आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए

नई दिल्ली की एक मेधावी छात्रा को वजन कम करने के नए तरीके की खोज करने के लिए हेल्थ में एक्सीलेंस अवार्ड दिया गया है - इस तरीके से 12 पाउंड/प्रति सप्ताह कम हो जाते हैं, इस तरीके में किसी तरह के रसायन उपयोग नहीं होते और ना भूखे रहना पड़ता है और ना एक्सरसाइज करनी पड़ती है।
सीनेट में अनुराधा की स्पीच
2019 की गर्मियों में यूरोपियन कांग्रेस ऑफ द एंडोक्राइनोलॉजिस्ट लिस्ट में एक बहुत ही अजीबो गरीब चीज हुई। हॉल में बैठी हुई पूरी जनता ने एक लड़की के लिए 10 मिनट तक खड़े होकर तालियां बजाई। यह छात्रा थी अनुराधा पटेल जो दिल्ली में पढ़ती है। उसने एक बहुत ही अनोखा फार्मूला इजाद किया है जिससे लोग बहुत आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए कम समय में पतले हो जाते हैं और इसके लिए खान-पान में परहेज करना पड़ता।
एक बहुत ही बढ़िया आईडिया दिया था और दुनिया भर के विज्ञान केंद्रों ने इसे तुरंत लागू कर दिया। एंडोक्राइनोलॉजिस्ट इंस्टिट्यूट, मेडिसिन ऑफ़ फार्मेसी यूनिवर्सिटी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन बायोलॉजी और कई अन्य संस्थाओं के विशेषज्ञों ने दवाइयाँ बनाना शुरु कर दिया। इसकी दवा बना ली गई है और नतीजे बहुत ही बढ़िया रहे हैं।
नई दवा से कैसे लाखों जानें बच रही हैं और भारत के नागरिक इस प्रोडक्ट को फ्री में कैसे पा सकते हैं - आज ही हमारा लेख पढ़ें।
रिपोर्टर: "अनुराधा आप दुनिया भर की मेडिसिन यूनिवर्सिटीज़ में 10 सबसे बुद्धिमान छात्रों में से एक हैं। आपने अधिक वजन की समस्या से लड़ने का फैसला क्यों किया?
मैं इस बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं करती लेकिन इसके लिए मेरी प्रेरणा थोड़ी नहीं थी। कुछ सालों पहले मेरी मम्मी की हाई ब्लड प्रेशर से मौत हो गई थी क्योंकि उनका वजन बहुत ज्यादा था। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक एक रात उन्हें नींद में ही लकवा मार गया और वह बहुत दर्द सहते हुए मर गई और इसी तरह मेरी दादी की भी मौत हुई थी। इसके बाद मैंने मोटापे और उससे छुटकारा पाने से संबंधित हर चीज को पढ़ना शुरू कर दिया। मुझे यह जानकर बड़ा आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए आश्चर्य हुआ कि डाइटिंग, एक्सरसाइज, दवाइयाँ और लिपोसक्शन - 90% मामलों में स्वास्थ्य को हानि ही पहुंचाते थे और इससे समस्या और गंभीर हो जाती थी। मेरी मम्मी ने आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए करीब 5 साल तक हर तरह की डाइट और एरोबिक एक्सरसाइज की थी!
पिछले 3 सालों में मैंने इस विषय पर बहुत ध्यान दिया। वास्तव में आज इतना लोकप्रिय हो चुका यह इलाज मेरे दिमाग में तब आया जब मैं अपनी थीसिस लिख रही थी। तभी मुझे एहसास हुआ कि मैंने कुछ नई खोज करनी है, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि इतनी सारी संस्थाएं इसमें दिलचस्पी लेंगीं।
आप किस तरह की संस्थाओं की बात कर रही हैं?
जैसे ही वजन घटाने के मेरे तरीके के बारे में सबको पता चला तो मुझे अपने आइडिया को बेचने के कई ऑफर आने लगे। सबसे पहले ऑफर फ्रेंच लोगों का आया जिन्होंने मुझे 120000 यूरो का प्रस्ताव दिया। हाल ही में अमेरिका की एक होल्डिंग कंपनी ने मुझे 3.5 करोड़ डॉलर देने की पेशकश की। मैंने तो अपना फोन नंबर बदल दिया और किसी तरह के सोशल नेटवर्क पर जाना भी बंद कर दिया क्योंकि मुझे लोग दिनभर ऑफर दे-दे कर परेशान करते रहते थे।
जहां तक मुझे पता है, आपने अभी तक फॉर्मूला बेचा नहीं है?
नहीं, मैंने बिल्कुल नहीं बेचा है। यह थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन मैंने फार्मूला इसलिए नहीं बनाया है कि विदेशी लोग इससे मुनाफा कमाए। आपको क्या लगता है क्या होगा यदि मैं इस फार्मूला को देश के बाहर बेच दूं? यह लोग इसका पेटेंट करा लेंगे, किसी और को इस पर आधारित दवाएं नहीं बनाने देंगे और इसके रेट कई गुना बढ़ आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए जायेंगे। मेरी उम्र कम जरूर है लेकिन मैं बेवकूफ नहीं हूं। इस तरह से, भारतीय नागरिकों को ठीक होने का मौका ही नहीं मिलेगा। विदेश के एक डॉक्टर ने तो मुझे बताया कि इस तरह की दवाई की कीमत कम से कम $3000 होनी चाहिए। यह वाकई में बड़ी अजीब बात है! भारत में आखिर कितने लोग इसके लिए $3000 खर्च कर सकेंगे?
यही कारण है कि मैंने तुरंत इस प्रोडक्ट को विकसित करने का इनविटेशन स्वीकार कर लिया। मैंने एंडोक्राइनोलॉजीइंस्टिट्यूट, मेडिसिन एंड फार्मेसी यूनिवर्सिटी, द रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन बायोलॉजी एंड न्यूट्रिशन इंस्टिट्यूट के सबसे बेहतरीन विशेषज्ञों के साथ काम किया। यह एक बहुत ही बढ़िया अनुभव था। अभी इसके क्लीनिकल परीक्षण पूरे हो चुके आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए हैं और दवा जनता के लिए उपलब्ध है।
दवाई के विकास के कोऑर्डिनेटर थे डॉक्टर नितेश पटेल - यह इंग्लैंड के एक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट है और एमपीयू अकैडमिशियन है। हमने उनसे नई दवा और आगे के प्लान के बारे में बताने को कहा।
रिपोर्टर: अनुराधा पटेल के फार्मूला में क्या है? इससे बिना खान-पान में परहेज और खेलकूद के वजन घटाया जा सकता है?
देखिए अनुराधा का आईडिया उसी तरह है जैसा मोबाइल में जीपीएस - यह हमें वजन घटाने का सबसे छोटा तरीका बताता है। यही नहीं यह तरीका पूरी जिंदगी असर करता है।
अनुराधा के फार्मूला पर आधारित दवा में सुपर एंटीऑक्सीडेंट है जो दिमाग के एक हिस्से में एक सिग्नल भेजते हैं जिससे वह कैलोरी और सबक्यूटेनस फैट जमा करना बंद कर आपको मार्केट ऑर्डर का उपयोग कब करना चाहिए देता है और जंक फूड खाने की इच्छा दब जाती है। इसे Slim Fit
कहते हैं। पेट का खाना तुरंत ऊर्जा में बदल जाता है या वसा के रूप में जमा हो जाता है। Slim Fit शरीर में पीआरएपी प्रोटीन का स्तर घटा देती है। यह प्रोटीन शरीर के वसा ऊतकों में पाया जाता है और शरीर में वसा जलने के लिए उत्तरदाई होता है। जब प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है तो वसा के ऊतक नष्ट हो जाते हैं और शरीर बिना शारीरिक श्रम या डाइटिंग के वजन कम करने लगता है।
बेंटोलिट परीक्षण में भाग लेने वाले लोगों के नतीजे इस प्रकार रहे: