कॉमर्स का इतिहास

आज के डिजिटल युग में लोग सामान खरीदने के लिए Ecommerce वेबसाइट जैसे की अमेज़न और फ्लिपकार्ट का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं इसलिए अगर आप ई कॉमर्स बिज़नेस करने की सोच रहे हैं तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए हैं क्यूंकि इसमें मैंने ई-कॉमर्स बिज़नेस प्लान और आईडिया के बारे में आसान भाषा में बताया है – eCommerce Business Idea & Plan in Hindi?
इतिहास में पहली बार खाद्य सामग्री पर जीएसटी, विरोध के सुर हो रहे तेज
केंद्र सरकार ने 18 जुलाई से अनब्रांडेड प्रीपैकिंग राशन सामानों में जीएसटी लेने का फैसला किया है. जिसका विरोध अब शुरु हो गया (Intensifying protest against GST on food items in Raipur) है. जहां एक तरफ जनता नाराज है तो वहीं चैंबर ऑफ कॉमर्स बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है.
रायपुर : राजधानी समेत पूरे देश में 18 जुलाई से अनब्रांडेड प्रीपैकिंग राशन सामानों जैसे चावल, दाल, आटा , मैदा, दूध, दही, पनीर, बटर जैसी चीजों पर 5% जीएसटी लगाया गया है. जिसके बाद इन सामानों के दाम बढ़ गए (Intensifying protest against GST on food items in Raipur) हैं. 5% जीएसटी के दायरे में 1 किलोग्राम से 25 किलोग्राम तक पैकिंग शामिल है. 25 किलोग्राम से ऊपर अनब्रांडेड प्रीपैकिंग सामान 5% जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. इसके साथ ही 18 जुलाई से कुछ स्टेशनरी सामानों पर भी 6% जीएसटी बढ़ा दिया गया (GST on unbranded prepacking ration items) है. इसके पहले स्टेशनरी सामानों पर 12% जीएसटी लग रहा था. इस तरह से कुछ स्टेशनरी सामान पर अब 18% जीएसटी देना होगा.राशन सामानों पर लगाए गए 5% जीएसटी के विरोध में कैट और चेंबर ऑफ कॉमर्स संयुक्त रुप से 26 जुलाई को भोपाल में एक बड़ा प्रदर्शन करेंगे. प्रदर्शन के बाद भी जीएसटी को सरकार वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में भारत बंद करने की तैयारी है.
भारत में ईकामर्स व्यवसाय कैसे शुरू करें – बिज़नेस आईडिया और प्लान
स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के कारण भारत में ई-कॉमर्स उद्योग में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। इंटरनेट सेवा प्रदाताओं में वृद्धि और सस्ती कीमतों पर 3G और 4G सेवाओं के लॉन्च के साथ ई-कॉमर्स और एम-कॉमर्स (Mobile-Commerce) उद्योग और भी अधिक वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार हैं। इस लेख में, हम भारत में एक सफल ईकामर्स व्यवसाय शुरू करने कॉमर्स का इतिहास की प्रक्रिया और प्लान को देखेंगे।
eCommerce बिज़नेस कैसे शुरू करें?
- सबसे पहले यह निर्धारित करें की आपको खुद का नया वेबसाइट बनाना है या फिर ई कॉमर्स वेबसाइट जैसे की अमेज़न से जुड़ना है
- अगर आपने अमेज़न को चुना है तो पूरी क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करें
- GST & LLP पंजीकरण करें और क़ानूनी दस्तावेज़ बनवाएं
एक ईकामर्स व्यवसाय कैसे स्थापित करें?
इंटरनेट पर किए जाने वाले व्यवसाय को ई कॉमर्स (eCommerce) कहा जाता है। हाल के वर्षों में, एम-कॉमर्स या मोबाइल कॉमर्स – स्मार्टफोन के माध्यम से किया जाने वाला व्यवसाय बहुत लोकप्रिय हो गया है। वर्तमान में, ईकामर्स व्यवसाय शुरू करने के दो मुख्य तरीके हैं, एक खुद का ईकामर्स वेबसाइट या एक स्थापित बाज़ार में शामिल होना।
एक मालिकाना (स्वयं की) ईकामर्स वेबसाइट बनाना
एक मालिकाना कॉमर्स का इतिहास ईकामर्स वेबसाइट बनाना ईकामर्स व्यवसाय शुरू करने के सबसे कठिन तरीकों में से एक है। मालिकाना ईकामर्स व्यवसाय शुरू करने के लिए भुगतान प्राप्त करने के लिए एक वेब डेवलपमेंट टीम, ऑनलाइन मार्केटिंग टीम और एक पेमेंट गेटवे की आवश्यकता होती है। एक मालिकाना ईकामर्स वेबसाइट शुरू करने में अधिक समय लग सकता है कॉमर्स का इतिहास और एक सफल व्यवसाय बनाने के लिए धन और प्रयास के मामले में अच्छी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होती है।
ईकॉमर्स व्यवसाय शुरू करने के लिए कानूनी औपचारिकताएं
ईकामर्स व्यवसाय, मालिकाना ईकामर्स वेबसाइट शुरू करने या बाज़ार में विक्रेता बनने के लिए, निम्नलिखित पंजीकरण आवश्यक है:
कंपनी या LLP पंजीकरण
एक ईकामर्स उद्यम शुरू करते समय एक कंपनी या LLP होना अच्छा होता है, जिसमें सीमित देयता संरक्षण होता है और व्यवसाय करने में आसानी होती है। कंपनी या एलएलपी होने से यह सुनिश्चित होगा कि व्यवसाय के नाम पर बैंक खाते खोलना या जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना आसान और तेज है।
लगभग सभी मार्केटप्लेस प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप फर्मों को अपनी वेबसाइट पर बेचने की अनुमति देते हैं। हालांकि, मुकदमेबाजी के मामले में कोई सीमित देयता संरक्षण नहीं होगा। इसलिए, एलएलपी या कंपनी के साथ बिक्री शुरू करना सबसे अच्छा है।
यदि प्रमोटर एक मालिकाना ईकामर्स वेबसाइट शुरू करना चाहते हैं, तो कंपनी के साथ शुरुआत करना सबसे अच्छा है, क्योंकि यह एकमात्र प्रकार की इकाई है जो एंजेल फंडिंग या इक्विटी फंडिंग की अनुमति दे सकती है – सफल ईकामर्स उपक्रमों के लिए जरूरी है।
FAQ – eCommerce से जुड़े सवाल
विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.
वाणिज्य क्या होता है ?
वस्तुओ और सेवाओ का किसी अन्य चीज के बदले मे आदान प्रदान वाणिज्य कॉमर्स का इतिहास कहलाता है । खरीद-फरोख्त वाणिज्य का हिस्सा भर है । अंग्रेजी मे वाणिज्य को कॉमर्स (commerce) कहते है । मानव सभ्यता के विकास मे वाणिज्य का बहुत बड़ा किरदार है । वाणिज्य के बगैर मानव सभ्यता का आज के स्थिति में पहुचना ना मुमकिन था । इस पोस्ट मे माध्यम से हम वाणिज्य की कॉमर्स का इतिहास व्याख्या, इतिहास और महत्व को समझेंगे ।
वाणिज्य की परिभाषा व्यक्तियों और व्यावसायिक संस्थाओं के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान है । शिक्षाविदों में, वाणिज्य (commerce) को विज्ञान और कला के साथ-साथ शिक्षा की सबसे लोकप्रिय धाराओं में से एक माना जाता है। वाणिज्य व्यापार, व्यापार लेखा, वित्तीय जानकारी/लेनदेन और बिक्री के विभिन्न पहलुओं से संबंधित है। राष्ट्रों के बीच या राष्ट्र के भीतर व्यापार को सुगम बनाकर राष्ट्रों और उसके नागरिकों के विकास में वाणिज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वाणिज्य और व्यवसाय में फर्क
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वाणिज्य का “व्यवसाय” के समान अर्थ नहीं है, बल्कि यह व्यवसाय का एक सबसेट है। वाणिज्य व्यवसाय के निर्माण या उत्पादन प्रक्रिया से संबंधित नहीं है बल्कि केवल वस्तुओं और सेवाओं की वितरण प्रक्रिया से संबंधित है। वितरण पहलू में लॉजिस्टिक, राजनीतिक, नियामक, कानूनी, सामाजिक और आर्थिक जैसे क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
इसी लिए हर एक देश इस बड़े और जटिल प्रक्रियाओ को नियंत्रित और नियमित करने के लिए एक अलग से वाणिज्य मंत्रालय बनाती है । सरकारे इसके लिए कानून बनाकर और अधिसूचनाए जारी कर बदलाव करती रहती है । हर सालाना बजट में इसके विकास और निर्माण कार्यों के लिए धन राशि आवंटित की जाती है कॉमर्स का इतिहास । लोगों को सबसिडी देकर वाणिज्य के लिए प्रेरित किया जाता है । फिलहाल पीयूष गोयल भारत के वाणिज्य मंत्री है ।
शिक्षक नियोजन : भूगोल और इतिहास की अनिवार्यता खत्म
पटना : शिक्षा विभाग ने मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के नियोजन में कला विषय में भूगोल और इतिहास की अनिवार्यता खत्म कर दी है. विभाग ने यह अहम फैसला मंगलवार को लिया. 2019 के नियोजन में शिक्षा विभाग की तरफ से दी गयी यह शिथिलता प्रभावी होगी. इस फैसले के बाद अब मध्य विद्यालय के नियोजन में आवेदन के लिए आर्ट और कॉमर्स दोनों के स्नातक विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने इस संबंध में निर्णय लेने के लिए पिछले दिनों एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की थी. इस कमेटी की रिपोर्ट पर ही आर्ट में इतिहास और भूगोल की अनिवार्यता शिथिल की गयी है. फिलहाल शिक्षा विभाग के इस फैसले से प्राथमिक नियोजन की प्रक्रिया में भाग लेने के इच्छुक उन लाखों विद्यार्थियों को फायदा होगा, जो कला में स्नातक होते हुए भी विषय के रूप में इतिहास और भूगोल न पढ़ने की वजह से आवेदन नहीं कर पाते थे.
कॉमर्स में करियर कैसे बनाये – Commerce me Career kaise banaye
आज हम इस लेख में कॉमर्स में करियर कैसे बनाये? (Commerce me Career kaise banaye? in hindi) के बारे में जानकारी देने जा कॉमर्स का इतिहास रहे हैं. इस लेख में आप जानेंगे कि कॉमर्स विषय का चयन करने के बाद आप कौन कौन से क्षेत्रो में नौकरी पा सकते है? अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें.
कॉमर्स में करियर कैसे बनाये (Commerce me Career kaise banaye in hindi)
Career in Commerce: दुनिया का हर छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है. लेकिन कुछ छात्र इससे वंचित रह जाते हैं और कुछ छात्रों को उनकी इच्छा के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है और वे सफल भी हो जाते हैं, लेकिन सभी लोग सफल हो जाते है, ऐसा कहना बिलकुल गलत होगा. क्योंकि सफलता पाने के लिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. तभी सफलता मिलती है.
सफलता के कारण, कई देश भारत सहित दुनिया में बहुत आगे हैं. भारत में शिक्षा को सफलता का पहला चरण माना जाता है. यहाँ नौकरी के अनुसार हर क्षेत्र में शिक्षा प्रदान की जाती है. इसलिए, प्रत्येक छात्र को उसकी पसंद के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने के लिए विषयों को चुनने का अवसर दिया जाता है. जिनमे आर्ट, साइंस, कॉमर्स विषयों के अलावा और भी विषय पढ़ाए जाते हैं. आज हम आपको इन्ही विषयों में से कॉमर्स विषय के बारे में बताने जा रहे हैं.
कॉमर्स के बाद रोजगार की संभावनाए (Rojgar ki Sambhavnaye)
बता दें कि कॉमर्स से पढाई करने के बाद, आपको नौकरी के कई विकल्प मिलते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कॉमर्स करने के बाद, वे केवल एकाउंटिंग के क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि कॉमर्स के बाद एकाउंटिंग के अलावा और भी कई नौकरियों की संभावनाएं है, जिसमें आप आसानी से अपना करियर बना सकते हैं.
- बिसनेस प्लानिंग, एकाउंटिंग फाइनेंस, एकाउंटिंग, यह सभी विकल्प आपको बी.कॉम की बैचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद मिल जाते है.
- कॉमर्स के बाद आप कंपनी सेक्रेटरी के लिए भी इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ़ इंडिया का कोर्स कर सकते है.
- बैंकिंग, फाइनेंस, एकाउंटिंग, ऑडिटिंग यह सभी नौकरी के क्षेत्र बी.कॉम इन बैंकिंग एंड इन्शुरन्स में डिग्री प्राप्त करने के बाद मिलते है.
- 12 वीं कॉमर्स होने के बाद जो छात्र फाउंडेशन कोर्स करता है, तो उसे कास्ट अकाउंटेंट जैसे पद से जुड़े क्षेत्रो में काम करने का अवसर मिलता कॉमर्स का इतिहास है.
- प्रशिक्षु सहयोगी, मनी मार्किट डीलर, फाइनेंस कंट्रोलर, रिस्क मैनेजमेंट, फाइनेंस प्लानर यह सभी कैरियर ऑप्शंस आपको बी.कॉम फाइनेंसियल मार्केट्स की डिग्री प्राप्त करने के बाद मिलते है.
- यदि आप CA का कोर्स करते है तो आपको एकाउंटिंग के क्षेत्र में बहुत अधिक करियर ऑप्शन मिल जाते है.
- ग्रेजुएशन डिग्री हासिल करने के बाद आप UPSC के जरिये आईएएस, आईपीएस की अधिकारिक नौकरी प्राप्त कर सकते है.
- कॉमर्स डिग्री हासिल करने के बाद आप रेलवे, बस जैसे सड़क परिवहन विभाग में आसानी से नौकरी पा सकते है.
- ग्रेजुएशन डिग्री, मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद आप शैक्षणिक क्षेत्र में शिक्षक के पद पर नौकरी पा सकते है.
- 12 वीं कॉमर्स या ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद आपको पुलिस विभाग अथवा सेना में नौकरी का अच्छा विकल्प प्राप्त हो सकता है.
- 12 वीं कॉमर्स पास होने के बाद आप बीसीए कोर्स (BCA course) करके भी कंप्यूटर के क्षेत्र में सॉफ्टवेयर-आईटी कंपनियों में नौकरी पा सकते है.