व्यापारियों की राय के आधार पर रेटिंग

हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल का आईपीओ 14 सितंबर को खुलने के बाद सब्सक्राइब करने के लिए 16 सितंबर तक उपलब्ध रहा. प्रीसिजन बियरिंग केज बनाने वाली इस कंपनी के आईपीओ में 455 करोड़ रुपये का फ्रेश इक्विटी शेयर्स इश्यू और मौजूदा शेयरधारकों के 300 करोड़ रुपये तक के शेयरों का ऑफर फोर सेल शामिल थे. ऑफर फोर सेल के तहत कंपनी के प्रमोटर व प्रमोटर ग्रुप्स राजेंद्र शाह, हरीश रंगवाला, पिलाक शाह, चारूशीला रंगवालाऔर निर्मला शाह के शेयर बेचे गए. साल 2010 में स्थापित यह कंपनी रेवेन्यू के आधार पर अपने सेगमेंट में अव्वल है.
Bitcoin Formula
Bitcoin Formula बिटकॉइन फॉर्मूला एक स्वचालित बिटकॉइन ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर है जो नौसिखिए व्यापारियों को न्यूनतम निवेश के साथ हजारों यूरो कमाने में मदद करता है। यह प्लेटफ़ॉर्म लगभग तुरंत क्रिप्टोक्यूरेंसी बाज़ार का विश्लेषण करता है,
और इसके तुरंत बाद संबंधित मापदंडों में लेनदेन करता है। बिटकॉइन फॉर्मूला बीटीसी को डिजिटल विलेयस जैसे कि एक्सआरपी, एलटीसी, ईटीएच, बीसीएच के साथ ट्रेड करता है। इसके साथ ही, BTC / USD, BTC / GBP, BTC / EUR के साथ प्रवेश प्रदान किया जाता है।
यह घोटाला है या वैध?
मेरे व्यक्तिगत अनुभव और ग्राहक समीक्षाओं के आधार पर, मेरा मानना है कि Bitcoin Formula कोई घोटाला नहीं है
बिटकॉइन फॉर्मूला बाजार पर शोध करने और विभिन्न जीतने वाले एक्सचेंजों को खोजने के लिए एल्गोरिदम तकनीकों पर आधारित एक विश्वसनीय सॉफ्टवेयर है। यह विधि काफी लोकप्रिय है, और उपयोगकर्ताओं को एक अविनाशी आय लाता है, न्यूनतम समय और प्रयास ले रहा है। इस प्रणाली के बारे में अधिकांश राय सकारात्मक हैं। बिटकॉइन फॉर्मूला 95% निश्चित सफलता की गारंटी देता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन व्यापारियों की राय के आधार पर रेटिंग लोगों के साथ जुड़ना बेहतर नहीं है जो केवल लाभ का वादा करते हैं और नुकसान के जोखिमों के बारे में बात नहीं करते हैं।
सेवा का नाम | Bitcoin Formula |
---|---|
आधिकारिक साइट | www.Bitcoin Formula.in |
डेमो अकाउंट | नि: शुल्क |
खाता मुद्राएं | रुपया, डॉलर |
तक लाभप्रदता | 85% |
अंतरफलक भाषा | हिंदी, अंग्रेजी |
देशों में उपलब्ध | भारत |
निर्देश हिंदी में: कैसे उपयोग करें?
पहला चरण पंजीकरण है, यहां आपको अपना व्यक्तिगत डेटा साइट पर भेजने की आवश्यकता है: नाम, फोन नंबर, ईमेल पता। अगला, आपको अपने खाते की सुरक्षा के लिए एक मजबूत पासवर्ड बनाने की आवश्यकता है। प्रारंभिक जमा करने के बाद (यह केवल उस राशि को दर्ज करने की सिफारिश की जाती है जिसे आप अभी खर्च कर सकते हैं) व्यापारियों को एक डेमो खाते का उपयोग करके प्लेटफ़ॉर्म का विचार मिलता है। आवेदन जमा करने से पहले ऐसा नहीं किया जा सकता है। बिटकॉइन फॉर्मूला अपने ग्राहकों को मंच का उपयोग करने की क्षमता प्रदान करता है, ताकि वे चाहें तो सभी लेनदेन को नियंत्रित कर सकें।
बिटकॉइन फॉर्मूला आईटी इंजीनियरों और क्रिप्टोक्यूरेंसी विशेषज्ञों द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर है। यह प्रणाली लाभदायक ट्रेडों को स्वचालित रूप से रखने के लिए परिष्कृत कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करती है। ट्रेडिंग ट्रेडिंग का संचालन करने और इसे निष्पादित करने के लिए सिस्टम एआई का उपयोग करता है। यह तकनीक कार्य के तेजी से निष्पादन और स्पष्टता की गारंटी देती है।
Harsha Engineers IPO: तगड़ी कमाई करेंगे इस आईपीओ के इन्वेस्टर्स, 50% प्रीमियम पर लिस्टिंग की उम्मीद
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 26 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 26 सितंबर 2022, 8:32 AM IST)
घरेलू आईपीओ बाजार (IPO Market) में फिर से बहार आने लगी है. पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान दो हिट आईपीओ के बाद अब इन्वेस्टर्स को एक और बढ़िया मौका मिल रहा है. प्रीसिजन बियरिंग बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल (Harsha Engineers International) के आईपीओ को भी बाजार में जबदरस्त रिस्पॉन्स मिला है. अहमदाबाद बेस्ड इस कंपनी के आईपीओ (Harsha Engineers International IPO) को 74.40 गुना सब्सक्राइब किया गया है. ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम (Harsha Engineers International IPO GMP) भी जबरदस्त है. ऐसे में इस आईपीओ में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स को आज लिस्टिंग के दिन तगड़ी कमाई हो सकती है.
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पहले भी कर चुकी है मार्केट में आने का प्रयास
यह शेयर मार्केट में उतरने का हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल का दूसरा प्रयास है. कंपनी इससे पहले साल 2018 में भी बाजार में उतरने का प्रयास कर चुकी है. तब कंपनी ने अगस्त 2018 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) के समक्ष आईपीओ का ड्राफ्ट फाइल किया व्यापारियों की राय के आधार पर रेटिंग था. हालांकि उसी समय आईएलएंडएफएस संकट (IL&FS Crisis) उत्पन्न हो जाने के कारण हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल को आईपीओ का अपना प्लान टालना पड़ गया था. उस संकट ने भारतीय नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) सेक्टर को तबाह कर दिया था.
हर कैटेगरी में जबरदस्त रिस्पॉन्स
हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल ने आईपीओ के लिए 314 से 330 रुपये का प्राइस बैंड तय किया था. इस आईपीओ का साइज 755 करोड़ रुपये है. इसमें से 50 फीसदी हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व था, जिसे 178.26 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए इस आईपीओ में 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया था. इस कैटेगरी में 17.63 गुना सब्स्क्राइब किया गया. बाकी की 15 फीसदी हिस्सेदारी नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए था, जिसे 71.32 गुना सब्सक्राइब किया गया.
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और इसके तुरंत व्यापारियों की राय के आधार पर रेटिंग बाद संबंधित मापदंडों में लेनदेन करता है। बिटकॉइन फॉर्मूला बीटीसी को डिजिटल विलेयस जैसे कि एक्सआरपी, एलटीसी, ईटीएच, बीसीएच के साथ ट्रेड करता है। इसके साथ ही, BTC / USD, BTC / GBP, BTC / EUR के साथ प्रवेश प्रदान किया जाता है।
यह घोटाला है या वैध?
मेरे व्यक्तिगत अनुभव और ग्राहक समीक्षाओं के आधार पर, मेरा मानना है कि Bitcoin Formula कोई घोटाला नहीं है
बिटकॉइन फॉर्मूला बाजार पर शोध करने और विभिन्न जीतने वाले एक्सचेंजों को खोजने के लिए एल्गोरिदम तकनीकों पर आधारित एक विश्वसनीय सॉफ्टवेयर है। यह विधि काफी लोकप्रिय है, और उपयोगकर्ताओं को एक अविनाशी आय लाता है, न्यूनतम समय और प्रयास ले रहा है। इस प्रणाली के बारे में अधिकांश राय सकारात्मक हैं। बिटकॉइन फॉर्मूला 95% निश्चित सफलता की गारंटी देता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन लोगों के साथ जुड़ना बेहतर नहीं है जो केवल लाभ का वादा करते हैं और नुकसान के जोखिमों के बारे में बात नहीं करते हैं।
सेवा का नाम | Bitcoin Formula |
---|---|
आधिकारिक साइट | www.Bitcoin Formula.in |
डेमो अकाउंट | नि: शुल्क |
खाता मुद्राएं | रुपया, डॉलर |
तक लाभप्रदता | 85% |
अंतरफलक भाषा | हिंदी, अंग्रेजी |
देशों में उपलब्ध | भारत |
निर्देश हिंदी में: कैसे उपयोग करें?
पहला चरण पंजीकरण है, यहां आपको अपना व्यक्तिगत डेटा साइट पर भेजने की आवश्यकता है: नाम, फोन नंबर, ईमेल पता। अगला, आपको अपने खाते की सुरक्षा के लिए एक मजबूत पासवर्ड बनाने की आवश्यकता है। प्रारंभिक जमा करने के बाद (यह केवल उस राशि को दर्ज करने की सिफारिश की जाती है जिसे आप अभी खर्च कर सकते हैं) व्यापारियों को एक डेमो खाते का उपयोग करके प्लेटफ़ॉर्म का विचार मिलता है। आवेदन जमा करने से पहले ऐसा नहीं किया जा सकता है। बिटकॉइन फॉर्मूला अपने ग्राहकों को मंच का उपयोग करने की क्षमता प्रदान करता है, ताकि वे चाहें तो सभी लेनदेन को नियंत्रित कर सकें।
बिटकॉइन फॉर्मूला आईटी इंजीनियरों और क्रिप्टोक्यूरेंसी विशेषज्ञों द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर है। यह प्रणाली लाभदायक ट्रेडों को स्वचालित रूप से रखने के लिए परिष्कृत कंप्यूटर एल्गोरिदम का उपयोग करती है। ट्रेडिंग ट्रेडिंग का संचालन करने और इसे निष्पादित करने के लिए सिस्टम एआई का उपयोग करता है। यह तकनीक कार्य के तेजी से निष्पादन और स्पष्टता की गारंटी देती है।
Harsha Engineers IPO: तगड़ी कमाई करेंगे इस आईपीओ के इन्वेस्टर्स, 50% प्रीमियम पर लिस्टिंग की उम्मीद
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 26 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 26 सितंबर 2022, 8:32 AM IST)
घरेलू आईपीओ बाजार (IPO Market) में फिर से बहार आने लगी है. पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान दो हिट आईपीओ के बाद अब इन्वेस्टर्स को एक और बढ़िया मौका मिल रहा है. प्रीसिजन बियरिंग बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल (Harsha Engineers International) के आईपीओ को भी बाजार में जबदरस्त रिस्पॉन्स मिला है. अहमदाबाद बेस्ड इस कंपनी के आईपीओ (Harsha Engineers International IPO) को 74.40 गुना सब्सक्राइब किया गया है. ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम (Harsha Engineers International IPO GMP) भी जबरदस्त है. ऐसे में इस आईपीओ में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स को आज लिस्टिंग के दिन तगड़ी कमाई हो सकती है.
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30 हजार लगाकर करोड़पति बने लोग, 3 रुपये वाला स्टॉक 1200 पार
किस शेयर से बनेगा पैसा? एक्सपर्ट ने सुझाए ये 5 स्टॉक्स
IT स्टॉक्स में कहां लगाएं पैसे? Infosys, TCS या HCL Tech, जानें- एक्सपर्ट कमेंट
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11 रुपये वाला शेयर 86000 के पार, जानिए MRF क्यों है भारत का सबसे महंगा स्टॉक!
सम्बंधित ख़बरें
पहले भी कर चुकी है मार्केट में आने का प्रयास
यह शेयर मार्केट में उतरने का हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल का दूसरा प्रयास है. कंपनी इससे पहले साल 2018 में भी बाजार में उतरने का प्रयास कर चुकी है. तब कंपनी ने अगस्त 2018 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) के समक्ष आईपीओ का ड्राफ्ट फाइल किया था. हालांकि उसी समय आईएलएंडएफएस संकट (IL&FS Crisis) उत्पन्न हो जाने के कारण हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल को आईपीओ का अपना प्लान टालना पड़ गया था. उस संकट ने भारतीय नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) सेक्टर को तबाह कर दिया था.
हर कैटेगरी में जबरदस्त रिस्पॉन्स
हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल ने आईपीओ के लिए 314 से 330 रुपये का प्राइस बैंड तय किया था. इस आईपीओ का साइज 755 करोड़ रुपये है. इसमें से 50 फीसदी हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व था, जिसे 178.26 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए इस आईपीओ में 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया था. इस कैटेगरी में 17.63 गुना सब्स्क्राइब किया गया. बाकी की 15 फीसदी हिस्सेदारी नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए था, जिसे 71.32 गुना सब्सक्राइब किया गया.
जीडीपी का आकलन कैसे
भारत में सरकारी संस्था सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफ़िस (सीएसओ) साल में चार बार जीडीपी का आकलन करता है, यानी हर तिमाही में जीडीपी का आकलन होता है।
अर्थशास्त्रिों की राय है कि भारत जैसे विकासशील लेकिन कम आमदनी वाले देश के लिए साल दर साल अधिक जीडीपी वृद्धि हासिल करना ज़रूरी है ताकि बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। जीडीपी से एक तय अवधि में देश के आर्थिक विकास और उसकी सालाना वृद्धि का पता चलता है।
चार घटक
- पहला घटक 'कंजम्पशन एक्सपेंडिचर' यानी खपत पर होने वाला खर्च है। यह सामानों और सेवाओं पर होने वाला कुल ख़र्च होता है।
- दूसरा, सरकारी खर्च।
- तीसरा, निवेश पर होने वाला खर्च
- चौथा कुल निर्यात। कुल निर्यात का मतलब है कि निर्यात से आयात घटाने के बाद क्या बचता है। जीडीपी का आकलन नोमिनल और रीयल टर्म में होता है। नॉमिनल टर्म्स में यह सभी वस्तुओं और सेवाओं की मौजूदा क़ीमतों पर वैल्यू है।
एक मूल आधार साल होता है जिस पर बाद के सारे आकलन किए जाते हैं, इसे बेस ईयर कहते हैं। व्यापारियों की राय के आधार पर रेटिंग जब इस बेस ईयर के साथ महंगाई को एडजस्ट किया जाता है, तो हमें रीयल जीडीपी मिलती है। रीयल जीडीपी का मतलब होता है वास्तविक विकास, क्योंकि यह विकास से महंगाई को घटाने के बाद मिलता है।
जीडीपी के आँकड़े आठ सेक्टरों के कामकाज से इकट्ठा किया जाता है।
आम जनता के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार अपने तमाम वित्तीय व वाणिज्यिक फ़ैसले इसी आधार पर लेती है और तमाम नीतियाँ इसी पर बनाती है। अगर जीडीपी बढ़ रही है, तो इसका मतलब यह है कि देश की आर्थिक गतिविधियाँ पहले से बेहतर रहीं यानी देश में आर्थिक तरक्की हो रही है।
अगर जीडीपी सुस्त हो रही है या निगेटिव दायरे में जा रही है, तो इसका मतलब है कि आर्थिक गतिविधियाँ पहले से बदतर हुई हैं, सरकार की नीतियोें में कुछ गड़बड़ है और उसे उन पर विचार कर उन्हें ठीक व्यापारियों की राय के आधार पर रेटिंग करना चाहिए।
उद्योग जगत, व्यापारियों, पूंजी बाज़ार के लोगों, बैंक व वित्तीय संस्थानों और घरेलू व विदेशी निवेशकों, सब पर इसका असर पड़ता है और इसलिए ये सभी जीडीपी पर नज़र टिकाए रहते हैं।
जीडीपी बढ़ने पर ही विदेश निवेशक आते हैं, या नया कामकाज शुरू करते हैं। इसी आधार पर सरकार या निजी कंपनियों को किसी तरह का बाहरी क़र्ज़ या वित्तीय सहायता मिलती है।