प्लैटफॉर्म

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेग्यूलेशन के मुख्य प्वाइंट
Budget 2021: पब्लिक सेक्टर की जमीन और एसेट्स बेचने के लिए जल्द लॉन्च होगा ऑनलाइन प्लैटफॉर्म, ऐसे होगा फायदा
TV9 Hindi | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jan 06, 2021 | 5:40 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) में विनिवेश की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए सरकार अब PSUs की एक्स्ट्रा और काम में नहीं आने वाली जमीन को बेचने का फैसला किया है. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है. सरकार को उम्मीद है कि बिना काम में आने वाली प्रॉपर्टी को बेचने से सरकारी खजाने में कम से कम 10 हजार करोड़ रुपए आएंगे. बिजनेस स्टैंडर्ड ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे ऑनलाइन नीलामी के लिए एक प्लैटफॉर्म तैयार करें जिससे PSUs की नॉन कोर प्लैटफॉर्म प्रॉपर्टी बेची जा सके.
पिछले साल लिया गया था फैसला
सरकार ने इसको लेकर फरवरी 2020 में ही फैसला लिया था, लेकिन मार्च में कोरोना के आ जाने के कारण यह टल गया. सरकार बहुत तेजी से पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में विनिवेश की दिशा में कदम बढ़ा रही है. पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में साफ-साफ कहा था कि CPSEs की जमीन और प्रॉपर्टी बिक्री का लेखा बिल्कुल अलग होगा.
सरकार ने पिछले साल 28 CPSEs में स्ट्रेटिजिक विनिवेश को मंजूरी दी थी. इसमें रूरल इलेक्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन प्लैटफॉर्म लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं. इस लिस्ट में एयर इंडिया, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, सिमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस और भारत पंप जैसी कंपनियां शामिल हैं.
कैंट स्टेशन पर बनेंगे दो और नए प्लैटफॉर्म, आउटर पर यात्रियों को नहीं करना होगा इंतजार
वाराणसी। कैंट रेलवे स्टेशन पर अब नौ नहीं कुल 11 प्लेटफॉर्म होंगे। इसके लिए रेलवे की ओर से तैयारी शुरू हो गई है। स्टेशन के लोहता साइड में प्लेटफार्म संख्या 4 और 5 से जोड़ते हुए दो और डॉक प्लेटफार्म 10 प्लैटफॉर्म और 11 बनाए जाएंगे। दोनों प्लेटफॉर्मों को बनाने में कुल दस करोड़ की लागत आएगी और यह 2023 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इससे कैंट स्टेशन पर ट्रेनों को आउटर पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा और समय से प्लेटफॉर्म तक पहुंच जाएंगी।
कैंट के प्लैटफॉर्म स्टेशन निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि कैंट रेलवे स्टेशन पर प्लैटफॉर्म दो नए डॉक प्लेटफॉर्म संख्या 10 और 11 का निर्माण किया जाएगा, जहां पर ट्रेनें आएंगी और उसी दिशा में यात्रियों को लेकर निकल जाएंगी। इस समय कैंट रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए रेलवे की ओर से कई कार्य कराए जा रहे है। इसमें यार्ड रिमॉडलिंग प्रोजेक्ट, तीन मंजिला नए भवन का निर्माण, सर्कुलेटिंग एरिया में काम, प्लेटफार्म नंबर दो और तीन को विकसित करने जैसे कई कार्य हैं।
सोशल मीडिया पर आपकी हर एक्टिविटी पर नजर रखती है सरकार? क्या है सच
WhatsApp पर एक प्लैटफॉर्म मैसेज काफी शेयर किया जा रहा है. इसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया WhatsApp, Facebook, Twitter और Instagram पर आप जो भी करते हैं, सरकार उस पर नजर रखेगी. इसमें ये भी बताया गया है कि ये नए कम्यूनिकेशन नियम WhatsApp और WhatsApp कॉल (वीडियो और ऑडियो) पर कल से लागू होंगे.
मैसेज में चेतावनी दी गई है कि पीएम या सरकार के खिलाफ कुछ भी पोस्ट न करें, नहीं तो बिना वॉरंट के गिरफ्तार प्लैटफॉर्म किया जा सकता है. साथ ही, इस मैसेज में नए कलर कोडेड टिक मार्क सिस्टम के बारे में भी बताया गया है. जिससे ये पता चलता है कि सरकार ने ''आपके मैसेज पर नजर रखी है''. और इस तरह के मैसेज भेजने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक, इस प्लैटफॉर्म पर सभी मैसेज और कॉल एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करते हैं. मतलब ये है कि जिस यूजर या ग्रुप के साथ चैट की जा रही है सिर्फ वही आपके भेजे गए मैसेज को देख और ऐक्सेस कर पाएंगे.
WhatsApp पर सभी मैसेज एंड टू एंड इन्क्रिप्टेड होते हैं
WhatsApp ने अपनी वेबसाइट पर एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन के बारे में विस्तार से बताया है. इस फीचर को WhatsApp ने Open Whisper Systems के साथ मिलकर विकसित किया है. वेबसाइट पर एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन के बारे में अच्छे से बताया गया है, जिससे यूजर को गाइड किया जा सके.
कलर-कोडेड टिक मार्क
WhatsApp की वेबसाइट के मुताबिक, WhatsApp प्लैटफॉर्म पर सिर्फ 3 तरह के टिक मार्क का इस्तेमाल किया जाता है. पहला है सिंगल टिक मार्क जिसका मतलब है कि मैसेज भेज दिया गया है. दूसरा है डबल टिक प्लैटफॉर्म मार्क जिसका मतलब है कि जिसे संदेश भेजा गया है उसे वो मिल गया है. ये दोनों टिक मार्क का रंग हल्का प्लैटफॉर्म ग्रे होता है. इसके अलावा, जब ये डबल टिक मार्क का रंग बदलकर नीला हो जाए, तब इसका मतलब होता है कि मैसेज पढ़ा जा चुका है.
इसके अलावा, इस संबंध में WhatsApp की ओर से कोई नया टिक मार्क या नियम नहीं लागू किया है.
WhatsApp वेबसाइट पर मौजूद है टिम मार्क से जुड़ी जानकारी
व्हाट्सएप के साथ क्या हो रहा है?
सूचना प्रौद्योगिकी इंटरमीडियरीज (गाइडलाइन और डिजिटल इथिक्स कोड) नियम, 2021 के मुताबिक, सोशल मीडिया ऑर्गनाइजेशन को अपने प्लैटफॉर्म पर मैसेज को सबसे पहले भेजने वाले या उसके ओरिजिन का पता लगाना होगा और उसकी पहचान करनी होगी. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के लिए इन नए दिशानिर्देशों को लागू किया है, जिसके अनुपालन की अंतिम तिथि 25 मई निर्धारित की गई थी.
25 मई को, WhatsApp ने भारत सरकार पर यह कहते हुए मुकदमा दायर किया कि इन नए नियमों का पालन करने से उसकी गोपनीयता और सुरक्षा नीतियों प्लैटफॉर्म प्लैटफॉर्म का उल्लंघन होगा. इसके अलावा, इन नियमों से भारतीय नागरिकों के निजता के मौलिक अधिकार भी प्रभावित होंगे.
मतलब साफ है कि ऊपर किया जा रहा दावा गलत है. और ये वायरल मैसेज कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद है, जिसे थोड़े बदलावों के साथ बार-बार शेयर किया जाता रहा है.
क्या है सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेग्यूलेशन, 10 प्वाइंट में जानें
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए गाइडलाइन जारी की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेग्यूलेशन की जानकारी दी है. जिसे फॉलो करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महीने का समय दिया गया है. ये रेग्यूलेशन नए IT Act के अंदर आएगा.
सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेग्यूलेशन के लिए कई प्वाइंटर्स गिनाए गए हैं. इनमें ग्रिवांस रिड्रेसल, वेरिफिकेशन से लेकर कंटेंट हटाए जाने तक शामिल है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा भारत में सोशल मीडिया डबल स्टैंडर्ड दिखा रही है, जबकि दूसरे देशों में ऐसा नहीं हैं. उन्होंने लाल किले की घटना को लेकर कहा कि इस मामले में सोशल मीडिया ने डबल स्टैंडर्ड दिखाया. इसलिए देश में ऐसा नहीं चलेगा.