अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें

Financial planning: पहली सैलरी से ही ऐसे शुरू करें निवेश, कभी नहीं होगी पैसों की कमी
आपके शौक और सपनों के बीच कभी पैसे की कमी आड़े न आए, इसकी तैयारी की जिम्मेदारी भी आपकी ही है और ये तैयारी आपको अपनी पहली सैलरी से ही शुरू करनी चाहिए. फिर आपने पहली नौकरी या बिजनेस किसी भी उम्र में क्यों न शुरू किया हो. कहीं ऐसा न हो कि पैसे की कमी की वजह से कई सपने सिर्फ सपने ही रह जाएं. आज हम बात कर रहे हैं First Salary से Financial planning की.
नई दिल्ली : किसी भी सैलेरीड पर्सन को पूछ लीजिए तो ताराप्रकाश जोशी की पंक्तियां हूबहू याद आ जाएंगी, 'मेरा वेतन ऐसे रानी, जैसे गरम तवे पे पानी'. ऐसा इसीलिए क्योंकि ज्यादातर सैलेरीड लोग अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं करते. अगर आपकी भी नई-नई नौकरी लगी है और शुरुआती तनख्वाह का लुत्फ उठा रहे हैं, तो ये मौका कुछ देर रुक कर इत्मिनान से ये आर्टिकल पढ़ने का है.
सबसे पहले ये कहावत अच्छे से याद कर लीजिए कि 'काम से पैसा मिलता है और पैसे से पैसा बनता है'. लिहाज़ा, अपनी पहली ही तनख्वाह से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बना लीजिए. अगर आप चाहते हैं कि शौक और सपनों के बीच कभी पैसे की कमी आड़े न आए, इसकी तैयारी भी आपको ही करनी होगी. जानिए पहली तनख्वाह मिलते ही क्या-क्या काम करना जरूरी है ताकि रिटायरमेंट से पहले आप बन सकें करोड़पति.
Investment से पहले कराएं Insurance
निवेश से पहले बीमा कराना जरूरी है. अगर बीमा नहीं होगा तो एक झटके में आपकी बचत और निवेश दोनों जा सकती है. शुरुआत में इंश्योरेंस करवाना इसीलिए भी फायदेमंद है क्योंकि इंश्योरेंस की प्रीमियम भी कम आती है. इसलिए यह जरूरी है कि आप पहली सैलरी से ही अपने लिए टर्म और मेडिकल इंश्योरेंस ले लें. ऑनलाइन इंश्योरेंस का प्रीमियम कम आता है, लेकिन कोई भी इंश्योरेंस लेने से पहले कंपनी के सभी नियम और शर्तें जरूर जान लें. इसके साथ ही कंपनियों को आपस में कंपेयर करके ही इंश्योरेंस लें और हां, उसका प्रीमियम समय पर भरने वाला हिस्सा तनख्वाह आते ही निकाल लें.
RD-FD के साथ म्यचुअल फंड का है जमाना
अपनी तनख्वाह के एक हिस्से से इंश्योरेंस के बाद निवेश (Investment and insurance) जरूरी है ताकि आपके साथ, आपका पैसा भी कमाई कर सके. तो अपनी पहली सैलरी में कुछ पैसे तो जरूर बचाइए. हो सकता है आपकी सैलरी बहुत कम हो, लेकिन फिर भी बचत की आदत यहीं से शुरू होगी. सारे खर्च निकालने के बाद 30 फीसदी बचत हो और इसके बाद 20 फीसदी का निवेश किया जाए. इससे बेहतर काम कुछ हो नहीं सकता.
RD-FD पर मिलने वाला ब्याज अब काम हो गया है. महंगाई जिस तेजी से बढ़ती है वहां उस अनुपात में पैसा नहीं बढ़ रहा, इसीलिए म्यूचुअल फंड की दुनिया में दाखिल होने का मौका भी बना ही लीजिए. लेकिन यहां समस्या होगी कि आपके लिए कौन सा म्यूचुअल फंड सही है. इसके लिए काफी रिसर्च की जरूरत है. क्योंकि बाजार में तो कई हजार म्यूचुअल फंड स्कीम हैं. म्यूचुअल फंड मैनेजर्स के जरिए भी और ऑनलाइन भी. जिस तरह से आप ठीक समझें, काम शुरू किया जा सकता है. बस थोड़ा सा खुद का रिसर्च और मार्केट एक्सपर्ट से बातचीत कर कंपनियों को कंपेयर करें और फिर म्यूचुअल फंड के रास्ते शेयर मार्केट अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें से रिटर्न कमाइए.
अपना इमरजेंसी फंड रखो तैयार
जिंदगी इतनी उलझन भरी है कि हर किसी को इमरजेंसी फंड रखना जरूरी है. अपनी सैलरी का 10 फीसदी का इमरजेंसी फंड बनाएं. इस फंड को बचत खाते में रखें, क्योंकि इमरजेंसी फंड की लिक्वीडिटी बहुत जरूरी होती है और आपके बचत खाते से ज्यादा लिक्वीडिटी कहीं नहीं होती. लेकिन क्योंकि बचत खाते में ब्याज बहुत कम होता है, इसलिए इस पैसे को निष्क्रिय नहीं छोड़ना चाहिए. आप अपने बचत खाते में इस पैसे को स्वीप-इन FD कर सकते हैं, जिस पर सात से आठ फीसदी तक ब्याज मिलता है. इसके अलावा आप म्यूचुअल फंड की किसी ऐसी स्कीम में भी इनवेस्ट कर सकते हैं, जिसमें से तुरंत पैसे निकालने की सुविधा हो.
सोने में निवेश कायम रखें, सवा लाख रुपए जा सकती है कीमत
बिजनेस डेस्क (नरेश अरोड़ा): सदियों से भरोसेमंद निवेश का प्रतीक रहा सोना एक बार फिर चर्चा में है। साल की पहली तिमाही में अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न देने वाली पीली धातु पिछले दो महीने से लगातार चमक रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जहां इसकी कीमतें एक बार फिर 1900 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई हैं वहीं घरेलु बाजार में भी सोना 50 हजार रुपए के पार पहुंच गया है। ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में मौजूद सोने के निवेश में बने रहना चाहिए क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय हालात इसकी कीमतों में और ज्यादा तेजी के संकेत दे रहे हैं।
पिछले साल अगस्त महीने में भारत में सोने की उच्चतम कीमत 58 हजार रुपए प्रति तोला तक पहुंच गई थी जबकि अमरीका में इसने 2081 डॉलर प्रति औंस का उच्तम स्तर छुआ था और अब विश्लेषकों की नजरें इसी पुराने स्तर पर लगी हैं।
सवा लाख तक जा सकता है सोने का दाम
यूरोपीय देश लेकटेंस्टीन इन्वेस्टमेंट कंपनी इंक्रीमेंटम की वार्षिक रिपोर्ट में इस साल के अंत तक सोने की कीमतें 2100 डॉलर के पार जाने का अनुमान जताया गया है। 346 पन्नों की इस रिपोर्ट में इस दशक के अंत तक सोने की कीमत 4800 डॉलर के पार जाने की बात कही गई है। यदि इस रिपोर्ट के मुताबिक सोने का भाव बढ़ता है तो भारत में दशक के अंत तक सोने की कीमत सवा लाख रुपए प्रति तोला तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में भारी गिरावट के चलते अगस्त महीने में सोने ने अपना उच्चतम स्तर छुआ था और उसके बाद इसकी कीमतों ने कंसोलिडेशन का अपना दौर पूरा कर लिया है और सोने की कीमतें एक बार फिर तेजी होंगी और यहां से एक नई ऊंचाई देखने को मिल सकती है।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत
- अमरीका में 10 साल के बांड में किए जाने वाले निवेश में यील्ड कम होने से निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ रहा है। सोने में निवेश बढ़ने से इसकी मांग में तेजी आई है
- अमरीका के डॉलर की कीमत लगातार गिर रही है और डॉलर में रिटर्न कम होने से निवेशक डॉलर की बजाय सोने की तरफ जा रहा है
- क्रिप्टो करंसी बाज़ार में पिछले दो महीने से अस्थिरता वाला माहौल है और बिटक्वाइन अपने उच्चतम स्तर से करीब 50 प्रतिशत तक लुढ़क गया था लिहाजा क्रिप्टो करंसी बाजार का पैसा भी सोने में निवेश हो रहा है
- दुनिया भर में कमोडिटी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और महंगाई बढ़ने से भी सोने में निवेश बढ़ता है
इन तरीकों से करें सोने में निवेश
यदि आप भी अपने निवेश का कुछ हिस्सा सोने में निवेश करना चाहते हैं तो सोने में निवेश के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। इनका इस्तेमाल करके आप अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रख सकते हैं
लोकल ज्वैलर से फिजिकल गोल्ड खरीदना
यह सोने में निवेश का पारम्परिक तरीका रहा है और आप अपने भरोसे के ज्वेलर से सोने की खरीद कर सकते हैं। सोने की खरीद करते वक्त आप हॉलमार्किंग वाला सोना खरीदेंगे तो इससे सोने की शुद्धता की गारंटी रहेगी
गोल्ड ई.टी.एफ. के जरिए निवेश
आप गोल्ड ई.टी.एफ. (एक्सचेंज ट्रेडिड फंड) के जरिए भी सोने में निवेश कर सकते हैं। यह फंड सोने में निवेश करते हैं और सोने में रिटर्न के हिसाब से निवेशकों को ई.टी.एफ. में रिटर्न मिलता है। हालांकि भारत में यह फिलहाल इतना लोकप्रिय नहीं है लेकिन विदेश में सोने में निवेश का यह तरीका काफी लोकप्रिय है। इस निवेश के लिए आपको डीमेट आकउंट की जरूरत पड़ेगी।
गोल्ड एकम्यूलेशन प्लान के जरिए निवेश
गोल्ड एकम्यूलेशन प्लान (जी.ए.पी.) सोने में निवेश का एक अन्य साधन है। इसके जरिए आप 100 रुपए तक की कीमत का सोना भी ऑनलाइन तरीके से खरीद सकते हैं। यह खरीद स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोल्ड रश प्लान के तहत पेटीएम, फोन पे और अन्य मोबाइल पेमेंट एप के जरिए हो सकती है। इसमें आपको तीन प्रतिशत जी.एस.टी. भी अदा करना पड़ता है और आप जरूरत के वक्त सोने को बेच सकते हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश
यह म्यूचल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा चलाए जाते हैं। यह फंड गोल्ड ई.टी.एफ. में निवेश करते हैं। आप इन म्यूचुअल फंड्स के जरिए भी सोने में निवेश कर सकते हैं और आपको इसमें सोने की कीमत के हिसाब से रिटर्न मिलता है।
भारत सरकार द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश
सोने में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। आप सरकारी और प्राइवेट सैक्टर के बैंकों के जरिए इन बांड्स में निवेश कर सकते हैं। इनमें निवेश पर सरकार आपको फिजिकल रूप में सोना नहीं देती लेकिन आपको निवेश पर सोने की कीमत में तेजी के बराबर रिटर्न के साथ-साथ सरकार से 2.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी मिलता है।
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बदलती मुद्रास्फीति और भविष्य की अनिश्चितता से निपटने का आदर्श विकल्प निवेश है। इसके बारे में ज्ञान प्रदान करने के लिए, भा.प्र.सं. नागपुर ने एचडीएफसी संपत्ति प्रबंधन कंपनी, विदर्भ और छत्तीसगढ़ क्षेत्र के क्लस्टर हेड श्री महेश नंदा का स्वागत किया।
श्री नंदा ने बचत पर निवेश के महत्व पर जोर दिया और बताया कि जल्दी शुरुआत करना अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें महत्वपूर्ण क्यों है। देश में स्टॉक मार्केट में निवेश के मौजूदा परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उन्होंने म्यूचुअल फंड के विभिन्न पहलुओं और धन अर्जन के तरीके पर बात की।
हम इस तरह के एक सूचनात्मक सत्र के लिए श्री नंदा को ईमानदारी से धन्यवाद देते हैं जिसने म्यूचुअल फंड की दुनिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की और संपत्ति प्रबंधन में एक कैरियर बनाने के विकल्प बताए।
भारतीय प्रबंध संस्थान नागपुर, प्लॉट नंबर 1, सेक्टर 20, मिहान (नॉन-सेज),नागपुर – 441108
सोने में निवेश कायम रखें, सवा लाख रुपए जा सकती है कीमत
बिजनेस डेस्क (नरेश अरोड़ा): सदियों से भरोसेमंद निवेश का प्रतीक रहा सोना एक बार फिर चर्चा में है। साल की पहली तिमाही में निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न देने वाली पीली धातु पिछले दो महीने से लगातार चमक रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जहां इसकी कीमतें एक बार फिर 1900 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई हैं वहीं घरेलु बाजार में भी सोना 50 हजार रुपए के पार पहुंच गया है। ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में मौजूद सोने के निवेश में बने रहना चाहिए क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय हालात इसकी कीमतों में और ज्यादा तेजी के संकेत दे रहे हैं।
पिछले साल अगस्त महीने में भारत में सोने की उच्चतम कीमत 58 हजार रुपए प्रति तोला तक पहुंच गई थी जबकि अमरीका में इसने 2081 डॉलर प्रति औंस का उच्तम स्तर छुआ था और अब विश्लेषकों की नजरें इसी पुराने स्तर पर लगी हैं।
सवा लाख तक जा सकता है सोने का दाम
यूरोपीय देश लेकटेंस्टीन इन्वेस्टमेंट कंपनी इंक्रीमेंटम की वार्षिक रिपोर्ट में इस साल के अंत तक सोने की कीमतें 2100 डॉलर के पार जाने का अनुमान जताया गया है। 346 पन्नों की इस रिपोर्ट में इस दशक के अंत तक सोने की कीमत 4800 डॉलर अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें के पार जाने की बात कही गई है। यदि इस रिपोर्ट के मुताबिक सोने का भाव बढ़ता है तो भारत में दशक के अंत तक सोने की कीमत सवा लाख रुपए प्रति तोला तक पहुंच सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर के शेयर बाज़ारों में भारी गिरावट के चलते अगस्त महीने में सोने ने अपना उच्चतम स्तर छुआ था और उसके बाद इसकी कीमतों ने कंसोलिडेशन का अपना दौर पूरा कर लिया है और सोने की कीमतें एक बार फिर तेजी होंगी और यहां से एक नई ऊंचाई देखने को मिल सकती है।
क्यों बढ़ रही है सोने की कीमत
- अमरीका में 10 साल के बांड में किए जाने वाले निवेश में यील्ड कम होने से निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ रहा है। सोने में निवेश बढ़ने से इसकी मांग में तेजी आई है
- अमरीका के डॉलर की कीमत लगातार गिर रही है और डॉलर में रिटर्न कम होने से निवेशक डॉलर की बजाय सोने की तरफ जा रहा है
- क्रिप्टो करंसी बाज़ार में पिछले दो महीने से अस्थिरता वाला माहौल है और बिटक्वाइन अपने उच्चतम स्तर से करीब 50 प्रतिशत तक लुढ़क गया था लिहाजा क्रिप्टो करंसी बाजार का पैसा भी सोने में निवेश हो रहा है
- दुनिया भर में कमोडिटी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और महंगाई बढ़ने से भी सोने में निवेश बढ़ता है
इन तरीकों से करें सोने में निवेश
यदि आप भी अपने निवेश का कुछ हिस्सा सोने में निवेश करना चाहते हैं तो सोने में निवेश के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। इनका इस्तेमाल करके आप अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रख सकते हैं
लोकल ज्वैलर से फिजिकल गोल्ड खरीदना
यह सोने में निवेश का पारम्परिक तरीका रहा है और आप अपने भरोसे के ज्वेलर से सोने की खरीद कर सकते हैं। सोने की खरीद करते वक्त आप हॉलमार्किंग वाला सोना खरीदेंगे तो इससे सोने की शुद्धता की गारंटी रहेगी
गोल्ड ई.टी.एफ. के जरिए निवेश
आप गोल्ड ई.टी.एफ. (एक्सचेंज ट्रेडिड फंड) के जरिए भी सोने में निवेश कर सकते हैं। यह फंड सोने में निवेश करते हैं और सोने में रिटर्न के हिसाब से निवेशकों को ई.टी.एफ. में रिटर्न मिलता है। हालांकि भारत में यह फिलहाल इतना लोकप्रिय नहीं है लेकिन विदेश में सोने में निवेश का यह तरीका काफी लोकप्रिय है। इस निवेश के लिए आपको डीमेट अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें आकउंट की जरूरत पड़ेगी।
गोल्ड एकम्यूलेशन प्लान के जरिए निवेश
गोल्ड एकम्यूलेशन प्लान (जी.ए.पी.) सोने में निवेश का एक अन्य साधन है। इसके जरिए आप अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें 100 रुपए तक की कीमत का सोना भी ऑनलाइन तरीके से खरीद सकते हैं। यह खरीद स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोल्ड रश प्लान के तहत पेटीएम, फोन पे और अन्य मोबाइल पेमेंट एप के जरिए हो सकती है। इसमें आपको तीन प्रतिशत जी.एस.टी. भी अदा करना पड़ता है और आप जरूरत के वक्त सोने को बेच सकते हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश
यह म्यूचल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा चलाए जाते हैं। यह फंड अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें गोल्ड ई.टी.एफ. में निवेश करते हैं। आप इन म्यूचुअल फंड्स के जरिए भी सोने में निवेश कर सकते हैं और आपको इसमें सोने की कीमत के हिसाब से रिटर्न मिलता है।
भारत सरकार द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश
सोने में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। आप सरकारी और प्राइवेट सैक्टर के बैंकों के जरिए इन बांड्स में निवेश कर सकते हैं। इनमें निवेश पर सरकार आपको फिजिकल रूप में सोना नहीं देती लेकिन आपको निवेश पर सोने की कीमत में तेजी के बराबर रिटर्न के साथ-साथ सरकार से 2.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी मिलता है।
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