2023 में किस ब्रोकर को चुनना है

Learn Intraday Trading in Hindi 2022
अगर आपको स्मार्ट तरिके से जल्दी अमीर होना हैं तो आज के वक्त शेअर मार्केट हि एकमात्र करियर हैं जहां आप यह आसानी से Rich बन सकते हों | आज हम शेअर मार्केट से जुड़े ऐसे हि एक विषय यानी 'ट्रेडिंग कैसे सीखें' इस विषय के बारे में जानकारी देने वाले हैं। तो चलिये जानते हैं इसके बारे में विस्तार सें।
ट्रेडिंग क्या होती हैं?
फायदा पाने के हेतु खरिदी और बिक्री करते हैं इसे हि ट्रेडिंग कहते हैं।
अलग अलग जगह पर यह ट्रेडिंग चलती रहती हैं लेकिन आज हम यह शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे करते हैं इसकी बात करेंगे।
ट्रेडिंग किस किस चीज़ में कि जाती हैं?
शेअर मार्केट,
जैसे और भी कई चींजों में ज्यादातर लोग ट्रेडिंग करते हैं।
शेअर मार्केट में ट्रेडिंग करना कैसे सीखे?
शेअर मार्केट को कई लोग आज भी गैमलींग की तरह देखते हैं लेकिन शेअर मार्केट कोई गैमलिंग नहीं होती अगर आप उसका पुरा अभ्यास करके उसमें रिसर्च करके वह करते हैं तो।
कुछ साल में हमारे देश में इंटरनेट गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है ऊपर से बीच बीच में लाॅकडाऊन लगता रहता है वैसे में बहुत सारे वर्क फ्राॅम होम भी कर रहे हैं इस दौरान Demat Account निकालने वालो कि संख्या बहुत बढ़ गई है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में पहला सवाल यही आता है कि Share Market Shikhe Kahase ? तो आज हम आपको इसी के जवाब देंगे।
- अच्छी जगह से ट्रेंडिंग कोर्स करना:
शेयर मार्केट के ऊपर आपको ऑनलाईन और ऑफलाईन हजारो ट्रेडिंग कोर्सेस मिल जायेंगे जहां से आप इसे सीख सकते हों। यह बिल्कुल भी कोई राॅकेट सायंन्स नहीं हैं ना हि बहुत आसान हैं। अगर आप ट्रेडिंग कोर्स करना चाहते हैं तो पहले जिसी भी इंस्टिट्यूट या जिसी भी व्यक्ती से आप यह सिखना चाहतें हैं इसका इतिहास यानी वह व्यक्ती या इंस्टिट्यूट कितने प्रोफिटेबल है यह जान लें, उनकी Rating और Review आपको मिल जायेंगे वह देखकर आप एक अच्छा सा Trading Course Complete कर सकते हों। यह तरिका बहुत सीधा सीधा है और ज्यादातर लोग यही करते हैं।
- फ्रि में ट्रेडिंग कोर्स कैसे सीखें?
ऐसा हि नहीं है कि आपको ट्रेडिंग के लिये पैसे देकर ही कही जाकर ही आप ट्रेडिंग सीख सकते हैं बल्कि आपको बहुत जगह फ्रि भी यह सीख सकते हैं लेकिन आपको इसे प्रोपर तरिके से करना होगा कोर्सेस का यही फायदा रहता है कि आपको वह एक पाथ से सिखाते हैं लेकिन अगर आप YouTube, Udemy जैसे प्लॅटफाॅर्म पर बहुत सारे Free Online Trading Courses मिल जायेंगें। लेकिन आपको इसमें भी अच्छे और उपयोगी चींजे हि देखनी है। आज के तारिख में देखा जाते तो अनेक Video's Platform पर सब चींजे आपको मिल जाती है लेकिन कौन सी चीज देखनी है यह आपको छान के निकलना पड़ेगा।
- बुक से ट्रेंडिंग सीख सकते हैं?
अगर आप किसी कोर्स कि मदत से ट्रेंडिंग सीखने जाते हैं तो आपको बहुत सारे महंगे महंगे कोर्स बाजार में मिलेंगी जिनकी फिस 7000 रुपयों से चालु होकर देढ़ लाख तक भी हैं। लेकिन जो लोग ट्रेंडिंग में सफल होकर आगे जाके अपनी किताबों में उनके द्वारा इस्तमाल कि गई ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बताते हैं और उनकी बुक या ई-बुक खरिदने जायेंगे तो वह 500 से 1000 रुपयें यानी काफी सस्ते में मिल जाती हैं इसलियें यह सबसे अच्छा तरिका है ट्रेडिंग को सीखने का। अधिक जानकारी के लिये आप हमारा इनेवेस्टमेंट और शेअर मार्केट पर से 6 बेहतरिन किताबें यह आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।
और आप बुक खरिदना नहीं चाहते तो आप ई-बुक के रुप में भी सस्ते में e-format में मोबाईल या कंप्यूटर द्वारा पढ़ सकते हैं।
आजकल आपके आसपास या मित्रों में से कई सारे शेअर मार्केट करते होंगे अगर आप उनसे थोड़ी थोड़ी जानकारी हासिल करके एक छोटी राशी से शेअर मार्केट को चालु करते हैं तो भी आप जल्दी नहीं लेकिन थोड़े दिनों बाद शेअर मार्केट का गणित अथवा ज्ञान अर्जित कर सकेंगें।
इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं?
इसमें ट्रेडिंग अवधी होने के बाद आपका कोई पैसा मार्केट में अटका नहीं रहता इसलिये क्लियारिटी आती है और फियर भी कम रहता हैं।
इंट्राडे में आपको कई ब्रोकर द्वारा कई गुना मार्जिन अथवा लिवरेज दिया जाता है इससे आप कम पैसों में भी ज्यादा शेयर खरिद अथवा बेच सकते हों।
इंट्राडे में आप ऊपर जाते वक्त और साथ ही नीचे आते वक्त भी दोनों तरफ भी पैसा बना सकते हों।
इंट्राडे के क्या-क्या नुकसान हैं?
इसे आप जब चाहें सीख तो सकते हैं लेकिन इसे रियल टाईम यानी मार्केट चालु रहने के समय ही कर सकते हैं, इसलिये इसे समय कि मांग चाहियें।
यह काफी नुकसान देह भी होता है कई लोगों ने पहले भी इसमें अकांउट के अकाउंट खाली करा दिये हैं इसलिये आप पहले पेपर ट्रेंडिंग करके प्रॅक्टिस करें तो जाके ही आप इंट्राडे सीख कर पैसा बना सकते हैं।
अगर आप ट्रेंड करते समय थोड़ी राशी गवाते हैं और वह रिकवर करने के चक्कर में आप अगर बार बार ट्रेंड लेने जाते हैं तो आप जल्दी ही अपना अकांउट खाली करा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में दो चीज़ें कभी नहीं चलती भय और लालच, आपको ट्रेडिंग में मनी मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सही तरिके से नहीं आता तो भी एक न एक दिन आप इससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
आपने क्या सीखा ?
इस आर्टिकल में हमने पुरे विस्तार से देखा कि ट्रेडिंग कैसे सीखें? और इसके क्या-क्या रस्ते है जहां से आप ट्रेडिंग को सीख सकते हैं।
हमने देखा कि इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं और क्या क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में भी पुरी चर्चा की।
अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने मित्रों से जरुर शेअर करे और कोई सवाल और सुझाव हो तो हमें अवश्य लिखें।
Learn Intraday Trading in Hindi 2022
अगर आपको स्मार्ट तरिके से जल्दी अमीर होना हैं तो आज के वक्त शेअर मार्केट हि एकमात्र करियर हैं जहां आप यह आसानी से Rich बन सकते हों | आज हम शेअर मार्केट से जुड़े ऐसे हि एक विषय यानी 'ट्रेडिंग कैसे सीखें' इस विषय के बारे में जानकारी देने वाले हैं। तो चलिये जानते हैं इसके बारे में विस्तार सें।
ट्रेडिंग क्या होती हैं?
फायदा पाने के हेतु खरिदी और बिक्री करते हैं इसे हि ट्रेडिंग कहते हैं।
अलग अलग जगह पर यह ट्रेडिंग चलती रहती हैं लेकिन आज हम यह शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे करते हैं इसकी बात करेंगे।
ट्रेडिंग 2023 में किस ब्रोकर को चुनना है किस किस चीज़ में कि जाती हैं?
शेअर मार्केट,
जैसे और भी कई चींजों में ज्यादातर लोग ट्रेडिंग करते हैं।
शेअर मार्केट में ट्रेडिंग करना कैसे सीखे?
शेअर मार्केट को कई लोग आज भी गैमलींग की तरह देखते हैं लेकिन शेअर मार्केट कोई गैमलिंग नहीं होती अगर आप उसका पुरा अभ्यास करके उसमें रिसर्च करके वह करते हैं तो।
कुछ साल में हमारे देश में इंटरनेट गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है ऊपर से बीच बीच में लाॅकडाऊन लगता रहता है वैसे में बहुत सारे वर्क फ्राॅम होम भी कर रहे हैं इस दौरान Demat Account निकालने वालो कि संख्या बहुत बढ़ गई है। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में पहला सवाल यही आता है कि Share Market Shikhe Kahase ? तो आज हम आपको इसी के जवाब देंगे।
- अच्छी जगह से ट्रेंडिंग कोर्स करना:
शेयर मार्केट के ऊपर आपको ऑनलाईन और ऑफलाईन हजारो ट्रेडिंग कोर्सेस मिल जायेंगे जहां से आप इसे सीख सकते हों। यह बिल्कुल भी कोई राॅकेट सायंन्स नहीं हैं ना हि बहुत आसान हैं। अगर आप ट्रेडिंग कोर्स करना चाहते हैं तो पहले जिसी भी इंस्टिट्यूट या जिसी भी व्यक्ती से आप यह सिखना चाहतें हैं इसका इतिहास यानी वह व्यक्ती या इंस्टिट्यूट कितने प्रोफिटेबल है यह जान लें, उनकी Rating और Review आपको मिल जायेंगे वह 2023 में किस ब्रोकर को चुनना है देखकर आप एक अच्छा सा Trading Course Complete कर सकते हों। यह तरिका बहुत सीधा सीधा है और ज्यादातर लोग यही करते हैं।
- फ्रि में ट्रेडिंग कोर्स कैसे सीखें?
ऐसा हि नहीं है कि आपको ट्रेडिंग के लिये पैसे देकर ही कही जाकर ही आप ट्रेडिंग सीख सकते हैं बल्कि आपको बहुत जगह फ्रि भी यह सीख सकते हैं लेकिन आपको इसे प्रोपर तरिके से करना होगा कोर्सेस का यही फायदा रहता है कि आपको वह एक पाथ से सिखाते हैं लेकिन अगर आप YouTube, Udemy जैसे प्लॅटफाॅर्म पर बहुत सारे Free Online Trading Courses मिल जायेंगें। लेकिन आपको इसमें भी अच्छे और उपयोगी चींजे हि देखनी है। आज के तारिख में देखा जाते तो अनेक Video's Platform पर सब चींजे आपको मिल जाती है लेकिन कौन सी चीज देखनी है यह आपको छान के निकलना पड़ेगा।
- बुक से ट्रेंडिंग सीख सकते हैं?
अगर आप किसी कोर्स कि मदत से ट्रेंडिंग सीखने जाते हैं तो आपको बहुत सारे महंगे महंगे कोर्स बाजार में मिलेंगी जिनकी फिस 7000 रुपयों से चालु होकर देढ़ लाख तक भी हैं। लेकिन जो लोग ट्रेंडिंग में सफल होकर आगे जाके अपनी किताबों में उनके द्वारा इस्तमाल कि गई ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बताते हैं और उनकी बुक या ई-बुक खरिदने जायेंगे तो वह 500 से 1000 रुपयें यानी काफी सस्ते में मिल जाती हैं इसलियें यह सबसे अच्छा तरिका है ट्रेडिंग को सीखने का। अधिक जानकारी के लिये आप हमारा इनेवेस्टमेंट और शेअर मार्केट पर से 6 बेहतरिन किताबें यह आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।
और आप बुक खरिदना नहीं चाहते तो आप ई-बुक के रुप में भी सस्ते में e-format में मोबाईल या कंप्यूटर द्वारा पढ़ सकते हैं।
आजकल आपके आसपास या मित्रों में से कई सारे शेअर मार्केट करते होंगे अगर आप उनसे थोड़ी थोड़ी जानकारी हासिल करके एक छोटी राशी से शेअर मार्केट को चालु करते हैं तो भी आप जल्दी नहीं लेकिन थोड़े दिनों बाद शेअर मार्केट का गणित अथवा ज्ञान अर्जित कर सकेंगें।
इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं?
इसमें ट्रेडिंग अवधी होने के बाद आपका कोई पैसा मार्केट में अटका नहीं रहता इसलिये क्लियारिटी आती है और फियर भी कम रहता हैं।
इंट्राडे में आपको कई ब्रोकर द्वारा कई गुना मार्जिन अथवा लिवरेज दिया जाता है इससे आप कम पैसों में भी ज्यादा शेयर खरिद अथवा बेच सकते हों।
इंट्राडे में आप ऊपर जाते वक्त और साथ ही नीचे आते वक्त भी दोनों तरफ भी पैसा बना सकते हों।
इंट्राडे के क्या-क्या नुकसान हैं?
इसे आप जब चाहें सीख तो सकते हैं लेकिन इसे रियल टाईम यानी मार्केट चालु रहने के समय ही कर सकते हैं, इसलिये इसे समय कि मांग चाहियें।
यह काफी नुकसान देह भी होता है कई लोगों ने पहले भी इसमें अकांउट के अकाउंट खाली करा दिये हैं इसलिये आप पहले पेपर ट्रेंडिंग करके प्रॅक्टिस करें तो जाके ही आप इंट्राडे सीख कर पैसा बना सकते हैं।
अगर आप ट्रेंड करते समय थोड़ी राशी गवाते हैं और वह रिकवर करने के चक्कर में आप अगर बार बार ट्रेंड लेने जाते हैं तो आप जल्दी ही अपना अकांउट खाली करा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में दो चीज़ें कभी नहीं चलती भय और लालच, आपको ट्रेडिंग में मनी मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट सही तरिके से नहीं आता तो भी एक न एक दिन आप इससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
आपने क्या सीखा ?
इस आर्टिकल में हमने पुरे विस्तार से देखा कि ट्रेडिंग कैसे सीखें? और इसके क्या-क्या रस्ते है जहां से आप ट्रेडिंग को सीख सकते हैं।
हमने देखा कि इंट्राडे के क्या-क्या फायदे हैं और क्या क्या नुकसान हो सकते हैं इसके बारे में भी पुरी चर्चा की।
अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो अपने मित्रों से जरुर शेअर करे और कोई सवाल और सुझाव हो तो हमें अवश्य लिखें।
Vijay Kedia Investment Rules: विजय केडिया के 5 इन्वेस्टमेंट रूल्स, जिनके चलते उन्होंने शेयर बाजार से कमा ली है करोड़ों की दौलत!
Vijay Kedia Investment Rules: इस साल मार्च तिमाही के अंत में विजय केडिया (Vijay kedia) का नेटवर्थ (Networth) 460 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। वित्त वर्ष 2020-21 में केडिया की वेल्थ (Wealth) करीब दोगुनी हो गई। आइए जानते हैं विजय केडिया के 5 निवेश के नियम (Vijay Kedia investing Tips), जिनके चलते उन्होंने शेयर बाजार (share market) से खूब पैसा कमाया।
Vijay Kedia Investment Rules: विजय केडिया के 5 इन्वेस्टमेंट रूल्स, जिनके चलते उन्होंने शेयर बाजार से कमा ली है करोड़ों की दौलत!
1- निवेश आसान है, इसे कठिन ना बनाएं
विजय केडिया हमेशा कहते हैं कि निवेश करना बहुत ही साधारण है, इसे मुश्किल ना बनाएं। वह कहते हैं कि जरूरी नहीं कि अगर आपके सामने बहुत सारे नंबर नहीं हैं तो वह निवेश सही नहीं हैं। विजय केडिया निवेश को आसान तो नहीं कहते हैं, लेकिन साधारण जरूर कहते हैं। उनका सीधा सा मतलब है कि एनालिसिस करते वक्त जरूरी नहीं कि आप बहुत ही कठिन चीजें देखेंगे, तभी निवेश करने का सही फैसला ले पाएंगे।
2- ब्रोकर रेकॉर्ड्स को पढ़ने से होगा फायदा
विजय केडिया कहते हैं कि तमाम ब्रोकर्स की रिपोर्ट को पढ़ते रहें। जरूरी नहीं कि आप हाल ही की रिपोर्ट पढ़ें, आप चाहें तो पुरानी रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं। केडिया कहते हैं कि ब्रोकर्स की रिसर्च रिपोर्ट को पढ़ने से आपकी एनालिसिस करने की स्किल्स बढ़ेंगी और आप ये समझ पाएंगे कि किसी स्टॉक को चुनने का फैसला कैसे लिया जाता है। वह कह चुके हैं अगर आप 500 रिपोर्ट पढ़ लेते हैं तो आप एक अच्छे एनालिस्ट बन जाएंगे।
3- निवेश डिग्री से नहीं, नॉलेज और धैर्य से होता है
विजय केडिया ने कुछ साल पहले आईआईएम बेंगलुरु में दी एक स्पीच में कहा था कि निवेश करना डिग्री लेने से नहीं आ सकता, इसके लिए निवेश करने की जानकारी होना जरूरी है। केडिया का मतलब है कि शेयर बाजार में निवेश शुरू करने से पहले आपको शेयर बाजार से जुड़ी हर जानकारी जुटा लेनी चाहिए। साथ ही कहते हैं कि निवेश के लिए धैर्य और साहस भी बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव आपको टेंशन दे सकते हैं। ऐसे में अगर आपके पास धैर्य और साहस नहीं होगा तो आप गलत फैसला भी ले सकते हैं और नुकसान हो सकता है।
4- मैनेजमेंट की एनालिसिस करना बहुत जरूरी है
विजय केडिया कहते हैं कि मैनेजमेंट की एनालिसिस करना बहुत जरूरी होता है। अगर आप मैनेजमेंट की एनालिसिस नहीं करते हैं तो आपका नुकसान हो सकता है। कंपनी कितनी भी अच्छी हो, लेकिन अगर उसे चलाने वाला मैनेजमेंट खराब होगा तो आपको नुकसान होना लाजमी है। ठीक वैसे ही, जैसे गाड़ी कितनी भी महंगी या अच्छी हो, अगर उसे चलाने वाला ड्राइवर खराब होगा तो एक्सिडेंट होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में कंपनी के फंडामेंटल्स की एनालिसिस के साथ-साथ मैनेजमेंट की एनालिसिस भी जरूर करें।
5- एक नियमित समय अंतराल के बाद निवेश का रिव्यू करते रहें
अगर कंपनी का फोकस बदल जाए या मैनेजमेंट में कोई बदलाव हो जाए या फिर कंपनी एक प्रोडक्ट को छोड़कर दूसरा प्रोडक्ट बनाने लगे तो आपको अपने निवेश का रिव्यू करना चाहिए। अगर आपको लगता है कि किसी कंपनी के शेयरों की कीमत जरूरत से अधिक बढ़ चुकी है, तो भी निवेश का रिव्यू करना चाहिए, क्योंकि ऐसी सूरत में अक्सर कीमतें फिर गिरने लगती हैं। ऐसे में आप समय रहते अपने शेयरों का रिव्यू करें और मुनाफा लेकर शेयर से बाहर निकल जाएं और उस पैसे से दूसरे शेयर खरीदें।
History of Stock Exchange: कभी बरगद के पेड़ के नीचे हुई थी भारतीय शेयर बाज़ार की शुरुआत
आमतौर पर निवेशकों के लिए शेयर बाज़ार आम बोलचाल में इस्तेमाल होने वाला एक शब्द बन चुका है. लेकिन Stock Exchange को लेकर अब भी कई लोगों के मन में कई सवाल हैं, जैसे कि इसके काम करने का तरीका क्या है? इसकी शुरुआत कैसे हुई? आदि. आज हम यहां, बाज़ार से जुड़े इस शब्द, Stock Exchange का पूरा विशलेषण करेंगे. जिससे निवेशकों को उनके हर सवाल का सटीक उत्तर मिल पाए.
ऐसे शुरू हुआ भारत में Stock Exchange
भारत को आज़ादी मिलने से 107 वर्ष पहले ही देश में शेयर बाज़ार की नींव पड़ चुकी थी. मुंबई स्थित टाउनहॉल के पास एक बरगद के पेड़ के नीचे शेयरों का सौदा किया जाता था. इस स्थान पर लगभग 22-25 लोग इकट्ठा होकर शेयरों की खरीद और बिक्री में जुटते थे. साल दर साल निवेशकों की संख्या में आई वृद्धि के बाद, वर्ष 1875 में Stock Exchange के ऑफिस का निर्माण हुआ, जो आज दलाल स्ट्रीट के नाम से मशहूर है. वहीं सरकार द्वारा 1980 में Security and Exchange Board of India (SEBI) की स्थापना से इस सिस्टम में पारदर्शिता लाई गई.
कैसे लिस्ट होती है शेयर बाज़ार में कंपनियां?
Stock Exchange को आसान शब्दों में समझें, तो यह वो जगह है जहां स्टाॅक्स, बाॅन्ड्स, कमोडिटी की खरीद और बिक्री की जाती है. Stock Exchange एक ज़रिया है, जो निवेशकों और कंपनी के बीच काम करता है. जैसे किसी कंपनी को अगर फंड जुटाना हो, तो वह Stock Exchange में खुद को सूचीबद्ध करवाती है. इस प्रक्रिया पर आखिरी फैसला SEBI लेती है, जिसके बाद निवेशकों के कंपनी में निवेश के द्वार खुल जाते हैं. आपको बता दें, कि शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होने की इस प्रक्रिया को Initial Public Offering (2023 में किस ब्रोकर को चुनना है IPO) कहते हैं.
भारत में कितने हैं Stock Exchange?
वैसे तो ज़्यादातर लोग सिर्फ National Stock Exchange (NSE) और Bombay Stock Exchange (BSE) ही जानते होंगे. मगर भारत में इन दोनों के अलावा भी 21 अन्य Stock Exchange भी थे, जो राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सीमा पर काम करते थे. वहीं 8 Stock Exchange और भी हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं. इनमें से 20 क्षेत्रीय एक्सचेंज, अब SEBI के नए नियमों के आने के बाद बंद हो गए. बंद हुए एक्सचेंज की सूची में Ahmedabad Stock Exchange, Chennai Stock Exchange, Pune Stock Exchange, U.P Stock Exchange आदि का नाम शामिल हैं.
क्यों खास है BSE और NSE?
भारत में BSE और NSE दो काफी महत्वपूर्ण शेयर बाज़ार हैं. इनमें लिस्टेड कंपनियों के शेयर, निवेशक या ब्रोकर सीधे तौर पर खरीदते और बेचते हैं. बात BSE की करें, तो यह वर्ष 1875 से मुंबई स्थित दलाल स्ट्रीट में है और विश्व के 10वें सबसे बड़े Stock Exchange का सूचकांक है, Sensex. इसकी स्थापना करने वाले Premchand Raichand को 'बिग बुल' के नाम से जाना जाता है. वहीं दूसरी ओर NSE की बात करें, तो यह भारत का पहला पूर्णतः कंप्यूटराइज्ड Stock Exchange है. वर्ष 1992 में स्थापित NSE की खासियत ये है कि, इसके सूचकांक को देखकर भारतीय अर्थव्यवस्था की एक झलक देखी जा सकती है. आपको बता दें, कि NSE का सूचकांक Nifty 50 है.
कैसे करें स्टाॅक्स में निवेश?
आम भाषा में समझें, तो शेयर मतलब हिस्सा और बाज़ार वो जगह जहां ग्राहक खरीददारी करता है. अब शेयर बाज़ार में निवेश को ऐसे समझें, कि कोई निवेशक NSE में सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदता है, जो कंपनी ने जारी किए हैं, तो उस निवेशक का कंपनी के खरीदे हुए शेयर के आधार पर उतना मालिकाना हक हुआ. शेयर की खरीद और बिक्री निवेशक की बुद्धि पर निर्भर करती है. हालांकि कई बार निवेशक ब्रोकर की भी मदद लेते हैं. शेयर बाज़ार में मौज़ूद स्टाॅक्स में निवेश के लिए, निवेशकों को सबसे पहले एक डीमैट खाता खुलवाना होता है. जो आपके बैंक खाते से लिंक होकर, चाहे ब्रोकर के माध्यम से या खुद स्टाॅक्स की खरीद और बिक्री के माध्यम से मदद करेगा. वहीं वित्तीय समझ की बात करें, तो आज भी Stock Exchange से प्रभावित निवेशकों की सुबह, बाज़ार के उतार-चढा़व देखकर ही होती है.
क्यों आता है शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव?
ऐसा देखा गया है, कि कई बार शेयर बाज़ार में मौज़ूद कंपनियों के स्टाॅक्स या शेयर में ज़बरदस्त उछाल या गिरावट दिखती है. तो आपको बता दें, कि इस अचानक से आए हुए बदलाव की वजह कंपनी, अर्थव्यवस्था या वैश्विक स्तर की हलचल होती है. जैसे किसी कंपनी को अचानक मिला या छिना कोई आर्डर, कंपनी का मूल्यांकन, बाज़ार से जुड़ी शर्तों की अवहेलना, आदि. वहीं शेयर बाज़ार के पास, कंपनियों के दुर्व्यवहार करने पर गैर सूचीबद्ध करने का भी अधिकार होता है.
आज़ादी के बाद से कितना बदला Stock Exchange
आज़ादी से लेकर वर्तमान तक की बात करें, तो Stock Exchange और इसका काम करने का तरीका अब पहले से काफी स्पष्ट है. हालांकि नए-नए तरीकों से शेयर बाज़ार की ओर ध्यान आकर्षित करने में आज बाज़ार काफी आगे है. फिर चाहे मोबाइल फोन के माध्यम से निवेश हो या वेबसाइट पर जाकर कंपनियों का विशलेषण. आज के समय में Zerodha , Upstox, Groww आदि कुछ ऐसे ऐप्स उपलब्ध हैं, जो ऑनलाइन ट्रेडिंग को रफ़्तार 2023 में किस ब्रोकर को चुनना है देने में कामयाब हैं. वहीं इस तरह की पहल से आजकल के युवाओं में भी शेयर्स को लेकर उत्साह देखा जा सकता है. तो ऐसा कह सकते हैं, कि बरगद की छांव में शुरू हुआ Stock Exchange आज निवेशकों को वित्तीय छांव 2023 में किस ब्रोकर को चुनना है दे रहा है.
को-लोकेशन मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक रामकृष्ण सात दिन की सीबीआई हिरासत में
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं, जिससे उनकी बाज़ारों तक तेज़ी से पहुंच हो सके. यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है. The post को-लोकेशन मामले में एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक रामकृष्ण सात दिन की सीबीआई हिरासत में appeared first on The Wire - Hindi.
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख 2023 में किस ब्रोकर को चुनना है सकते हैं, जिससे उनकी बाज़ारों तक तेज़ी से पहुंच हो सके. यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है.
एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ चित्रा रामकृष्ण. (फोटोः रॉयटर्स)
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को एनएसई को-लोकेशन घोटाला मामले में सात दिन की हिरासत में लेकर पूछताछ करने की सोमवार को अनुमति दे दी.
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सीबीआई और आरोपियों की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया.
जांच एजेंसी ने उनसे पूछताछ के लिए 14 दिन की हिरासत की मांग की थी.
सीबीआई ने आरोपी को रविवार को गिरफ्तार किया था जब शनिवार को अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआई ने हाल में मामले में रामकृष्ण से पूछताछ की थी. इससे पहले आयकर विभाग ने मुंबई और चेन्नई में रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की थी.
एनएसई द्वारा प्रदान की जाने वाली को-लोकेशन सुविधा में, ब्रोकर अपने सर्वर को स्टॉक एक्सचेंज परिसर के भीतर रख सकते हैं, जिससे उनकी बाजारों तक तेजी से पहुंच हो सके.
यह आरोप लगाया गया है कि कुछ ब्रोकर ने अंदरूनी सूत्रों की मिलीभगत से एल्गोरिदम और को-लोकेशन सुविधा का दुरुपयोग करके अप्रत्याशित लाभ कमाया है.
सीबीआई अदालत ने हाल ही में एनएसई के समूह संचालन अधिकारी और रामकृष्ण के सलाहकार आनंद सुब्रमनियन को सीबीआई हिरासत में भेजा था. उन्हें बीते 25 फरवरी को सीबीआई ने चेन्नई से गिरफ्तार किया था.
इस मामले की जांच पिछले तीन वर्षों से चल रही है और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की एक ताजा रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने यह गिरफ्तारी की है.
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच में पता चला कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण नियमों का उल्लंघन करते हुए बाज़ार के वित्तीय अनुमानों, व्यावसायिक योजनाओं और बोर्ड के एजेंडे सहित महत्वपूर्ण जानकारियां एक कथित आध्यात्मिक गुरु से साझा करती थीं.
उन पर आनंद सुब्रमनियन को अपना सलाहकार और समूह संचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप है.
एनएसई में अनियमितताओं के बारे में ताजा खुलासे के बीच ये गिरफ्तारी को-लोकेशन घोटाले से संबंधित मामले में की गई थी, जिसके लिए एफआईआर मई 2018 में दर्ज की गई थी.
सीबीआई शेयर मार्केट एक्सचेंज के कंप्यूटर सर्वर से स्टॉक ब्रोकरों को सूचना के कथित अनुचित प्रसार की जांच कर रही है.
इससे पहले पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वरिष्ठ स्तर पर भर्ती में चूक के लिए एनएसई, चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण और दो अन्य अधिकारियों को दंडित किया था.
रवि नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ थे, जबकि चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थीं.
सेबी ने पाया कि एनएसई और उसके शीर्ष अधिकारियों ने समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमनियन की नियुक्ति से संबंधित प्रतिभूति अनुबंध मानदंडों का उल्लंघन किया है.
मालूम हो कि वर्ष 2013 में एनएसई के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण की जगह लेने वाली चित्रा रामकृष्ण ने सुब्रमनियन को अपना सलाहकार नियुक्त किया था. इसके बाद सुब्रमनियन को 4.21 करोड़ रुपये के मोटे वेतन पर समूह संचालन अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया था.
सेबी ने अपनी रिपोर्ट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण और अन्य लोगों पर आनंद सुब्रमनियन को मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के अलावा समूह संचालन अधिकारी और प्रबंधक निदेशक (रामकृष्ण) के सलाहकार के पद पर पुन: नियुक्त करने में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
सेबी ने इस सिलसिले में रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा सेबी ने एनएसई पर दो करोड़ रुपये, एनएसई के पूर्व प्रबंधक निदेशक और सीईओ रवि नारायण पर दो करोड़ रुपये और मुख्य नियामक अधिकारी और अनुपालन अधिकारी वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
बता दें कि रामकृष्ण उन लोगों में से एक रही हैं, जिन्होंने 1990 की दशक के शुरुआत में एनएसई गठित किया था, ताकि पहले से स्थापित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को चुनौती दी जा सके. उन्हें 2009 में एनएसई का संयुक्त प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था और 2013 में प्रमोट कर सीईओ बना दिया गया था.
रामकृष्ण ने निजी कारणों का हवाला देकर 2016 में एनएसई से इस्तीफा दे दिया था.