पारदर्शी और उचित व्यापार

उचित व्यवहार संहिता
ऋणदाताओं के लिए पारदर्शी तरीके से उचित व्यवहार संहिता निर्धारित करने की दृष्टि से बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने निम्नानुसार ऋणदाताओं के लिए उचित व्यवहार संहिता बनाई है.
निम्न कार्यक्षेत्रों के लिए यह संहिता लागू होती है :
ऋण के लिए आवेदन और उनका प्रोसेसिंग
ऋण आवेदन के विषय में, ऋण खाता, जिस संविभाग में आता हो, उसके अनुसार शुल्क/प्रभारों की मानक अनुसूची सभी संभाव्य ऋणियों को, उनके ऋण की राशि कोई भी हो, ऋण आवेदन के साथ उपलब्ध कराई जाएगी. इसी तरह, आवेदन अस्वीकृत किए जाने की स्थिति में, लौटाए जानेवाले शुल्क, अवधि पूर्व भुगतान का विकल्प तथा कोई अन्य विषय जो ऋणी के हित से जुड़ा हो, की जानकारी भी ऋणी के हित से जुड़ा हो, की जानकारी भी ऋणी को आवेदन करते समय दी जाएगी.
भरे हुए आवेदन फार्म की प्राप्ति की समुचित सूचना दी जाएगी.
प्राथमिक चर्चा के लिए यदि आवश्यक समझा जाए, तो आवेदक द्वारा बैंक से संपर्क करने हेतु संभावित तिथि की सूचना भी प्राप्ति सूचना में दी जाएगी.
सभी आवश्यक सूचना / कागजातों के साथ प्रस्तुत पूरी तरह से भरे हुए ऋण आवेदनों को उनकी प्राप्ति की तारीख से -4- सप्ताहों के भीतर सभी ऋण आवेदनों का निपटान किया जाएगा.
ऋण आवेदन पर अस्वीकृति के मामले में, ऋण की श्रेणी या सम्मत सीमा कोई भी हो, अस्वीकृति की लिखित सूचना ग्राहक को दी जाएगी, जिसमें ऋण आवेदन की अस्वीकृति के कारण का उल्लेख किया जाएगा. अस्वीकृति के कारण की सूचना देने के लिए समय सीमा निम्न अनुसूची के अनुसार होगी:
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र | अवधि |
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रु.25000/- तक | 2 सप्ताह के भीतर |
रु.25000/- से अधिक और रु. 5/- लाख तक | 4 सप्ताह के भीतर |
रु. 5 लाख/- से अधिक | 8 से 9 सप्ताहों के भीतर |
गैर प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र | अवधि |
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निर्यात ऋण | 45 कार्य दिवसों के भीतर |
अन्य | 46 कार्य दिवसों के भीतर* |
*यह सीमा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक स्तर तक ही है. निदेशक मंडल प्रबंधन समिति के अधिकार क्षेत्र में आनेवाले प्रस्तावों के विषय में, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद नियोजित अगली बैठक में प्रस्ताव को प्रस्तुत किया जाएगा.
आवेदनों के निपटान की उपरोक्त समय सीमा, सभी तरह से उचित सूचना / कागजातों के साथ प्रस्तुत आवेदन की प्राप्ति की तारीख से लागू होगी.
ऋण मूल्यांकन एवं निबंधन शर्तें
जोखित आधारित मूल्यांकन की बैंक की निधारित पध्दतियों के अनुसार, प्रत्येक ऋण आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा और जोखिम के मूल्यांकन के आधार पर, बैंक के वर्तमान मार्गनिर्देशों के अनुसार उचित मार्जिन / प्रतिभूति का निर्धारण किया जाएगा. इस प्रक्रिया में उचित जांच पडताल के मार्गनिर्देशों का पूरा अनुपालन किया जाएगा.
ऋण सीमा की मंजूरी तथा संबंधित नियम व शर्तों की जानकारी ऋण के आवेदक को लिखित रूप में दी जाएगी और इन नियमों व शर्तों की स्वीकृति आवेदक से लिखित रूप में प्राप्त की जाएगी. मंजूरी से पहले बैंक और ऋणी के बीच परस्पर सहमति से निश्चित किए गए नियम व शर्तें ही मंजूरी में निर्धारित की जाएंगी.
ऋण आवेदन तथा सभी संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां ऋण आवेदक के विशिष्ट अनुरोध पर ही उपलब्ध कराई जाएंगी. मानक मंजूरी पत्र में अनुमोदन, अस्वीकृति इत्यादि का उल्लेख किया जाएगा. समुचित समीक्षा / मूल्यांकन के बगैर वृद्धि / अतिरिक्त सीमा / सुविधाओं को स्वीकृति देने की कोई कानूनी बाध्यता बैंक पर लागू नहीं होगी.
संघीय व्यवस्था के तहत, ऋण दान के मामले में, सहभागी बैंक प्रस्ताव के संपूर्ण मूल्यांकन और निर्णय सूचित करने के लिए समय - सीमा निर्धारित करेंगे. संघ के निर्णय बैंक के लिए बाध्यकारी होंगे.
ऋण का संवितरण, नियम शर्तों में परिवर्तन सहित
मंजूर ऋणों के विषय में नियमों व शर्तों का संपूर्न अनुपालन,साथ ही मंजूरी में निर्धारित ऋण दस्तावेजों का निष्पादन किए जाने पर तुरंत ऋणों का संवितरण किया जाए.
ब्याज दर तथा सेवा प्रभार सहित, किसी भी नियम / शर्तों में किसी तरह के परिवर्तन की सूचना, यदि यह विशिष्ट खाते से संबंद्ध हो तो संबंधित ऋणी को और अन्य मामलों में सार्वजनिक नोटिस / शाखा के नोटिस बार्ड पर प्रदर्शित करते हुए / बैंक की वेबसाइट पर / प्रिंट और अन्य प्रसारमाध्यमों के जरिए समय-समय पर दी जाएगी.
ब्याज दरों और सेवा प्रभारों में परिवर्तन भावी तारीख से प्रभावी होंगे.
ऐसे परिवर्तनों के बाद, कोई अतिरिक्त विलेख या लिखित में कागजात, दस्तावेज जिन्हें निष्पादित करना आवश्यक हो, की सूचना दी जाएगी. साथ ही, सुविधा की उपलब्धता ऐसे विलेखों, दस्तावेजों या कागजातों के निष्पादन के अधीन होगी.
वितरण पश्चात् पर्यवेक्षण देखरेख
संवितरण पश्चात् पर्यवेक्षण विशेषकर रु. 2/- लाख तक के ऋणों के विषय में ठोस व सुनिर्धारित पारदर्शी और उचित व्यापार तरीके से किया जाएगा, जिसका उद्देश्य ग्राहक को आनेवाली कठिनायों को यथायोग्य तरीके से सुलझाने का होगा.
करार के तहत ऋण वापस मांगने / भुगतान में कार्यनिष्पादन में शीघ्रता लाने या अतिरिक्त प्रतिभूति की मांग करने के निर्णय लेने से पहले बैंक ऋणी को समुचित रूप से नोटिस दी जाएगी.
ऋण का संपूर्ण व अंतिम भुगतान प्राप्त करने पर ऋणी के विरुद्ध बैंक के कानूनी अधिकार या ग्रहणाधिकार या समायोजन या किसी अन्य दावे के अधीन, ऋण से संबंधित सभी प्रतिभूतियां ऋणी को वापस की जाएंगी, यदि ऐसा अधिकार निष्पादित करना है, तो ऋणियों को आवश्यक विवरण के साथ समुचित नोटिस दिया जाएगा.
अन्य सामान्य प्रावधान
ऋण मंजूरी दस्तावेजों में दिए गए नियमों व शर्तों द्वारा स्वीकृति के अलावा ऋणी के किसी मामले में बैंक दखल देना नहीं चाहेगा (जबतक कि कोई नई जानकारी, जिसे ऋणी ने प्रकट नहीं किया हो, ऋणदाता बैंक के ध्यान में नहीं आ जाती है) तथापि, इसका यह अर्थ नहीं है कि इस प्रतिबध्दता की वजह से वसूली का अधिकार और कानूनी ढंग से प्रतिभूति को प्रवर्तित करने, साथ ही नामित निदेशक की नियुक्ति, जहां आवश्यक हो, का बैंक का अधिकार बाधित पारदर्शी और उचित व्यापार हो.
लिंग, जाति या धर्म के आधार पर अपनी ऋण नीति और गतिविधि मैं बैंक कोई भेदभाव नहीं करेगा.
वसूली के मामले में, बैंक निर्धारित मार्गनिर्देशों और वर्तमान प्रावधानों के अनुसार सामान्य उपायों का अवलंब करेगा और कानूनी दायरे में रहकर कार्यवाही करेगा. देयों की वसूली और प्रतिभूति के पुर्नग्रहण के लिए संहिता पर बैंक की मॉडल नीति निर्धारित की गई है.
ऋण खातों के अंतरण के विषय में ऋणी से या बैंक 'वित्तीय संस्था से अनुरोध प्राप्त होने पर, बैंक की स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना अनुरोध प्राप्त होने की तारीख से -21- दिनों के भीतर दी जाएगी.
शिकायतें : आवेदक / ऋणियों को अपनी शिकायत संबंधित शाखा को लिखित रूप में देनी होगी. शाखा के अधिकारी उसके निवारण के लिए तुरंत कार्यवाही करेंगे.
निवारक उपाय:प्राप्त शिकायत के मामले में, शाखा शिकायत प्राप्त होने के -7- दिनों के भीतर क्षेत्रीय / अंचल प्रमुख को संपूर्ण ब्यौरे के साथ मामले के विषय में सूचना देगी. क्षेत्रीय / अंचल प्रमुख शिकायत / विवाद को अधिकतम 30 दिनों के भीतर निपटाने हेतु आवश्यक सभी कार्यवाही करेंगे.
ऋणियों को गुणवत्ता और अनुकूलता की दृष्टि से इस संहिता की पारदर्शी और उचित व्यापार समय पर समीक्षा की जाएगी. इस दिशा में सुधारात्माक सुझावों का बैंक हमेशा आदर करेगा.
WTO में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन
हाल ही में विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation- WTO) ने चीन द्वारा चावल, गेहूँ और मक्का पर टैरिफ-रेट कोटा (Tariff-Rate Quota- TRQ) के उपयोग के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के पक्ष में फैसला सुनाया है।
आयात के नियम बदले, डंपिंग पर सरकार ने उठाया बड़ा कदम
भारत में आयात के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। ‘मूल स्थान के नियमों’ पर अमल की नयी व्यवस्था तय की है। इससे खराब क्वालिटी का सामान रोका जा सकेगा। भारत में सिर्फ लेबल लगातर जो सामान डंप किया जाता था, उससे भी निजात मिलेगी।
हाइलाइट्स
- सरकार ने मुक्त व्यापार करार के तहत ‘मूल स्थान के नियमों’ पर अमल की नई व्यवस्था तय की है
- इससे खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का आयात रोकने में मदद मिलेगी
- एफटीए में भागीदार देश के जरिये किसी तीसरे देश के उत्पादों की डंपिंग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है
- अब तीसरे देश के उत्पाद को सिर्फ लेबल लगाकर भारतीय बाजार में डंप नहीं किया जा सकता
इसमें कहा गया पारदर्शी और उचित व्यापार है कि ये नियम भारत में आयातित उन उत्पादों पर लागू होंगे जिन पर आयातक व्यापार समझौते के तहत शुल्क में छूट या रियायत का दावा करेंगे। पारदर्शी और उचित व्यापार इन प्रावधानों के तहत जिस देश ने भारत के साथ एफटीए किया है वह किसी तीसरे देश के उत्पाद को सिर्फ लेबल लगाकर भारतीय बाजार में डंप नहीं कर सकता। उसे संबंधित उत्पाद को भारतीय बाजार में निर्यात करने के लिए एक निर्धारित मूल्यवर्धन करना होगा।
उत्पाद के मूल स्थान या उत्पादन की मूल जगह के नियमों से देश में उत्पादों की डंपिंग को रोकने में मदद मिलेगी। भारत ने जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और आसियान के सदस्यों सहित कई देशों के साथ मुक्त व्यापार करार किया है। इस तरह के समझौतों में दो व्यापारिक भागीदार देश आपसी व्यापार वाले उत्पादों पर आयात/सीमा शुल्क को उल्लेखनीय रूप से घटा देते हैं या पूरी तरह हटा देते हैं। अधिसूचना के अनुसार व्यापार करार के तहत तरजीही शुल्क दर के दावे के लिए आयातक या उसके एजेंट को बिल जमा कराते समय यह घोषणा करनी होगी कि संबंधित उत्पाद तरजीही शुल्क दर के लिए पात्र है।
उसे संबंधित उत्पाद के मूल स्थान या उत्पत्ति-स्थल का प्रमाणन भी देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार ‘मूल स्थान के नियम’ की समीक्षा करेगी। पारदर्शी और उचित व्यापार विशेषरूप से संवेदनशील उत्पादों के मामले में ऐसा किया जाएगा। इससे मुक्त व्यापार करार का हमारी नीति की दिशा से तालमेल सुनिश्चित होगा।
इस अधिसूचना पर एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के तहत भारत द्वारा दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं के साथ किए गए विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों में मूल स्थान के नियमों का एक स्पष्ट, पारदर्शी और उचित तरीके से प्रशासन महत्वपूर्ण हो जाता है। मोहन ने कहा कि इन नियमों से भारत और विदेश में कंपनियों को उचित अधिकारियों द्वारा व्यापार समझौतों के तहत तरजीही शुल्क के आकलन के लिए अपनाई जाने वाली समूची प्रक्रियाओं के बारे में पता चल सकेगा।
ब्लॉकचेन से मिल रहे अनेक फायदे
साल 2018 में अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से करीब 12 लाख टीके राज्य के 11 जिलों में भेजे गए और इनकी आपूर्ति की पूरी प्रक्रिया शत प्रतिशत सटीक रही। इसी तरह तेलंगाना में सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना टी-चिट्स की मदद से 800 से ज्यादा चिट फंड योजनाओं की नीलामी में होने वाली हेरफेर से लेकर दूसरी कई तरह की धोखेबाजी को न्यूनतम कर दिया गया है। इसके अलावा, देश के पांच राज्यों में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भारत सरकार के ऑनलाइन कृषि-बाजार से जुडऩे के लिए दस लाख से अधिक किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं ताकि उचित मूल्य पर व्यापार पारदर्शी तरीके से किया जा सके।
ये सभी लक्ष्य एक ही तकनीक, ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके हासिल किए जा रहे हैं, जो काफी समय तक केवल क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े रहने के बाद अब दूसरे क्षेत्रों में भी अपनी संभावनाएं तलाश रही है।
ब्लॉकचेन किसी बहीखाते की तरह होती है, जहां किसी रिकॉर्ड या लेनदेन की सूची होती है और प्रविष्टियों के जुडऩे पर यह बढ़ती रहती है। डेटाबेस में संग्रहीत रिकॉर्ड को बदला नहीं जा सकता लेकिन फिर भी सभी हितधारक इसे देख सकते हैं। यह अत्यधिक सुरक्षित माना जाता है क्योंकि केवल किसी एक कंप्यूटर पर हमला करके ब्लॉकचेन के रिकॉर्ड को बदला नहीं जा सकता।
ब्लॉकचेन-डिजिटल आइडेंटिटी स्टार्टअप ऐसेट चेन टेक्लीजेंस के सह-संस्थापक मयूर झंवर कहते हैं, 'ब्लॉकचेन एक तरह का डेटाबेस है। इसमें विकेंद्रीकरण के साथ अत्यधिक सुरक्षा जैसे फायदे हैं। यह भारत में स्वास्थ्य रिकॉर्ड तथा बीमा दावों में होने वाली छेड़छाड़ को रोकने में मदद कर रही है। निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019 के संसद से पारित हो जाने के बाद ब्लॉकचेन का अधिक उपयोग होगा और यह बड़ी भूमिका निभाएगा।'
वर्ष 2019 गार्टनर की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि ब्लॉकचेन साल 2030 तक प्रति वर्ष व्यापार मूल्य में 3 लाख करोड़ डॉलर उत्पन्न कर सकता है। विश्व आर्थिक मंच का अनुमान है कि साल 2025 तक वैश्विक जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत ब्लॉकचेन पर संग्रहीत किया जाएगा।
दवाइयों की समयबद्ध पहुंच
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत टीके अस्पताल में उपयोग होने से पहले खराब हो जाते हैं, जिसका अहम कारण अस्पतालों में टूट-फूट, तापमान नियंत्रण की कमी और शिपमेंट संबंधित मुद्दे होते हैं। आज के समय ब्लॉकचेन इस समस्या को कम करने में मदद कर रही है। उदाहरण के लिए, हैदराबाद स्थित स्टार्ट-अप स्टाट्विग की ब्लॉकचेन-संचालित तकनीक ने रियल टाइम इन्वेटरी डेटा के साथ अरुणाचल प्रदेश में टीकों को एक-जगह से दूसरी जगह भेजने में मदद की। यह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के सहयोग से संचालित किए गए स्मार्ट विलेज परियोजना का हिस्सा था।
स्टाट्विग के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी सिड चक्रवर्ती कहते हैं, 'हमारा अधिकांश काम इन्वेंट्री डेटा को नियंत्रित करना और शुरू से अंत तक टीकों के सफर पर नजर रखना था। हमने यह सुनिश्चित किया कि जालसाजी एवं चोरी जैसे सुरक्षात्मक मुद्दों पर काबू पाने के साथ साथ गुणवत्ता को बरकरार रखा गया।'
दवाई बनाने से लेकर बच्चों को दवाई देने तक की पूरी प्रक्रिया में प्रत्येक स्तर पर इससे जुड़ी जरूरी जानकारियां, जैसे तापमान, पारदर्शी और उचित व्यापार आद्र्रता, सहेजने की विभिन्न जगह आदि ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती हैं। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को डेटा उपलब्ध कराया जाता है।
इसके अलावा, प्रत्येक टीके या शिपमेंट को एक त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड के साथ टैग किया गया है। क्यूआर कोड उत्पाद के लिए विशिष्ट पहचान सुनिश्चित करता है और पारदर्शी और उचित व्यापार जैसे ही उत्पाद आपूर्ति शृंखला में किसी दूसरे स्थान पर जाता है, इससे जुड़े हितधारक मोबाइल-आधारित ऐप्लिकेशन का उपयोग करके इसे स्कैन कर सकते हैं। डेटा में आमतौर पर मात्रा, उत्पाद की बैच संख्या, विनिर्माण और समाप्ति तिथियां शामिल होती हैं।
अभेद्य चिट-फंड रिकॉर्ड
चिट फंड देश की बैंकिंग व्यवस्था का सबसे पुराना स्वरूप है तथा इसके रिकॉर्ड के रखरखाव, धोखाधड़ी में कमी, धांधली एवं विजेताओं को भुगतान न करने जैसी स्थिति में सुधार करने के लिए ब्लॉकचेन की मदद ली जा रही है।
चिट फंड्स हर महीने सबस्क्राइबर से पैसा लेते हैं और सबस्क्राइबर उस महीने में कुल जमा राशि को उधार देने के लिए नीलामी में भाग लेते हैं। इसके बाद सबसे कम बोली लगाने वाले (या विजेता) को रुपया दे दिया जाता है। फोरमैन (चिट फंड प्रक्रिया को संभालने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति) को विजेता से कोलेटेरल भी मिलता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में परिणामों में छेड़छाड़, नीलामी में धांधली, अत्यधिक ब्याज दर और कमीशन जैसी अनियमितताएं काफी आम हैं।
लेकिन ब्लॉकचेन का उपयोग करने पर इनमें से प्रत्येक रिकॉर्ड की निगरानी की जा सकती है और नीलामी विजेताओं एवं ब्याज दरों को डिजिटल रूप में संग्रहीत किया जा सकता है। इससे किसी भी खामी को नियामक द्वारा ट्रैक किया जा सकता है।
नियामक तथा चिटफंड कंपनियों के साथ काम करने वाले एक तकनीकी स्टार्टअप चिटमोंक के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी पवन आदिपुरम कहते हैं, 'ब्लॉकचेन तकनीक कई डिजिटल लेजर बनाकर इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सुरक्षित बनाती है। सबस्क्राइबर या नियामक एंड-टू-एंड प्रोसेस और फैसलों की निगरानी कर सकते हैं। इसमें 50 महीने पहले के फैसलों को भी ट्रैक किया जा सकता है, जो पारंपरिक तौर-तरीकों में नहीं होता।'
यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स-वित्त पोषित फर्म चिटमोंक के अनुसार, लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के प्रबंधन के वाली कुल संपत्ति के साथ भारत में लगभग 30,000 पंजीकृत चिट फंड कंपनियां संचालित हैं।
कृषि-तकनीक को सहारा
स्टाट्विग तेलंगाना सरकार के नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ मिलकर किसानों से उचित मूल्य पर कृषि उपज से संबंधित मात्रा एवं गुणवत्ता से जुड़ी समस्याओं का निराकरण करने के लिए काम कर रही है।
कृषि क्षेत्र में ब्लॉकचेन के लाभ से जुड़े एक अन्य उदाहरण में, बिहार के लीची उत्पादकों को दूरदराज के स्थानों (लंदन तक) से खरीदार मिल रहे हैं। इस साल मई में इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से पुणे स्थित फर्म एग्री10एक्स ग्लोबल द्वारा ब्लॉकचेन एवं कृत्रिम मेधा तकनीक की सहायता से निर्मित ई-मार्ट द्वारा संचालित किया जा रहा है।
एग्री10एक्स के सह-संस्थापक एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी सुदीप बोस कहते हैं, 'लेन-देन के प्रत्येक स्तर पर ब्लॉकचेन तकनीक पहचानने तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने की सुविधा देती है, जिससे खरीदार एवं विक्रेता, दोनों के बीच विश्वास बढ़ता है।' भले ही ब्लॉकचेन तकनीक भारत में बहुत नई तकनीक है, लेकिन सरकारें इसका लाभ उठाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में व्याप्त अनिश्चितता ब्लॉकचेन के तेज गति से अपनाने में बाधा बनेगी।