूति का एक और स्तर सुनिश्चित करता है। जब भी आप लॉग इन करने का प्रयास करेंगे तो ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सेवा का उपयोग करते हुए, आप डिफ़ॉल्ट रूप से दिखाई देने वाले लॉग इन विकल्प को चुन सकते हैं।
3. मैं अपने ई-फ़ाइलिंग खाते के लिए उच्चतर प्रतिभूति कैसे सक्षम कर सकता हूँ?
आप द्वितीय-कारक प्रमाणीकरण के रूप में उच्च सुरक्षा को निम्न तरीकों में से एक के द्वारा सक्षम कर सकते हैं:
- नेट बैंकिंग
- डिजिटल सुरक्षा प्रमाणपत्र (डी.एस.सी.)
- आधार के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी.
- बैंक खाता ई.वी.सी.
- डीमैट खाता ई.वी.सी.
4. क्या मैं अपने ई-फ़ाइलिंग खाते पर उच्च स्तरीय सुरक्षा सक्षम कर सकता हूँ?
यदि आप ई-फ़ाइलिंग पोर्टल के पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, तो आप ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट सुविधा का उपयोग करके अपने ई-फ़ाइलिंग खाते पर उच्च स्तरीय सुरक्षा को सक्षम कर सकते हैं।
5. यदि मैं उच्चतर प्रतिभूति विकल्पों में से कोई भी विकल्प नहीं चुनता तो मैं कैसे लॉग इन कर सकता हूँ?
यदि आप उच्चतर प्रतिभूति के लिए कोई विकल्प का चयन नहीं करते हैं, तो आप व्यतिक्रम उपयोगकर्ता आई.डी. और पासवर्ड तथा विभिन्न लॉग इन विधियों में से एक का उपयोग करके लॉग इन कर सकते हैं। अधिक जानने के लिए लॉगइन हेतु उपयोगकर्ता निर्देश पुस्तिका देखें।
6. यदि मैं ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट पासवर्ड रीसेट विकल्प में से किसी भी विकल्प का चयन नहीं करता हूँ, तो मैं अपना पासवर्ड कैसे रीसेट करूँ?
यदि आप ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट पासवर्ड रीसेट विकल्प का चयन नहीं करते हैं, तो आप ई-फ़ाइलिंग ओ.टी.पी. का उपयोग करके व्यतिक्रम विकल्प का उपयोग करके पासवर्ड रीसेट कर सकते हैं।अधिक जानने के लिए पासवर्ड भूल गए हेतु उपयोगकर्ता निर्देश पुस्तिका देखें।
7. क्या मैं ई-फ़ाइलिंग वॉल्ट के लिए सुरक्षा के एक से अधिक तरीकों का उपयोग कर सकता हूँ?
जबकि लॉग इन और पासवर्ड रीसेट के लिए आपके द्वारा कई उच्चतर गुणक प्रतिभूति विधियों को चुना जा सकता है, आपको ई-फ़ाइलिंग पोर्टल में वास्तव में लॉग इन करते समय या अपना पासवर्ड रीसेट करते समय चुने गए विकल्पों में से एक को चुनना होगा।
8. नए ई-फ़ाइलिंग पोर्टल में, क्या मुझे अपने उच्चतर प्रतिभूति विकल्पों को फिर से चुनना होगा या यह वही है जो पुराने पोर्टल में मौजूद था?
आपको नए पोर्टल में फिर से उच्चतर प्रतिभूति विकल्प चुनना होगा क्योंकि तकनीकी कारणों से वही सूचना माइग्रेट नहीं की जाती है। यदि आप उच्चतर प्रतिभूति विकल्प के रूप में डी.एस.सी. को चुनना चाहते हैं, तो आपको पहले नए ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर डी.एस.सी. को पंजीकृत करना होगा।
Stock Trading Settlement Rule : आज से लागू हो रहा है नया खाता निपटान नियम, यहां जानिए क्या किया गया है बदलाव?
Stock Trading Settlement Rule : आज से नया खाता निपटान नियम लागू हो रहा है. सेबी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करने और प्रतिभूति बाजारों के विकास को बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए परिपत्र जारी किया गया है.
Published: October 7, 2022 2:53 PM IST
Stock Trading Settlement : आज से, महीने के प्रत्येक पहले शुक्रवार से, सभी ब्रोकरेज हाउसेज को नई खाता निपटान प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अप्रयुक्त धन को ग्राहक के बैंक खाते में वापस स्थानांतरित करना होगा. नए मानदंडों के तहत, ग्राहक की पसंद के अनुसार प्रत्येक महीने या तिमाही के पहले शुक्रवार को खाता निपटान किया जाना है.
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इसका मतलब है कि दलालों के पास पड़े अप्रयुक्त धन को दिन के अंत दायित्वों पर विचार करने के बाद ग्राहक के खाते में वापस स्थानांतरित करना होगा. इस प्रकार, सभी ग्राहकों के लिए फंड के चालू खाते का निपटान अक्टूबर 2022 के पहले शुक्रवार, जनवरी 2023, अप्रैल 2023, जुलाई 2023, और इसी तरह किया जाएगा. यदि पहले शुक्रवार को व्यापारिक अवकाश है, तो ऐसा निपटान पिछले कारोबारी दिन पर होगा.
लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट किया गया है कि धन और प्रतिभूतियों का वास्तविक निपटान ग्राहक के आदेश के आधार पर सदस्य द्वारा किया जाएगा और अधिकतम 90/30 दिनों का अंतराल होना चाहिए (के अनुसार) चालू खाते के दो बंदोबस्तों के बीच ग्राहक की पसंद अर्थात तिमाही/मासिक).
सेबी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए कहा है कि प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करने और प्रतिभूति बाजारों के विकास को बढ़ावा देने और विनियमित करने के लिए परिपत्र जारी किया गया है.
अधिकांश देशों में, ब्रोकर्स, बैंकों की तरह, अप्रयुक्त धन को हमेशा के लिए रख सकते हैं और उनका उपयोग कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं के लिए भी कर सकते हैं. भारत में, सभी नियामक परिवर्तनों के बाद क्लाइंट फंड का उपयोग केवल उस ग्राहक के ट्रेडों के लिए किया जा सकता है.
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सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने के लिए RBI में ऐसे खोलें RDG अकाउंट, यहां पढ़ें पूरी डीटेल्स
RBI की इस योजना के तहत एक निवेशक, एक सिक्योरिटी के लिए सिर्फ एक बोली ही लगा सकता है. बोली की पेमेंट आपके बचत खाते या यूपीआई से काटी जाएगी. खाते से जुड़ा किसी भी तरह का रीफंड भी उसी खाते में भेजा जाएगा.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया
Updated on: Nov 13, 2021 | 10:11 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों को भागीदारी का अवसर देने के लिए शुक्रवार को रिजर्व बैंक की दो उपभोक्ता-केंद्रित योजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘खुदरा प्रत्यक्ष योजना से छोटे निवेशकों की पहुंच बढ़ेगी और वे प्रतिभूतियों में निवेश कर निश्चित प्रतिफल प्राप्त कर सकेंगे. इससे सरकार को भी राष्ट्र निर्माण के लिए कोष उपलब्ध होगा. देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है.’’
आम आदमी के लिए भी खुलेंगे निवेश के रास्ते
मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार के पिछले सात साल के कार्यकाल के दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की पहचान पारदर्शी तरीके से हो रही है और समाधान और वसूली (रिकवरी) पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने उपभोक्ता केंद्रित इन योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे लोगों के लिए निवेश के रास्ते खुलेंगे और पूंजी बाजार तक उनकी पहुंच आसान और सुरक्षित हो सकेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है. इसके तहत खुदरा निवेशकों के लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में सीधे निवेश करने का रास्ता खुल जायेगा.
इस योजना के तहत निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते आसानी से खोल सकते हैं और उन प्रतिभूतियों का रखरखाव कर सकते हैं. यह सेवा नि:शुल्क होगी. इस योजना की शुरुआत के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में आ गया है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध है.
RBI में कैसे खुलेगा खाता
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत रीटेल निवेशकों को सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने का मौका रहेगा. इसके लिए निवेशकों को RDG (Retail Direct Gilt) खाता खुलवाना होगा. आरडीजी खाता खुलवाने के लिए निवेशक के पास कुछ महत्वपूर्ण चीजों की जरूरत होगी, जिसका विवरण इस प्रकार है.
1. किसी भी बैंक में बचत खाता 2. पैन कार्ड 3. KYC के लिए आधार कार्ड, मतदाता कार्ड आदि में से कुछ एक 4. ईमेल आईडी 5. मोबाइल नंबर
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
RBI के पास आरडीजी खाता खोलने के लिए निवेशक को https://rbiretaildirect.org.in पर जाना होगा. वेबसाइट पर आने के बाद ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. रजिस्ट्रेशन होने के बाद दर्ज किए गए ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे फीड करने के बाद आपका RDG अकाउंट खुल जाएगा. अकाउंट एक्सेस से जुड़ी सभी जानकारी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर SMS के जरिए भेज दी जाएगी.
RDG अकाउंट के लिए नॉमिनी की भी सुविधा
RBI में RDG अकाउंट खोलने वाले निवेशक इसे निजी या संयुक्त रूप में खोल सकते हैं. इस खाते के लिए अधिकतम दो नॉमिनी बनाए जा सकते हैं. खाता धारक की मृत्यु होने पर अकाउंट में मौजूद सिक्योरिटी को दूसरे RDG खाते में ट्रांसफर किया जा सकेगा. इसके अलावा खाते में मौजूद सिक्योरिटी को गिफ्त के तौर पर भी ट्रांसफर किया जा सकता है.
RDG अकाउंट खोलने पर कितनी लगेगी फीस
आरबीआई के मुताबिक आरडीजी खाता खोलना और प्राइमरी मार्केट में बोली लगाना पूरी तरह से निशुल्क होगा. हालांकि, निवेशकों को पेमेंट गेटवे चार्ज का भुगतान करना होगा.
क्या होंगे नियम
RBI की इस योजना के तहत एक निवेशक, एक सिक्योरिटी के लिए सिर्फ एक बोली ही लगा सकता है. बोली की पेमेंट आपके बचत खाते या यूपीआई से काटी जाएगी. खाते से जुड़ा किसी भी तरह का रीफंड भी उसी खाते में भेजा जाएगा. सेटलमेंट होने के बाद अलॉट की गई सिक्योरिटी आपके RDG खाते में आ जाएगी. इस योजना के तहत सेकंडरी मार्केट लेनदेन के लिए RBI के पोर्टल पर सिक्योरिटी खरीदी या बेची जा सकेगी.
निवेशक को कौन-से विकल्प मिलेंगे
खुदरा प्रत्यक्ष योजना के तहत कोई भी निवेशक केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार की सिक्योरिटी जैसे- ट्रेजरी बिल और डेट सिक्योरिटी में निवेश कर सकेंगे. आरबीआई के मुताबिक ट्रेजरी बिल 91, 182 या 364 दिनों के लिए जारी होंगे जबकि डेट सिक्योरिटी न्यूनतम 5 साल से अधिकतम 40 साल तक के लिए जारी किए जाएंगे.
गिल्ट फंड क्या होते हैं?
निवेशकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के कारण इन स्कीमों में डिफॉल्ट का जोखिम शून्य होता है. लेकिन, ब्याज दर का बहुत अधिक जोखिम होता है.
किन बातों का ध्यान रखें निवेशक?
निवेशकों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने के कारण इन स्कीमों में डिफॉल्ट का जोखिम शून्य होता है. लेकिन, ब्याज दर का बहुत अधिक जोखिम होता है. सच तो यह है कि सरकारी प्रतिभूतियों से ही मनी मार्केट और अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों की दिशा तय होती है.
ज्यादातर ट्रेड की जाने वाली 10 साल की गवर्नमेंट सिक्योरिटी को बेंचमार्क माना जाता है. इसकी यील्ड की चाल बॉन्ड मार्केट में ट्रेडिंग की दिशा तय करती है. उदाहरण के लिए सरकारी बॉन्डों और कॉरपोरेट बॉन्ड या 10 साल के बॉन्ड और अन्य सरकारी बॉन्डों के बीच ब्याज दर के अंतर को देखकर ट्रेडर्स दांव लगाने के अवसर तलाशते हैं.
सलाहकार क्या सलाह देते हैं?
ज्यादातर म्यूचुअल फंड मैनेजर रेगुलर क्लाइंटों को गिल्ट फंडों में निवेश की सलाह नहीं देते हैं. उन्हें लगता है कि इन स्कीमों में केवल उन निवेशकों को पैसा लगाना चाहिए जिन्हें मनी या बॉन्ड मार्केट की काफी समझ है. ये स्कीमें ब्याज दरों की चाल के प्रति बेहद संवेदनशील होती हैं. लिहाजा, इनमें एंट्री और एग्जिट का समय भी बहुत मायने रखता है. ब्याज दरों में गिरावट के माहौल में ये स्कीमें बहुत अच्छा करती हैं. लेकिन, ब्याज दरों के बढ़ते ही इन्हें नुकसान शुरू हो जाता है.
उतार-चढ़ाव को इस उदाहरण से समझें
जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाना शुरू किया तो पहले जारी की गईं सरकारी प्रतिभूतियों की मांग बढ़ गई. वजह यह थी कि इनमें ब्याज की दर ज्यादा थी. डिमांड बढ़ने पर इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं और यील्ड घटती है. इस तरह बॉन्ड के मूल्य और इसकी यील्ड में आपस में उलटा संबंध होता है. हालांकि, आरबीआई के दरों को बढ़ाने या यथावत रखने से तस्वीर बदल जाती है. नए बॉन्डों पर चूंकि ब्याज दर ज्यादा होती है. ऐसे में पुराने बॉन्डों की मांग घटती है और ट्रेडर्स इन्हें बेचते हैं. इस तरह बॉन्ड के मूल्य घटते हैं और यील्ड बढ़ती है.
क्या अच्छा, क्या बुरा?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि ब्याज दरों में नरमी का माहौल गिल्ट फंडों के लिए अच्छा होता है. बॉन्ड के मूल्यों के साथ इन स्कीमों की एनएवी भी बढ़ती है. पिछले एक साल में गिल्ट फंडों के अच्छा करने एक प्रतिभूति खाता क्या है? का यही कारण है. इस दौरान आरबीआई ने ब्याज दरों को लगातार घटाया है.
कब करें निवेश?
गिल्ट फंडों में केवल तभी निवेश करें अगर आप ब्याज दर की चाल पर नजर रख सकते हैं. साथ ही इसका भी अंदाजा हो कि कब आपको स्कीम में एंट्री या इससे एग्जिट करना है. हमेशा याद रखें कि ब्याज दर के आउटलुक के अनुसार इनमें उतार-चढ़ाव आता है. इसलिए निवेश में बहुत सतर्कता की जरूरत होती है.
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स्वापक औषधियों एवं मादक पदार्थ संबंधी अवैध तस्करी का रोकने के लिए राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाने वाली सहायता के बारे में जानकारी प्राप्त करें
इस योजना का उद्देश्य राज्य के अन्दर एवं सीमा-पार हो रहे नशीली दवाओं की तस्करी को नियंत्रित करने में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सहयोग प्रदान करना है। एक प्रतिभूति खाता क्या है? इस उद्देश्य को पूरा करने हेतु उपरोक्त सभी एजेंसियों को इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। आप इस योजना, इसका लाभ उठाने संबंधी शर्तों, इसके अंतर्गत दी जाने वाली सहायता, निगरानी प्रणाली इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
चंडीगढ़ के सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग स्कूल की वेबसाइट
चंडीगढ़ के सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग स्कूल (सीडीटीएस) के बारे में जानकारी प्राप्त करें। यह गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के अंतर्गत कार्यरत है। उपयोगकर्ता सीडीटीएस, इसके उद्देश्यों, पाठ्यक्रम सूची, पाठ्यक्रम, प्रवेश संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी उपलब्ध है। यहाँ की बुनियादी सुविधाओं, संकाय और सीडीटीएस की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध है।
संघ द्वारा विदेशी अंशदान प्राप्त करने के लिए पंजीकरण प्रमाण-पत्र के नवीकरण के लिए एफसी-5 प्रपत्र
निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम वाले संघ द्वारा विदेशी अंशदान प्राप्त करने के लिए पंजीकरण प्रमाण-पत्र के नवीकरण के लिए एफसी-5 प्रपत्र यहाँ उपलब्ध कराया गया है।
भारतीय नागरिक के साथ विवाहित व्यक्तियों के लिए भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण करवाने हेतु प्रपत्र - III
भारतीय नागरिक के साथ विवाहित व्यक्ति नागरिकता अधिनियम 1955, की धारा 5 (1) (सी) के तहत भारत के नागरिक के रूप में अपना पंजीकरण करवाने हेतु प्रपत्र - III यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको प्रपत्र ध्यान से पढ़ना होगा एवं तत्पश्चात प्रपत्र में कथनानुसार जानकारी देनी होगी।
भारतीय नागरिकता प्राप्त माता-पिता के बच्चों के पंजीयन के लिए प्रपत्र - IV
भारतीय नागरिकता प्राप्त माता-पिता धारा 5 (1) (डी) के तहत नाबालिग बच्चे के पंजीकरण के लिए प्रपत्र – IV यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रपत्र सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। इसके लिए आपको प्रपत्र ध्यान से पढ़ना होगा एवं इसमें दिए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर प्रपत्र भरना होगा।
आंतरिक सुरक्षा विभाग के बारे में जानकारी
गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आंतरिक सुरक्षा विभाग के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उपयोगकर्ता आंतरिक सुरक्षा प्रभाग-प्रथम और आंतरिक सुरक्षा प्रभाग-द्वितीय से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अधिनियम, नियम और शस्त्र अधिनियम, 1959, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980, सरकारी गोपनीयता अधिनियम 1923, नीति इनाम, एलआर दिशा निर्देश जैसी नीतियों से संबंधित जानकारी प्रदान कराई गई है। हथियार लाइसेंस के आवंटन, नशीले पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो.
जम्मू और कश्मीर मामलों के विभाग के बारे में जानकारी
गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले जम्मू और कश्मीर मामले विभाग के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उपयोगकर्ता जम्मू और कश्मीर विभाग विभाजन और उसकी गतिविधियों, अधिनियम और नियम योजनाओं, पुनर्वास नीति, संयुक्त राष्ट्र की पहल की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। राज्य में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किये गये पैकेज से सम्बंधित विवरण प्रदान किये गये हैं।
गृह मंत्रालय के तहत क्षेत्रीय परिषद के बारे में जानकारी
गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रीय परिषद के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। क्षेत्रीय परिषदों, उनकी समितियों, संगठनात्मक संरचना, कार्य, भूमिका, उद्देश्यों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई है। उपयोगकर्ता क्षेत्रीय परिषदों के सचिवालय, बजट आवंटन, क्षेत्रीय परिषदों के नियंत्रण में दस्तावेजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।