एक सीमा आदेश क्या है?

ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा पर फेंका जा रहा हेरोईन
ITR भरने को लेकर सरकार का नया आदेश जारी
HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। FY2021-22 के लिए एक सीमा आदेश क्या है? इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का आखिरी दिन 31 जुलाई, 2022 था। हालांकि, एक सीमा आदेश क्या है? अगर आप इस समय सीमा से चूक गए हैं, तो तब भी आप अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अब दाखिल किए गए आयकर रिटर्न को विलंबित आईटीआर (FY2021-22) कहा जाएगा। यदि आप अपना आईटीआर अभी (विलंबित आईटीआर) दाखिल कर रहे हैं, तो आपको देर से दाखिल करने का शुल्क देना होगा।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234एफ के तहत विलंबित आईटीआर दाखिल करने के लिए देर से फाइलिंग शुल्क/जुर्माना लगाया जाता है। हालांकि, छोटे करदाताओं को राहत के रूप में, अगर कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो देर से दाखिल करने का शुल्क 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।
EPS-95 Pension Increase : एक झटके में 333% बढ़ी EPS पेंशन, देखें EPFO एक सीमा आदेश क्या है? का आदेश
EPS-95 Pension Increase EPFO : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) सब्सक्राइबर्स को सुप्रीम कोर्ट में जल्द राहत मिल सकती है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारी भविष्य निधि ( EPF ) में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) की पेंशन एक झटके में 300% तक बढ़ सकती है ! EPFO ने कर्मचारियों की EPS पेंशन के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये (मूल वेतन) तय किया है ।
EPS 95 Pension Increase
अब सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) की इस सैलरी-लिमिट को खत्म कर सकता है. यह मामला विचाराधीन है और इस पर लगातार सुनवाई चल रही है। कर्मचारियों की कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) में पेंशन की गणना भी अंतिम वेतन यानी उच्च वेतन ब्रैकेट पर की जा सकती है। EPFO के इस फैसले से कर्मचारियों को कई गुना ज्यादा EPS पेंशन मिलेगी। बता दें कि पेंशन पाने के लिए EPF में 10 साल तक योगदान करना जरूरी है। वहीं, 20 साल की सेवा पूरी करने पर एक सीमा आदेश क्या है? 2 साल का वेटेज मिलता है ।
आपकी Employee Pension Scheme पेंशन कैसे बढ़ेगी ? यहां समझें
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) की मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 1 जून 2015 से नौकरी कर रहा है और 14 साल की सेवा एक सीमा आदेश क्या है? पूरी करने के बाद पेंशन लेना चाहता है तो उसकी कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) में पेंशन की गणना 15,000 रुपये ही की जाएगी, भले ही वह किसी EPS कर्मचारी के साथ काम कर रहा हो. वेतन 20 हजार रुपये । बेसिक सैलरी ब्रैकेट में हों या 30 हजार रुपये । पुराने फॉर्मूले के मुताबिक कर्मचारी को 14 साल पूरे होने पर 2 जून 2030 से करीब 3000 रुपये पेंशन मिलेगी। पेंशन की गणना का सूत्र है- (सेवा इतिहासx15,000/70)। लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों के पक्ष में फैसला करता है, तो उसी कर्मचारी की पेंशन बढ़ जाएगी।
मान लीजिएकर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) सब्स्क्राइबर की नौकरी 33 साल है। उनकी आखिरी बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है ! कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) की मौजूदा व्यवस्था के तहत पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपये वेतन पर ही की जाती थी । इस तरह ( फॉर्मूला : 33 साल+2= 35/70×15,000) पेंशन सिर्फ 7,500 रुपये होती। मौजूदा व्यवस्था में यह अधिकतम EPS पेंशन है। लेकिन, पेंशन की सीमा हटाने के बाद पेंशन को अंतिम वेतन के हिसाब से जोड़ने पर उन्हें 25000 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. मतलब (33 साल+2= 35/70×50,000=25000 रुपये)।
Employees’ Provident Fund Organisation
बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) के नियमों के एक सीमा आदेश क्या है? मुताबिक अगर कोई कर्मचारी लगातार 20 साल या इससे ज्यादा समय तक कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) में योगदान करता है तो उसकी सेवा में दो साल और एक सीमा आदेश क्या है? जुड़ जाते हैं। इस तरह 33 साल की सेवा पूरी हुई, लेकिन 35 साल के लिए EPS पेंशन की गणना की गई। ऐसे में उस कर्मचारी की सैलरी में 333 फीसदी का इजाफा हो सकता है.
कर्मचारी पेंशन योजना ( Employee Pension Scheme ) संशोधन, 2014 को केंद्र सरकार द्वारा 1 सितंबर 2014 से एक अधिसूचना जारी कर लागू किया गया था। इसका निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने विरोध किया था और वर्ष 2018 में केरल उच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई थी। ये सभी कर्मचारी EPS ईपीएफ और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 की सुविधाओं से आच्छादित थे। कर्मचारियों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( Employees’ Provident Fund Organisation ) के नियमों का विरोध करते हुए कहा कि एक सीमा आदेश क्या है? यह उन्हें कम पेंशन सुनिश्चित करता है।
North Korea: बच्चों के नाम 'बम'. 'गन'. 'सैटेलाइट' रखे जाएं, सनकी किम जोंग का नया फरमान
उत्तर कोरिया (North Korea) का सनकी तानाशाह अब चाहता है कि माता-पिता बच्चों को 'बम', 'गन' और 'सैटेलाइट' जैसे 'देशभक्ति' भरे नाम दें. 'द मिरर' के मुताबिक किम जोंग-उन (Kim Jong Un) के आदेश पर उन नामों पर नकेल कसी जा रही, जिन्हें सरकार बहुत नरम मानती है. वह चाहता है कि माता-पिता अपने बच्चों का नाम अधिक देशभक्ति और वैचारिक तरीके से रखें. इससे पहले दक्षिण कोरिया में प्रचलित नामों की तरह उत्तर कोरिया में भी माता-पिता अपने बच्चों का नामकरण कर रहे थे. किम के बच्चों के नामकरण से जुड़े इस तुगलकी फरमान से पहले उत्तर कोरिया में 'ए री' (प्यार करने वाला) और 'सु मी' (सुपर ब्यूटी) जैसे नाम रखने की अनुमति थी.
बरी हुए आडवाणी
2003 में सीबीआई चार्जशीट दाखिल की, लेनिक उसमें आपराधकि साजिश के आरोप नहीं जोड़ सकी. रायबरेली कोर्ट ने सुनवाई की और लालकृष्ण आडवाणी को यह कहते हुए बरी किया कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. साल 2005 में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने रायबरेली कोर्ट के आदेश को रद किया और कहा आडवाणी और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमे चलेंगे. कोर्ट में यह मामला चला, लेकिन इसमें आपराधिक साजिश का जिक्र नहीं किया गया. 2005 एक सीमा आदेश क्या है? में रायबरेली कोर्ट ने इस पूरे मामले में आरोप तय किए और साल 2007 में इस मामले में पहली बार गवाही हुई.
इसके दो साल बाद लिब्राहन आयोग की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें बाबरी विध्वंस के लिए संघ परिवार, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और बीजेपी के प्रमुख नेताओं को जिम्मेदार माना गया. 2010 में दोनों मामलों को अलग-अलग चलाने का जो फैसला निचली अदालत ने लिया था उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा. हाइकोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले में दो तरह के अभियुक्त थे. पहले वो जो मस्जिद से 200 मीटर की दूरी पर मंच से कार सेवकों को भड़काने का काम कर रहे थे. दूसरे वो कारसेवक.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
इस फैसले के खिलाफ सीबीआई साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट पहुंची. 20 मार्च, 2012 को हलफनामा दायर करके दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ करने की दलील पेश की. कोर्ट ने 2015 में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह समेत वरिष्ठ भाजपा नेताओं को नोटिस करते हुए मामले में आपराधिक साज़िश की धारा नहीं हटाने की सीबीआई की याचिका पर जवाब देने को कहा.
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद करते हुए फिर से साजिश के आरोप लगाए गए. इसके अलावा दोनों ही मामलों को एक साथ सुनवाई कर अनुमति दी. सुप्रीम कोर्ट ने लाल कृष्ण आडवाणी और 20 अन्य लोगों सहित कई अभियुक्तों के ख़िलाफ़ साज़िश का आरोप फिर से लगाने का आदेश जारी किया. इतना ही नहीं कोर्ट ने सुनवाई की समय सीमा भी तय की. पहले दो साल की डेडलाइन दी फिर इसे नौ महीने और बढ़ाया गया. इस तरह बाबरी विध्वंस मामले में कुल 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया. जिसमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास समेत दर्जन भर से अधिक लोगों को बरी कर दिया गया. 30 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस से जुड़े सभी मामलों को बंद कर दिया.
Punjab News: भारतीय सीमा पर फिर दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, बीएसएफ को मिला पीले पैकेट में 2.470 किलोग्राम का हेरोईन
Pakistan Drone: पाकिस्तान (Pakistan) से ड्रोन (Drone) भेजने का सिलसिला अब तक थमा नहीं है। पाकिस्तान अपने ड्रोन के जरिए कभी हथियार तो कभी हेरोइन (Heroine) की खेप भारत में अवैध तरीके से भेजता ही रहता है। इसी कड़ी में ताजा मामला सामने आ रहा है कि पाकिस्तान के तस्करों ने एक बार फिर से भारतीय सीमा पर ड्रोन भेजा है।
5-6 दिसंबर की रात को बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर (BSF) की टुकड़ियों ने तरनतारन जिले में एक पाकिस्तानी ड्रोन को रोका। इस दौरान जवानों द्वारा किए गए सर्च ऑपरेशन में हेरोईन की खेप भी जब्त की गई। बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर एक सीमा आदेश क्या है? ने बताया कि प्रारंभिक तलाशी के दौरान, बीएसएफ ने तरनतारन में कालिया गांव के पास भारतीय क्षेत्र से हेरोइन का संदिग्ध 1 पैकेट (लगभग 2.470 किलोग्राम) बरामद किया है।