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मार्च 2020 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ओखला से एक कश्मीरी जोड़े—जहांजेब सामी और हिना बशीर बेग को गिरफ्तार किया था. बाद में दोनों पर 2019 और 2020 के बीच कथित तौर पर हथियारों और विस्फोटकों की खरीद के लिए ‘सीरिया में बैठे आईएसआईएस ऑपरेटिव से मिले एक बिटकॉइन एड्रेस पर क्रिप्टोकरेंसी का डोनेशन कराने का आरोप लगाया गया था.

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क्रिप्टो मार्केट में मचा कोहराम, लोगों को एक ही दिन में हो गया मोटा नुकसान!

Updated Nov एक क्रिप्टो 9, 2022 | 05:03 PM IST

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Cryptocurrency: क्रिप्टो मार्केट में मचा कोहराम!

  • क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट कैप में 1 दिन में $100 अरब से ज्यादा की घटी।
  • 3 महीने के बाद मार्केट कैप 200 लाख करोड़ के नीचे।
  • ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में 12 घंटे में 12% की गिरावट।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) मार्केट में आज भारी गिरावट देखी जा रही है और एक क्रिप्टो इस गिरावट का आलम कुछ इस प्रकार है कि ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप में 1 दिन में $100 अरब से ज्यादा घटकर लगभग 3 महीने के बाद कैप 200 लाख करोड़ के नीचे पहुंच गई है। ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में पिछले 12 घंटे में 12% की गिरावट भी देखने को मिली है। पिछले 48 घंटे में FTX टोकन 95% टूटा तो वहीं बिटकॉइन (Bitcoin) $18,000 तक फिसला गया।

क्रिप्टो बज़ से बेखबर? रिपोर्ट में दावा- क्रिप्टोक्राइम से दुनिया को हर साल 30 बिलियन डॉलर का लगेगा चूना

क्रिप्टोकरेंसी की प्रतीकात्मक तस्वीर | विकीमीडिया कॉमन्स

नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी से जुड़े अपराध, जिन्हें आमतौर पर क्रिप्टो क्राइम कहा जाता एक क्रिप्टो है, इनके कारण 2025 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को 30 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. यह अनुमान एक नई रिपोर्ट में लगाया गया है.

वैश्विक साइबर अर्थव्यवस्था पर केंद्रित अमेरिकी शोध फर्म साइबरस्पेस वेंचर्स की बुधवार को जारी रिपोर्ट में साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा पर तमाम तथ्यों और आंकड़ों का ब्योरा दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘डिसेंट्रलाइज फाइनेंस (डीएफआई) सेवाओं के उपयोग में तेजी आने से वैश्विक वित्तीय प्रणालियों के बीच एक नए तरह का जोखिम उत्पन्न हो रहा है जो अपराधियों को क्रिप्टोक्राइम के नए तरीके अपनाने को बढ़ावा दे रहा है. साइबर सिक्योरिटी वेंचर का अनुमान है कि ‘रग पुल’ और अन्य तरह के साइबर हमलों से दुनिया को अकेले 2025 में करीब 30 एक क्रिप्टो बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है.’

क्रिप्टो क्राइम में तेजी

रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक क्रिप्टो क्राइम के कारण सालाना 30 बिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान है, जो 2021 के 17.5 बिलियन डॉलर के आंकड़े की तुलना में लगभग दोगुना है.

इसमें कहा गया है कि क्रिप्टो क्राइम और इसके कारण चुकाई जाने वाली कीमत आने वाले वर्षों में सालाना 15 प्रतिशत की दर से बढ़ने के आसार हैं.

इसमें कहा गया है, ‘साइबर अपराधी कई तरीकों से क्रिप्टो क्राइम को अंजाम देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’

इनमें हैकर्स का क्रिप्टो एक्सचेंजों को निशाना बनाने के कई उदाहरण शामिल हैं, क्रिप्टो एक्सचेंज वो वर्चुअल प्लेटफॉर्म होते हैं जहां क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और बेची जा सकती है. उदाहरण के एक क्रिप्टो तौर पर, जनवरी 2022 में क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म क्रिप्टो डॉट कॉम ने स्वीकार किया कि हैकर्स ने यूजर्स की 30 मिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली थी.

‘मनीलॉन्ड्रिंग भी क्रिप्टो क्राइम की एक बड़ी वजह’

दिग्गज टेक कंपनी आईबीएम की तरफ से इस साल जुलाई में जारी एक रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया था, ‘डेटा ब्रीच अब तक सबसे शीर्ष स्तर पर पहुंचकर 2022 में औसतन 176 मिलियन (रुपये) रहा है. यह पिछले साल की तुलना में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.’

आईबीएम की रिपोर्ट ने डेटा ब्रीच के कारण होने वाले नुकसानों को चार श्रेणियों में रखा—लॉस्ट बिजनेस, डिटेक्शन एंड एस्केलेशन, नोटिफिकेशन और पोस्ट-ब्रीच रिस्पांस. इसमें पाया गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पोस्ट ब्रीच रिस्पांस पर 71 मिलियन रुपये (7.1 करोड़ रुपये) का नुकसान उठाया. आईबीएम की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पोस्ट ब्रीच रिस्पांस के कारण होने वाली क्षति 2021 में 67.20 मिलियन रुपये से बढ़कर 2022 में 71 मिलियन रुपये हो गई.’

यद्यपि साइबरस्पेस वेंचर्स की 2022 की रिपोर्ट भारत पर फोकस नहीं करती, ब्लॉकचेन एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर डेटा मुहैया कराने वाली न्यूयॉर्क स्थित एक कंपनी चैनालिसिस की फरवरी 2021 की रिपोर्ट में भारत से जुड़े एक मामले का उल्लेख है जिससमें क्रिप्टोकरेंसी को कथित तौर पर आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए उपयोग किया गया.

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Bitcoin खरीदने के लिए सबसे अच्छी Cryptocurrency है, क्योंकि यह बाजार में नंबर एक है। जिन लोगों ने इस सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, उन्हें काफी हद तक फायदा हुआ है। Cryptocurrency की कीमत के कारण क्रिप्टो निवेशक भारी मुनाफा कमा रहे हैं जो हाल ही में यूएस $ 60k मार्जिन को पार कर गया है।

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बिटकॉइन के बाद इथेरियम वर्तमान में दूसरे स्थान पर है। आने वाले वर्षों में ईटीएच में बिटकॉइन को पछाड़ने की भी काफी संभावनाएं हैं। यह सभी वित्तीय लेनदेन और सभी क्षेत्रों में भुगतान पर भी हावी है। यह 2022 में निवेश करने वाली शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। अधिकांश निवेशक आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए ईटीएच की ओर देख रहे हैं।

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब

TV9 Hindi | Edited By: रोहित ओझा

Updated on: Dec 23, 2020 | एक क्रिप्टो 9:13 AM

डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये एक क्रिप्टो डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते एक क्रिप्टो हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.

जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत

सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.

क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.

क्रिप्टो जैकिंग क्या है?

यह एक प्रकार का एक क्रिप्टो साइबर अपराध है, जिसमें हैक किए गए कंप्यूटर के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग की जाती है। इसके कारण, साइबर अपराधी क्रिप्टो माइनिंग मैलवेयर विकसित और वितरित कर रहे हैं। जब मैलवेयर एक छेड़छाड़ किए गए डिवाइस पर लोड हो जाता है, तो यह नए सिक्कों का निर्माण करता है। हालाँकि, यह वेब ब्राउज़र और ब्राउज़र के एक्सटेंशन में भेद्यताएँ (vulnerabilities) पैदा करता है।

  • आमतौर पर, साइबर अपराधी क्लाउड पर हमला करने के लिए Log4j भेद्यता का उपयोग कर रहे हैं।
  • रैंसमवेयर या किसी अन्य प्रकार के साइबर अपराध की तुलना में क्रिप्टो जैकिंग एक कम जोखिम वाला हमला है।
  • वित्तीय उद्योग को कई क्रिप्टो जैकिंग हमलों का सामना करना पड़ा है।
  • क्रिप्टो जैकिंग में; पीड़ितों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि उनके कंप्यूटर या नेटवर्क से पहले ही छेड़छाड़ की जा चुकी है।
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