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स्टार्टअप में निवेश

स्टार्टअप में निवेश
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Tuesday, 15 November, 2022

भारत के स्टार्ट-अपस के लिए पहले से बढ़ा प्रोत्साहन

भारत को 2017 में पीई निवेश में रिकॉर्ड 24.4 अरब अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए, जो 2015 के पिछले अधिकतम स्तर 19.3 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 26% अधिक है, और 2016 में प्राप्त 15.4 अरब अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 59% अधिक है

2015 से भारतीय और दक्षिणपूर्व एशियाई बाजारों में कुल पीई तथा वीसी तकनीक (VC tech) निवेश का 56 प्रतिशत हिस्सा (मूल्य के आधार पर) तेजी से विकसित होते प्रौद्योगिकी और नवाचार (इनोवेशन) क्षेत्र को मिला है

भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के नेतृत्व में फंड ऑफ फंड्स स्थापित करने के लिए 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर आवंटित किए हैं

भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसके प्रति वर्ष 10-12 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, और जहाँ हर साल 1000 से अधिक नए स्टार्टअप जन्म लेते हैं

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हाल ही में वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट के बीच हुए 16 अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते ने भारतीय स्टार्ट-अप निवेश जगत में नई जान फूंक दी है। इसने विदेशी के साथ-साथ उभरते घरेलू निवेशकों – वेंचर कैपिटल (वीसी) और प्राइवेट इक्विटी (पीई) – को वित्त पोषण के नए दौर को प्रेरित किया है। 2017 में भारत में पीई / वीसी में हुआ कुल निवेश अभी तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, और यह गति 2018 में भी जारी रहने की उम्मीद है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में पनपे उद्यमियों और स्टार्टअप्स ने वैश्विक दिग्गजों के खिलाफ अच्छी प्रतिस्पर्धा पेश की है और अपने निवेशकों को फायदा पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि देश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश हो रहा है।

यूएसए की ग्लोबल रिस्क मैनेजमेंट फर्म क्रॉल एवं डील ट्रैकिंग फर्म मर्जरमार्केट (एक्यूरिस) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 के बाद से भारतीय और दक्षिणपूर्व एशियाई बाजारों में कुल पीई तथा वीसी तकनीक (VC Tech) निवेश का 56 प्रतिशत हिस्सा (मूल्य के आधार पर) तेजी से विकसित होते प्रौद्योगिकी और नवाचार (इनोवेशन) क्षेत्र को मिला है। यूएसए स्थित वेंचर कैपिटल एंड स्टार्टअप डेटाबेस सीबी इनसाइट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद से भारत के मुख्य आर्थिक केंद्रों में, नई दिल्ली और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा स्टार्टअप निवेश हुए, जो 10 करोड़ अमरीकी डॉलर से भी अधिक हैं। बेंगलुरू में 21 निवेश हुए, जबकि नई दिल्ली में इनकी संख्या 18 रही।

निवेश के ये “मेगा” दौर भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र में विशाल अवसर को प्रतिबिंबित करते हैं। भारत में कुछ बड़े विदेशी निवेशों में ऑनलाइन मार्केट प्लेस फ्लिपकार्ट और पेटीएम, सवारी-टैक्सी सेवा ओला के साथ-साथ ऑनलाइन ग्रॉसर बिगबास्केट और स्विगीज शामिल हैं। भारतीय कंपनियों में निवेश का यह तेजी का दौर मुख्यतः जापानी इंटरनेट कंपनी सॉफ्टबैंक समूह के कारण आया, जिसने फ्लिपकार्ट और ओला समेत भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र में 7 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। अब, दुनिया के कुछ स्टार्टअप में निवेश सबसे बड़े फंड्स ने भारत में निवेश के लिए अरबों डॉलर जुटा लिए हैं या जुटा रहे हैं, जिनके निवेश समझौते स्टार्ट-अप्स के शुरुआती चरण से लेकर विकसित चरण तक विस्तृत हैं।

सरकार अपनी भूमिका निभा रही है

इस बीच, भारत सरकार स्टार्टअप इंडिया पहल के माध्यम से एक उद्यमशील पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण की दिशा में अपना काम कर रही है। 2015 में प्रारंभ किया गया स्टार्ट-अप्स पर केंद्रित यह कार्यक्रम रोजगार बढ़ाने और अर्थव्यवस्था के विकास की रणनीति की आधारशिला के रूप में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा संचालित ‘फंड ऑफ फंड्स’ की स्थापना के लिए 1.5 अरब अमरीकी डालर आवंटित किए हैं। सिड्बी इस फंड में 15 प्रतिशत योगदान के लिए प्रतिबद्ध है। भारत कुल 11,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स हैं, और स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत अभी तक 129 को वित्त पोषित किया गया है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में वित्तीय अनिश्चितताओं ने हतोत्साहित करने के बजाय, वास्तव में निवेशकों को भारत के विशाल, सुरक्षित और तेजी से बढ़ते बाजार की ओर आकर्षित कर दिया है। 2018 की पहली छमाही में, वेंचर कैपिटल निवेश में पहली बार आने वाले लगभग आधा दर्जन निवेशकों ने भारत में अपनी शुरुआत की है। इन निवेशकों के भारत समर्पित फंड्स शुरुआती से लेकर मध्य-चरण के स्टार्ट-अप्स में निवेश करेंगे । इस दौर की एक उत्साहजनक विशेषता यह है कि इनमें से कई फंड्स में मुख्य निवेशक भारतीय कंपनियाँ हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ वैश्विक फंड्स के भारत कार्यालयों में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी उनसे अलग हो कर, अपने स्वयं के फंड्स स्थापित कर रहे हैं।

कार्य संबंधी अनुभव और ज्ञान के अलावा, इन अधिकारियों का दावा है कि वैश्विक परिचालक की तुलना में भारत में वे स्वयं पूंजी को बेहतर विस्तारित कर सकते हैं। भारतीय निवेशकों के साथ-साथ यूएसए, जापान, चीन, रूस व अन्य देशों के फंड्स की भारत में सहभागिता को निवेशकों के बढ़ते विश्वास की पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है, कि स्थानीय स्टार्ट-अप्स भी वैल्यू सृजन कर सकते हैं, भले ही उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करनी पड़े। इस बीच, पीई निवेशक इंटरनेट और सॉफ्टवेयर क्षेत्र की परिपक्व स्टार्ट-अप्स के लिए भी पूंजी के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभर रहे हैं। उल्लेखनीय है की अब तक इस क्षेत्र में लगभग पूरी तरह से सॉफ्टबैंक, नास्पर्स लिमिटेड और चीनी इंटरनेट दिग्गजों टेन्सेंट

होल्डिंग्स और अलीबाबा समूह का प्रभुत्व था।

साथ ही कई हेज फंड्स, जिन्होंने 2014-2015 में आई तेज़ी के दौरान परिपक्व स्टार्ट-अप्स में निवेश किया था, वे अब या तो भारत में काम नहीं कर रहे हैं या निवेश में भारी कटौती कर चुके हैं। इस सन्दर्भ में, एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में, पीई निवेशकों की परिपक्व स्टार्टअप्स में दिलचस्पी काफ़ी महत्वपूर्ण है। गौर तलब है कि पीई फर्म्स चयनशील निवेशक रहे हैं, जो अपेक्षाकृत सुरक्षित स्टार्ट-अप्स को ही चुनते हैं, जो न सिर्फ़ परिपक्व हैं बल्कि अपने संबंधित क्षेत्रों में नंबर 1 या 2 तक भी पहुंच चुके हैं, या पहुँचने की क्षमता रखते है।

सुधरते भारतीय बाजार

वेंचर इंटेलिजेंस द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक भारत को 2017 में पीई निवेश में रिकॉर्ड 24.4 अरब अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए, जो 2015 के पिछले अधिकतम स्तर 19.3 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में 26% अधिक है, और 2016 में प्राप्त 15.4 अरब अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले 59% अधिक है । विशेशग्योन का मानना है कि कुछ आखिरी शेष बाधाओं के हटने पर वास्तव में भारत में निवेश का बांध खुल सकता है। इन शेष बाधाओं में से एक है, लिक्विडिटी और निकासी के आयाम। मैक्रो स्तर पर देखें तो, वैकल्पिक संपत्ति वर्ग में भारत में अब तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है, लेकिन अब तक 40 अरब अमेरिकी डॉलर से कम निवेशकों को वापस मिल पाया है।

विदेशी निवेशक / सीमित साझेदार (एलपी) आम तौर पर भारत में आंकलन योग्य निकासियाँ देखते हैं, जो संख्या में बहुत कम हैं। इसकी तुलना में, सीबी इनसाइट्स रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग और शंघाई ने 2012 से अब तक 50 से अधिक बड़ी निकासियाँ (10 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक) देखी हैं। भारत में हालिया फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट मेगा डील इस परिप्रेक्ष्य स्टार्टअप में निवेश से एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है, जहां रणनीतिक निवेशक ने फ्लिपकार्ट के मौजूदा निवेशकों को बहुत आकर्षक निकासी दी है। उद्योग विशेषज्ञों का अनुमान है कि स्टार्टअप में निवेश आने वाले महीनों में ऐसी और भी डील्स भारतीय स्टार्टअप निवेश जगत में विस्तारित गतिविधि शुरू करने के लिए निवेशकों का विश्वास बढ़ाएंगी।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसके प्रति वर्ष 10-12 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, और जहाँ हर साल 1000 से अधिक नए स्टार्टअप जन्म लेते हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल के अलावा, भारतीय सरकार की डिजिटाईजेशन (डिजिटल इंडिया), निवेश (मेक इन इंडिया), कौशल विकास (कौशल भारत), ई-गवर्नेंस जैसी अन्य योजनाएँ स्टार्ट-अपस के लिए विशाल अवसर प्रदान करती हैं। इनके तहत स्टार्ट-अपस रोजगार, इनोवेशन और औद्योगिकीकरण के स्रोत के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

स्टार्टअप में निवेश 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर

लगातार तीन तिमाहियों में 10 अरब डॉलर से अधिक जुटाने के बाद घरेलू स्टार्टअप कंपनियों में इस साल की दूसरी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निवेश 40 फीसदी घटकर 6.8 अरब डॉलर रह गया। भू-राजनीतिक संकट के कारण स्टार्टअप कंपनियों को मिलने वाले निवेश में कमी आई है। सौदों में 60% से अधिक का औसत आकार 50 लाख डॉलर रहा है।कुल निवेश में 95 फीसदी मुंबई और एनसीआर के स्टार्टअप को मिला है। इस दौरान सिर्फ 4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनने में सफल रहे। वैश्विक स्तर पर 1,200 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार्टअप में निवेश को सामान्य होने में एक से डेढ़ साल लग सकते हैं।

स्टार्टअप में निवेश

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Q. Consider the following statements about Indian startups which were recently in the news:Which of the statements given above is/are correct?Q. हाल ही में चर्चा में रहे भारतीय स्टार्टअप के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

Q. Consider the following statements about Indian startups which were recently in the news:

Which of the statements given above is/are correct?

Q. हाल ही में चर्चा में रहे भारतीय स्टार्टअप के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

भारत में Softbank का बड़ा निवेश! अगले साल स्टार्टअप कंपनियों में लगा सकता है 5-10 अरब डॉलर

सॉफ्टबैंक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजीव मिश्रा ने कहा कि सही मूल्यांकन पर सही कंपनियां मिलने की स्थिति में उनकी फर्म भारत में वर्ष 2022 में 5-10 अरब डॉलर का निवेश करने की सोच रही है.

भारत में Softbank का बड़ा निवेश! अगले साल स्टार्टअप कंपनियों में लगा सकता है 5-10 अरब डॉलर

भारत की कई स्टार्टअप में निवेश स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करने वाली फर्म सॉफ्टबैंक अगले साल अनुकूल कंपनियां मिलने पर यहां 5-10 अरब डॉलर का निवेश और कर सकती है. सॉफ्टबैंक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजीव मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि सही मूल्यांकन पर सही कंपनियां मिलने की स्थिति में उनकी फर्म भारत में वर्ष 2022 में 5-10 अरब डॉलर का निवेश करने की सोच रही है.

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मिश्रा ने ब्लूमबर्ग के छठवें 'इंडिया इकोनॉमिक फोरम 2021' को संबोधित करते हुए कहा कि सॉफ्टबैंक भारत में करीब एक दशक से निवेश करती आ रही है और पिछले छह वर्षों में ही करीब 14 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है. उन्होंने कहा, इस साल हम अब तक तीन अरब डॉलर का निवेश कर चुके हैं और आगे भी निवेश के मौके देख रहे हैं. हमने भारत में 24 कंपनियों में निवेश किया है.'

उन्होंने कहा, 'अगर हमें सही कंपनियां मिलीं तो हम अभी पांच से 10 अरब डॉलर का निवेश और कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए सही मूल्यांकन वाली कंपनियां होना जरूरी है.'

बता दें कि अभी पिछले कुछ महीनों में सॉफ्टबैंक ग्रुप के वेंचर सॉफ्टबैंक विज़न फंड ने Unacadamy, स्टार्टअप में निवेश Cars24 सहित कई अन्य भारतीय स्टार्टअप में करोड़ों डॉलर का निवेश किया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

एक ऐसा निवेश फर्म, जो स्टार्टअप्स के लिए है सक्सेस गारंटी! इन कंपनियों की बदल गई किस्मत

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो

by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Tuesday, 15 November, 2022

Happy BW

मुंबई: भारत के पहले एकीकृत इनक्यूबेटर और शुरुआत से लेकर डेवलपमेंट फेज वाले स्‍टार्टअप्‍स के लिए फुल स्टैक निवेशक वेंचर कैटलिस्ट्स ग्रुप (Vcats++) ने घोषणा की है कि इसके पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स में से लगभग 54 ने इस साल 50 मिलियन डॉलर से अधिक का वैल्‍यूएशन हासिल कर लिया है. चैलेंजिंग टाइम की वजह से इस साल फंडिंग में 70% की गिरावट आई, लेकिन इसके बावजूद वेंचर कैटलिस्ट्स काफी तेजी से बढ़ा और अब यह 33 यूनिकॉर्न्स और 100 से अधिक मिनीकॉर्न्स का घर है. पिछले एक साल में कम से कम दो दर्जन कंपनियों का वैल्यूएशन 100 मिलियन डॉलर को पार कर गया है और लगभग तीन स्टार्टअप - Shiprocket, Bharatpe और Vedantu ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है.

ग्रुप के पास 300 से अधिक स्टार्टअप्स का पोर्टफोलियो
वेंचर कैटालिस्ट्स ग्रुप एक अर्ली-टू-ग्रोथ स्टेज फंड है, जिसमें शुरुआती स्टेज से लेकर सेक्टर फोकस्ड तक के पांच फंड शामिल हैं. कंपनी ने पहली बार 2020 में अपना 150 मिलियन डॉलर का एक्सीलेरेटर फंड लॉन्च किया था. इसके बाद कंपनी ने चार और फंड्स लॉन्च किए हैं, जिसमें वेंचर कैटालिस्ट्स एंजेल फंड, 200 मिलियन डॉलर का फिनटेक फोकस्ड फंड बीम्स, प्रॉपटेक फंड स्पायर और 200 मिलियन डॉलर का ग्रोथ स्टेज सेक्टर एग्नोस्टिक फंड शामिल है. ग्रुप के पास 300 से अधिक स्टार्टअप्स का एक संयुक्त पोर्टफोलियो है, जिसका समेकित मूल्यांकन लगभग 10 बिलियन डॉलर आंका गया है.

ग्रुप के को-फाउंडर ने क्या कहा
वेंचर कैटलिस्ट्स ग्रुप के को-फाउंडर डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा, "यह वैल्यूएशन ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाता है जब संभावित फंडिंग की कमी की आशंका न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में भी निवेशकों और स्टार्टअप को डरा रही है. यह पोर्टफोलियो कंपनियों के विकास और अप-राउंड के बारे में बात करता है. हमारे अधिकांश पोर्टफोलियो ने पिछले दो वर्षों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और हम अगले साल इनमें से कम से कम 3-4 को यूनिकॉर्न में बदलता हुआ देख रहे हैं."

कंपनी के तीन फाउंडर
इस कंपनी के तीन फाउंडर हैं- अनिल जैन, अनुज गोलेचा और गौरव जैन. इनका टारगेट कैलेंडर वर्ष 2022 तक 100 एक्जिट्स और अप-राउंड को बंद करना है. वेंचर कैटलिस्ट्स ने अपनी स्थापना के समय से 200 स्टार्टअप में 301 सौदों में निवेश किया है, जो इसे भारत का अग्रणी प्रारंभिक चरण का निवेश मंच बना रहा है. वेंचर कैटलिस्ट्स एक निवेश फर्म से कहीं अधिक है और यह अपने पोर्टफोलियो को प्रदान किए जाने वाले मजबूत परामर्श कार्यक्रम और समय पर मार्गदर्शन में विश्वास करता है, जिसने उन्हें उच्च मूल्यांकन पर राउंड बढ़ाने में मदद की है और स्टार्टअप को उनके ग्रोथ में मदद की है.

स्टार्टअप की सफलता में देते हैं योगदान
वेंचर कैटालिस्ट्स के समर्थन के बारे में बात करते हुए, असिडस ग्लोबल के फाउंडर एवं सीईओ सोमदत्त सिंह ने कहा, "एक अच्छा सलाहकार ढूंढना स्टार्टअप की सफलता के लिए 'छिपा हुआ तरीका' है और 9 यूनिकॉर्न और वीकैट असिडस ग्लोबल के लिए मार्गदर्शक बल रहे हैं. हमें अपने विकास को बढ़ावा देने के लिए 9 यूनिकॉर्न से समर्थन और संसाधन मिले हैं. ठीक से सुसज्जित होने पर, हम दुनिया भर में अपने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए असिडस को आगे बढ़ाने सक्षम हैं. हम मेंटरशिप, वित्तीय संभावनाओं, संभावित वाणिज्यिक अवसरों, उद्योग नेटवर्किंग और सभी तरह के समर्थन के लिए एक वैश्विक नेटवर्क तक पहुंच के कारण वास्तविक दुनिया में आसानी से और तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम हैं."

वेंचर कैटालिस्ट्स ने अपने नेटवर्क के माध्यम से 100 मिलियन डॉलर (लगभग 782.4 करोड़ रुपये) के शुरुआती चरण के निवेश को संचालित किया है. 67 स्टार्टअप में, 94 सौदों को क्रियान्वित किया गया, जिनमें से 27 सौदों ने आंशिक या पूर्ण रिटर्न दिया, जबकि शेष में अप-राउंड की स्थिति रही. 17 सौदों के अनुरूप, संपत्ति की वसूली में विफलता के कारण या 1 गुना से कम रिटर्न दिए जाने के कारण 13 स्टार्टअप को बट्टे खाते में डाल दिया गया है.

पोर्टफोलियो में हैं ये बड़े स्टार्टअप्स
प्री-सीड, सीड और सीरीज ए राउंड में निवेश करने और इसके बाद के दौर में अपने पोर्टफोलियो के समर्थन के साथ एकीकृत इनक्यूबेटर ने महत्वपूर्ण मूल्य प्रस्तावों के साथ स्टार्टअप्स में निवेश किया है. इसके पोर्टफोलियो में शामिल कुछ सबसे बड़ी कंपनियों में Bharatpe, Vedantu, Zingbus, Beardo, Supr Daily, Enov8, Home Capital, Blowhorn शामिल हैं. वेंचर कैटालिस्ट्स ने न केवल इन स्टार्टअप्स के स्टार्टिंग फेज से ही समर्थन किया है, बल्कि डेवलपमेंट फेज तक उनकी मदद की है. साथ ही इसने देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी लोकतांत्रिक बनाया है. 55 शहरों में मौजूद 3000 से अधिक एंजल निवेशकों के साथ, वेंचर कैटलिस्ट्स का देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है, जहां इसने अपने सुनियोजित मास्टरक्लास और टेलर मेड स्टार्टअप कार्यक्रमों के माध्यम से स्टार्टअप निवेश के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद की है.

उद्यम पूंजी उद्योग के विकास पर विचार करते हुए, डॉ शर्मा ने कहा, "भारत में स्टार्टअप के उदय ने पूरी दुनिया में उद्यमिता के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है. वेंचर कैटलिस्ट्स ने उच्च विकास क्षमता वाली कंपनियों का एक विविध, समग्र पोर्टफोलियो बनाने, पूंजी स्टार्टअप में निवेश का लाभ उठाने, सलाह देने और एचएनआई, फैमिली ऑफिस, सीएक्सओ और अन्य के हमारे नेटवर्क बनाने के लिए उपाय किए हैं. हमारा उद्देश्य उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र का स्टार्टअप में निवेश लोकतंत्रीकरण करना है, जिससे अधिक से अधिक निवेशक तेजी से टर्नअराउंड समय में लाभदायक रिटर्न प्राप्त करने के लिए उच्च रिटर्न असेट क्लास का पता लगा सकें."

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