विकल्प कारोबार

क्या आप अलग दिखने वाले डोमेन के आखिरी शब्द खोजने के लिए तैयार हैं? domains.google पर अपने लिए, डोमेन का एक अलग नाम खोजें.
विकल्प कारोबार
इंटरनेट के शुरुआती दिनों में, .com, .org या शायद .net वाले डोमेन के आखिरी शब्द के ही विकल्प मौजूद थे. हालांकि, अब ऐसा नहीं है. अब डोमेन के आखिरी शब्दों के सैकड़ों विकल्प मौजूद हैं. इनमें व्यावहारिक (.florist) से लेकर दार्शनिक (.guru), और मज़ाक से भरपूर (.ninja) तक विकल्प शामिल हैं. आने वाले सालों में यह संख्या बढ़ती रहेगी.
डोमेन के नाम के इन नए आखिरी शब्दों के उपलब्ध होने की वजह से, अब आपके पास सटीक और याद रहने वाले डोमेन के नाम बनाने के ज़्यादा मौके हैं. इनसे दुनिया को आपके काम और आपके बारे में बेहतर पता चलता है. यहां हम आपको डोमेन के नाम में डॉट के बाद के हिस्से (टीएलडी) के बारे में ज़रूरी चीज़ें सिखाएंगे. साथ ही, आपके लिए सही डोमेन चुनने का तरीका बताएंगे.
नया टीएलडी अपनाने की वजहें
ब्रैंडिंग
आपके पास टीएलडी के कई विकल्प होते हैं, अब ब्रैंड के पास अलग-अलग डोमेन का विकल्प कारोबार नाम बनाने के खास विकल्प हैं. डोमेन के ये नाम ब्रैंड के उद्देश्य और उनकी सेवाओं की कीमत के बारे में साफ़ तौर पर और तुरंत जानकारी देते हैं. कई मामलों में, डोमेन का नाम वह पहली चीज़ होती है जिसे लोग किसी कारोबार के बारे में देखते या सुनते हैं. इसलिए, यह कारोबार की शुरुआत में काफ़ी बड़ा असर छोड़ सकता है. इतना ही नहीं, लोगों का ध्यान खींचने वाले और याद रखने में आसान डोमेन नाम से ब्रैंड वैल्यू भी बढ़ सकती है.
उपलब्धता
नए टीएलडी हाल ही में बाज़ार में आए हैं. इसलिए, डोमेन के छोटे और याद रखने लायक नाम अब भी उपलब्ध हैं. आप लीक से हटकर दिखने वाले टीएलडी से एक साथ दो काम कर सकते हैं. इससे आप डोमेन का मनचाहा नाम पा सकते हैं. साथ ही, डॉट के बाद किसी काम के शब्द का इस्तेमाल करके, आप अपने डोमेन के नाम को भी छोटा कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, yourfavoritecafe.com को आसानी से yourfavorite.cafe बनाया जा सकता है.
लेकिन Search के बारे में क्या कहेंगे?
डोमेन के नए आखिरी शब्द इस्तेमाल करने का खोज के नतीजों में आपकी मौजूदगी या एसईओ पर असर नहीं पड़ेगा. यह जानना अहम है कि Google और दूसरे सर्च इंजन की नज़र में, सभी टीएलडी बराबर हैं. नए टीएलडी से सर्च इंजन में आपकी रैंक पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इससे आपको खोज के आधार पर दिखने वाली वेबसाइटों की सूची में नीचे भी नहीं रखा जाएगा.
डोमेन के नाम को लेकर फ़ैसला आप और आपके लक्ष्यों पर निर्भर करता है. आप, Google Domains में मौजूद सभी टीएलडी की सूची इस पेज पर देख सकते हैं. यहां ऐसे सवाल दिए गए हैं जिन्हें डोमेन का नाम चुनते समय ध्यान में रखना चाहिए:
- क्या कोई ऐसा टीएलडी है जो आपके ब्रैंड या कारोबार के लिए काम का हो?
- क्या नए टीएलडी से यह समझाने और उदाहरण देने में मदद मिलेगी कि आप क्या करते हैं?
- क्या नए टीएलडी से आपको एक छोटा और याद रखने में आसान वेब पता मिल पाएगा?
- क्या आपके डोमेन का नाम कुछ खास और याद रखने लायक होगा?
निर्धारण वर्ष 2022-2023 के लिए कारोबार / व्यवसाय से आय वाले व्यक्ति के लिए लागू विवरणी और फॉर
अस्वीकरण: इस पेज में दी गयी जानकारी केवल एक अवलोकन और सामान्य मार्गदर्शन के लिए है और संपूर्ण नहीं है। सम्पूर्ण ब्यौरा और दिशानिर्देशों के लिए, कृपया आयकर अधिनियम, नियम और अधिसूचना देखें।
यह रिटर्न व्यक्ति और हिन्दू अविभाजित परिवार (एच.यू.एफ.) के लिए लागू है;
यह विवरणी एक व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (एच.यू.एफ.) के लिए लागू है, जो सामान्य रूप से निवासी नहीं है या एक फ़र्म (एल.एल.पी. के अलावा) के अलावा विकल्प कारोबार अन्य निवासी है, जो एक निवासी है जिसकी कुल आय ₹50 लाख तक है और कारोबार और व्यवसाय से आय है, जिसकी संगणना एक अनुमान के आधार पर की जाती है (धारा 44AD / 44ADA / 44AE के तहत) और निम्नलिखित में से किसी भी स्रोत से आय है:
वेतन / पेंशन | एक गृह संपत्ति | अन्य स्रोत (ब्याज, परिवार की पेंशन, लाभांश आदि) | ₹5,000 तक की कृषि आय |
लागू होने वाले फॉर्म
- स्रोत पर काटा गया /एकत्र किया गया कर
- अग्रिम कर / स्वयं निर्धारित कर भुगतान
- निर्दिष्ट वित्तीय लेन देन/संव्यवहार
- मांग / प्रतिदाय
- लंबित/पूर्ण कार्यवाही
फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा
निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए कर स्लैब
व्यक्ति और एच.यू.एफ., विद्यमान कर व्यवस्था या नई कर व्यवस्था (कराधान की निम्नतर दर के साथ) (आयकर अधिनियम की धारा 115BAC के तहत) का विकल्प चुन सकते हैं ।
नई कर व्यवस्था में रियायती दरों का विकल्प चुनने वाले करदाताओं को विद्यमान कर शासन में उपलब्ध [80C, 80D, 80TTB, HRA जैसी] कुछ विकल्प कारोबार छूट और कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। विकल्प का प्रयोग प्रत्येक पूर्व वर्ष के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है, जहां व्यक्ति या एच.यू.एफ. की कोई कारोबार आय नहीं है।
कारोबार से आय वाले व्यक्ति के लिए, एक बार पूर्व वर्ष के लिए नई कर व्यवस्था के तहत कर लगाने के विकल्प का प्रयोग कर लेने पर, उस पूर्व वर्ष और बाद के उन सभी वर्षों के लिए मान्य होगा जब तक कि कारोबार अस्तित्व में रहता है।
60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति (निवासी या अनिवासी) के लिए, पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय:
Paytm For Business: सुरक्षित पेमेंट और कारोबार बढ़ाने का शानदार विकल्प
Paytm For Business: Paytm ऑल इन वन पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) सुविधा से, QR और कार्ड यूपीआई, वॉलेट और पोस्टपेड पेमेंट एक ही जगह पर पा सकते हैं. प्रिंट रसीद, ट्रांजेक्शन कैंसल करना और रिफंड विकल्प कारोबार जारी करने के लिए कारोबार मालिकों को अब अलग-अलग सुविधाएं मैनेज नहीं करनी होंगी.
Paytm For Business एप्लिकेशन पर जाकर कारोबारी, पेमेंट के विकल्पों Paytm Wallet, Paytm UPI, Paytm Postpaid, नेटबैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड को अलग-अलग मैनेज करने के बजाय एक ही जगह पर ये सारे विकल्प दे सकते हैं.
इस सुविधा का इस्तेमाल कर कारोबार मालिक या मर्चेंट के लिए पेमेंट का हिसाब रखना बहुत आसान हो गया है. साथ ही, ग्राहकों के लिए भी आसान है कि वह अपनी पसंद और सुविधा के मुताबिक किसी भी विकल्प को चुन सकते हैं.
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Paytm App से QR कोड स्कैन करते ही ग्राहक को अलग-अलग तरीके से पेमेंट का विकल्प दिखने लगेगा. जैसे कि UPI,Paytm Wallet, Paytm Postpaid, नेटबैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड.
कस्टमर इनमौजूद विकल्पों में से अपनी सुविधा के मुताबिक किसी भी विकल्प का चुनाव कर सकते हैं
● Paytm Wallet : यह एक लोकप्रिय और आसान विकल्प है, जिसका प्रयोग भारत में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.
● Paytm UPI: यह सुविधा भी उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय है और इससे कहीं भी पेमेंट करना अब काफ़ी आसान है. इसे इस्तेमाल करके कस्टमर सीधे कारोबारी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफ़र कर सकते हैं.
सरकार गाजर धुलाई का विकल्प दे, कारोबार को होगा नुकसान
श्रीगंगानगर। बुधवार को सिंचाई विभाग ने श्रीगंगानगर कस्बे के पास साधुवाली गांव में गाजर का बाजार लगाने वाले किसानों को गंगा नहर के किनारे गाजर की धुलाई बंद करने का आदेश दिया. सिंचाई विकल्प कारोबार विभाग के एसई धीरज चावला द्वारा जारी आदेश के बाद किसानों में रोष है। गुरुवार को किसानों ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपना विरोध जताया।उन्होंने कहा कि अब उनकी गाजर की फसल पकने की अवस्था में है। ऐसे में सिंचाई विभाग का नोटिस उनके रोजगार छीनने वाला साबित होगा। सरकार को किसानों के लिए गाजर धोने का विकल्प देना चाहिए नहीं तो सिंचाई विभाग को उन्हें इस मामले में छूट देनी होगी।
श्रीगंगानगर सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष अमरसिंह ने गुरुवार को कलेक्टर सौरभ स्वामी से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि किसानों का रोजगार गाजर पर निर्भर करता है। साधुवाली क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान गाजर का उत्पादन करते हैं। इस गाजर को यहां गंगा नदी के किनारे धोया जाता है। यहां नहर के पानी से धोकर गाजर का रंग साफ हो जाता है और इसके अच्छे दाम मिल जाते हैं।
विदेशी उद्योग-व्यापार संघ को भी बनाएंगे पार्टनर, निवेश के साथ अंतरराष्ट्रीय कारोबार पर जोर
इंदौर. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी उद्योग-व्यापार संगठनों को भी अंतरराष्ट्रीय कारोबार बढ़ाने के लक्ष्य के साथ विशेष सहयोगी या पार्टनर आर्गेनाइजेशन विकल्प कारोबार विकल्प कारोबार बनाया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। योजनाकारों ने पार्टनर कंट्री की थीम पर यह पहल की है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे निवेश के साथ कारोबार और तकनीक के आदान-प्रदान के नए रास्ते खुलेंगे।
कोरोना के बाद विश्व व्यापार के ट्रेंड में बड़े बदलाव आए हैं। इसे भांपते हुए सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के प्रारूप और रणनीति में नवाचार कर निवेशकों के साथ उद्योग-व्यापार संघों को शामिल करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर कई ट्रेड-इंडस्ट्री संगठनों की ओर से सकारात्मक संकेत मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ ये संगठन भी आगे आ रहे हैं। जाहिर है, अनेक देश अब एक प्रॉडक्ट के लिए एक देश पर निर्भर नहीं रहकर विकल्प पर भी काम करते हैं। इसका फायदा भारत को मिले, इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के साझा संगठनों को भी बुलाने पर विचार किया गया है।
एमपीआइडीसी के एमडी मनीष सिंह का कहना है, इंडिया व कंट्री आर्गेनाइजेशन, चैम्बर्स, काउंसिल में दोनों देशों के प्रतिनिधि विकल्प कारोबार शामिल होते हैं। यह स्थानीय कारोबारियों के साथ समन्वय बनाने में सहयोग करते हैं। बिजनेस टू बिजनेस मीटिंग्स के भी अच्छे परिणाम आएंगे।
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34 से ज्यादा देशों से संपर्क
निवेशकों को इससे अपने कारोबार को देश के बाहर ले जाने में मदद मिलेगी। अफसरों की एक टीम इनसे संपर्क कर रही है। अब तक 34 से ज्यादा देशों के सहयोगी संगठनों के साथ चर्चा की गई है। अधिकांश के प्रतिनिधि समिट में हिस्सा लेने आ रहे हैं। इनमें कुछ के भारत में भी प्रतिनिधि हैं, जिनसे संपर्क किया है। इसके अलावा 100 बड़े निवेशकों के साथ 600 से ज्यादा को आमंत्रण भेज चुके हैं।
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रणनीति से फायदा
सरकार की इस रणनीति का फायदा हमारे निवेशकों को होगा। वे इन ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से उन देशों के स्थानीय कारोबार से जुड़ सकेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार-प्रॉडक्ट की मार्केटिंग में आसानी होगी। सरकार स्तर पर नया विश्वसनीय फोरम मिल सकेगा। इसके अलावा साइंस-टेक्नोलॉजी रिसर्च व तकनीकी ट्रांसफर में आसानी होगी।
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इन ऑर्गेनाइजेशन से संपर्क
इंडो अफ्रीकन चैंबर्स ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री, इंडो-ऑस्ट्रेलियन, ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बिजनेस काउंसिल, कनाडा-इंडिया बिजनेस काउंसिल, इंडो-फ्रेंच चैंबर्स, इंडो-जर्मन चैंबर, इंडो-इटालियन, मलेशिया एसोसिएटेड इंडिया चैंबर, काउंसिल ऑफ यूरोपियन यूनियन चैंबर्स ऑफ काॅमर्स इन इंडिया, फिक्की अफ्रीका कमेटी, इंडिया-ब्राजील, इंडिया-बांग्लादेश, इंडिया-डेनिश, पोलिश-इंडिया चैंबर्स, सार्क चैंबर्स ऑफ काॅमर्स, स्वीडन-इंडिया बिजनेस काउंसिल, इंडो-अमेरिकन चैंबर्स, यूएस विकल्प कारोबार बिजनेस काउंसिल, पोलिश इंडिया चैंबर, इंडो-वियतनाम, यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल व इंडो फ्रेंच सेंटर फाॅर प्रमोशन व एडवांस रिसर्च।