ETF क्या है

Safir Anand Exclusive: सही थीम से ही मिलते हैं अच्छे शेयर, ये 5 फंडे हैं बाजार में सबसे मददगार
शेयर बाजार में पैसे हर कोई कमाना चाहता है लेकिन बिना सही थीम के चुनाव के ये मुश्किल काम है. वैल्यू इन्वेस्टर साफिर आनंद ने शेयर चुनने का सीक्रेट बता दिया है.
एक ऐसे वक्त में जब हर तरफ मंदी का डर है, US से लेकर यूरोप में स्लोडाउन की बातें चल रही हैं. ऐसी हालत में भी भारतीय मार्केट पर जानकारों का भरोसा बरकरार है. वैल्यू इन्वेस्टर साफिर आनंद का मानना है कि, "भारतीय इकोनॉमी की स्थिति काफी मजबूत है. US और यूरोप में दिख रही मंदी की आहट का भी भारतीय बाजारों पर असर नहीं पड़ेगा."
साफिर आनंद ने निवेशकों के लिए 5 थीम्स भी बताईं जिनको फॉलो कर के रिटेल निवेशक शेयर और सेक्टर चुनने में सही फैसला ले सकते हैं. इसके साथ ही रिटेल निवेशकों को उन्होंने सलाह दी कि ट्विटर पर स्क्रीनशॉट शेयर करने वाले ट्रेंड में फंस कर अपने ट्रेड या निवेश का फैसला न करें. किसी भी सेक्टर के लिए फ्यूचर ट्रिगर्स देख कर निवेश करें.
ETF क्या है इन्वेस्ट कैसे करे | etf meaning in hindi
ETF (Exchange Traded Fund) होता क्या है (etf meaning in hindi) और क्या आपको इसमें इन्वेस्ट करना चाहिए। तो आज हम जानेंगे ETF के बारे में बहुत ही सरल भाषा में सब कुछ। बहुत लोगो को शेयर मार्केट में रिस्क नहीं लेना चाहते है उसके लिए है ये फण्ड।
ETF (Exchange Traded Fund) क्या है (etf meaning in hindi):-
Mutual Fund में कंपनी को लोग पैसा देता है और उसका फंड मैनेजर अलग अलग शेयर में निवेश करता है। लेकिन Index Fund में लोगों का पैसा Direct Nifty और Sensex पर पैसा लगा देते हैं, इसमें फंड मैनेजर अलग अलग करके शेयर में निबेश की जरुरत नहीं पड़ती। एक ही index पर निवेश करते है। Nifty यानी देश का टॉप 50 शेयर्स का बास्केट और Sensex 30 कंपनी का टोकरी होता हैं। Index fund आप म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी से खरीद सकते है।
ऐसे ही बहुत सारे शेयर्स के बास्केट होता है जिसमे इंडेक्स फंड पैसा लगाते हैं। इसी तरह ETF (Exchange Traded Fund) index fund की तरह ही होता हैं। इसमें कोई भी एक एक करके शेयर में इन्वेस्ट नहीं करता, हमेशा शेयर्स के बास्केट में ही इन्वेस्ट करता हैं। ETF एक fund है जो किसी Index को अनुकरण करता हैं। आप Direct Nifty या Sensex पर इन्वेस्ट नहीं कर सकता। ETF के जरिये आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं। जब ये इंडेक्स ऊपर जाएगा आपका ETF भी ऊपर जाएगा।
ETF में कैसे इन्वेस्ट करे:-
ETF में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास Demat Account होना जरूरी हैं। आप डायरेक्ट शेयर मार्केट से ही ETFको खरीद सकते है। बहुत सारे ऐसे ETF है जहा पर आप खरीद सकते है। उनमे से है- Niftybees, HDFC Sensex ETF, Kotak PSU Bank ETF etc।
शेयर मार्केट में ETF कैसे आता है:-
जब भी कंपनी को शेयर मार्केट में ETF लाना होता है। तो कंपनी जिस भी सेक्टर, जितने पैसा का लाना है उस सेक्टर का उतने पैसा का शेयर खरीद लेता है। फिर मार्केट में उस सेक्टर का ETF लोगों के लिए Issue होते हैं। उसके बाद बाज़ार में उसका खरीद बेच होते रहते हैं। लेकिन ETF में जितना पैसा का Issue होता है उससे ज्यादा कंपनी और आकार बड़ा नहीं कर सकते।
उदाहरण के लिए मान लीजिए:- ABC कंपनी एक 500 cr का NIFTY ETF लाना चाहती है। तब ये कंपनी 500 cr का पहले NIfty का शेयर खरीद लेंगे उसके बाद ही कंपनी बाज़ार में उतने पैसा का ETF निकल पाएगा। फिर बाद में 500 cr से ज्यादा और बड़ा नहीं कर सकता।
Disadvantage क्या है ETF में:-
- लिक्विडिटी कम है:- जब आप कभी ETF खरीदते हो तो उसको बेचने के लिए आपको खरीदार मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। क्युकी लोग इसमें ज्यादा इन्वेस्ट करना पसंद नहीं करते। ज्यादातर लोग शेयर में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। आपको ETF खरीदने से पहले लिक्विडिटी है या नहीं जरूर देख लेना चाहिए।
- शुल्क थोड़ा ज्यादा है:- जैसा की ETF शेयर मार्केट से खरीदना पड़ता है। इसलिए आपको शेयर जैसा ही शुल्क देना पड़ता है। आपको Demat अकाउंट Charge, Stamp duty और भी बहुत तरह का शुल्क देना होगा।
Advantage क्या है ETF का:-
- किसी भी समय खरीदना:- म्यूच्यूअल फण्ड में एक दिन का NAV पे ही आप खरीद सकते हो। लेकिन ETF शेयर मार्केट में लिस्टेड होने के कारण स्टॉक की तरह किसी भी टाइम खरीद सकते हो। जैसे जैसे नीचे ऊपर होता है आप खरीद बेच कर सकते हैं।
- सेक्टर का फ़ायदा:- ETF में आप किसी भी अलग अलग सेक्टर पर आप इन्वेस्ट कर सकते हैं। इससे आपको पोर्टफोलियो को Diversification करने में मदद मिलता हैं।
क्या ETF में इन्वेस्ट करना सही रहेगा:-
ETF में थोड़ा Index fund से शुल्क कम होती है। लेकिन अब बहुत सारे कम शुल्क Index fund आ गए हैं लगभग दोनों का बराबर होते हैं। यदि आपको किसी सेक्टर के हिसाब से खरीदना चाहते हो तो आप ETF में खरीदारी कर सकते हैं। इसमें आपको थोड़ा रिस्क कम होता हैं। आपको यदि लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हो तो आप ETF के साथ जा सकते हैं।
उम्मीद करता हु आपको ETF क्या है (etf meaning in hindi),ETF में इन्वेस्ट कैसे करे सीखने को मिला हैं। आपके मन में और कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट में जरूर बताएं। शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
What is ETF in Hindi | ईटीएफ क्या है? | Types of ETF in Hindi | ETF के बारें में सम्पूर्ण जानकारी
ETF in Hindi: अगर आप निवेश की दुनिया में नए है तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ईटीएफ क्या है? (What is ETF in Hindi) और ईटीएफ के प्रकार (Types of ETF in Hindi) क्या है? यह लेख ETF के बारें में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
ETF in Hindi: निवेश के लिए म्युचुअल फंड (Mutual Fund) और स्टॉक (Stock) दो सबसे पसंदीदा विकल्प हैं। अगर आप एक निवेशक हैं, तो निश्चित रूप से आपको अपनी निवेश आवश्यकताओं के लिए दो में से किसी एक को चुनने में दुविधा का सामना करना पड़ा होगा। म्यूचुअल फंड डायवर्सिफिकेशन का फायदा प्रदान करते हैं, जबकि स्टॉक ट्रेडिंग अपने आप में आसान है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या होगा अगर कोई ऐसा प्रोडक्ट मौजूद हो जो आपको दोनों में निवेश करने का विकल्प प्रदान कर सके?
खैर, ईटीएफ (ETF) इस समस्या का समाधान हैं। ईटीएफ का फुल फॉर्म (ETF Full Form in Hindi) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Funds) है। ETF आपको म्यूचुअल फंड के अलग अलग फायदों के साथ स्टॉक ट्रेडिंग में आसानी प्रदान करते हैं। ईटीएफ इन दोनों एसेट क्लास के नेस्ट एट्रिब्यूट को मिलाते हैं। ETF एक ऐसा फंड है जिसे शेयरों या शेयरों के समान स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया जा सकता है। ETF में म्यूचुअल फंड के समान अंडरलाइंग एसेट्स की एक टोकरी होती है, जिसे फंड प्रोवाइडर द्वारा मैनेज किया जाता है। इन एसेट्स में शेयर, बॉन्ड, कमोडिटी या इन सभी का कॉम्बिनेशन भी शामिल हो सकता है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का कारोबार दलालों के माध्यम से किया जाता है।
आइए हम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के बारे में और चर्चा करें और विस्तार से जानें कि ईटीएफ क्या है? (What is ETF in Hindi), ईटीएफ के प्रकार (Types of ETF in Hindi) क्या है? और ईटीएफ में निवेश करने के फायदें क्या है? (Benefits of investing in ETFs)
ईटीएफ क्या है? | What is ETF in Hindi | ETF Kya Hai?
ETF Kya Hai? तो बता दें कि ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक प्रकार का फंड है जिसे शेयर की तरह स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया जा सकता है। ETF में अंडरलाइंग एसेट्स की एक टोकरी होती है और आप व्यक्तिगत रूप से कंपोनेंट में ट्रेड किए बिना पूरी टोकरी खरीद और बेच सकते हैं।
ETF का प्रबंधन फंड प्रोवाइडर या फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है जो अंडरलाइंग एसेट्स के मालिक होते हैं और उनका प्रबंधन करते हैं और प्रदर्शन की निगरानी के लिए एक फंड डिजाइन करते हैं। वे आगे फंड में व्यापारियों और निवेशकों को शेयर बेचते हैं। कंपनी के स्टॉक के मालिक के समान, निवेशक ईटीएफ के एक हिस्से का मालिक होता है।
भले ही ईटीएफ को अंडरलाइंग एसेट्स के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, वे आम तौर पर बाजार द्वारा निर्धारित कीमतों पर व्यापार करते हैं जो एसेट्स से अलग होते हैं। अंडरलाइंग एसेट्स कमोडिटी, करेंसी, स्टॉक या यहां तक कि निफ्टी 50 जैसे इंडेक्स भी हो सकते हैं।
ईटीएफ ETF क्या है के प्रकार | Types of ETF in Hindi
अंडरलाइंग एसेट्स के प्रकार के आधार पर, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को कई कैटेगिरी में वर्गीकृत किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड हैं -
1) इंडेक्स फंड ईटीएफ (Index Fund ETF)
ये मुख्य रूप से एक पैसिव म्यूचुअल फंड हैं जो निवेशक को एक ट्रांजैक्शन में सिक्योरिटीज का एक पूल खरीदने की अनुमति देता है। इन फंडों का उद्देश्य निफ्टी 50 जैसे स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रदर्शन को ट्रैक करना है। जब भी आप Index Fund ETF में खरीदते हैं या निवेश करते हैं, तो आप वास्तव में एक पोर्टफोलियो का एक हिस्सा खरीद रहे होते हैं जिसमें अंडरलाइंग एसेट्स के स्टॉक होते हैं।
2) गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)
ये ईटीएफ गोल्ड के बुलियन में निवेश करते हैं और इस प्रकार सोने की कीमतों पर आधारित होते हैं। ये फंड गोल्ड बुलियन के प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं। इन ईटीएफ की कीमतें सीधे सोने की कीमतों पर निर्भर करती हैं, जिसका अर्थ है कि सोने की कीमतों में वृद्धि के साथ, ईटीएफ का मूल्य भी बढ़ेगा और इसके विपरीत कीमत घटने पर ETF का मूल्य घटेगा।
3) लीवरेज्ड ईटीएफ (Leveraged ETF)
ये ईटीएफ एक अंडरलाइंग इंडेक्स से निकाले गए रिटर्न को बढ़ाने के लिए डेरिवेटिव और डेट इंस्ट्रूमेंट्स का उपयोग करते हैं। इन्हें केवल शार्ट टर्म निवेश के लिए उपयुक्त माना जाता है। लीवरेज्ड ईटीएफ वर्तमान में भारत में उपलब्ध नहीं हैं।
4) बॉन्ड ईटीएफ (Bond ETF)
ये ईटीएफ नेचर में बॉन्ड म्यूचुअल फंड के समान हैं। बॉन्ड ईटीएफ में बॉन्ड का पोर्टफोलियो शामिल होता है और आमतौर पर इसे पैसिव रूप से प्रबंधित किया जाता है। भारत में ट्रेडिंग और निवेश के लिए बहुत सारे Bond ETF उपलब्ध हैं।
5) सेक्टर ईटीएफ (Sector ETF)
जैसा कि नाम से पता चलता है, Sector ETF में एक विशिष्ट उद्योग या सेक्टर के स्टॉक और सिक्योरिटीज शामिल हैं। आमतौर पर कारोबार किए जाने वाले कुछ सेक्टर ईटीएफ में फार्मा फंड, टेक्नोलॉजी फंड आदि शामिल हैं। इन फंडों में उनके विशिष्ट क्षेत्र के स्टॉक शामिल हैं।
6) करेंसी ईटीएफ (Currency ETF)
इस प्रकार के फंड निवेशक को किसी विशिष्ट करेंसी में सीधे व्यापार किए बिना करेंसी मार्केट में भागीदार बनने की अनुमति देते हैं। इस प्रकार के फंड में करेंसीज का एक पूल या एक करेंसी भी शामिल हो सकती है। Currency ETF का मुख्य उद्देश्य मुद्राओं की एक्टिविटी को ट्रैक करना है।
ईटीएफ में निवेश के फायदें | Benefits of investing in ETFs
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करने से कई फायदे मिलते हैं। ETFs में निवेश के कुछ मुख्य लाभों में शामिल हैं-
1) लिक्विडिटी (Liquidity)
ईटीएफ ट्रेडिंग पीरियड के दौरान कभी भी उन्हें खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करते हैं। यह उन्हें एक तरल निवेश साधन बनाता है।
2) टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit)
ईटीएफ बहुत कर कुशल हैं क्योंकि खुले बाजार में अंडरलाइंग एसेट की खरीद और बिक्री ETF के टैक्स लायबिलिटी को प्रभावित नहीं करती है।
4) एक्सपोजर (Exposure)
ईटीएफ मामले और ईटीएफ के प्रकार के आधार पर एक विशिष्ट श्रेणी या कैटेगिरी के लिए एक विविध एक्सपोजर ETF क्या है प्रदान करते हैं।
5) पारदर्शिता (Transparency)
ईटीएफ की निवेश होल्डिंग हर दिन प्रकाशित की जाती है। इस प्रकार, ईटीएफ में उच्च स्तर की पारदर्शिता है।
Conclusion -
अब आप जान गए होंगे कि ईटीएफ क्या है? (What is ETF in Hindi), ईटीएफ के प्रकार (Types of ETF in Hindi) क्या है? और ईटीएफ में निवेश करने के फायदें क्या है? (Benefits of investing in ETFs) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का ईटीएफ निवेश का एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि यह आपको स्टॉक और म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग के संयुक्त लाभ प्रदान करता है। अगर आप ETFs की दुनिया में नए हैं और आपको उनके बारे में पहले से कोई अनुभव या जानकारी नहीं है, तो बेहतर होगा कि आप SEBI के पंजीकृत निवेश सलाहकार से सलाह लें, जो आपकी ज़रूरतों के आधार पर आपके लिए सबसे अच्छा फंड चुनने में आपकी मदद कर सके।
गोल्ड इटीएफ (Gold ETF) क्या है | गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है
गोल्ड इटीएफ और गोल्ड बांड की जानकारी- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के इस दौर में जमा पर ब्याज दरें तेजी से घटी हैं। पिछले महीनों में देश के कई बड़े बैंकों ने जमा पर ब्याज दरों को घटाया है। इसके साथ ही निवेश से मिलनें वाले रिटर्न में भी भारी कमी आई है। इन सभी के बीच एक ऐसा निवेश उत्पाद है, जिसनें इस बीच बेहतर रिटर्न दिया है और यह है सोना जिसे हम गोल्ड (Gold) कहते है| जिन लोगो नें सोनें में निवेश किया था, उन्हें ETF क्या है 40 फीसद तक रिटर्न मिला है। इस समय सोनें की कीमतों में उछाल का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिसके कारण इसके निवेशकों का रिटर्न भी बढ़ता जा रहा है। हालाँकि सोने में निवेश के लिए मार्केट में कई विकल्प उपलब्ध हैं, इन्ही में से एक गोल्ड इटीएफ भी है| तो आईये जानते है, गोल्ड इटीएफ (Gold ETF) क्या है, गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में क्या अंतर है?
गोल्ड ईटीएफ क्या है (What Is Gold ETF)
Gold ETF Kya ETF क्या है Hai- गोल्ड ईटीएफ अर्थात गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold Exchange Traded Fund) के माध्यम से सोने में निवेश किया जाता है| वर्तमान समय में गोल्ड ईटीएफ की ट्रेडिंग देश के सभी बड़े एक्सचेंज के ऊपर हो रही है| यहां निवेशक इलेक्ट्रॉनिक रुप में सोने में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेजों पर लिस्टेड होते हैं। यहां इसे डीमेट अकाउंट के जरिए खरीदा और बेचा जा सकता है।
गोल्ड ईटीएफ्स 99.5 फीसद शुद्धता वाला वास्तविक भौतिक सोना खरीद कर अपने एसेट्स बनाते हैं। यह भौतिक सोना बैंकों के संरक्षण में रहता है और सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार समय-समय पर इसका मूल्य लगता है। गोल्ड ईटीएफ का भौतिक रूप से सोना रखना निवेशकों को एक अलग विश्वास देता है। खास बात यह है कि निवेशक भी सोने की भौतिक डिलीवरी ले सकते हैं।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश कैसे करते है (How To Invest In Gold ETF)
Gold ETF Me Nivesh Kaise Kare- गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अर्थात गोल्ड ईटीएफ में निवेशक को निवेश करनें के लिए सबसे पहले ट्रेंडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है। अकाउंट खुलवानें के बाद ब्रोकर के ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन कर ईटीएफ विकल्प को चुनें। आप जितनी यूनिट खरीदना चाहें, उतनी यूनिट के लिए खरीद का ऑर्डर दे सकते हैं। कुछ समय पश्चात यूनिट्स आपके डिमेट अकाउंट में आ जायेंगे और आपके खाते से पैसा कट जाएगा। निवेशक एकमुश्त या एसआईपी द्वारा भी निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर (Difference Of Gold Bond And Gold ETF)
Gold Bond Aur Gold ETF Me Antar- निवेश के दृष्टिकोण से सोने को हमेशा से निवेश का एक अच्छा साधन माना जाता है| लेकिन अधिकांश लोग भौतिक रूप से सोना खरीदना ही पसंद करते हैं, जैसे ज्वैलरी, कॉइन्स, बिस्किट आदि| यदि हम गोल्ड में निवेश को लेकर बात करे तो गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ भी माध्यम हैं| ऐसे में सोने में निवेश के लिए कौन सा जरिया फायदेमंद है, इसके लिए हम आपको गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर बता रहे है, जो इस प्रकार है-
गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond)
1. कोई भी व्यक्ति गोल्ड बॉन्ड के रूप में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक ही सोना खरीद सकते है
2. गोल्ड बॉन्ड में पांच वर्षों का लॉक-इन पीरियड है, इसके बाद ही इसे भुनाया जा सकता है
3. गोल्ड बॉन्ड खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है| यदि तीन वर्ष से पहले विक्रय करते है, तो एप्लीकेबल स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा
4. गोल्ड बॉन्ड पर कैपिटल गेन और ब्याज दोनों का लाभ लिया जा सकता है, साथ ही इस पर सॉवरेन गारंटी भी रहती है
5. गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी का इश्यू आता है
गोल्ड इटीएफ (Gold ETF)
1. गोल्ड इटीएफ के रूप में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम सोने से लेकर कितना भी निवेश कर सकता है, क्योंकि इसमें कोई अपर लिमिट नहीं है|
2. Gold ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है
3. गोल्ड इटीएफ पर भी 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है, वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है
4. Gold ETF में खरीद और बिक्री कभी भी की जा सकती है
5. गोल्ड इटीएफ की सबसे बड़ा माईनस पॉइंट यह है कि डीमैट चार्ज देना अनिवार्य है और कभी-कभी इसका वॉल्यूम बहुत लो रहता है