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चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर

चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर
1. एडलवाइज बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड
एसेट अंडर मैनेजमेंट: 742 करोड़ रुपये
फंड मैनेजर्स: भारत लाहोटी/भावेश जैन/गौतम कौल
प्रमुख निवेश: एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज
1 साल का रिटर्न: 7.98 फीसदी
यह फंड तकनीकी मानकों, स्थिरता और बाजार के मूल सिद्धांतों के आधार पर इक्विटी हिस्सेदारी का प्रबंधन करता है. नेट इक्विटी निवेश 30 से 80 फीसदी के बीच रहता है. 2018 में औसत इक्विटी निवेश 50 फीसदी रहा है. अन्य फंड्स के उलट, यह चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर फंड कमजोर बाजार में इक्विटी में निवेश कम करता है.

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड से मिटे मूल्यांकन की चिंता

सेंसेक्स 50,000 अंक के पार जाने के साथ ही बाजार में कारोबारियों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन शेयरों में आई जबरदस्त तेजी से निवेशक कुछ चिंतित भी हैं। कम से कम इक्विटी म्युचुअल फंडों से पिछले कुछ हफ्तों में रकम की निकासी यही इशारा कर चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर रही है। कई म्युचुअल फंड प्रबंधकों और सलाहकारों की सलाह है कि निवेशक ऐसी स्थिति में बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बीएएफ)/ डायनैमिक ऐसेट अलोकेशन फंड (डीएएएफ) पर दांव खेल सकते हैं।

हरेक फंड कंपनी की एक खास रणनीति होती है, जिस आधार पर वह तय करती है कि उसके बीएएफ/डीएएएफ बाजार में विभिन्न स्तरों पर शेयरों में कितना निवेश करेंगे। बाजार में शेयरों की कीमतें चढऩे के साथ ही ये फंड उनमें निवेश कम कर देते हैं और कीमत उतरते ही दोबारा निवेश शुरू कर देते हैं। पीजीआईएम इंडिया एमएफ के मुख्य कार्याधिकारी अजित मेनन कहते हैं, 'निवेशक इस समय शेयरों की ऊंची कीमतें देखकर थोड़े चिंतित हो गए हैं। उन्हें लगता है कि शेयर काफी महंगे हो गए हैं और अब बढ़त से अधिक गिरावट की आशंका है। वे फिलहाल तय नहीं कर पा रहे हैं कि शेयरों में कितनी रकम लगानी चाहिए। जो निवेशक कम कीमतों पर शेयर खरीदकर उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचने की रणनीति अपनाना चाहते हैं वे इन फंडों में निवेश कर सकते हैं।' पीजीआईएम के बीएएफ के लिए नया फंड ऑफर जल्द ही आने वाला है।

उतार-चढ़ाव वाले बाजार में बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड में करें निवेश

उतार-चढ़ाव वाले बाजार में बैलेंस्ड एडवॉन्टेज फंड में करें निवेश

इन फंड्स में इक्विटी हिस्सेदारी 30 से 80 फीसदी तक की हो सकती है. यदि बेहद ही कम कीमत पर शेयर मिले, तो यह हिस्सेदारी 100 फीसदी तक भी पहुंच सकती है. ये फंड्स कम से कम 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी में रखने की कोशिश करते हैं, ताकि इन्हें टैक्स में फायदा मिले.

प्लान रुपी इंवेस्टमेंट्स के संस्थापक अमोल जोशी ने कहा, " डायनेमिक फंड्स या बैलेंस्ड फंड्स वैल्यूएशन के आधार पर अपना इक्विटी निवेश तय करते हैं. यह अस्थिरता से लड़ने का अच्छा विकल्प साबित हो सकता हैं." ईटी लेकर आया है इसी तरह के पांच फंड्स, जिनमें आप भी कर सकते हैं निवेश:

कोरोना वायरस: बाजार में पैसे लगाने से लग रहा है डर! म्यूचुअल फंड निवेशक क्‍या करें?

कोरोना वायरस: बाजार में पैसे लगाने से लग रहा है डर! म्यूचुअल फंड निवेशक क्‍या करें?

Mutual Fund Strategy: एक्‍सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रैटेजी के अलावा बैलेंस एडवांटेज फंड बेहतर विकल्‍प हैं.

Best Strategy to Invest in Mutual Funds: शेयर बाजार में इन दिनों जमकर उतार चढ़ाव बना हुआ है. देश में कोरोना वायरस के मामले बेकाबू हो गए हैं. एक दिन में 3.5 लाख से भी ज्‍यादा नए मामले भारत में दर्ज हो रहे हैं. ऐसे में देश के कई राज्‍य लॉकडाउन जैसी सख्‍ती कर रहे हैं. फिलहाल इन सबके बीच कैपिटल मार्केट में पैसे लगाने को लेकर निवेशक या तो डर रहे हैं या कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. खासतौर से इक्विटी में पैसे लगाने को लेकर डर ज्‍यादा है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि मौजूदा दौर में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रैटेजी के अलावा बैलेंस एडवांटेज फंड बेहतर विकल्‍प हैं. वहीं डेट कटेगिरी की चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर बात करें तो अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म, शॉर्ट टर्म और मिड डयूरेशन फंडों का चुनाव कर सकते हैं.

कोरोना ने बिगाड़ी देश की आर्थिक स्थिति, निवेशकों के लिए जरूरी है एसेट एलोकेशन

रुपये

कोरोना वायरस ने देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। महामारी के इस दौर में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, वहीं कई कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की गई। सरकार द्वारा बनाए गए कड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य है। बहुत से लोग हैं, जिनकी आमदनी प्रभावित हुई है। लोगों ने अपने खर्चे भी बहुत कम कर दिए हैं, लेकिन कई ऐसे खर्चें होते हैं, जो बेहद जरूरी होते हैं और उन्हें रोका नहीं जा सकता।

देश में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैल रही है। इसलिए निकट अवधि के लिए बाजार का सेंटिमेंट कमजोर बना हुआ है। चूंकि हम पिछले साल भी ऐसी स्थिति का सामना कर चुके हैं, लिहाजा हमारा मानना है कि कॉर्पोरेट और निवेशक, दोनों उन चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं, जिनका सामना आने वाले समय में करना पड़ सकता है। सभी को उम्मीद है कि कुछ समय बाद हम कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गिरावट आएगी और वैक्सीनेशन के आंकड़े तेजी से बढ़ते हुए दिखेंगे।

विस्तार

कोरोना वायरस ने देश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। महामारी के इस दौर में कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, वहीं कई कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की गई। सरकार द्वारा बनाए गए कड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य है। बहुत से लोग हैं, जिनकी आमदनी प्रभावित हुई है। लोगों ने अपने खर्चे भी बहुत कम कर दिए हैं, लेकिन कई ऐसे खर्चें होते हैं, जो बेहद जरूरी होते हैं और उन्हें रोका नहीं जा सकता।

देश में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैल रही है। इसलिए निकट अवधि के लिए बाजार का सेंटिमेंट कमजोर बना हुआ है। चूंकि हम पिछले साल भी ऐसी स्थिति का सामना कर चुके हैं, लिहाजा चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर हमारा मानना है कि कॉर्पोरेट और निवेशक, दोनों उन चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं, जिनका सामना आने वाले समय में करना पड़ सकता है। सभी को उम्मीद है कि कुछ समय बाद हम कोरोना संक्रमण के नए मामलों में गिरावट आएगी और वैक्सीनेशन के आंकड़े तेजी से बढ़ते हुए दिखेंगे।

Money Guru: चढ़ते बाजार में कहां करें निवेश? इक्विटी में क्या हो स्ट्रैटेजी? एक्सपर्ट से यहां जानें स्मार्ट फंडा

Money Guru: निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि चढ़ते बाजार में कहां निवेश करें? खासकर इक्विटी में निवेश की क्या स्ट्रैटेजी हो ? डेट का पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?

Money Guru: शेयर बाजार में काफी गिरावट और उतार-चढ़ाव के दौर के बाद पिछले कुछ दिनों से मार्केट में उछाल का ट्रेंड देखा जा रहा है. ऐसे में बाजार का निवेश का असर होना लाजिमी है. अब निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि चढ़ते बाजार में कहां निवेश (Where to invest in a bullish market) करें? खासकर इक्विटी में निवेश की क्या स्ट्रैटेजी हो ? डेट का पोर्टफोलियो कैसे बनाएं? ऐसे ही कुछ चढ़ाव की स्थिति में बैलेंस्ड फंड बेहतर सवालों को लेकर हो रही उलझन यहां दूर कर सकते हैं. हम फौजी इनिशिएटिव के सीईओ कर्नल संजीव गोविला(रिटायर्ड) और फिनकार्ट के सीईओ तनवीर आलम से हम यहां इन बातों को समझते हैं.

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