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NASDAQ वायदा

NASDAQ वायदा

सेंसेक्स टुडेः आम बजट से पहले उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में शेयर बाजार लगभग स्थिर, बैंक शेयरों में बढ़त

जनवरी के वायदा एवं विकल्प सौदों के निपटान का समय होने से भी बाजार भारी उतार-चढ़ाव के बाद मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को 1.25 अंक और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज 0.40 अंक की मामूली गिरावट में रहे।

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अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता शुरू होने को लेकर वैश्विक बाजारों से मिश्रित प्रतिक्रिया मिलने से घरेलू निवेशकों ने अधिक सतर्कता बरती। विश्लेषकों के अनुसार, 'व्यापार वार्ता, फेडरल रिजर्व की बैठक तथा आम बजट से पहले निवेशकों के सतर्क रहने से बाजार पर दबाव बना रह सकता है। सभी की निगाहें बजट पर हैं।'

बीएसई के समूहों में धातु और बैंकिंग कंपनियों में तेजी रही जबकि एफएमसीजी और रिऐलिटी कंपनियों में गिरावट देखने को मिली। हालांकि, बीएसई का स्मॉलकैप और मिडकैप क्रमश: 0.78 प्रतिशत और 0.22 प्रतिशत की तेजी में रहे। बड़ी कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 6.05 प्रतिशत और टाटा स्टील का शेयर 5.14 प्रतिशत चढ़ गया। ऐक्सिस बैंक का शेयर भी 4.56 प्रतिशत की तेजी में रहा। इनके अलावा एचसीएल, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, एलएंडटी, कोल इंडिया और वेदांता के शेयर 2.82 प्रतिशत तक चढ़े।

बजाज ऑटो, कोटक बैंक, एचडीएफसी, येस बैंक, सन फार्मा, भारती एयरटेल, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर्स, ओएनजीसी और सन फार्मा के शेयर 2.65 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को 354.36 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक 81.27 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे।

एशियाई बाजारों में हॉन्ग कॉन्ग का हेंग सेंग 0.40 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.05 प्रतिशत की तेजी में रहा। हालांकि चीन का शंघाई कंपोजिट 0.07 प्रतिशत और जापान का निक्की 0.52 प्रतिशत गिर गया। यूरोपीय बाजारों में कारोबार के दौरान जर्मनी का फ्रैंकफर्ट डीएएक्स 0.21 प्रतिशत की गिरावट में चल रहा था। हालांकि फ्रांस का पैरिस सीएसी40 सूचकांक 0.53 प्रतिशत और ब्रिटेन का लंदन एफटीएसई 0.94 प्रतिशत की तेजी में चल रहा था।

Stock Market Update: मजबूत वैश्विक रुख से शुरुआती कारोबार में तेजी,

मुंबई, : बैंकिंग शेयरों में लिवाली और वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच बुधवार को इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों ने सकारात्मक रुख के साथ कारोबार शुरू किया। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 361.94 अंक चढ़कर 61,780.90 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 81.2 अंक बढ़कर 18,325.40 पर कारोबार कर रहा था।

एशिया में सियोल और हांगकांग के बाजार उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे थे, जबकि शंघाई एक्सचेंज में मंदी देखी जा रही है। वॉल स्ट्रीट मंगलवार को उच्च स्तर पर समाप्त हुआ था। आपको बता दें NASDAQ वायदा NASDAQ वायदा कि बीएसई का बेंचमार्क मंगलवार को 274.12 अंक या 0.45 प्रतिशत चढ़कर 61,418.96 पर बंद हुआ। निफ्टी 84.25 अंक या 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,244.20 पर बंद हुआ।

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टॉप लूजर्स और गेनर्स

सेंसेक्स पैक से भारतीय स्टेट बैंक, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, डॉ रेड्डीज, विप्रो, बजाज फिनसर्व, मारुति, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में अच्छा कारोबार देखा गया। आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, हिंदुस्तान यूनिलीवर और पावर ग्रिड के शेयर पिछड़ गए।

कच्चे तेल का रेट

अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 88.32 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 697.83 करोड़ रुपये के शेयर उतारे।

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरा

मजबूत डॉलर औरविदेशी कोष के लगातार ऑउटफ्लो NASDAQ वायदा को देखते हुए बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे की गिरावट के साथ 81.81 पर बंद हुआ। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा में, घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 81.81 पर खुली, जो अपने पिछले बंद के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट दर्ज कर रही थी।

डॉलर के मुकाबले मंगलवार को रुपया 12 पैसे की तेजी के साथ 81.67 पर बंद हुआ था। डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.06 प्रतिशत गिरकर 107.16 पर आ गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 88.29 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

9 Lakh Crore lost in Stock Market: 5 कारण जिससे शेयर बाजार से लेकर कमोडिटी बाजार में रहा घबराहट का दिन

आज शेयर बाजार में घबराहट और भगदड़ का दिन रहा तो कमोडिटी बाजार में भारी अफरातफरी रही। ओमीक्रोन को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच शेयर बाजार 1849 अंक तक लुढ़क गया। दूसरी तरफ सरकार ने 7 एग्री कमोडिटी की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी, जिससे एनसीडीईएक्स और कमोडिटी बाजार में भारी अफरातफरी रही।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले ध्यान रखने वाली 10 बातें

सोमवार 20 दिसंबर का दिन कमोडिटी बाजार में काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा, तो वहीं 20 दिसंबर का दिन शेयर बाजार के लिए भी ब्लैक सोमवार का दिन रहा। अप्रैल 2020 के बाद पहली बार चीन द्वारा उधारी दर में कटौती के बाद वैश्विक बाजारों में कमजोरी का असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ता देखा गया।
आज 20 दिसंबर को अप्रैल 2021 के बाद से बेंचमार्क सूचकांकों में सबसे बड़ी एकल-दिवस गिरावट देखी गई। एक बजकर दो बजे तक बीएसई सेंसेक्स 1,849 अंक या 3.24 प्रतिशत
गिरकर 55,162.50 पर आ गया और निवेशकों के 9 लाख करोड़ डूब गए। दूसरी तरफ कमोडिटी बाजार में भी मोदी सरकार द्वारा सात कमोडिटीज पर वायदा कारोबार की रोक लगाए जाने से 20 दिसंबर का दिन काला दिवस बन गया।

दिन की शुरुआत कमोडिटी बाजार पर एक बेहद अहम खबर से हुई। खबर आई कि वित्त मंत्रालय ने कमोडिटी के वायदा कारोबार के संबंध में एक अहम निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय की आवश्यक वस्तुओँ की खाद्य उपलब्धता और महंगाई की समीक्षा समिति ने 19 दिसंबर को देर रात जारी एक आदेश के जरिए कमोडिटी बाजार में सात कमोडिटीज के वायदा कारोबार से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब कोई भी ट्रेडर्स इनमें नई पोजिशन नहीं ले सकेगा, सिर्फ पुरानी पोजिशन को कट सकते हैं। माना जा रहा है कि खाद्य तेल और अनाजों में बढ़ती महंगाई की चिंता को लेकर ये रोक लगाई गई है। वित्त मंत्रालय की ओर से सेबी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को दिए गए आदेश में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से यानी आज 20 दिसंबर से निम्न सातकमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई जा रही है और ये रोक एक साल तक रहेगी। ये कमोडिटी इस प्रकार हैं

1. चावल (गैर बासमती)
2. गेहूं
3. चना
4. सरसों का तेल और इसके उत्पाद
5. सोयाबीन और इसके उत्पाद
6. कच्चा पॉम ऑयल
7. मूंग

बता दें इनमें चना और सरसों पर पहले से ही तात्कालिक रोक लगी हुई थी और अब सरकार के आदेश से साफ हो गया है कि ये रोक एक साल तक रहेगी। सरसों और चना राजस्थान की
प्रमुख फसलें हैं। इस सात कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक के बाद अब जौ, बाजरा, मक्‍का, कैस्‍टर, मसाला काम्‍पलैक्‍स, ग्‍वार काम्‍पलैक्‍स, कॉटन सीड ऑयल केक, कपास,
कॉटन, जीरा ही एग्री कमोडिटीज श्रेणी से वायदा कारोबार में ट्रेडिंग के लिए बचे हैं। माना जा रहा है कि इससे वायदा कारोबार करने वाले ट्रेडर्स को बड़ा नुकसान होगा।

शेयर बाजार में तबाही तो NASDAQ वायदा फ्यूचर ग्रुप के शेयर में अपर सर्किट
वहीं सुबह नौ बजे तक साफ हो चुका था कि आज शेयर बाजार में भी गिरावट रहेगी। यही हुआ। शेयर बाजार करीब 800 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ खुला। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार बहुत भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सेंसेक्स 1189.73 अंक (-2.09%) फीसद गिरावट के साथ NASDAQ वायदा 55,822.01 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 371.00 अंक (-2.18%) की गिरावट के साथ 16,614.20 के स्तर पर बंद हुआ। दुनिया भर में ओमीक्रोन के मामलों में बढ़ोतरी के प्रभाव से निवेशकों में घबराहट पैदा हुई है, जिससे वैश्विक इक्विटी में तीव्र बिकवाली हुई। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में टाटा स्टील रहा जिसमें 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही, इसके बाद एसबीआई, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी का स्थान रहा। दूसरी ओर फ्यूचर ग्रुप (बिग बाजार रिटेल चैन के ओनर) के शेयरों में 20 प्रतिशत से अधिक की तेजी रही और इसमें अपर एचयूएल और डॉ रेड्डीज लाभ में रहे।

दरअसल ओमीक्रोन पर चेतावनियों के बीच COVID-19 मामलों में विस्फोटक वृद्धि, विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निरंतर बिक्री और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में धीमी विकास गति ने दुनिया भर के बाजारों को हिला दिया है। शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सियोल में शेयर भारी नुकसान के साथ बंद हुए। यूरोप में स्टॉक एक्सचेंज भी मध्य सत्र के सौदों में लाल रंग में कारोबार कर रहे थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.51 प्रतिशत गिरकर 70.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इन सबके बीच भारत में महंगाई की चिंता के बीच मोदी सरकार द्वारा कमोडिटी बाजार में सात कमोडिटी में वायदा के रोक ने निवेशकों को हिला दिया। वहीं वर्ष के अंत में सौदों की कटान की वजह से भी बाजार में बिकवाल हावी रहे।

मोदी सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत 7 एग्री कमोडिटीज पर एक झटके में रोक लगाए जाने से सिर्फ वायदा कारोबारियों को ही नुकसान नहीं होगा बल्कि सरकार द्वारा गठित इन जिंसों के फार्मर्स प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर सरकार ने इन फसलों पर जल्द ही एमएसपी पर खरीद को अनिवार्य नहीं किया तो किसानों को भी इन फसलों को घाटे में बेचना पड़ सकता है, क्योंकि वायदा बाजार बंद होने से अब प्राइस डिस्कवरी संभव नहीं होगी।

महंगाई से संबंध नहीं

इसका महंगाई पर कोई असर दिखना मुश्किल है। महामारी में हमेशा कमोडिटीज के भाव चढ़ते आए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी है। 2015 में चना पर वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई थी तब भाव 8000 से चढ़कर 12000 हो गए थे। सरकार महंगाई रोकने के लिए और भी कई कदम उठा सकती थी।

सरकार के इस कदम का क्या उद्देश्य है, ये तो वही बता सकती है, पर इसका महंगाई से कोई संबंध मेरी नजर में नहीं है।
पुखराज चौपड़ा, पूर्व उपाध्यक्ष, राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ

वहीं राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता का कहना है कि सरकार के इस कदम से महंगाई कम होने के आसार हैं। उन्होंने पत्रिका को बताया कि मोदी सरकार के कदम का स्वागत है। फिलहाल भाव टूटेंगे और मंहगाई कम होगी।

9 Lakh Crore lost in Stock Market: 5 कारण जिससे शेयर बाजार से लेकर कमोडिटी बाजार में रहा घबराहट का दिन

आज शेयर बाजार में घबराहट और भगदड़ का दिन रहा तो कमोडिटी बाजार में भारी अफरातफरी रही। ओमीक्रोन को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच शेयर बाजार 1849 अंक तक लुढ़क गया। दूसरी तरफ सरकार ने 7 एग्री कमोडिटी की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी, जिससे एनसीडीईएक्स और कमोडिटी बाजार में भारी अफरातफरी रही।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले ध्यान रखने वाली 10 बातें

सोमवार 20 दिसंबर का दिन कमोडिटी बाजार में काला दिवस के रूप में याद किया जाएगा, तो वहीं 20 दिसंबर का दिन शेयर बाजार के लिए भी ब्लैक सोमवार का दिन रहा। अप्रैल 2020 के बाद पहली बार चीन द्वारा NASDAQ वायदा उधारी दर में कटौती के बाद वैश्विक बाजारों में कमजोरी का असर भारत के शेयर बाजार पर पड़ता देखा गया।
आज 20 दिसंबर को अप्रैल 2021 के बाद से बेंचमार्क सूचकांकों में सबसे बड़ी एकल-दिवस गिरावट देखी गई। एक बजकर दो बजे तक बीएसई सेंसेक्स 1,849 अंक या 3.24 प्रतिशत
गिरकर 55,162.50 पर आ गया और निवेशकों के 9 लाख करोड़ डूब गए। दूसरी तरफ कमोडिटी बाजार में भी मोदी सरकार द्वारा सात कमोडिटीज पर वायदा कारोबार की रोक लगाए जाने से 20 दिसंबर का दिन काला दिवस बन गया।

दिन की शुरुआत कमोडिटी बाजार पर एक बेहद अहम खबर से हुई। खबर आई कि वित्त मंत्रालय ने कमोडिटी के वायदा कारोबार के संबंध में एक अहम निर्णय लिया है। वित्त मंत्रालय की आवश्यक वस्तुओँ की खाद्य उपलब्धता और महंगाई की समीक्षा समिति ने 19 दिसंबर को देर रात जारी एक आदेश के जरिए कमोडिटी बाजार में सात कमोडिटीज के वायदा कारोबार से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब कोई भी ट्रेडर्स इनमें नई पोजिशन नहीं ले सकेगा, सिर्फ पुरानी पोजिशन को कट सकते हैं। माना जा रहा है कि खाद्य तेल और अनाजों में बढ़ती महंगाई की चिंता को लेकर ये रोक लगाई गई है। वित्त मंत्रालय की ओर से सेबी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को दिए गए आदेश में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से यानी आज 20 दिसंबर से निम्न सातकमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक लगाई जा रही है और ये रोक एक साल तक रहेगी। ये कमोडिटी इस प्रकार हैं

1. चावल (गैर बासमती)
2. गेहूं
3. चना
4. सरसों का तेल और NASDAQ वायदा इसके उत्पाद
5. सोयाबीन और इसके उत्पाद
6. कच्चा पॉम ऑयल
7. मूंग

बता दें इनमें चना और सरसों पर पहले से ही तात्कालिक रोक लगी हुई थी और अब सरकार के आदेश से साफ हो गया है कि ये रोक एक साल तक रहेगी। सरसों और चना राजस्थान की
प्रमुख फसलें हैं। इस सात कमोडिटीज के वायदा कारोबार पर रोक के बाद अब जौ, बाजरा, मक्‍का, कैस्‍टर, मसाला काम्‍पलैक्‍स, ग्‍वार काम्‍पलैक्‍स, कॉटन सीड ऑयल केक, कपास,
कॉटन, जीरा ही एग्री कमोडिटीज श्रेणी से वायदा कारोबार में ट्रेडिंग के लिए बचे हैं। माना जा रहा है कि इससे वायदा कारोबार करने वाले ट्रेडर्स को बड़ा नुकसान होगा।

शेयर बाजार में तबाही तो फ्यूचर ग्रुप के शेयर में अपर सर्किट
वहीं सुबह नौ बजे तक साफ हो चुका था कि आज शेयर बाजार में भी गिरावट रहेगी। यही हुआ। शेयर बाजार करीब 800 अंकों से अधिक की गिरावट के साथ खुला। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार बहुत भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सेंसेक्स 1189.73 अंक (-2.09%) फीसद गिरावट के साथ 55,822.01 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 371.00 अंक (-2.18%) की गिरावट के साथ 16,614.20 के स्तर पर बंद हुआ। दुनिया भर में ओमीक्रोन के मामलों में बढ़ोतरी के प्रभाव से निवेशकों में घबराहट पैदा हुई है, जिससे वैश्विक इक्विटी में तीव्र बिकवाली हुई। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में टाटा स्टील रहा जिसमें 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही, इसके बाद एसबीआई, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी का स्थान रहा। दूसरी ओर फ्यूचर ग्रुप (बिग बाजार रिटेल चैन के ओनर) के शेयरों में 20 प्रतिशत से अधिक की तेजी रही और इसमें अपर एचयूएल और डॉ रेड्डीज लाभ में रहे।

दरअसल ओमीक्रोन पर चेतावनियों के बीच COVID-19 मामलों में विस्फोटक वृद्धि, विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निरंतर बिक्री और विकसित अर्थव्यवस्थाओं में धीमी विकास गति ने दुनिया भर के बाजारों को हिला दिया है। शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सियोल में शेयर भारी नुकसान के साथ बंद हुए। यूरोप में स्टॉक एक्सचेंज भी मध्य सत्र के सौदों में लाल रंग में कारोबार कर रहे थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.51 प्रतिशत गिरकर 70.94 डॉलर प्रति NASDAQ वायदा बैरल पर आ गया। इन सबके बीच भारत में महंगाई की चिंता के बीच मोदी सरकार द्वारा कमोडिटी बाजार में सात कमोडिटी में वायदा के रोक ने निवेशकों को हिला दिया। वहीं वर्ष के अंत में सौदों की कटान की वजह से भी बाजार में बिकवाल हावी रहे।

मोदी सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत 7 एग्री कमोडिटीज पर एक झटके में रोक लगाए जाने से सिर्फ वायदा कारोबारियों को ही नुकसान नहीं होगा बल्कि सरकार द्वारा गठित इन जिंसों के फार्मर्स प्रोड्यूस ऑर्गनाइजेशन को भी नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर सरकार ने इन फसलों पर जल्द ही एमएसपी पर खरीद को अनिवार्य नहीं किया तो किसानों को भी इन फसलों को घाटे में बेचना पड़ सकता है, क्योंकि वायदा बाजार बंद होने से अब प्राइस डिस्कवरी संभव नहीं होगी।

महंगाई से संबंध नहीं

इसका महंगाई पर कोई असर दिखना मुश्किल है। महामारी में हमेशा कमोडिटीज के भाव चढ़ते आए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी है। 2015 में चना पर वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई थी तब भाव 8000 से चढ़कर 12000 हो गए थे। सरकार महंगाई रोकने के लिए और भी कई कदम उठा सकती थी।

सरकार के इस कदम का क्या उद्देश्य है, ये तो वही बता सकती है, पर इसका महंगाई से कोई संबंध मेरी नजर में नहीं है।
पुखराज चौपड़ा, पूर्व उपाध्यक्ष, राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ

वहीं राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता का कहना है कि सरकार के इस कदम से महंगाई कम होने के आसार हैं। उन्होंने पत्रिका को बताया कि मोदी सरकार के कदम का स्वागत है। फिलहाल भाव टूटेंगे और मंहगाई कम होगी।

शेयर बाजार: गिरावट जारी, सेंसेक्स 297 अंक टूटा

शेयर बाजार में गिरावट का दौर बुधवार को भी जारी रहा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 297 अंक टूटकर बंद हुआ. भेल, गेल और ओएनजीसी जैसे सरकारी उपक्रमों के शेयरों में भारी गिरावट और दिसंबर माह के वायदा व विकल्प सौदों का निपटान सत्र का आखिरी दिन होने से निपटान के लिए बिकवाली का जोर बढ़ा हुआ था.

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aajtak.in

  • मुंबई,
  • 24 दिसंबर 2014,
  • (अपडेटेड 05 जनवरी 2015, 5:19 PM IST)

शेयर बाजार में गिरावट का दौर बुधवार को भी जारी रहा और बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 297 अंक टूटकर बंद हुआ. भेल, गेल और ओएनजीसी जैसे सरकारी उपक्रमों के शेयरों में भारी गिरावट और दिसंबर माह के वायदा व विकल्प सौदों का निपटान सत्र का आखिरी दिन होने से निपटान के लिए बिकवाली का जोर बढ़ा हुआ था.

अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में सुधार का भी बाजार में निवेशकों की धारणा पर असर था. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच डॉलर की तुलना में रुपया टूटकर 63.50 के स्तर पर आने से कारोबारी धारणा कमजोर हुई. बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 297.85 अंक की गिरावट के साथ 27,208.61 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह दिन के निचले स्तर 27,146.52 पर आ गया था. मंगलवार को सेंसेक्स 195.33 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ था. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 92.90 अंक टूटकर 8,200 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया और 8,174.10 अंक पर बंद हुआ.

ब्रोकरों ने बताया कि एशियाई बाजारों में मिलेजुले रूख से भी घरेलू बाजार की धारणा पर असर पड़ा. चीन की सरकार द्वारा शेयर बाजार में स्थिरता लाने के लिए उपाय किए जाने की अटकलों से चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स करीब दो फीसदी टूट गया.

सोना स्थिर, चांदी मजबूत
फुटकर कारोबारियों की छिटपुट लिवाली के कारण दिल्ली सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने के भाव पूर्वस्तर 27000 रुपये प्रति दस ग्राम पर स्थि‍र बने रहे, वहीं औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं द्वरा उठाव बढ़ाने से चांदी के भाव 150 रुपये की तेजी के साथ 36500 रुपये किलो हो गए.

बाजार सूत्रों के अनुसार मजबूत वैश्विक रूख के बीच फुटकर और आभूषण निर्माताओं की छिटपुट लिवाली के चलते सोने के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे. सिंगापुर में सोने के भाव 0.25 फीसदी की तेजी के साथ 1179. 80 डॉलर प्रति औंस रहे. दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव छिटपुट लिवाली के चलते पूर्वस्तर 27000 रुपये और 26800 रुपये प्रति दस ग्राम अपरिवर्तित बंद हुए.

डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे गिरकर 63.51 पर
तेल कंपनियों की डॉलर मांग और शेयर बाजार में विदेशी निधियों की निरंतर बिकवाली से डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 23 पैसे गिरकर 63.51 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 63.43 रुपये प्रति डॉलर पर कमजोर खुला. पिछले दिन यह 63.28 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान यह तत्काल 63.37 रुपये प्रति डॉलर की ऊंचाई को छू गया लेकिन मुख्यत: तेल आयातक कंपनियों की डॉलर मांग से यह 63.56 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़क गया और अंत में 23 पैसे की गिरावट के साथ यह 63.51 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और पूंजी के निरंतर बाह्य प्रवाह से रुपये की धारणा प्रभावित हुई. इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार के कारोबार की संदर्भ दर 63.46 रुपये प्रति डॉलर और 77.30 रुपये प्रति यूरो निर्धारित किया था. पौंड, यूरो और जापानी येन के मुकाबले रुपये में गिरावट रही.

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