व्यापर रोक

विवाद हुआ
व्यापार से साम्राज्य तक
बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच निम्नलिखित बातों पर विवाद थे -
1. (क) बंगाल नवाबों ने अपनी शक्ति और स्वायत्तता पर जोर दिया और नवाबों ने कंपनी को छूट देने से मना कर दिया था।
(ख) उन्होंने कंपनी को व्यापारिक अधिकार देने के लिए बहुत अधिक धनराशि की माँग की।
(ग) उन्होंने कंपनी को सिक्का ढालने का अधिकार देने से मना कर दिया तथा किलाबंदी का विस्तार व्यापर रोक करने से रोक दिया।
(घ) नवाबों ने कंपनी पर धोखा देने, सरकार को भारी मात्रा में राजस्व से वंचित करने, कर अदा नही करने के साथ साथ अनादरणीय पत्र लिखने का आरोप लगाया।
2. दूसरी तरफ कंपनी ने भी नवाबों पर निम्नलिखित आरोप लगाए-
(क) नवाब के स्थानीय अधिकारियों की अनुचित व्यापर रोक माँग कंपनी के व्यापार को नष्ट कर रहे थे।
Indore News: छावनी अनाज मंडी में नो एंट्री के खिलाफ भड़के व्यापारी, कामकाज किया बंद
Indore News: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। छावनी अनाज मंडी में मंगलवार सुबह से व्यापारियों के विरोध के कारण कामकाज बंद हो गया।। प्रशासन द्वारा वाहनों की नो एंट्री के नए नियम से परेशान व्यापारियों ने मंडी के मेन गेट बंद कर दिए। व्यापार बंद करने की घोषणा कर दी। माल लेकर आए किसानों की 50 से ज्यादा गाड़ियां मंडी के मेन गेट के बाहर कतार में इंतजार कर रही है। विवाद सुलझाने के लिए मंडी सचिव व अन्य अधिकारी छावनी अनाज मंडी पहुंच रहे हैं।
कभी शहर के बाहर रही छावनी अनाज मंडी अब शहर के बीच व्यस्त क्षेत्र में है। अनाज मंडी के लिए मालवाहक वाहन रिंग रोड और नौलखा होकर आते हैं। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने अब तक ट्रकों के आने पर दिनभर प्रतिबंध लगा रखा था। कुछ दिनों पहले तक ट्रको की एंट्री शाम सात बजे से खोल दी जाती थी। बीते कुछ दिनों से ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने नो एंट्री के समय को बढ़ा दिया। अब रात 10 बजे बाद से ट्रकों के लिए छावनी मंडी की ओर आने के रास्ते खोले जा रहे हैं।
सूरत कपड़ा कारोबारियों ने कहा- व्यापार बंद करने से पाकिस्तान को ही लगेगा झटका
पाकिस्तान द्वारा लिए गए फैसले के कारण सूरत के व्यापारियों ने भी पाकिस्तान को कपड़ा नहीं भेजने का फैसला किया है. सूरत के कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि अब तक पाकिस्तान अप्रत्यक्ष रूप से देश के बाजार से व्यापार कर सकता था.
सूरत: कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का सीधा असर भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर हुआ है. पाकिस्तान ने बिना कुछ सोचे भारत के साथ व्यापारी संबंध रोक लगाने का ऐलान किया है. सूरत के कारोबारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों पर रोक लगाकर आर्थिक मंदी को न्योता दे दिया है.
पाकिस्तान द्वारा व्यापर रोक लिए गए फैसले के कारण सूरत के व्यापारियों ने भी पाकिस्तान को कपड़ा नहीं भेजने का फैसला किया है. सूरत के कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि अब तक पाकिस्तान अप्रत्यक्ष रूप से देश के बाजार से व्यापार कर सकता था. लेकिन अब जब उसे सूरत के कपड़े की जरूरत होगी तो उसे बांग्लादेश के माध्यम से दुबई और श्रीलंका खरीदना होगा जो उसे महंगा पड़ेगा.
Latest News: मुंबई के डब्बावालों ने शिवसेना को दिया सपोर्ट
लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई के डब्बावालों ने शिव सेना को सपोर्ट देने का ऐलान किया है. मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने कहा कि शिवसेना हमेशा हमारे साथ खड़ी रही है.
19 अप्रैल से LoC पार से व्यापर बंद
गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में 19 अप्रैल से लाइन ऑफ कंट्रोल पार से व्यापार पर रोक लगा दी है. मंत्रालय व्यापर रोक व्यापर रोक ने कहा उन्हें खबर मिली है कि व्यापार के रास्तों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए हो रहा है.
क्रेमलिन ने बताया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नॉर्थ कोरिया के लीडर किम जोंग उन से मिलेंगे. ये मुलाकात अप्रैल व्यापर रोक के अंत में होगी.
बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की बेल व्यापर रोक अपील खारिज
स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल की बेल अपील खारिज कर दी है. मिशेल ने गुड फ्राइडे और ईस्टर के मौके पर अंतरिम बेल के लिए अपील की थी.
खबरों के मुताबिक एक और बांग्लादेशी एक्टर गाजी अब्दुल नूर को भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है. नूर ने पश्चिम बंगाल में एक राजनीतिक रैली में हिस्सा लिया था.
वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद भारत में रूस से कोयले का आयात 6 गुना बढ़ा! क्या है इसके पीछे की वजह
भारत ने इस साल जून के शुरुआती 20 दिनों में ही रूस से 33.11 करोड़ डॉलर के कोयले का आयात किया है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि व्यापर रोक के मुकाबले छह गुना अधिक है। इसके अलावा भारत व्यापर रोक कच्चा तेल भी रूस से रिकॉर्ड स्तर पर आयात कर रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, 20 दिनों व्यापर रोक में रूस के साथ भारत के तेल व्यापार का मूल्य 31 गुना से अधिक बढ़कर 2.22 अरब डॉलर हो गया। इस अवधि में तेल की खरीद औसतन 111.08 करोड़ डॉलर प्रति दिन थी, जो पिछले तीन महीने में खर्च किए गए 3.11 करोड़ डॉलर से तीन गुना अधिक है।