तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण

फीडबैक - ऐप में मौजूदा उत्पादों पर प्रतिक्रिया, ऐप या किसी भी फीचर आदि पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता है। ऐप विश्लेषण करने या उपकरण मानकों और उपभोक्ताओं को बनाने और उन्हें इस डेटा का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए नीति का समर्थन करेगा क्रय निर्णय। इस तरह के ऐप को अपनाने से उपभोक्ताओं, उपभोक्ताओं और शोधकर्ताओं को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरणों की ऊर्जा दक्षता से भरपूर लाभ मिलेगा। एप्लिकेशन को बीईई स्टार लेबल की खोज के अनुसार प्ले स्टोर पर डाउनलोड किया जा तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण सकता है:
आवश्यकताएँ सत्यापन क्या है: परिभाषा और उपकरण | पूरा गाइड
आवश्यकताएँ सत्यापन यह पुष्टि करने की प्रक्रिया है कि सिस्टम आवश्यकताओं में अच्छी तरह से लिखित आवश्यकताओं के सभी आवश्यक तत्व शामिल हैं। सॉफ्टवेयर विकास में सत्यापन एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि सिस्टम अपने उद्देश्यों और कार्यों को पूरा करता है।
डिजाइन से पहले, आवश्यकताओं को मान्य किया जाना चाहिए और पुन: कार्य को रोकने के लिए अनुमोदित किया जाना चाहिए। यदि मानदंड की जाँच नहीं की जाती तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण है, तो उत्पाद विकास और निर्माण प्रक्रियाओं के दौरान आवश्यकता सत्यापन और उत्पाद सत्यापन दोनों अनिवार्य रूप से किए जाएंगे। चूंकि सत्यापन आवश्यकताओं द्वारा निर्देशित होता है, इसलिए इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि दोषपूर्ण या गुमशुदा मौजूद होने पर उन्हें नहीं ढूंढा जाएगा. जो आवश्यकताएं अनुपलब्ध या गलत हैं, उनके कारण ऐसे उत्पाद हो सकते हैं जो ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करते हैं। इन मुद्दों को रोकने के लिए आवश्यकताओं को जल्दी और अक्सर सत्यापित करना अच्छा होता है।
आवश्यकता सत्यापन का महत्व:
आवश्यकताओं के सत्यापन का मुख्य लक्ष्य सिस्टम आवश्यकताओं की पूर्णता, शुद्धता और निरंतरता सुनिश्चित करना है।
यह चरण लापता आवश्यकताओं या अमान्य आवश्यकताओं को उजागर कर सकता है, पुनर्विक्रय और लागत में वृद्धि को कम कर सकता है। यह भविष्य की तुलना में किसी छोटी समस्या तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण को पहले ही हल करने के लिए कहीं अधिक प्रभावी है जब कोड की सैकड़ों पंक्तियों को ट्रैक किया जाना चाहिए और ठीक किया जाना चाहिए।
आवश्यकताओं को सत्यापित करना आवश्यक है क्योंकि यह यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि सिस्टम अपने उद्देश्यों और कार्यों को पूरा करता है। अपूर्ण, गलत या असंगत आवश्यकताएँ सॉफ़्टवेयर विकास, परीक्षण और परिनियोजन के दौरान समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।
सत्यापन और सत्यापन के बीच अंतर:
लोग अक्सर सत्यापन और सत्यापन के बीच भ्रमित हो जाते हैं। दरअसल, वे वही नहीं हैं।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट बॉडी ऑफ नॉलेज के चौथे संस्करण के अनुसार,
- मान्यता: यह आश्वासन कि कोई उत्पाद, सेवा या प्रणाली ग्राहक और अन्य पहचाने गए हितधारकों की जरूरतों को पूरा करती है। इसमें अक्सर बाहरी ग्राहकों के साथ स्वीकृति और उपयुक्तता शामिल होती है। "तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण सत्यापन के साथ विपरीत"।
- सत्यापन: कोई उत्पाद, सेवा या प्रणाली किसी विनियमन, आवश्यकता, विनिर्देश या लगाई गई शर्त का अनुपालन करती है या नहीं, इसका मूल्यांकन। यह अक्सर एक आंतरिक प्रक्रिया होती है। "सत्यापन के साथ विपरीत"।
सरल शब्दों में, आवश्यकता सत्यापन यह पुष्टि करने की प्रक्रिया है कि सिस्टम आवश्यकताओं में अच्छी तरह से लिखित आवश्यकताओं के सभी आवश्यक तत्व शामिल हैं। आवश्यकता सत्यापन यह पुष्टि करने की प्रक्रिया है कि सिस्टम अपने उद्देश्यों और कार्यों को पूरा करता है।
आवश्यकता सत्यापन में प्रयुक्त तकनीकें:
ऐसे कई उपकरण और तकनीकें हैं जिनका उपयोग सत्यापन प्रक्रिया में किया जा सकता है, जिसमें निरीक्षण, प्रदर्शन और परीक्षण शामिल हैं।
निरीक्षण: निरीक्षण सिस्टम आवश्यकताओं की समीक्षा है जो विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा आयोजित की जाती है। निरीक्षण का उद्देश्य आवश्यकता दस्तावेज़ में त्रुटियों, चूकों या विसंगतियों की पहचान करना है।
प्रदर्शनों: प्रदर्शनों में हितधारकों को सिस्टम की कार्यक्षमता का प्रदर्शन करना शामिल है। यह आमतौर पर प्रोटोटाइप या सॉफ्टवेयर सिमुलेशन का उपयोग करके किया जाता है।
टेस्ट: टेस्ट का उपयोग यह सत्यापित करने के लिए किया जाता है कि सिस्टम अपनी कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूरा करता है। कार्यात्मक परीक्षण में ब्लैक-बॉक्स परीक्षण, व्हाइट-बॉक्स परीक्षण और प्रतिगमन परीक्षण शामिल हैं।
आईटी टूल्स - क्यूआर, ऐप, पोर्टल
BEE का उद्देश्य स्टार लेबल को प्रस्तुत करने की वर्तमान प्रणाली में QR कोड को लागू तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण करना है। एक उपकरण पर स्टार लेबल एक उपभोक्ता को एक उपकरण के प्रदर्शन को जानने में सक्षम बनाता है, अंततः उपभोक्ता को खरीद के समय लागत और ऊर्जा की बचत क्षमता पर सूचित निर्णय लेने में मदद करता है। एस एंड एल योजना के तहत हर उपकरण पर यूनीक क्यूआर कोड को अपनाने के साथ, बीईई बाजार में उपयोग किए जाने वाले लेबल की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना चाहता है, ताकि उपभोक्ता को पुनः प्राप्त करने और तकनीकी विशेषताओं को प्रदर्शित करने और सत्यापित करने के लिए उपभोक्ता को सशक्त बनाने के लिए स्टार लेबल का दुरुपयोग किया जा सके स्टार लेबल पर BEE के पंजीकृत उपकरण डेटाबेस से आसानी से स्कैन या पाठ संदेश का उपयोग करके एक उपकरण पर चिपका हुआ है।
मैन्युफैक्चरर्स को बीईई स्टार लेबल वाले प्रत्येक उपकरण के लिए क्यूआर कोड को लागू करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, क्यूआर कोड इको-सिस्टम को अपनाने से भारतीय उपकरण बाजार परिदृश्य की एक प्रासंगिक तस्वीर को चित्रित किया जाना चाहिए, क्यूआर कोड की मदद से संबंधित आपूर्ति श्रृंखलाओं में विभिन्न चरणों में उपकरणों की विभिन्न श्रेणियों में बिक्री को ट्रैक करके। इसके अलावा, यह उम्मीद की जाती है कि यह QR कोड आधारित इको-सिस्टम निर्माताओं / वितरकों / खुदरा विक्रेताओं को सक्षम करेगा, सीधे BEE डेटाबेस में मौजूदा BEE स्टार लेबल मोबाइल ऐप की मदद से उपकरणों की बिक्री लॉग ऑन करें। बीईई का उद्देश्य बीईई लेबल के विरोधी नकली को अपनाने और लागू करने और उपकरण की बिक्री पर कब्जा करने के लिए एक असफल-प्रूफ तरीके के रूप में क्यूआर कोड को तैनात करना है।
मापन तथा मूल्यांकन की तकनीक | Techniques of Measurement and Evaluation in Hindi
अवलोकन तकनीक से अभिप्राय किसी व्यक्ति के व्यवहार को देखकर या अवलोकित करके उसके व्यवहार का मापन करने की प्राविधि से है। अवलोकन को व्यवस्थित एवं औपचारिक बनाने के लिए अवलोकन कर्ता चैक लिस्ट, अवलोकन चार्ट, मापनी परीक्षण, ऐनकडोटल अभिलेख आदि उपकरणों का प्रयोग कर सकता है। स्पष्ट है कि अवलोकन एक तकनीक के रूप में अधिक व्यापक है जबकि एक उपकरण के रूप में इसका क्षेत्र सीमित रहता है।
(2) स्व- आख्या तकनीक (Self-Report Technique)
स्व-आख्या तकनीक में मापे जा तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण रहे व्यक्ति से ही उसके व्यवहार के सम्वन्ध में जानकारी पूछी जाती है। इसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि व्यक्ति तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण अपने बारे में स्वयं ही सूचना देता है. जिसके आधार पर उसके गुणों को अभिव्यक्त किया जाता है। स्पष्ट है कि इस तकनीक में इस वात का मापन नहीं होता है कि व्यक्ति के क्या गुण है बल्कि इस बात का मापन होता है कि व्यक्ति किन गुणों को स्वयं में होना बताता है। यह तकनीक सामाजिक वांछनीयता (Social desirability) से प्रभावित परिणाम देती है। व्यक्ति तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण सामाजिक रूप से वांछनीय गुणों को ही स्वयं में बताता है तथा अवांछनीय गुणों को छिपा लेता है। प्रश्नावली, साक्षात्कार, अभिवृत्ति मापनी इस तकनीक के लिए प्रयोग में आने वाले कुछ उपकरण हैं।
परीक्षण तकनीक में व्यक्ति को किन्हीं ऐसी परिस्थिति में रखा जाता है जो उसके वास्तविक व्यवहार या गुणों को ग्रकट कंर दे। मापनकर्ता व्यक्ति के सम्मुख- कुछ परिस्थितियाँ या समस्यावें रखता है तथा उन पर व्यक्ति के द्वारा की गई प्रतिक्रिया के आधार पर. उसके गुणों की नात्रा का निर्धारणं करता है। विभिन्न प्रकार के परीक्षण जैसे सम्प्राप्ति परीक्षण, बुद्धि परीक्षण, निदानात्मक परीक्षणं, अभिरुचि परीक्षण, मूल्य परीक्षण आदि इस तकनीक के उदाहरण हैं।
(4) समाजमितिय तकनीक (Stoichiometric Technique)
समाजमिति तकनीक सामाजिक सम्बन्धों, समायोजन व अन्तर्क्रिया के मापन में काम आती है। इस तकनीके में व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से किस प्रकार के सम्बन्ध रखता है तथा अन्य व्यक्ति उससे कैसे सम्बन्ध रखते हैं, जैसे प्रश्नों पर उनके द्वारा दिये गये प्रत्युत्तरों का विश्लेषण किया जाता है। सामाजिक गतिशीलता (Social dynamics) के मापन के लिए यह सर्वोत्तम तकनीक है।
प्रक्षेपीय तकनीक में व्यक्ति के सम्मुख किसी असंरचित (Unstructured) उद्दीपन को प्रस्तुत किया आता है तथा व्यक्ति उस पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। इस तकनीक की मान्यता है कि व्यक्ति अपनी पसंद, नापसन्द, विचार, दुष्टिकोण, आवश्यकता, आदि को अपनी प्रतिक्रिया में आरोपित कर देता है जिनका विश्लेषण करके व्यक्ति के गणों को जाना जा सकता है। रोशा का मसि लक्ष्य परीक्षण, टी०ए०टी०, शब्द साहचर्य परीक्षण, पर्ति परीक्षण इस तकनीक के प्रयोग के कुछ प्रसिद्ध उदाहरण है।
मापन तथा मूल्यांकन की तकनीक | Techniques of Measurement and Evaluation in Hindi
अवलोकन तकनीक से अभिप्राय किसी व्यक्ति के व्यवहार को देखकर या अवलोकित करके उसके व्यवहार का मापन करने की प्राविधि से है। अवलोकन को व्यवस्थित एवं औपचारिक बनाने के लिए अवलोकन कर्ता चैक लिस्ट, अवलोकन चार्ट, मापनी परीक्षण, ऐनकडोटल अभिलेख आदि उपकरणों का प्रयोग कर सकता है। स्पष्ट है कि अवलोकन एक तकनीक के रूप में अधिक व्यापक है जबकि एक उपकरण के रूप में इसका क्षेत्र सीमित रहता है।
(2) स्व- आख्या तकनीक (Self-Report Technique)
स्व-आख्या तकनीक में मापे जा रहे व्यक्ति से ही उसके व्यवहार के सम्वन्ध में जानकारी पूछी जाती है। इसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि व्यक्ति अपने बारे में स्वयं ही सूचना देता है. जिसके आधार पर उसके गुणों को अभिव्यक्त किया जाता है। स्पष्ट है कि इस तकनीक में इस वात का मापन नहीं होता है कि व्यक्ति के क्या गुण है बल्कि इस बात का मापन होता है कि व्यक्ति किन गुणों को स्वयं में होना बताता है। यह तकनीक सामाजिक वांछनीयता (Social desirability) से प्रभावित परिणाम देती है। व्यक्ति सामाजिक रूप से वांछनीय गुणों को ही स्वयं में बताता है तथा अवांछनीय गुणों को छिपा लेता है। प्रश्नावली, साक्षात्कार, अभिवृत्ति मापनी इस तकनीक के लिए प्रयोग में आने वाले कुछ उपकरण हैं।
परीक्षण तकनीक में व्यक्ति को किन्हीं ऐसी परिस्थिति में रखा जाता है जो उसके वास्तविक व्यवहार या गुणों को ग्रकट कंर दे। मापनकर्ता व्यक्ति तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण के सम्मुख- कुछ परिस्थितियाँ या समस्यावें रखता है तथा उन पर व्यक्ति के द्वारा की गई प्रतिक्रिया के आधार पर. उसके गुणों की नात्रा का निर्धारणं करता है। विभिन्न प्रकार के परीक्षण जैसे सम्प्राप्ति परीक्षण, बुद्धि परीक्षण, निदानात्मक परीक्षणं, अभिरुचि परीक्षण, मूल्य परीक्षण आदि इस तकनीक के उदाहरण हैं।
(4) समाजमितिय तकनीक (Stoichiometric Technique)
समाजमिति तकनीक सामाजिक सम्बन्धों, समायोजन व अन्तर्क्रिया के मापन में काम आती है। इस तकनीके में व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से किस प्रकार के सम्बन्ध रखता है तथा अन्य व्यक्ति उससे कैसे सम्बन्ध रखते हैं, जैसे प्रश्नों पर उनके द्वारा दिये गये प्रत्युत्तरों का विश्लेषण किया जाता है। सामाजिक गतिशीलता (Social dynamics) के मापन के लिए यह सर्वोत्तम तकनीक है।
प्रक्षेपीय तकनीक में व्यक्ति के सम्मुख किसी असंरचित (Unstructured) उद्दीपन को प्रस्तुत किया आता है तथा व्यक्ति उस पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। इस तकनीक की मान्यता है कि व्यक्ति अपनी पसंद, नापसन्द, विचार, दुष्टिकोण, आवश्यकता, आदि को अपनी प्रतिक्रिया में आरोपित कर देता है जिनका विश्लेषण करके व्यक्ति के गणों को जाना जा सकता है। रोशा का मसि लक्ष्य परीक्षण, टी०ए०टी०, शब्द साहचर्य परीक्षण, पर्ति परीक्षण इस तकनीक के प्रयोग के कुछ प्रसिद्ध उदाहरण है।
मापन तथा मूल्यांकन की तकनीक | Techniques of Measurement and Evaluation in Hindi
अवलोकन तकनीक से अभिप्राय किसी व्यक्ति के व्यवहार को देखकर या अवलोकित करके उसके व्यवहार का मापन करने की प्राविधि से है। अवलोकन को व्यवस्थित एवं औपचारिक बनाने के लिए अवलोकन कर्ता चैक लिस्ट, अवलोकन चार्ट, मापनी परीक्षण, ऐनकडोटल अभिलेख आदि उपकरणों का प्रयोग कर सकता है। स्पष्ट है कि अवलोकन एक तकनीक के रूप में अधिक व्यापक है जबकि एक उपकरण के रूप में इसका क्षेत्र सीमित रहता है।
(2) स्व- आख्या तकनीक (Self-Report Technique)
स्व-आख्या तकनीक में मापे जा रहे व्यक्ति से ही उसके व्यवहार के सम्वन्ध में जानकारी पूछी जाती है। इसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि व्यक्ति अपने बारे में स्वयं ही सूचना देता है. जिसके आधार पर उसके गुणों को अभिव्यक्त किया जाता है। स्पष्ट है कि इस तकनीक में इस वात का मापन नहीं होता है कि व्यक्ति के क्या गुण है बल्कि इस बात का मापन होता है कि व्यक्ति किन गुणों को स्वयं में होना बताता है। यह तकनीक सामाजिक वांछनीयता (Social desirability) से प्रभावित परिणाम देती है। व्यक्ति सामाजिक रूप से वांछनीय गुणों को ही स्वयं में बताता है तथा अवांछनीय गुणों को छिपा लेता है। प्रश्नावली, साक्षात्कार, अभिवृत्ति मापनी इस तकनीक के लिए प्रयोग में आने वाले कुछ उपकरण हैं।
परीक्षण तकनीक में व्यक्ति को किन्हीं ऐसी परिस्थिति में रखा जाता है जो उसके वास्तविक व्यवहार या गुणों को ग्रकट कंर दे। मापनकर्ता व्यक्ति के सम्मुख- कुछ परिस्थितियाँ या समस्यावें रखता है तथा उन पर व्यक्ति के द्वारा की गई प्रतिक्रिया के आधार पर. उसके गुणों की नात्रा का निर्धारणं करता है। विभिन्न प्रकार के परीक्षण जैसे सम्प्राप्ति तकनीकी विश्लेषण के लिए प्रयुक्त उपकरण परीक्षण, बुद्धि परीक्षण, निदानात्मक परीक्षणं, अभिरुचि परीक्षण, मूल्य परीक्षण आदि इस तकनीक के उदाहरण हैं।
(4) समाजमितिय तकनीक (Stoichiometric Technique)
समाजमिति तकनीक सामाजिक सम्बन्धों, समायोजन व अन्तर्क्रिया के मापन में काम आती है। इस तकनीके में व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से किस प्रकार के सम्बन्ध रखता है तथा अन्य व्यक्ति उससे कैसे सम्बन्ध रखते हैं, जैसे प्रश्नों पर उनके द्वारा दिये गये प्रत्युत्तरों का विश्लेषण किया जाता है। सामाजिक गतिशीलता (Social dynamics) के मापन के लिए यह सर्वोत्तम तकनीक है।
प्रक्षेपीय तकनीक में व्यक्ति के सम्मुख किसी असंरचित (Unstructured) उद्दीपन को प्रस्तुत किया आता है तथा व्यक्ति उस पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। इस तकनीक की मान्यता है कि व्यक्ति अपनी पसंद, नापसन्द, विचार, दुष्टिकोण, आवश्यकता, आदि को अपनी प्रतिक्रिया में आरोपित कर देता है जिनका विश्लेषण करके व्यक्ति के गणों को जाना जा सकता है। रोशा का मसि लक्ष्य परीक्षण, टी०ए०टी०, शब्द साहचर्य परीक्षण, पर्ति परीक्षण इस तकनीक के प्रयोग के कुछ प्रसिद्ध उदाहरण है।