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लघु स्थिति

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कृषि सहकारिता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्रालय के तहत लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) नई दिल्ली की एक सोसायटी में प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद को भरना ( 2.53 एमबी )

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लघु किसान, सीमांत किसान और वृहद किसान किसे कहते है

सीमांत, लघु और वृहद किसान | Simant, Laghu Kisan

Table of Contents

भारत एक किसान प्रधान देश है। यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह खेती पर निर्भर है। केंद्र और प्रदेश सरकारें किसानों के लिए ढेर सारी योजनाएं भी संचालित कर रही हैं। किसानों को अलग-अलग वर्गों में लघु स्थिति बांटा गया है, ताकि योजनाओं का संचालन प्रभावी ढंग से किया जा सके। इस आर्टिकल में भारत में मौजूद सभी तरह के किसानों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। उनके लिए संचालित योजनाओं का जिक्र भी किया जा रहा है, ताकि लोगों की जानकारी में इजाफा हो सके।

तीन तरह के किसान हैं | Types of Farmer in India

केंद्र सरकार ने किसानों की स्थिति को परिभाषित किया गया है। भारत में आमतौर पर तीन तरह के किसान हैं। देश की 70 फीसदी आबादी किसी ने किसी रूप में खेती-बाड़ी के पेशे से जुड़ी है। सीमांत, लघु और वृहद श्रेणी में शामिल किसानों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ढेर सारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकारों मानती हैं कि अगर किसान मजबूत होंगे तो देश तरक्की करेगा। उन्हें आगे बढ़ाए बगैर देश की तरक्की के बारे में सोचा नहीं जा सकता है।

1. सीमांत किसान (Simant Kisan)

वे किसान, जिनके पास एक हेक्टेयर या इससे भी कम जमीन होती है, उन्हें सीमांत किसान कहा जाता है। एक हेक्टेयर में करीब ढाई एकड़ जमीन होती है। केंद्र और राज्य सरकारें खेती को बढ़ावा देने के लिए ढेर सारी योजनाएं संचालित कर रही हैं, जिसके तहत सीमांत किसानों को लाभांवित किया जा रहा है। किसानों के लिए कर्जमाफी से लेकर लोन तक की व्यवस्था की गई है। आपदा में किसानों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा आयकर के क्षेत्र से किसानों को पूरी तरह बाहर रखा गया है।

2. लघु किसान

लघु किसानों को भी परिभाषित किया गया है। लघु किसान आमतौर पर उन्हें कहते हैं, जिनके पास एक हेक्टेयर से ज्यादा और दो हेक्टेयर से कम जमीन है। लघु स्थिति इस तरह करीब पांच एकड़ जमीन के मालिक को लघु किसान की श्रेणी में शामिल किया जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि जमीन का यूज पूरी तरह खेती के लिए होना चाहिए। रेसिडेंशियल और कामर्शियल लैंड के ऑनर लघु किसान की श्रेणी में शामिल नहीं किए जाएंगे। केंद्र और प्रदेश सरकारें सीमांत किसानों की तरह लघु किसानों के लिए भी ढेर सारी योजनाएं संचालित कर रही हैं।

3. वृहद किसान

सीमांत और लघु किसानों की तरह वृद्ध किसानों की स्थिति को भी परिभाषित किया गया है। वृहद किसानों की श्रेणी में उन्हें शामिल किया गया है, जिनके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है। उनके लिए जमीन की अधिकतम सीमा को तय नहीं किया गया है। यानी बड़े पैमाने पर जमीन के मालिक को वृहद किसान कहते हैं। केंद्र और प्रदेश सरकारें आमतौर पर अपनी योजनाओं में वृहद किसानों को शामिल नहीं करती हैं। दो-एक योजनाओं के तहत ही उन्हें कुछ छूट दी गई है। दोनों सरकारें और संबंधित विभागों की ओर से इसके लिए हर साल समीक्षा भी की जाती है।

सीमांत और लघु किसानों की संख्या ज्यादा

भारत में 80 फीसदी किसान सीमांत और लघु श्रेणी में आते हैं। 20 फीसदी किसान ही ऐसे हैं, जिन्हें वृहद किसानों का दर्जा प्राप्त है। इसमें सबसे तेज सीमांत किसानों की संख्या बढ़ रही है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से संचालित ज्यादातर योजनाओं के तहत इन्हीं दोनों वर्गों को लाभांवित किया जा रहा है। फिर वह चाहे ऋण माफी योजना हो या फिर किसान पेंशन योजना, ज्यादातर फायदा दोनों वर्गों में शामिल किसान इनका फायदा उठा रहे हैं।

किसानों के लिए योजनाएं | Schemes for Farmers

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ऐसी ढेर सारी लघु स्थिति योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनके तहत किसान लाभांवित हो रहे हैं। इस कड़ी में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना भी शामिल है, जिसके तहत बुजुर्ग किसानों को पेंशन दी जा रही है। 60 साल की उम्र पूरी कर चुके किसानों को पेंशन के रूप में हर महीने तीन हजार रुपये तक दिए जाने का प्रावधान है। इसमें सीमांत और लघु किसानों को शामिल किया गया है।

1. पारिवारिक पेंशन लघु स्थिति की व्यवस्था

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था भी की लघु स्थिति लघु स्थिति गई है। लाभार्थियों की सूची में शामिल किसान की अगर इस दौरान मौत हो जाती है तो परिवार के सदस्य को पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। पारिवारिक पेंशन का लाभ पत्नी को मिलेगा। उन्हें नियमानुसार पेंशन की 50 फीसदी रकम दी जाएगी। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस में इसका जिक्र किया गया है।

2. किसान सम्मान योजना

प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना को भी प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। किसानों को इस योजना के तहत एक साल में 6 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही है और इसके तहत मिलने वाली रकम को सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर किया जा रहा है। इस योजना का संचालन सशर्त किया जा रहा है और इसका फायदा फिलहाल उन्हीं किसानों को मिल रहा है, जो भारत सरकार की गाइडलाइंस को पूरा कर रहे हैं। किसानों के लिए इसी तरह की ढेर सारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिनका वे फायदा भी उठा रहे हैं।

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भारत में रोजगार की स्थिति

भारत में रोजगार की स्थिति pic

Date: 16-05-16

भारत में रोजगार की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

अलग-अलग संस्थानों और सरकारी सर्वेक्षणों में भी यह बात सामने आ रही है।

  • अगर हम आठ श्रमिक आधारित उद्योगों में किए गए श्रमिक ब्यूरो के सर्वेक्षण को सही माने; तो 2011 में जहाँ नौ लाख रोजगार थे, उसमें 2013 में19 लाख और 2015 में मात्र 1.35 लाख रोजगार रह गये हैं।
  • जबकि आंकड़े दिखाते हैं कि हर महीने लगभग दस लाख नए लोग रोजगार की तलाश में जुड़ जाते हैं।
  • राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी रोजगार के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता को लेकर कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अगले दस वर्षों में लगभग5 करोड़ रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे।
  • 2011 की जनगणना से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में7 प्रतिशत की प्रतिवर्ष की औसत बढ़ोत्तरी हुई, रोजगार की वृद्धि दर केवल 1.8 प्रतिशत ही रही।

समस्या के कारण क्या हैं?

कृषि सहकारिता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्रालय के तहत लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) नई दिल्ली की एक सोसायटी में प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद को भरना

कृषि सहकारिता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्रालय के तहत लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) नई दिल्ली की एक सोसायटी में प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद को भरना ( 2.53 एमबी )

Vacancy Type:

वेबसाइट की सामग्री द्वारा प्रबंधित Department of Agriculture & Farmers Welfare | Mo A&FW | GoI डिजाइन, विकसित और द्वारा होस्ट राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) Last Updated: 14 Jan 2022

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मतदाताओं की संख्या: 98
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