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शेयर बाजार अपडेट, 15 नवंबर 2017: व्यापार घाटे के 3 साल के उच्च स्तर पर पहुंचने का असर स्टॉक मार्केट पर, 181 प्वाइंट्स गिरा सेंसेक्स
गुरुवार को सेंसेक्स में उछाल देखने को मिली।
बंबई शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट का सिलसिला कायम रहा। व्यापार घाटे के तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के बीच सेंसेक्स 181 अंक और टूट गया। शेयर व्यापारी इसके अलावा कुछ बड़ी कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजों से भी निवेशक हतोत्साहित हुए।
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बुधवार को 32,944.94 अंक पर ऊंचा खुला, लेकिन यह जल्द नकारात्मक दायरे में आ गया। अंत में सेंसेक्स 181.43 अंक या 0.55 प्रतिशत के नुकसान से 32,760.44 अंक पर आ गया। इससे पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 372.69 अंक टूटा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 68.55 अंक या 0.67 प्रतिशत के नुकसान से 10,118.05 अंक पर बंद हुआ।
Stock Valuation क्या है ? | शेयर का valuation कैसे करे?
अगर कंपनी का PE Ratio उसके Industry PE से ज्यादा होगा तब हम उस शेयर को overvalued यानी महंगा कह सकते है।
लेकिन अगर उस कंपनी का PE Ratio उसके Industry PE से कम है, तो हम उस undervalued यानी सस्ता कह सकते है।
शेयर की PE Valuation method का उदाहऱण :
कंपनी B जिसका Industry PE 25 है, उसके 1 शेयर का दाम 300 रुपए है।
तथा उसका EPS 10 रुपए है।
ऐसे में कंपनी B का Price to Earnings Ratio 300/10 यानी 30 होगा।
जो की उसके Industry PE से ज्यादा है, मतलब हम ऐसा कह सकते है, की कंपनी B का शेयर अभी महंगा है।
और महंगे शेयर में तो निवेश नहीं करना चाहिए, इस लिए हमे कंपनी B में निवेश नहीं करना चाहिए।
तो बस क्या यह इतना ही है? फिर तो यह बहुत ही शेयर व्यापारी शेयर व्यापारी आसान है, ना ?
बहुत अच्छा होता अगर यह इतना ही सरल होता।
लेकिन जाहीर यह ऐसा नहीं है।
इसके अलावा भी बहुत कुछ है, जो हम आने वाले दिनों में जानेंगे।
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शेयर बाजार तरलता प्रदान करता है
शेयर बाजार मे किसी कंपनी के शेयर सुचिबद्ध होने के बाद लगभग हमेशा उसमें खरीददार और बेचने वाले उपलब्ध रहते हैं। शेयर बाजार वह मंच है जिस पर हमेशा शेयरों की उपलब्धता और तरलता बनी रहती है। इसी तरलता के कारण शेयर बाजार में निवेशकों के लिये निवेश करना और उससे लाभ उठाना आसान हो जाता है। प्रॉपर्टी और अन्य संपत्तियों को बेचने में ऐसी तरलता नहीं मिलती है।
स्टॉक और अन्य संपत्तियों की कीमत आर्थिक गतिविधि की गतिशीलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और सामाजिक मनोदशा का संकेतक हो सकता है। एक अर्थव्यवस्था जहां शेयर बाजार में वृद्धि हो रही हो उसे उभरती हुई अर्थव्यवस्था माना जा सकता है। शेयर बाजार को अक्सर किसी भी देश की आर्थिक ताकत और विकास का प्राथमिक संकेतक माना जाता है। लंबी अवधी तक बढ़ते शेयर बाजार देश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों का संकेत देते हैं और गिरते बाजारों का मतलब यह हो सकता है कि आर्थिक गतिविधियां सिकुड़ रहीं हें।
नियंत्रण
शेयरों की कीमतें घरेलू निवेश और खपत को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए केंद्रीय बैंक जैसे कि आरबीआई शेयर बाजार के नियंत्रण, व्यवहार और वित्तीय प्रणाली के कार्यों के सुचारू संचालन पर नजर रखते हैं। वास्तव में देश में वित्तीय स्थिरता पर नजर रखना ही शेयर व्यापारी आरबीआई का मुख्य काम है।
एक्सचेंज प्रत्येक लेनदेन के लिए क्लीयरिंग हाउस के रूप में भी कार्य करते हैं जिसका अर्थ है कि वे शेयर बेचने वाले से एकत्र करते हैं और खरीदने वाले को वितरित करते हैं और शेयरों के विक्रेता को भुगतान की गारंटी देते हैं। यदि काउंटरपार्टी लेनदेन पर डिफ़ॉल्ट हो जाये तो उस स्थिति में स्टॉक एक्सचेंज व्यक्तिगत खरीदार या विक्रेता के जोखिम को समाप्त करते है।
शेयर बाजार में निवेशकों की बढ़ती रुचि
बैंक और शेयर बाजार मिल कर किसी भी देश में वित्तीय प्रणाली को समृद्ध बनाने में शेयर व्यापारी अपना अपना योगदान देते हैं। आंकड़ों के अनुसार हाल के दशकों में अधिकतर देशों में घरेलू निवेश में शेयरों का हिस्सा बाड़ी तेजी से बढ़ा है। हमारे देश में भी बढ़ते शेयर बाजार इसी तरह के संकेत दे रहे शेयर व्यापारी हैं। हाल के वर्षों में हमारे देश में युवाओं का रुझान SIP और म्यूचुअल फंड की तऱफ बढ़ा है। यह भी अप्रत्यक्ष रूप से शेयरों में निवेश का ही तरीका है।
शेयर बाजार का महत्व किसी भी देश की वित्तीय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिये बहुत ही आवश्यक हो गया है जिसके बिना आर्थिक गतिविधियों को स्पीड नहीं मिल पाती है। आप भी शेयर बाजार सीखें और तरक्की की रफ्तार में शामिल हो जायें।
आईपीओ क्या होता है व निवेश करते समय ध्यान में रखने वाली बातें
शेयर बाज़ारों के सन्दर्भ में ‘आईपीओ’ या ‘प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव’ (Initial Public Offering) सबसे अधिक प्रयोग होने वाले शब्दों में से एक है। पिछले दो वर्षों में भारतीय परिदृश्य में लगभग हर निवेशक ने इसके विषय में अवश्य पढ़ा, सुना या इसमें निवेश किया होगा।
आईपीओ क्या है ?
आईपीओ के द्वारा ‘निजी’ स्वामित्व (ownership) वाली कंपनी अपने हिस्से अथवा शेयरों को आम जनता को बेचकर व अपने स्वामित्व को घटा कर ‘सार्वजनिक’ बन सकती है। यह बिलकुल नई, नव – निर्मित अथवा पुरानी कारोबारी संस्था हो सकती है जो अब तक निजी कंपनी के रूप में काम कर रही थी।
आम तौर पर, जब कोई कंपनी निजी प्रबंधन के रूप में स्थापित होती है, तो उसके शेयर या उसके हिस्से मुख्य रूप से उसके मालिकों, परिवार के करीबी सदस्यों, दोस्तों, बड़े निवेशकों, निजी संस्थाओं या फाइनेंसर्स के पास होते हैं।
बंद हुआ Twitter का दफ्तर, Elon Musk ने शेयर की “ट्विटर के कब्र” की तस्वीर
Twitter Shuts Offices : ट्विटर और Elon Musk की कहानी की रोचकता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उसके द्वारा ट्विटर की कब्र की तस्वीर शेयर करने के बाद से ही ट्विटर पर #RIPTwitter ट्रेंड हो रहा है। ट्विटर की कमान संभालने के बाद मस्क द्वारा ट्विटर में बदलाव किए जा रहे थे। जिससे कर्मचारियों पर बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा था। ऐसे में ट्विटर ने अपने कर्मचारियों को बताया कि वह अपने दफ्तरों को तत्काल प्रभाव से कुछ समय के लिए बंद करने जा रहा है।
ट्विटर के कर्मचारियों को दिया अल्टीमेटम
ट्विटर के सभी ऑफिस 21 नवंबर से दोबारा खोले जाने की जानकारी दी गई है। इससे पहले एलन मस्क ने बुधवार को ट्विटर के कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया था। जिसमें कहा गया था कि कंपनी के नए वर्किंग वातावरण में कर्मचारी या तो खुद को फिट करें या फिर कंपनी छोड़ दे।
जिसके बाद सैकड़ों कर्मचारी द्वारा कंपनी छोड़ने का फैसला किया गया और ट्विटर से इस्तीफा दे दिया गया था। इस्तीफे के बाद ट्विटर की परेशानी लगातार बढ़ रही थी। जिसके बाद अब ट्विटर को बंद करने का फैसला किया गया है।
21 नवंबर से दोबारा खोला जाएगा Twitter
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर के कार्यालय को 21 नवंबर से दोबारा खोला जाएगा। इसी बीच ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
ब्लूमवर्ग की रिपोर्ट की माने तो ट्विटर द्वारा सोमवार तक अपने कार्यालय को बंद कर दिया गया है। कंपनी ने कर्मचारियों को कहा है कि कृपया सोशल मीडिया, प्रेस और अन्य जगह पर गोपनीय जानकारी पर चर्चा करने से परहेज करें और कंपनी की नीति का पालन करना सुनिश्चित करें।
ट्विटर कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की खबर
ट्विटर का संचालन एलन मस्क के हाथ में जाने के बाद से लगातार नई परेशानी खड़ी हो रही है। कंपनी द्वारा इसी महीने की शुरुआत में 50 फीसद कर्मचारियों को निकाल दिया गया था। अब ऑफिस बंद किए जाने की खबर आने से पहले ही कई ट्यूटर कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की खबर भी सामने आ रही है।
दरअसल एलन मस्क द्वारा पिछले महीने ट्विटर के अधिग्रहण के बाद वह कंपनी के सीईओ बने हैं। उन्होंने 44 बिलियन डॉलर में कंपनी को खरीदा था। इसी बात से लगातार कर्मचारियों पर काम का दबाव बनाया जा रहा था। कई कर्मचारियों की छटनी भी की जा रही थी।