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कमीशन और फैलता है

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बरेली: स्मार्ट सिटी की सड़कों की उधड़ रही कमीशन की परतें

बरेली, अमृत विचार। सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता का दूर तक पता नहीं है और सरकारी मशीनरी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर पसीना बहा रही है। अभी कुछ समय पहले ही शहर की कई सड़कों का निर्माण कराया गया था। इसमें स्मार्ट सिटी परियोजना के साथ दूसरे प्रोजेक्ट को भी शामिल किया …

बरेली, अमृत विचार। सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता का दूर तक पता नहीं है और सरकारी मशीनरी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर पसीना बहा रही है। अभी कुछ समय पहले कमीशन और फैलता है ही शहर की कई सड़कों का निर्माण कराया गया था। इसमें स्मार्ट सिटी परियोजना के साथ दूसरे प्रोजेक्ट को भी शामिल किया गया लेकिन इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से नई बनी सड़कें या तो धंस रही हैं या फिर वे उधड़ने लगी हैं। कई जगहों पर जलकल सहित दूसरे विभागों की मनमानी से सड़कों को संबंधित विभाग से एनओसी लिए बगैर ही खोद दिया जा रहा है। ऐसे में सड़कों को दुरुस्त रखे बगैर स्मार्ट सिटी कैसे बनेगी? यह बात लोगों को समझ में नहीं आ रही है।

18 सौ करोड़ से सड़क, पुल, पार्क सहित तमाम करीब 56 परियोजनाओं को पूरा करने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं। समीक्षाओं और निगरानी में काफी समय लगाया जा रहा है लेकिन इन सबका नतीजा ढाक के तीन पात ही साबित हो रहा है। आलम यह है कि स्मार्ट सिटी परियोजना सहित दूसरी योजनाओं में बनी सड़कें कुछ समय में बर्बाद हो रही हैं। चौपुला से पटेल चौक के बीच सीवर लाइन बिछाने के बाद अभी समय पहले ही इस रोड को बनाया गया है लेकिन ये सड़कें अभी से ही जगह-जगह पर धंस गई हैं तो कई जगहों पर डामर उधड़ने से उसकी बजरी फैल रही है। इससे वाहन चालकों के फिसलने का खतरा बना हुआ है।

इसी तरह चौकी चौराहे से गांधी उद्यान की ओर भी सड़क खराब हो रही है। गांधी उद्यान और बियावानी कोठी के पास बनी नई सड़क के कई जगह धंस जाने के बाद अफसरों ने फजीहत से बचने से पैचवर्क करा दिए हैं लेकिन रोड अब भी खराब है। यही हाल कालीबाड़ी से पटेल चौक जानी वाली सड़क का है। यह रोड भी अभी कुछ महीने पहले बनी कमीशन और फैलता है है।

श्यामगंज पुलिस चौकी के आगे इस रोड पर कई जगह गड्ढे हो गए हैं। मानकों को दरकिनार कर बनाई गई कमीशन और फैलता है कमीशन और फैलता है यह सड़क स्मार्ट सिटी की सूरत पर धब्बा साबित हो रही है। इसी तहर श्यामगंज से सेटेलाइट की ओर भी रोड कई जगह उधड़ चुका है।

सड़क चौड़ीकरण में तार-तार हो रहे मानक
स्टेडियम रोड पर चौड़ीकरण और नाला निर्माण कार्य कराया जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण के लिए अभी एक लेन पर खोदाई कर पत्थर बिछाया जा रहा है। इस कार्य की गुणवत्ता को खुद नगर आयुक्त अभिषेक आनंद आदि ने कई बार चेक किया है। उन्होंने यहां पहले निर्माण कार्य के मानकों के बारे में जानकारी ली और बाद में सड़क चौड़ीकरण कमीशन और फैलता है के लिए बिछाई गई पत्थर की परत की मोटाई को चेक करने के लिए अपने सामने ही उसकी खोदाई कराई थी।

अधिकारियों की हिदायत के बाद भी गुणवत्ता को मानक मुताबिक नहीं किया जा रहा है। तकनीकी जानकारों ने बताया कि बड़े पत्थर भराव के लिए नींचे बिछाए जाते हैं। इसके ऊपर की परत पर छोटे बजरी बिछाई जाती है। इससे निर्माण की गुणवत्ता में सुधार हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निर्माण की गुणवत्ता पर निगरानी रखी जा रही है।

30 फीसदी कमीशन और फैलता है से कम लागत वाले टेंडरों की भी हो रही जांच
नगर निगम ने कमीशन और फैलता है कुछ समय पहले से सैकड़ों की संख्या में सड़क-गली निर्माण के टेंडर कराए थे। इसमें तमाम ठेकेदारों ने 30 फीसदी तक कम लागत में टेंडर ले लिए थे। इससे निर्माण में खेल होने की संभावना पैदा हो गई थी। इसे लेकर नगर निगम और एक आउटसोर्सिंग एजेंसी कमीशन और फैलता है ने मिलकर बहुत कम लागत वाली सड़कों की सूची तैयार की थी। इसमें 50 सड़कों को रडार पर लिया गया था। इसकी भी जांच अभी चल रही है।

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