क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा

डिजिटल करेंसी इन देशों में चलती है :- चीन, जापान और स्वीडन में तो डिजिटल करंसी पर ट्रायल शुरू हो गया है, वहीं, यूके, अमेरिका भी डिजिटल करेंसी लाने पर विचार हो रह है। इक्वाडोर, बहामास, ट्यूनीशिया, सेनेगल में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हो रहा है।
Digital Currency क्या है? ई-मुद्राओं के बारे में जानकारी
दोस्तों आपने कभी न कभी या अभी कुछ सालों पहले बिटकॉइन (Bitcoin) का नाम जरूर सुना होगा, और अगर नहीं सुना होगा, तो कोई बात नहीं है आज हमारे आर्टिकल Digital Currency क्या है? में आपको बिटकॉइन की भी जानकारी मिल जाएगी.
बिटकॉइन भी एक तरह से डिजिटल करेंसी है, दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन है। फिलहाल इसके 16.8 मिलयन टोकन्स सर्कुलेशन में हैं। और अभी जिस भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है वो बहौत पैसे वाला है क्यूकी दोस्तों 1 Bitocoin की कीमत 30-50 लाख रुपये के बराबर है.
तो इससे आप समझ गए होंगे और आपको इसका अंदाज़ा भी होगया होगा की डिजिटल करेंसी की कितनी कीमत है. तो आइये इसी के साथ जानते हैं की आखिर ये Digital currency क्या है? और क्यू ये इतना चर्चा में है.
Digital Currency क्या है?
डिजिटल करेंसी को ई-मुद्रा या Cryptocurrency भी कहा जाता है, इसमें पेमेंट मेथड पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में किया जाता है। साइबर कैश कही जाने वाली इन मुद्राओं की चर्चा दुनिया भर में है। डिजिटल करेंसी को वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) भी कहा जा सकता है.
डिजिटल करेंसी एक तरह की Currency है, जो सिर्फ digital form में मौजूद होता है, और इसे ख़रीदा और बेचा भी ऑनलाइन किआ जाता है. डिजिटल करेंसी का उपयोग सिर्फ ऑनलाइन ही चीज़ों को खरीदने और बेचने के लिए यूज़ किआ जा सकता है, आप इसका इस्तेमाल ऑफलाइन चीज़ों के लिए यूज़ नहीं कर सकते हैं.
क्रिप्टो करेंसी के बदले
रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने हाल के एक भाषण में कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाई जानी चाहिए. ऐसा लग रहा है, रिजर्व बैंक यह उम्मीद लगा रहा है कि उसकी सीबीडीसी को क्रिप्टो करेंसी के विकल्प के रूप में पेश किया जा सकता है.
लेकिन भारत में बिटक्वाइन सरीखी क्रिप्टो करेंसी को विनिमय के साधन से ज्यादा एक संपत्ति के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिका में तो कई संस्थाएं बिटक्वाइन मंजूर कर रही हैं, ‘आइवी लीग स्कूल्स’ इसमें फीस मंजूर कर रहे हैं. इसके विपरीत भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुख्यतः जोखिम को बांटने के, और दूसरी तरह की संपत्तियों में उथल-पुथल से बचाव के साधन के रूप में देखा जा रहा है.
उम्मीद की जा रही है कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी सीबीडीसी स्थिर होगी. इस वजह से संपत्ति के रूप में इसका आकर्षण घट सकता है. इसलिए भारत में इसे संपत्ति से ज्यादा विनिमय के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
नकदी के बदले
सीबीडीसी को अगर विनिमय का आकर्षक साधन बनना है तो उसे नकदी, बैंक डिपॉजिट, डिजिटल वैलेट के मुक़ाबले ज्यादा आकर्षक बनना होगा.
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क्या यह क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा नकदी का अच्छा विकल्प बन पाएगी? सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा होगी जो देश की मुद्रा के नाम से जानी जाएगी. केंद्रीय बैंक के बैलेंसशीट में यह एक देनदारी के रूप में दर्ज होगी. सीबीडीसी नकदी के समान ही होगी, केवल इसका रूप अलग होगा, वह कागज पर छपी हुई नहीं होगी. नकदी के मुक़ाबले यह ज्यादा सुरक्षित होगी क्योंकि यह खोएगी नहीं और न ही चुराई जा सकेगी. लेकिन इसके लिए ताकतवर टेक्नोलॉजी और व्यापक मोबाइल कनेक्टिविटी की जरूरत होगी.
खुदरा सीबीडीसी
अगर सीबीडीसी को परिवारों और व्यवसायों द्वारा नकदी की तरह इस्तेमाल करना है तो इसे ‘खुदरा’ सीबीडीसी कहा जाएगा. लेकिन अगर इसे वित्तीय संस्थानों तक ही सीमित रहना है और बैंकों के बीच के बड़े भुगतानों के निबटारे के लिए इस्तेमाल किया जाना है तो इसे ‘थोक’ सीबीडीसी कहा जाएगा.
बताया जाता है कि रिजर्व बैंक निकट भविष्य में थोक और खुदरा मामलों में पाइलट प्रोजेक्ट चलाने पर विचार कर रहा है. ‘थोक’ सीबीडीसी का उपयोग सीमित कामों के लिए किया जाएगा मगर ‘खुदरा’ सीबीडीसी को जारी करने पर सावधानी से विचार किया जाना चाहिए.
‘खुदरा’ सीबीडीसी में लेन-देन करने के लिए व्यापक इंटरनेट कनेक्टिविटी और कुशल दूरसंचार नेटवर्क चाहिए. इसके अलावा, चूंकि केंद्रीय बैंक खुदरा बैलेंस का हिसाब रखेगा इसलिए तकनीकी व्यवस्था महत्वपूर्ण हो जाती है. इस तकनीक की जटिलता परिवारों को इसे अपनाने में दिक्कत पेश करेगी. वैसे, इसकी तकनीक भुगतानों की प्रक्रिया को कुशलता और तेजी से निबटा सकती है.
सीबीडीसी पर ब्याज
सीबीडीसी पर ब्याज का भुगतान इसके आकर्षण को बढ़ा सकता है. अगर इसकी ब्याज दरें आकर्षक होंगी तो परिवार बैंकों में अपने जमा पैसे को सीबीडीसी में बदल सकते हैं. अगर सीबीडीसी बैंक डिपॉजिट का मुक़ाबला करती है तो बैंक डिपॉजिट पर ब्याज बढ़ा सकते हैं. यह उधार पर ब्याज की दरें बढ़ाना जरूरी कर सकता है ताकि उनकी मार्जिन सुरक्षित रहे. यानी ब्याज देने वाली सीबीडीसी उधार को महंगा बना सकती है.
विचार करने का दूसरा मुद्दा यह है कि सीबीडीसी जारी होने के बाद बैंक डिपोजिटों में किस हद तक कमी आ सकती है, क्योंकि कोई भी बैंक इस आधार पर उधार नहीं देगा. इसलिए क्रेडिट सप्लाइ इस अनुपात में सिकुड़ जाएगी.
कई देशों के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी जारी करने की संभावना तलाशने में जुटे हैं. अब तक नाइजीरिया, क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा चीन, बहामाज समेत नौ देशों ने पूरी तरह डिजिटल मुद्रा जारी कर दी है. दूसरे कई देश भी ऐसा करने के उद्देश्यों पर विचार कर रहे हैं. भारत इस जमात में शामिल हो, इससे पहले इसके नीतिनिर्धारकों को यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि इसकी खामियां क्या हैं, और वे इसे जारी करके क्या हासिल करना चाहते हैं.
डिजिटल रुपया क्या है, RBI ने अपना पहला पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 नवंबर से डिजिटल रुपये का पायलट लॉन्च शुरू करेगा। इसने पायलट लॉन्च में भाग लेने के लिए नौ बैंकों की पहचान की है। वे भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी हैं।
डिजिटल रुपया क्या है:
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए करेंसी नोटों का एक डिजिटल रूप है। डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसे का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग संपर्क रहित लेनदेन में किया जा सकता है।
केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा शुरू करेगा।
Digital Currency : डिजिटल करेन्सी क्या है? क्या रुपया नहीं क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा चलेगा
लखनऊ. अब जल्द ही यूपी सहित देश में डिजिटल करेंसी शुरू हो जाएगी। आरबीआई ने कहा है कि, दिसम्बर तक डिजिटल करेंसी पेश करेगा। तब क्या रुपया बंद क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा हो जाएगा, नहीं लेने का एक यह नया और आसान सुविधाजनक तरीका लोगों को मिल जाएगा। पर डिजिटल करेंसी क्या है? हम इस बारे में बताते हैं। डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से कितनी अलग है इस भी जानिए।
डिजिटल करेंसी क्या है (What Is digital currency) ? :- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी कि सीबीडीसी यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। इस डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) है। मतलब जैसे कैश का लेन-देन करते हैं, वैसे ही डिजिटल करेंसी का लेन-देन भी कर सकेंगे। इसे देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) जारी करता है। यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट (Balance Sheet) में भी शामिल होती है। इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी (Sovereign Currency) में बदला जा सकता है। भारत में इसे डिजिटल रुपया पुकार सकते हैं। डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है। एक को रिटेल (Retail) और दूसरे को होलसेल (Wholesale)। रिटेल डिजिटल करेंसी के नाम से पुकारते हैं। होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है।
Digital Currency News: अगले साल पायलट के तौर पर डिजिटल करेंसी क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा लॉन्च कर सकता है RBI
- RBI गवर्नर ने कईं बार आभासी मुद्राओं को लेकर क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।
- केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी- CBDC पूरी तरह से डिजिटल होगी।
- सीबीडीसी (CBDC) एक कानूनी टेंडर का डिजिटल रूप होगा।
Digital Currency News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कईं बार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर चिंता जताई है। डिजिटल करेंसी क्या है डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा के तेजी से बढ़ने और इसमें पारदर्शिता नहीं होने की वजह से केंद्रीय बैंक ने समय-समय पर अपनी चिंता जाहिर की। अब अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय रिजर्व बैंक पायलट के तौर पर डिजिटल मुद्रा (digital currency) लॉन्च कर सकता है।