IPO क्या होता है?

किसी कंपनी के आईपीओ लॉंच होने से पहले कंपनी मुख्य रूप से निजी होती है इसीलिए कंपनी के शेयर होल्डर्स की संख्या बहुत कम होती है, इसमे परिवार के सदस्य IPO क्या होता है? या दोस्त शामिल हो सकते हैं ऐसे मे कंपनी को इन्वेस्ट के लिए पूंजी की कमी हो सकती है इसलिए एक निजी कंपनी के द्वारा शेयर को सार्वजनिक रूप से लोगों के लिए मार्केट मे बेचा जाता है जिससे कंपनी को मुनाफा होता है।
आईपीओ क्या होता है और इसमें कौन पैसे लगा सकता है?
मान लीजिए कोई बिज़नेस है. वो अच्छा चल रहा है. अब कंपनी उसे बढ़ाना चाहती है. इसके लिए ज़्यादा पैसों की ज़रूरत पड़ेगी. तो ये पैसा आएगा कहां से. या तो कंपनी कर्ज़ ले, लेकिन उस पर उसे ब्याज़ देना होगा. एक दूसरा तरीक़ा ये है कि वो अपने शेयर सार्वजनिक कर पैसा जुटाए. यहीं पर आता है आईपीओ. यानी जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर पब्लिक को ऑफ़र करती है तो इसे आईपीओ कहते हैं. IPO यानी इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग. आईपीओ कंपनी के शेयर की पहली सार्वजनिक बिक्री है. आईपीओ खरीदने वाले लोगों को बदले में कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है. आईपीओ लाने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं.
प्रेज़ेंटर: गुरप्रीत सैनी
वीडियो एडिटिंग: देबलिन रॉय
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Initial public offering IPO: प्रथम जन प्रस्ताव लाने जा रहा है LIC, जानिए क्या होता है IPO या प्रथम जन प्रस्ताव?
Initial public offering IPO:भारतीय जीवन बीमा निगम LIC जल्द ही अपना IPO लाने की तैयारी कर रहा है। जब एक Company अपने सामान्य स्टॉक या शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती हैं तो उसे “IPO – Initial Public Offering” अथवा “प्रथम जन प्रस्ताव” कहा जाता हैं।
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यह ज्यादातर छोटी और नई कंपनियों द्वारा जारी किया जाता हैं ताकि वो अपने बिजनस को आगे बढ़ाने के लिए पूँजी जुटा सके। ये प्रथम जन प्रस्ताव कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती हैं जब उसके पास धन की कमी हो और वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय प्रथम जन प्रस्ताव से पैसा जुटाना ज्यादा बेहतर समझती हो।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और प्रथम जन प्रस्ताव दोनों में क्या अंतर है?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड या सेबी – भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड आईपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए एक सरकारी नियामक हैं. यह IPO लाने वाली कंपनी से नियमों का कड़ाई से पालन करवाती हैं जिसकी IPO क्या होता है? वजह से कम्पनी हर तरह की जानकारी सेबी को देने के लिए बाध्य होते हैं। सेबी दी गयी जानकारियों और कम्पनी की जाँच करवाती हैं ताकि निवेशको के हितो की रक्षा IPO क्या होता है? हो सके। सेबी के नियम सख्त होने की वजह से ही निवेशक आईपीओ में पैसा लगाते है। निवेशको के हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर इसके नियम बदलते रहते हैं।
प्रथम जन प्रस्ताव लाने से पहले किसी भी कंपनी को सेबी की मंज़ूरी लेने के लिए एक दस्तावेज जमा करना पड़ता है। जिसे ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस कहा जाता है। हाल ही में एलआईसी ने सेबी के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिया है। इस प्रथम जन प्रस्ताव के माध्यम से LIC की 5% हिस्सेदारी बेची जाएगी। माना जा रहा है कि इस प्रथम जन प्रस्ताव के माध्यम से LIC 70,000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्रयास करेगी। जो की भारत के इतिहास का सबसे बड़ा IPO होगा।
IPO क्या होता है | IPO Meaning in hindi
मान लीजिए ए कंपनी अभी जो काम कर रही है अच्छा काम कर रही है लेकिन अगर कंपनी बड़े होना चाहती है ज्यादा शहरों मे अपना बिज़नस को फेलना चाहती तो यहाँ पर कंपनी को ज्यादा पैसो की जरुरत परेगी। जो ये पैसा कंपनी को बड़ा करने मे लगने वाली है वो आएगा कहां से अब इसके दो रास्ते है कंपनी के पास एक तो है लोन का और दूसरा है IPO क्या होता है? IPO।
IPO क्या होता है ( IPO Meaning in hindi)
पहला रास्ता लोन का जब भी कंपनी लोन लेते है बैंक से भले ही वो कंपनी मुनाफा कमाया या ना कमाए लेकिन बैंक को इंटरेस्ट और मूलधन लोटाना ही पड़ेगा तो यहाँ पर कंपनी कह सकती है की हम बैंक के पास लोन के लिए क्यों जाई क्यों ना हम साधारण लोगो को ही अपना बिज़नस हिस्सेदार बनाएं तो इसी को IPO कहते हैं।
जहां पर पहली बार कोई कंपनी साधारण लोगो को अपने बिज़नस मे हिस्सेदार (Shareholder) बनाते हैं। अब IPO के बाद बहुत सारे साधारण लोग भी इस कंपनी के हिस्सेदारी पहुंच जाते हैं। साधारण लोग भी अब मुनाफे की हिस्सेदार रहेगी।
जब भी कंपनी IPO के लिए आती है तब वो कंपनी इन्वेस्टमेंट बैंक IPO क्या होता है? की मदत से अपनी कंपनी का वैल्यूएशन निकलती है और ए भी फेसला करती है की स्टॉक प्राइस किया होना चाहिए।
आईपीओ के लिए कंपनी को SEBI ने बनाया हुवा प्रोसेस को फॉलो करना पड़ता हैं। और पुरे प्रोसेस मे जो इशू के रजिस्टर है वो कंपनी की मदत करते हैं। कंपनी को ये फेसला करना पड़ता है की वो IPO के जरिये कितना परसेंट शेयर साधारण लोगो को देगी और कितने प्राइस बेंड पर देगी।
IPO से जूड़ी बातें:-
IPO एक लिमिटेड समय के लिए ही खुलता है यानी 3 से 10 खुला दिन के लिए ही रहता हैं। जब आप IPO खरीद रहे होते है तो आप सीधे कंपनी से शेयर्स खरीद रहे होते है जिसे प्राइमरी मार्केट कहते हैं। IPO के बाद कंपनी शेयर्स मार्किट पर लिस्ट हो जाती है और इसे सेकेंडरी मार्केट होता हैं। IPO लिस्ट होने के बाद कंपनी को बहत सारे रेगुलेशन को फॉलो करना पड़ता है तभी कंपनी को IPO के लिए परमिशन मिलता हैं।
आपको यदि IPO के बारे मे पढ़के कुछ सिखने को मिला या आपके मन मे कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट मे लिख सकते है । शेयर मार्केट से जूड़ी हर बाते जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़के ज्ञान ले सकते हैं।
आईपीओ फुल फॉर्म : आओ जानें IPO का मतलब क्या होता है…
आईपीओ IPO क्या होता है? क्या है ? Initial public offering वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक निजी कंपनी अपने स्टॉक को आम जनता को बेचकर सार्वजनिक हो सकती है। एक आईपीओ बाजार से धन जुटाने का एक साधन है। आईपीओ के आवंटित शेयरों को लागू करने और पाने वाले निवेशक कंपनी के शेयरधारक (हिस्से के मालिक) बन जाते हैं।
कंपनियां सार्वजनिक तौर पर नए शेयर जारी करके आईपीओ की मदद से इक्विटी कैपिटल जुटा सकती हैं या मौजूदा शेयरधारक बिना किसी नई पूंजी जुटाए जनता IPO क्या होता है? को अपने शेयर बेच सकते हैं।
Q1 : आईपीओ के लिए आवेदन करने के लिए कौन पात्र IPO क्या होता है? है?
Ans : कोई भी वयस्क जो कानूनी अनुबंध में प्रवेश करने के लिए सक्षम है, आईपीओ के लिए आवेदन कर सकता है। आईपीओ में निवेश के लिए डीमैट खाता होना आवश्यक है क्योंकि आजकल सभी आबंटन केवल डीमैट रूप में किए जाते हैं।
Ans : तकनीकी रूप से, आपको आईपीओ में आवेदन करने के लिए ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता नहीं है। डीमैट खाता (डीमैट खाता पूर्ण रूप एक डीमैटेरलाइज्ड खाता है) अकेले पर्याप्त होगा।
Q3 : आईपीओ कितने दिनों के लिए खुला रखा जाता है?
Ans : आमतौर पर, कंपनी आईपीओ को 3-4 दिनों की अवधि के लिए खुला रखेगी ताकि निवेशक आईपीओ में आवेदन कर सकें। अंतिम दिन ट्रेडिंग बंद होने से पहले सभी वैध एप्लिकेशन को सिस्टम में लॉग इन करना होगा।
The Author
Aryan Sharma
आर्यन शर्मा Jobalerthindi.com के संपादक की भूमिका में दिखते हैं और यह आपको स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा से संबंधित इंजीनियरिंग, प्रबंधन और चिकित्सा क्षेत्रों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम (Entrance Exam) & GK के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं।
IPO अलॉटमेंट प्रोसेस
जब कंपनी के आईपीओ की ओपनिंग बंद हो जाती है तो इसके बाद कंपनी आईपीओ का अलाटमेंट करती है |
अब कंपनी सभी इन्वैस्टर के लिए IPO अलॉट करती है सभी इन्वेस्टर को आईपीओ अलॉट होने के बाद कंपनी के शेयर स्टॉक एक्स्चेंज
मार्केट मे लिस्ट हो जाते हैं।
IPO kya hota hai puri jankari
एक बार शेयर स्टॉक मार्केट मे लिस्ट हो जाएँ इसके बाद आप कंपनी के शेयर को सेकेंडरी मार्केट से खरीद सकते हैं इसके पहले आप शेयर को बेच नहीं सकते हैं।
क्या आईपीओ में निवेश करना सही फैसला है?
यदि आप किसी कंपनी के आईपीओ मे निवेश करना चाहते हैं IPO क्या होता है? तो यह एक अच्छा फैसला हो सकता है लेकिन इनवेस्टमेंट पहले आपको कंपनी से संबन्धित सभी प्रकार की जानकारी होना चाहिए जिससे आपको इस बात का अंदाजा लगाना चाहिए कि भविष्य IPO क्या होता है? मे कंपनी कैसे विकास करेगी और क्या इसके आईपीओ मे निवेश करना सही है या नहीं IPO क्या होता है? |
इसके अलावा आपको कंपनी के आईपीओ ओपन होने संबन्धित जानकारी भी होना चाहिए ताकि आप सही समय पर कंपनी के आईपीओ मे निवेश कर लाभ कमा सकें।
IPO से कैसे लाभ है?
जब एक निजी कंपनी अपना आईपीओ लॉंच करती है तो कंपनी की विश्वसनीयता को देखते हुये कई निवेशक आईपीओ मे इन्वेस्ट करते हैं जिससे कंपनी को शुरुआती फंड मिलता है |
आईपीओ लॉंच होने के बाद कंपनी अपने शेयर को स्टॉक मार्केट मे लिस्ट करती है जिससे कंपनी के शेयर मे कई लोग पैसा लगते हैं जिससे कंपनी को डाइरैक्ट फायदा पहुंचता है।
एक निजी कंपनी मे मालिकाना हक केवल कुछ ही व्यक्ति का हो सकता है जो मिलकर कंपनी की शुरुआत करते हैं लेकिन हर कोई शेयर खरीदकर कंपनी का हिस्सेदार बन सकता है और वह जब शेयर खरीदता है तो उसका पैसा कंपनी मे इन्वेस्ट होता है जिससे कंपनी को लाभ होता है कंपनी के शेयर मे बढ़त होने पर हर एक निवेशक को लाभ होता है।