विदेशी मुद्रा कंपनी

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी, विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 537.518 अरब डॉलर
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार आठवें हफ्ते भी गिरावट दर्ज की गई। 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह के जारी आंकड़ों के मुताबिक यह यह 8.134 अरब डॉलर घटकर 537.518 बिलियन रह गया है। इसकी जानकारी रिजर्व बैंक ने दी।
लगभग 70 अरब डॉलर घट चुका है विदेशी मुद्रा भंडार
इस वित्तीय वर्ष में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 70 अरब डॉलर तक की कमी हो चुकी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने विदेशी मुद्रा कंपनी कहा कि अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने तथा अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के बढ़ने से विनिमय दर में बदलाव देखने को मिला है। इस वित्तीय वर्ष में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी गिरावट देखने को मिली है। 2 अप्रैल को देश का विदेशी भंडार 606.475 अरब डॉलर था जो अब घटकर 537.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है।
FCA में गिरावट
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार विदेशी मुद्रा आस्तियों (Financial capital asset) में गिरावट के कारण विदेशी मुद्रा कंपनी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। Financial capital asset संपूर्ण विदेशी मुद्रा भंडार का एक हिस्सा है। Financial capital asset में 7.68 अरब डॉलर की कमी आई है। इस सप्ताह के अंत में Financial capital asset घटकर 477.212 डॉलर रह गया।
अमेरिका को चेतावनी. भारत पर भरोसा, Fitch ने कहा- किसी भी बाहरी झटके से निपटने को तैयार
Fitch Ratings ने अमेरिका के लिए कहा है कि फेड रिजर्व चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू में करने के लिए एक के बाद एक लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है. यह कदम उपभोक्ता खर्च को इस हद तक कम कर सकता है कि यह 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान मंदी का कारण बन जाएगा.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 20 अक्टूबर 2022, 11:09 AM IST)
भले ही देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) कम हुआ हो और अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय करेंसी रुपया (Rupee Fall) टूटता जा रहा हो, लेकिन फिर भी भारत किसी भी बाहरी झटके विदेशी मुद्रा कंपनी से निपटने में सक्षम है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) का ऐसा मानना है. एक ओर जहां फिच ने भारत की तारीफ की है, विदेशी मुद्रा कंपनी तो मंदी के बढ़ते जोखिम को लेकर अमेरिका को हाल ही में चेतावनी दी है.
भारत की क्रेडिट पर रिस्क सीमित
फिच रेटिंग्स ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीतियों (Monetary Policy Tightening) और वैश्विक स्तर बढ़ती महंगाई दर (High Inflation) से निपटने के लिए भारत तैयार है और उसके पास इस तरह के रिस्क के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है. एजेंसी के मुताबिक बाहरी दबावों से भारत की क्रेडिट को जो विदेशी मुद्रा कंपनी रिस्क है, वह बेहद सीमित है.
गौरतलब है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 10 सप्ताह से जारी गिरावट के बाद आखिरकार बीते 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. Foreign Exchange Reserves में 20.4 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था.
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पिछले सप्ताह फॉरेक्स रिजर्व में सुधार
भले ही लंबे समय बाद भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सुधार देखने को मिला है. लेकिन अभी भी यह भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य 600 अरब डॉलर के काफी नीचे है. साल 2022 के बीते नौ महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 100 अरब डॉलर की कमी देखने को मिली है. इसमें गिरावट के सिलसिले के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा कंपनी बाजार में अनिश्चितता के बावजूद मजबूत बना हुआ है.
इस साल आई इतनी गिरावट
पीटीआई के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल लगातार गिरा है. रिपोर्ट में साल की विदेशी मुद्रा कंपनी शुरुआत से सितंबर महीने कर का डाटा पेश करते हुए कहा गया कि देश के फॉरेक्स रिजर्व में जनवरी 2022 से सितंबर 2022 के बीच 101 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है. फिच का कहना है कि फिलहाल भारत के पास 533 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी बाहरी झटके से सामना करने के लिए पर्याप्त है.
अमेरिका के लिए कही थी यह बात
बहरहाल, वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स की ताजा टिप्पणी भारत के लिए बेहद राहत भरी है. ऐसा इसलिए भी है कि फिच समेत तमाम रेटिंग एजेंसियों ने दुनिया की बड़ी-बड़ी इकोनॉमी पर मंदी के बढ़ते जोखिम का बुरा असर पड़ने की आशंका जताई है.
हाल ही में फिच रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि US में चरम पर पहुंची महंगाई और इसे काबू में करने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से लगातार ब्याज दरों (Interest Rate) में बढ़ोतरी से देश मंदी की ओर तेजी से बढ़ रहा है. सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका में मंदी (US Recession) का जोखिम 1990 के पैटर्न की तरह दिखाई दे रहा है.
Forex Reserves : लगातार तीसरे हफ्ते बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार, 550 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा
Forex Reserves : अक्टूबर में 524 अरब डॉलर के दो साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद, डॉलर के अपने ऊपरी स्तरों से नीचे के साथ विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है। नवंबर की शुरुआत में उतार-चढ़ाव के बाद, भारतीय रुपया (Indian rupee) पिछले दो हफ्ते से एक सीमित दायरे में बना हुआ है
आरबीआई (RBI) ने अतीत में कहा था विदेशी मुद्रा कंपनी कि उसके रिजर्व में बदलाव बढ़ोतरी या हानि के पुनर्मूल्यांकन के साथ ही बाजार में दखल की वजह से हुआ है
Forex Reserves : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) 25 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़कर 550.14 अरब डॉलर हो गया। यह लगातार तीसरे सप्ताह में बढ़ोतरी रही है। रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) यानी RBI द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक डेटा से यह बात सामने आई है। 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का रिजर्व 547.25 अरब डॉलर रहा था। अक्टूबर में 524 अरब डॉलर के दो साल के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद, डॉलर के अपने ऊपरी स्तरों से नीचे के साथ विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है।
81-82 प्रति डॉलर की रेंज में रह सकता है रुपया
आरबीआई (RBI) ने अतीत में कहा था कि उसके रिजर्व में बदलाव बढ़ोतरी या हानि के पुनर्मूल्यांकन के साथ ही बाजार में दखल की वजह से हुआ है। नवंबर की शुरुआत में उतार-चढ़ाव के बाद, भारतीय रुपया (Indian rupee) पिछले दो हफ्ते से एक सीमित दायरे में बना हुआ है। ट्रेडर्स का मानना है कि निकट भविष्य में रुपया 81-82 प्रति डॉलर की रेंज में बना रहेगा।
वित्तीय उत्पाद विदेशी निवेश वित्त कार्यक्रम
हम बीते तीन दशकों से अधिक समय से देश में निर्यात अवसर बढ़ा रहे हैं और देश की आर्थिक तरक्की में हमारा अहम योगदान रहा है| हमने विदेश व्यापार और निवेश अवसरों को जोड़ने का प्रयास किया है, ताकि लंबी अवधि में उसके बेहतर परिणाम मिलें| ऐसे समय में जब भारत वैश्विक फलक पर विनिर्माण केंद्र के रूप में छाप छोड़ने को तैयार है, हम भारतीय कंपनियों को विदेशों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उनका रास्ता सुगम बनाते हैं|
प्रमुख विशेषताएं
हम निम्नलिखित के जरिए विदेशी बाजारों तक आपकी पहुंच आसान बना सकते हैं:
भारतीय कंपनियों को मियादी ऋण देकरः
भारतीय कंपनियों के विदेशी संयुक्त उपक्रमों / पूर्ण स्वाधिकार वाली सहायक संस्थाओं में इक्विटी निवेश|
भारतीय कंपनियों के संयुक्त उपक्रमों / पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगियों को ऋण|
भारतीय कंपनियों के विदेशी संयुक्त उपक्रमों / पूर्ण विदेशी मुद्रा कंपनी स्वामित्व वाली अनुषंगियों को आंशिक वित्तपोषण के लिए मियादी ऋणः
आस्तियों के अधिग्रहण के लिए किया गया पूंजी खर्च
कार्यशील पूंजी जरूरतें
दूसरी कंपनी में इक्विटी निवेश
ब्रांड /पेटेंट /अधिकार/ अन्य बौद्धिक संपदा अधिकारों का अधिग्रहण
किसी दूसरी कंपनी का अधिग्रहण
कोई अन्य गतिविधि जिसके लिए वह कंपनी तब एक्ज़िम बैंक से वित्तपोषण हासिल करने के लिए पात्र होती जब वह भारतीय होती
विदेशी संयुक्त उपक्रमों/ पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी विदेशी मुद्रा कंपनी संस्थाओं को मियादी ऋण / कार्यशील पूंजी जुटाने के लिए गारंटी की सुविधा|
पात्रता
हम भारतीय प्रमोटर कंपनी को निधिक/ गैर-निधिक सहायता प्रदान करते हैं|
हमारा वित्तपोषण भारतीयों के लिए भारतीय रुपए में और विदेशी इकाई के लिए विदेशी मुद्रा में उपलब्ध है| (भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार)
मियादी वित्तपोषण पर वाणिज्यिक ब्याज दरें लागू होती हैं|
हमारे ऋण की अवधि सुविधानुसार आम तौर पर 5-7 साल तक होती है|
सिक्योरिटी में विदेशी इकाई की आस्तियों पर समुचित प्रभार, भारतीय प्रमोटर की कॉर्पोरेट गारंटी, जोखिम कवर और विदेशी उपक्रम में भारतीय प्रमोटर की हिस्सेदारी की गिरवी शामिल हैं|
एक्ज़िम से
फायदे
निर्यातकों की जरूरतों की जानकारी|
विशाल अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का लाभ उठाने की क्षमता|
भारतीय रुपए और विदेशी मुद्रा दोनों में ऋण सुविधा|
प्रतिस्पर्द्धी ब्याज दरें और चुकौती में लचीलापन|
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