व्यापारिक मुद्रा जोड़े

Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है?

Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है?
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में करना है इन्वेस्ट तो फोकस्ड फंड का करें चुनाव! मिलेगा मोटा रिटर्न

By: ABP Live | Updated at : 06 Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? Sep 2022 09:49 AM (IST)

Mutual Fund Investment Tips: पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका सबसे बड़ा कारण हैं कि इसमें निवेश करने पर आपको कम रिस्क (Less Risk Investment) में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न का लाभ मिलता है. अगर आप छोटे-छोटे पार्ट में निवेश करना चाहते हैं तो एसआईपी (SIP) एक शानदार निवेश का ऑप्शन हो सकता है. यह निवेशकों को लंबे वक्त में बड़े फाइनेंशियल गोल्स (Financial Goals) को प्राप्त करने में मदद करता है. अगर आपको मल्टी टाइम रिटर्न (Multi Time Return) का लाभ प्राप्त करना हैं तो आपके लिए फोकस्ड फंड एक म्यूचुअल Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? फंड इन्वेस्टमेंट (Focused Fund Mutual Fund Investment) का एक शानदार ऑप्शन है. अब सवाल उठता है कि फोकस्ड फंड (Focused Fund) क्या है. इसमें कैसे निवेश किया जा सकता है और इसमें आपको कितना रिटर्न मिल सकता है. आइए जानते हैं इस सभी सवालों के जवाब-

Mutual Fund क्या है? कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?

क्या है म्यूचुअल फंड? कैसे करें निवेश की शुरुआत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2022,Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है?
  • (अपडेटेड 04 अगस्त 2022, 6:53 PM IST)

हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.

क्या हैं म्यूचुअल फंड?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है.

सम्बंधित ख़बरें

Infosys, RIL, ICICI Bank ने कराई रिकवरी, छठे दिन भी फायदे में Sensex-Nifty
नई शराब नीति पर दिल्ली सरकार का यू-टर्न, फिर लगेगी दुकानों पर लंबी लाइनें?
सोने-चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट, आज इतने रुपये हुआ सस्ता
क्रेडिट कार्ड से पेमेंट से लेकर म्यूचुअल फंड तक, आज से ये 6 बड़े बदलाव
निवेश की राह पर भारतीय, 5 महीने में 70 लाख लोग MF से जुड़े

सम्बंधित ख़बरें

आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.

क्या है एैसेट मैनेजमेंट कंपनी(AMC)?

ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे.

किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?

How to become Rich : सिर्फ 10 साल में आप बन जाएंगे करोड़पति, म्यूचुअल फंड में इस तरह करना होगा निवेश

How to become Crorepati

इक्विटी म्यूचुअल फंड आपको बना सकता है करोड़पति

हाइलाइट्स

  • म्यूचुअल फंड में निवेश करके भी आप बन सकते हैं करोड़पति
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड में मिलेगा बेहतर रिटर्न
  • एन्युअल स्टेप-अप के जरिए बढ़ाएं अपना निवेश

इस तरह बढ़ाएं अपना निवेश
इक्विटी म्यूचुअल फंड में आप 10 वर्षों का लक्ष्य लेकर भी चल सकते हैं। इन दस वर्षों के निवेश से आप एक करोड़ रुपये का फंड जमा कर सकते हैं। इस टार्गेट को पाने के लिए आप मंथली एसआईपी में एन्युअल स्टेप-अप (Annual Step-up) का उपयोग कर सकते हैं। स्टेप-अप एसआईपी का एक ऐसा Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? फीचर है, जो एसआईपी में आपके योगदान को एक विशेष अवधि के बाद बढ़ा देता है। आप हर साल अपनी एसआईपी की राशि में कुछ फीसदी की बढ़ोतरी कर सकते हैं। इस तरह आप अपनी आय में सालाना इंक्रीमेंट ( Yearly Increments) और अपने वित्तीय गोल (Financial Goals) के अनुसार एसआईपी की राशि में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।

अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?

चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।

Mutual Fund में कैसे मिलेगा दमदार रिटर्न? निवेश से पहले जान लीजिए कुछ कॉमन सवालों के जवाब

Mutual Fund Investment tips: म्‍यूचुअल फंड में निवेश आज के समय में काफी आसान है. कई ऐसे अप्‍लीकेशन और डिजिटल प्‍लेटफॉर्म हैं, जहां ऑनलाइन KYC पूरी कर निवेश शुरू किया जा सकता है. इसमें निवेशक महज 100 रुपये की SIP (सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान) से भी निवेश शुरू कर सकते हैं.

Mutual Fund Investment: बाजार में जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद म्‍यूचुअल फंड में निवेशकों का भरोसा मजबूत Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? बना हुआ है. मार्च 2022 के दौरान इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स (Mutual Fund) में रिकॉर्ड 28,463 Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ. यह इक्विटी फंड्स का ऑल टाइम हाई निवेश है. एसोसिएशन ऑफ म्‍यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में लगातार 13वें महीने इक्विटी फंड्स में निवेश आया. म्‍यूचुअल फंड में निवेश आज के समय में काफी आसान है. कई ऐसे अप्‍लीकेशन और डिजिटल प्‍लेटफॉर्म हैं, जहां ऑनलाइन KYC पूरी कर निवेश शुरू किया जा सकता है. इसमें निवेशक Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? महज 100 रुपये की SIP (सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान) से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. हालांकि, म्‍यूचुअल फंड में निवेश को लेकर कई तरह के ऊहापोह दिमाग में चलते हैं, जैसेकि रेग्‍युलर प्‍लान में जाएं या डायरेक्‍ट निवेश करें. एडलवाइस वेल्‍थ मैनेजमेंट के प्रेसिडेंट एंड हेड (पर्सनल वेल्‍थ) राहुल जैन से म्‍यूचुअल फंड में निवेश से पहले के कॉमन सवालों के जवाब जानते हैं.

डायवर्सिफाइड या कन्‍संट्रेटेड स्‍कीम

कुछ फंड्स का पोर्टफोलियो 50-60 कंपनियों में फैला होता है. जबकि, कुछ स्‍कीम्‍स का काफी कॉम्‍पैक्‍ट होता है, उनके पोर्टफोलियो में 25-30 स्‍टॉक्‍स ही होते हैं. एक कन्‍संट्रेटेड पोर्टफोलियो बाजार की रैली में रिटर्न बढ़ा सकता है, लेकिन एक डायवर्सिफाइड फंड मार्केट की गिरावट में मुनाफे को Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? प्रोटेक्‍ट करता है. बतौर निवेशक, आपको डायवर्सिफाइड फंड्स में अपनी कोर होल्डिंग रखनी चाहिए. साथ ही कन्‍संट्रेटेड फंड में अपना कुछ निवेश सप्‍लीमेंट्री तौर पर करना चाहिए. इस स्‍ट्रैटजी से आपको मार्केट की तेजी और गिरावट दोनों ही स्थिति के लिए आपका पोर्टफोलियो बेहतर साबित होगा.

सभी म्‍यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में डायरेक्‍ट और रेग्‍युलर वेरिएंट्स हैं. डायरेक्‍ट प्‍लान में कोई इंटरमीडियरी नहीं होता है. इसलिए एक्‍सपेंश रेश्‍यो कम होता है. वहीं, रेग्‍युलर प्‍लान इससे अलग होता है. इसमें एक्‍सपेंस रेश्‍यो ज्‍यादा हाता है, क्‍योंकि उसमें इंटरमीडियरीज शामिल होता है. लॉन्‍ग टर्म में कम एक्‍सपेंश रेश्‍यो हायर रिटर्न ट्रांसलेट होता है. इसके साथ ही कम्‍पाउंडिंग के चलते लो एक्‍सपेंश रेश्‍यो से डायरेक्‍ट प्‍लान में गेन्‍स ज्‍यादा होता है. हालांकि, डायरेक्‍ट प्‍लान में तभी निवेश करना चाहिए, जब आपको मार्केट की समझ अच्‍छी हो और मार्केट के टर्म को अच्‍छी तरह समझते है. वर्ना, रेग्‍युलर प्‍लान में निवेश करना चाहिए.


एक्टिव या पैसिव फंड्स

एक्टिव फंड्स अपने बेंचमार्क इंडेक्‍स से बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. दूसरी ओर, पैसिव फंड्स बामुश्किल से अपने बेंचमार्क इंडेक्‍स के बराबर रिटर्न दे पाते हैं. एक्टिव फंड्स की फीस ज्‍यादा होती है, जबकि पैसिव फंड्स में फंड मैनेजर्स की जरूरत नहीं होती है. अगर सबकुछ ठीक रहता है, तो एक्टिव फंड्स बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, जब मार्केट कंडीशन बेहतर न हो, तो इनका रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्‍स से कम रहता है. हालांकि, इस कौन-सा फंड चुनें इस बात का फैसला आपके इन्‍वेस्‍टमेंट गोल पर तय होता है.

अगर आप दमदार रिटर्न जेनरेट करना चाहते हैं तो एक्टिव फंड चुनें. दूसरी ओर, अगर आप किसी इंडेक्‍स के बराबर परफॉर्मेंस चाहते हैं, तो पैसिव फंड बेहतर ऑप्‍शन हैं. डायवर्सिफिकेशन के लिए निवेशक को पोर्टफोलियो में एक्टिव और पैसिव दोनों ही फंड रखने चाहिए.

बड़ा या छोटा फंड

फंड कितना बड़ा है या छोटा, यह कोई मायने नहीं रखता है. इसकी बजाय निवेश से पहले लॉन्‍ग टर्म में फंड की परफॉर्मेंस कैसी रही है, इसका एनॉलसिस जरूर करना चाहिए. अगर काई फंड लंबी अवधि में हाई रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न देता है, तो वह निवेश के लिए बेहतर च्‍वाइस हो सकता है. दूसरी ओर, अगर फंड का लॉन्‍ग टर्म रिटर्न अच्‍छा नहीं है, तो उसमें निवेश से बचना चाहिए. कई ऐसी स्‍माल म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स है, जिनकी परफॉर्मेंस बड़े फंड्स से बेहतर रही है.

अगर आप किसी ओपन-एंडेड म्‍यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप किसी भी समय एंट्री या एग्जिट कर सकते हैं. आप जरूरत पर आसानी से आंशिक रूप से निकासी कर सकते हैं या अपना निवेश अमाउंट बढ़ा सकते हैं. हालांकि, क्‍लोज-एंडेड फंड्स में आप ऐसा नहीं कर सकते हैं. इसमें निवेशकों को एकमुश्‍त निवेश करना होता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला लेने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

रेटिंग: 4.12
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 593
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *