मुख्य खाते

इस पूरे मामले में पार्टी सीधे आंदोलन से गुरेज करती रही। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने के बाद अखिलेश यादव थोड़ा दबाव में आए और फिर उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस करके पार्टी का स्टैंड क्लियर किया। वह इस कदर दबाव में नजर आए कि झारखंड में मुख्य खाते सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में जाने के बजाय प्रेस कान्फ्रेंस करना जरूरी समझा।
पंजाब में गेहूँ की खरीद, किसानों के खातों में 7594 करोड़ रुपए – मुख्य सचिव
26 अप्रैल 2021, चण्डीगढ़ । पंजाब में गेहूँ की खरीद, किसानों के खातों में 7594 करोड़ रुपए – मुख्य सचिव – पंजाब में खरीद एजेंसियों द्वारा मंडियों में अब तक गेहूँ की कुल आमद में से 93 प्रतिशत से अधिक मुख्य खाते की खरीद की जा चुकी है और सीधी अदायगी की नयी प्रणाली के द्वारा 2.26 लाख किसानों के खातों में 7594 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि मंडियों में 76.32 लाख मीट्रिक टन में से 71.48 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है जो कुल आमद का 93 प्रतिशत से अधिक बनता है, बावजूद इसके कि पिछले साल के आज तक के मुकाबले 300 प्रतिशत अधिक गेहूँ मंडियों में पहुँचा है। पिछले रबी मंडीकरण सीजन के इस समय दौरान 29.32 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की आमद हुई थी जिसमें से 27.32 लाख मीट्रिक टन की ख़रीदी की गई थी।
सत्यम घोटाला चार्टर्ड अकाउटेंट की विफलता थी: मुख्य खाते दीपक पारेख
उद्योग मंडल CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भाग लेते हुए पारेख ने कहा कि सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के सभी स्वतंत्र निदेशक कंपनी के संस्थापक बी रामलिंग राजू के रबड़ स्टाम्प के रूप में काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘सत्यम घोटाला वास्तव में कंपनी के खातों को देखने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट की विफलता थी।’ सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के संस्थापक राजू के बही-खाते में हेरफेर करने और कई साल तक लाभ को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की बात स्वीकार करने के साथ 7,800 करोड़ रुपये का मुख्य खाते घोटाला जनवरी, 2009 में सामने आया था। बाद में टेक महिंद्रा ने अप्रैल, 2009 में कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था।
पारेख ने कहा कि किसी भी संगठन के सीईओ (मुख्य कार्याधिकारी) को यह समझना चाहिए कि वे कंपनी के शेयरधारकों के लिये काम कर रहे हैं।
ईडी मुख्य खाते निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल का तीसरी बार विस्तार, जस्टिस कौल सुनवाई से अलग हुए
पूरे देश में सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन जारी हैं। इसके उलट यूपी में विपक्षी सियासी पार्टियों ने प्रदर्शनकारियों को उनके हाल पर मुख्य खाते छोड़ दिया है। विपक्ष की रहस्यमय खामोशी का ही नतीजा है कि यहां सत्ता के संरक्षण में पुलिस गुंडे की भूमिका में है। आम लोगों के साथ ही नागरिक मुख्य खाते समाज के लोग जेलों में ढूंस दिए गए हैं। प्रदेश के सबसे बड़े विपक्षी दल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगले से ही बयान देते रहे। यूपी में विपक्ष की खामोशी तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब लोग अंतरराष्ट्रीय अदालत हेग तक पर प्रदर्शन कर रहे हों।
बेअसर विपक्ष का ही नतीजा है कि यूपी में सबसे ज्यादा 19 मौतें हुई हैं। बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी हुई है और हिरासत में लिए मुख्य खाते गए हैं। यूपी के प्रदर्शन में सभी धर्म-जाति के लोग शामिल हैं। इसका पता यहां हुई गिरफ्तारियों से भी चलता है, लेकिन मारे सिर्फ मुसलमान ही गए हैं। जिन मुस्लिम नौजवानों की जान गई है, उनमें से ज्यादातर गरीब तबके से हैं। कुछ परिवारों ने तो अपना इकलौता कमाने वाला खो दिया है।