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मूल्य सीमाएं

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अमेरिका ने भारत के सामने रखा प्रस्ताव, कहा- रूसी तेल की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हों

भारत की यात्रा पर आए अमेरिका (America) के उप वित्त मंत्री वैली अडेयेमो (Wally Adeyemo) ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की कमाई को सीमित करने के उपायों पर चर्चा की. अमेरिका ने भारत से कहा कि वह रूसी तेल की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हो.

Price Cap On Russian Oil: रूस से तेल खरीदने वाले देशों की बढ़ती तादाद से अमेरिका परेशान है. परेशान अमेरिका (America in trouble) ने भारत से 'मदद' मांगी है. अमेरिका (USA) ने शुक्रवार को भारत से कहा कि वह रूसी तेल (Russia) की मूल्य सीमा तय करने वाले गठजोड़ में शामिल हो जाए. इस गठजोड़ का मकसद मास्को (Moscow) के लिए आय के साधनों को बाधित करना और वैश्विक ऊर्जा कीमतों को नरम बनाना है. भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए अमेरिका के उप वित्त मंत्री वैली अडेयेमो (US Deputy Treasury Secretary Wally Adeyemo) ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस की कमाई को सीमित करने के उपायों पर चर्चा की. इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने के उपायों पर भी चर्चा हुई.

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मूल्य सीमाएं

SEBI ने प्रत्यक्ष ETF लेनदेन की समय सीमा 1 मई, 2023 तक बढ़ाई; ऋण निर्गम के लिए अंकित मूल्य को घटाकर 1 लाख रुपये किया

SEBI defers deadline for direct ETF transactions yet again

28 अक्टूबर 2022 को, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मूल्य सीमाएं परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) के साथ प्रत्यक्ष ETF(एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) लेनदेन के लिए 25 करोड़ रुपये की सीमा नियम के कार्यान्वयन की समय सीमा 1 मई, 2023 तक बढ़ा दी है। इसका मतलब है कि 28 जुलाई 2022 को जारी सर्कुलर का क्लॉज 2(IV)(A) 1 मई, 2023 से लागू होगा।

  • प्रारंभ में, यह नियम 1 जुलाई, 2022 से लागू होना था और इसे 1 नवंबर, 2022 तक बढ़ा दिया गया था।
  • यह दूसरी बार है जब SEBI ने इस समय सीमा को बढ़ाया है।

G7 ने रूस से तेल आयात करने के मूल्य पर 'तत्काल' सीमा तय करने का लिया फैसला

G7 ने रूस से तेल आयात करने के मूल्य पर

जी7 औद्योगिक शक्तियों ने रूसी तेल आयात पर मूल्य कैप को लागू करने की दिशा में "तत्काल" कदम उठाने का फैसला किया है. यूक्रेन में मास्को के युद्ध के लिए धन के एक प्रमुख स्रोत में कटौती करने के लिए औद्योगिक शक्तियों ने फैसला लिया है.

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G7 ने कहा कि वह इस फैसले को मूर्त रूप देने के लिए "व्यापक गठबंधन" की दिशा में काम कर रहा था. लेकिन फ्रांस में अधिकारियों ने रूकने का आग्रह करते हुए कहा कि "अंतिम" निर्णय केवल तभी लिया जा सकता है जब यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्यों ने अपनी सहमति दे दी हो.

बता दें कि युद्ध के कारण महाद्वीप के परिवारों ने ऊर्जा की बढ़ती कीमतों का खामियाजा उठाया है, जिसके परिणामस्वरूप सरकार पर बढ़ती महंगाई को कम करने का दबाव है.

जर्मन वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर ने इस कदम की घोषणा के बाद एक पीसी में कहा, "रूस युद्ध के कारण ऊर्जा बाजारों पर अनिश्चितता से आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहा है और तेल के निर्यात से बड़ा मुनाफा कमा रहा है. ऐसे में हम इसका निर्णायक मुकाबला करना चाहते हैं."

उन्होंने कहा कि तेल आयात पर मूल्य सीमा का उद्देश्य "आक्रामकता के युद्ध के लिए वित्तपोषण के एक महत्वपूर्ण स्रोत को रोकना और वैश्विक ऊर्जा कीमतों में वृद्धि को रोकना है. शुक्रवार के फैसले से पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने स्पष्ट चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि मूल्य सीमा को अपनाने से "तेल बाजारों में महत्वपूर्ण अस्थिरता आएगी. "

अरहर, उड़द, मसूर की खरीद सीमा बढ़ाने को मंजूरी, समझें-किसे मिलेगा फायदा

अरहर, उड़द, मसूर की खरीद सीमा बढ़ाने को मंजूरी, समझें-किसे मिलेगा फायदा

अरहर, उड़द और मसूर के लिए खरीद सीमा बढ़ाने को मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंजूरी दी है। वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 8 रुपये प्रति किलोग्राम की छूट पर 15 लाख टन चना के निपटान को मंजूरी दे दी है ताकि इसका इस्तेमाल अलग-अलग तरह की कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सके।

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत यह मंजूरी दी है। सरकार ने तुअर, उड़द और मसूर के संबंध में पीएसएस के तहत खरीद की मात्रा को मौजूदा 25% से मूल्य सीमाएं बढ़ाकर 40% करने का भी निर्णय लिया।

दलहन एवं तिलहन की खरीद

दलहन एवं तिलहन की खरीद क्रय केन्द्रों पर भारत सरकार द्वारा निर्घारित मापदंडों के अनुरूप की जा रही है। किसानों से क्रय किए गए जिन्स का भुगतान उनके खातों में ऑनलाइन हो रहा है। वर्ष 2020-21 के लिए घोषित किए गए मूंग एवं मूंगफली के समर्थन मूल्य में मूंग का समर्थन मूल्य 7196 रुपए प्रति क्विंटल तथा मूंगफली का समर्थन मूल्य 5275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। बता दें कि इस वर्ष राजस्थान में केंद्र सरकार ने मूंग की 3.57 लाख मीट्रिक टन, उड़द 71.55 हजार, सोयाबीन 2.92 लाख तथा मूंगफली 3.74 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लक्ष्य की स्वीकृति दी है। पंजीकरण के अभाव में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीद संभव नहीं होगी।

किसान पंजीयन कराते समय यह सुनिश्चित कर ले कि पंजीकृत मोबाइल नंबर, से जनआधार कार्ड से लिंक हो जिससे समय पर तुलाई दिनांक की सूचना मिल सके। इसके अलावा किसान प्रचलित बैंक खाता संख्या सही दे ताकि ऑनलाइन भुगतान के समय किसी प्रकार की परेशानी किसान को नहीं हो।


पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज

किसान को पंजीकरण केंद्र पर अपने साथ जनआधार कार्ड नंबर, खसरा नंबर, गिरदावरी की प्रति, बैंक पासबुक की प्रति ले जानी होगी। किसानों को यह दस्तावेज पंजीकरण फार्म के साथ अपलोड करने होंगे। जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाया जाएगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं होगा। यदि ई-मित्र द्वारा गलत पंजीयन किए जाते हैं या तहसील के बाहर पंजीकरण किए जाते हैं तो ऐसे ई-मित्रों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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पंजीकरण में समस्या होने पर यहां कर सकते हैं फोन / समर्थन मूल्य खरीद योजना राजस्थान Toll Free Number

समर्थन मूल्य पर पंजीकरण हेतु समस्या समाधान हेतु टोल फ्री नंबर किसानों की समस्या के समाधान हेतु राजफैड स्तर पर ट्रोल फ्री हेल्पलाईन नंबर 1800-180-6001 पर सुबह 9 से 7 बजे तक किसान अपनी समस्याओं को हेल्पलाईन नंबर पर दर्ज करा सकते हैं अथवा अपनी शिकायत/समस्या को लिखित में राजफैड मुख्यालय में स्थापित काल सेंटर पर [email protected] पर मेल भेज सकते हैं।

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