डाउ सिद्धांत

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Latest Money Market MCQ Objective Questions
Money Market MCQ Question 1:
भारतीय मुद्रा बाजार के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ वित्तीय संस्थाएँ हैं जो मुद्रा बाजार के संगठित घटक होती हैं।
- मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंडों को कॉर्पोरेट और व्यक्तियों को इकाइयाँ बेचने की अनुमति होती है।
- आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए सुविकसित मुद्रा बाजार आवश्यक है।
- भारतीय मुद्रा बाजार में सरकारी व अर्ध-सरकारी प्रतिभूतियों का प्रमुख स्थान है।
Answer (Detailed Solution Below)
Money Market MCQ Question 1 Detailed Solution
गलत कथन विकल्प 1 है
Important Points कथन 1: गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां ( NBFCs ) वित्तीय संस्थान हैं जो मुद्रा बाजार के संगठित घटक का गठन करते हैं।
यह कथन गलत है क्योंकि:
- NBFCs वित्तीय संस्थान हैं जो मुद्रा बाजार के संगठित घटक नहीं हैं।
- NBFCs वित्तीय संस्थान हैं जो विभिन्न बैंकिंग सेवाएं डाउ सिद्धांत प्रदान करते हैं लेकिन उनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है।
- इन संस्थानों डाउ सिद्धांत को जनता से चेकि या बचत खाते जैसी पारंपरिक मांग जमा स्वीकार करने की अनुमति नहीं होती है
कथन 2: मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड को निगमों और व्यक्तियों को इकाइयां बेचने की अनुमति होती है।
यह कथन सत्य है क्योंकि
- मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड (MMMF) उच्च क्रेडिट रेटिंग के साथ एक अल्पकालिक तरल निवेश है।
- मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड को निगमों और व्यक्तियों को इकाइयां बेचने की अनुमति होती है।
कथन 3: एक आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी तरह से विकसित मुद्रा बाजार आवश्यक होता है।
यह कथन सत्य है क्योंकि
- एक आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी तरह से विकसित मुद्रा बाजार की आवश्यकता होती है।
- यद्यपि मुद्रा बाजार ऐतिहासिक रूप से औद्योगिक और व्यावसायिक सफलता के परिणामस्वरूप विकसित हुआ है, यह देश के औद्योगीकरण और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कथन 4: भारतीय मुद्रा बाजार में, सरकारी और अर्ध-सरकारी प्रतिभूतियों का प्रमुख स्थान है।
Share market today: शेयर बाजार को नहीं रास आया आर्थिक सर्वे, सेंसेक्स 588 अंक नीचे बंद, 13,634 पर निपटा निफ्टी
Share market today: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आर्थिक सर्वे शेयर बाजार को रास नहीं आया और सेंसेक्स गिरकर बंद हुआ.
Published: January 29, 2021 4:18 PM IST
Share market today: आज शेयर बाजार की शुरुआत शानदार तेजी के साथ हुई थी. सेंसेक्स 400 अंकों की तेजी के साथ और निफ्टी 120 अंकों की तेजी के साथ खुला था. कल की गिरावट के बाद सुबह के कारोबार में बाजार में रौनक देखी जा रही थी. दो दिनों की लगातार गिरावट के बाद बाजार में निचले स्तरों से सुधार देखा गया था. लेकिन, कारोबार के अंत तक बाजार में तेजी नहीं टिक पाई और सेंसेक्स और निफ्टी गिरकर बंद हुए. माना जा रहा है कि वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया आर्थिक सर्वे शेयर बाजार को रास नहीं और सेंसेक्स, निफ्टी गिरकर बंद हुए
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ग्लोबल संकेतों की बात करें, ग्लोबल मार्केट से बेहतर संकेत मिले थे, लेकिन घरेलू स्तर पर निवेशकों ने ऊपरी स्तरों से मुनाफावसूली की. इसके अलावा इस सप्ताह का यह आखिरी कारोबारी सत्र था. अब अगले हफ्ते के पहले दिन यानी 1 फरवरी के बजट पेश किया जाएगा. उसके बाद बाजार की दिशा तय होगी.
सुबह के कामकाज में बैंक, फायनेंशियल, ऑटो और रियल्टी शेयरों में अच्छी खरीददारी आते हुए दिखाई दी थी, लेकिन यह तेजी शाम तक नहीं टिक पाई.
बता दें, बीएसई सेंसेक्स पिछले सप्ताह में पहली बार 50,000 अंक के ऐतिहासिक स्तर को पार करके नया रिकॉर्ड बनाया था. ऐसे में बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में मुनाफावसूली का सिलसिला जारी रह सकता है. अगर बाजार में तेजी आती भी है तो वह ज्यादा समय तक टिकने वाली नहीं होगी. जानकारों ने बताया कि अब सबकी नजरें वित्त वर्ष 2021-22 के बजट पर हैं. बजट के बाद ही सेंसेक्स की आगे की चाल तय होगी.
घरेलू बाजार के लिए आज अमेरिकी बाजारों से संकेत पॉजिटिव मिल थे. गुरूवार को डाउ जोंस 300 अंक मजबूत होकर 30,डाउ सिद्धांत 603 के स्तर पर बंद हुआ. नैसडेक में 67 अंकों की तेजी रही और यह 13,337 के स्तर पर बंद हुआ.
शुक्रवार को प्रमुख एशियाई बाजारों में मिला जुला रुख देखने को मिल रहा है. एसजीएक्स निफ्टी में 0.70 फीसदी तेजी है तो निक्केई 225 में 0.82 फीसदी की गिरावट है. स्ट्रेट टाइम्स में 0.22 फीसदी और हैंगसेंग में 0.34 फीसदी की तेजी नजर आ रही है. ताइवान वेटेड में 0.04 फीसदी और कोस्पी में 1.79 फीसदी की कमजोरी है. शंघाई कंपोजिट में 0.21 फीसदी की मजबूती नजर आ रही है.
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Kharinews
ब्रिटेन के सांसदों ने भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए सहयोग दिलाने का किया आह्वान
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लंदन, 17 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद नवेंदु मिश्रा के नेतृत्व में लेबर सांसदों ने यूके सरकार से भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को त्वरित न्याय, चिकित्सा देखभाल और सही मुआवजा देने के लिए राजनीतिक समर्थन देने का आह्वान किया है।
स्टॉकपोर्ट के लेबर एमपी नेवेन्दु मिश्रा ने यूके की संसद से कहा, 2 दिसंबर, 1984 की त्रासदी से पीड़ित होने वालों के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण है। पीड़ितों का न्याय दिलाने के लिए उनके अभियान में हमारे देश के योगदान की शुरुआत होनी चाहिए।
33 वर्षीय सांसद ने यूके सरकार से यूनियन कार्बाइड की मूल कंपनी डाउ केमिकल्स पर प्रदूषक भुगतान सिद्धांत को स्वीकार करने और पारिश्रमिक की जिम्मेदारी लेने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया।
इतिहास में सबसे बड़ी औद्योगिक आपदा के रूप में जानी जाने वाली त्रासदी 38 साल पहले हुई थी, जब भोपाल में यूनियन कार्बाइड रसायन कारखाने में रिसाव के बाद 5 लाख से अधिक लोग 40 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के संपर्क में आ गए थे।
यह अनुमान लगाया गया है कि डाउ सिद्धांत हादसे में 3,800 लोग तत्काल मारे गए थे। गैस रिसाव के पहले 72 घंटों में 10 हजार लोगों की मौत हो गई, और बाद में गैस के संपर्क में आने वाले 25 हजार और लोगों की मौत हुई। डेढ़ लाख लोग लंबे समय तक बीमार रहे।
लगभग एक लाख लोग दूषित पानी के संपर्क में आ चुके हैं। ग्रीनपीस नामक संस्था ने बताया कि 2002 तक डेढ़ लाख लोग गंभीर रूप से बीमार थे। इनमें से हर दो दिन में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती थी।
वेस्टमिंस्टर हॉल बहस में तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा, भारत में भोपाल गैस आपदा इतिहास की सबसे भयानक औद्योगिक आपदा है, जिसमें 25 हजार लोगों की मौत हो गई। हादसे के पीड़ित न्याय, जवाबदेही और उचित मुआवजे के हकदार हैं।
लेबर सांसद लिवरपूल रिवरसाइड के किम जॉनसन ने एक ट्वीट में लिखा, भोपाल आपदा के लगभग 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड (डॉव द्वारा खरीदा गया) अभी भी पीड़ितों को मुआवजा देने से इंकार कर रहा है। यह उपनिवेशवाद का प्रत्यक्ष परिणाम है, जहां भूरे रंग का जीवन कम मायने रखता है।
मामले में भारत सरकार ने अमेरिकी अदालत में 3 बिलियन डॉलर के हर्जाने के लिए मुकदमा दायर किया, तो यूनियन कार्बाइड ने राहत के रूप में 7 मिलियन डॉलर की पेशकश की। इसके बाद कंपनी ने 1986 में इस प्रस्ताव को बढ़ाकर 350 मिलियन डॉलर कर दिया। 1989 में यूनियन कार्बाइड ने दावों के अंतिम निपटान में 470 डॉलर मिलियन का भुगतान किया।