वर्चुअल मनी

अपनी रैली में जनता से समर्थन की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "5 साल में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को इन हालातों से उबारा है। पश्चिमी यूपी की जनता कभी नहीं भूल सकती कि जब यह इलाका दंगों की आग में जल रहा था, तब पिछली सरकार जश्न मना रही थी। 5 साल पहले- गरीबों, दलितों, पिछड़ों का मकान-जमीन-दुकान समाजवाद का प्रतीक था। आए दिन लोगों के पलायन की खबरें आती रहती थीं।"
जानें क्या है डिजिटल मनी! : डॉ अतुल गोयल
झांसी। डिजिटल मनी, केन्द्र सरकार के 22-23 के बजट का सबसे चर्चित शब्द रहा। परम्परागत मुद्रा, किसी केन्द्रीय बैंक या सरकारी एजेंसी द्वारा जारी की जाती हैं, एवं क़ानून एवं संविधान के द्वारा संरक्षित होती हैं। इसके विपरीत बिटक्वाइन, इथेरियम, लाइटक्वाइन, कारडेनो इत्यादि को केवल सौदा करने बाले मान्यता देते हैं। इस डिजिटल या वर्चुअल मनी को सीमित प्रयोग के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इनकी क़ीमतें माँग व पूर्ति के द्वारा परिवर्तित होती हैं। इस मुद्रा को तिजोरी में नहीं बल्कि ब्लॉक चेन में डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाता है और क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकी से इनका विनिमय किया जाता है।
आग और पहिए के बाद मुद्रा की खोज, इंसान की तीसरी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। यह मुद्रा ही है जिसने हवाई जहाज़, दूरसंचार, वातानुकूलन, रत्न, आभूषण इत्यादि ऐशो-आराम और राजसी वैभव की वस्तुओं को आम जनता के लिए सुलभ बना दिया है।
मुद्रा की अनुपस्थिति में सम्पत्ति अधिकार ताक़त के द्वारा निर्धारित होते थे। राजा और सेना के हाथों में सम्पत्ति केन्द्रित होती थी। सम्पत्ति के निर्माण से अधिक उसके छीनने में रुचि होती थी। हमेशा युद्ध होते रहते थे, इंसानी अस्तित्व पर संकट बना रहता था।
“मुद्रा” ने उत्पादन को तार्किक एवं प्रगतिशील बनाया. लोगों को अविष्कार करने, नयी-नयी वस्तुओं का निर्माण करने और उनकी बिक्री करने में रुचि उत्पन्न हुई। वैज्ञानिक अनुसंधान के व्यवसायिक प्रयोग सुनिश्चित हुए।
मौद्रिक विनिमय का अर्थ है कि वस्तु अथवा सेवा का क्रय एवं विक्रय, मुद्रा के माध्यम से किया जाए। भारतीय अर्थव्यवस्था, बमुश्किल चालीस-पचास साल पहले पर्याप्त मौद्रिक हुई है, पूर्ण मौद्रिक तो कोई भी अर्थव्यवस्था नहीं है।
मुद्रा के वर्तमान वर्चुअल मनी स्वरूप से इंसान संतुष्ट नहीं है. वर्तमान मौद्रिक प्रणाली की अनेकों कमियाँ हैं। मुद्रा ने सापेक्ष ग़रीबी उत्पन्न की। मुद्रा ने लालच, भय और भ्रष्टाचार उत्पन्न किया। मुद्रा ने चोरी, लूट और ठगी सम्भव की मुद्रा ने शोषण और पाप उत्पन्न किया।
कम्प्यूटर आधारित तकनीकी के कारण आज मुद्रा को छापने और उसके रख-रखाव तथा आदान प्रदान का खर्च बचाया जा सकता है। मुद्रा की प्रत्येक इकाई का लेखा जोखा होने के कारण, मुद्रा के बहुत से दोषों का निस्तारण हो जाएगा।
मुद्रा का सबसे बड़ा दोष- पूँजीपतियों का वर्चस्व, शोषण, ग़रीबी और वित्त बाज़ार का उदय है। इन दोषों का समाधान, डिजिटल या अन्य वर्चुअल करेंसी में भी नहीं है।
मुद्रा का वर्तमान स्वरूप “लीगल टेंडर मनी” या एक वचन पत्र कहा जाता है। करेंसी की किसी भी इकाई पर उसके बराबर मूल्य प्रदान करने का वचन दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर दो हज़ार के नोट पर देश का मौद्रिक अधिकारी जो कि रिज़र्व बैंक का गवर्नर है, यह वचन देता है कि वह धारक को दो-हजार के बराबर मूल्य प्रदान करेगा। वर्तमान में यही मौद्रिक प्रणाली, सभी देशों में लागू है। सभी वस्तुओं के मूल्य मुद्रा में मापे जाते हैं लेकिन वस्तुओं के सापेक्ष मूल्य असमान तरीक़े से घटते-बड़ते हैं। मुद्रास्फीति एक ऐसा डकैत है जो ग़रीबों की सम्पूर्ण जमा पूँजी को कुछ ही घंटों में समाप्त कर सकता है। उदाहरण के तौर पर आज जिन पैसों से आप अपनी पत्नी के लिए गले का सुंदर हार बनवा सकते हैं, सम्भव है कि दो साल बाद उन पैसों से आप उसके लिए एक अंगूठी भी न ख़रीद सकें।
मौद्रिक अधिकारी द्वारा, मुद्रा की इकाई के बदले मौद्रिक मूल्य की अपेक्षा यदि विनिमय मूल्य या कमोडिटी मूल्य चुकाने का भरोसा दिया जाए तो मुद्रा के समस्त दोष समाप्त हो जाएँगें।
इस कार्य में अत्यधिक व्यवहारिक कठिनाइयाँ तो हैं ही, इच्छा शक्ति की कमी भी है। क़ीमतों में दृढ़ता के लाभ हैं पर नुक़सान भी मुमकिन है। डिजिटल और वर्चुअल करेंसी से आगे, कमोडिटी मूल्य में वर्णित यह अगली पीढ़ी की मुद्रा (नेक्स्ट जेनरेशन मनी) होगी। इस मुद्रा में धारक को लिखी गयी मात्रा में धातु देने का वचन दिया जाएगा।
मुद्रा को धातु की मात्रा में वर्णित करना, नया और अनोखा नहीं है। मुद्रा को धातु में वर्णित करना स्वर्णमान कहलाता है। प्रारम्भ में मुद्रा को स्वर्ण के मूल्य में ही परिभाषित किया जाता था लेकिन बैंकिंग सिस्टम अविकसित होने के कारण वह अनुपयुक्त समझा गया था।
नेक्स्ट जेनरेशन मनी के पश्चात ही मनुष्य तरक़्क़ी का वह मुक़ाम हासिल कर सकेगा जिसकी कल्पना साइंस फ़िक्शन मूवीज़ में की जाती है।
UP Election: चुनाव से पहले PM Modi ने पहली वर्चुअल रैली को किया संबोधित, पिछली सरकारों पर बोला हमला
Modi Virtual Rally in UP: आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भाजपा की पहली वर्चुअल रैली को संबोधित वर्चुअल मनी किया
Modi Virtual Rally in UP: आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भाजपा की पहली वर्चुअल रैली को संबोधित किया और पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए अपराध को लेकर अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। पीएम ने यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना करते हुए उनके पहल और विकास कार्यों पर जोर दिया। विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में वर्चुअली रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने यूपी में दोबारा बीजेपी सरकार बनने को लेकर भरोसा जताया।
यूपी विधानसभा के मद्देनजर आज पीएम ने जन चौपाल कार्यक्रम के माध्यम से यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर और गौतमबुद्ध नगर के मतदाताओं को संबोधित किया है।
उत्तर प्रदेश के लिए अपनी पहली वर्चुअल रैली में पीएम मोदी ने कहा, "5 साल पहले यूपी के बारे में जो चर्चा हुई थी, उसे कोई नहीं भूल सकता? 5 साल पहले - 'दबंग' और दंगाइयों का कानून था, सरकार का आदेश कहां था। 5 सालों पहले-व्यापारी लूटते थे, बेटियां घर से बाहर निकलने से डरती थीं और सरकारी संरक्षण में माफिया खुलेआम घूमते थे।"
पीएम ने कहा कि UP में पहले की सरकार में रहने वालों ने भ्रष्टाचार और रियल एस्टेट माफिया का ऐसा गठबंधन कराया कि NCR के हजारों फ्लैट खरीदारों के जीवन भर की पूंजी लुट गई। हमारी सरकार ने इस माफिया को खत्म करने के लिए RERA कानून लागू किया।
अपनी रैली में जनता से वर्चुअल मनी समर्थन की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "5 साल में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को इन हालातों से उबारा है। पश्चिमी यूपी की जनता कभी नहीं भूल सकती कि जब यह इलाका दंगों की आग में जल रहा था, तब पिछली सरकार जश्न वर्चुअल मनी मना रही थी। 5 साल पहले- गरीबों, दलितों, पिछड़ों का मकान-जमीन-दुकान समाजवाद का प्रतीक था। आए दिन लोगों के पलायन की खबरें आती रहती थीं।"
सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, 'आजकल लोग बहुत सपने देखते हैं. जो सोते रहते हैं, सपने देखते हैं। योगी आदित्यनाथ जाग रहे हैं, यूपी के विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’'
यूपी चुनाव
आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव सात चरणों में होंगे- 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। 15,05 के साथ, मतदाता सूची में 82,750 पंजीकृत मतदाता, मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 1,74,351 कर दी गई है। कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए 11 फरवरी तक सभी फिजिकल रैलियों और रोड शो पर रोक लगा दी गई है और मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है।
अरविंद केजरीवाल का एलान- दिल्ली में शुरू होगा दुनिया का पहला वर्चुअल स्कूल
Delhi Model Virtual School: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कई बड़े एलान किए हैं, इनमें से जो सबसे खास और अलग घोषणा है वो है दुनिया के पहले वर्चुअल स्कूल के खुलने की। दिल्ली का या देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल आज से खोला गया है, इस स्कूल में देश का कोई भी बच्चा शिक्षा ले सकता है यानि इस स्कूल के द्वार सभी के लिए बराबरी से खुले हैं।
होंगी ऑनलाइन क्लासेस –
यूं तो वर्चुअल या ऑनलाइन क्लास का मॉडल पहली बार कोरोना के समय सामने आया जब कक्षाएं चलाने के लिए इस तरीके का उपयोग किया गया लेकिन अब इस मॉडल को दूसरे मुद्दों के साथ उतारा गया है।
इस स्कूल में क्लासेस ऑनलाइन होंगी और डिजिटल लाइब्रेरी से लेकर अन्य सभी जरूरी सुविधाएं ऑनलाइन ही उपलब्ध होंगी, वंही इसे बनाया है गूगल और इंडिया नेट प्लेटफॉर्म ने और इसमें देश भर के 13 से 18 साल के बच्चे एडमिशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
जाने क्या होंगी इस स्कूल की खासियतें –
* इस स्कूल में क्लास 12वीं के बच्चों को कापंटीटिव एग्जाम्स की तैयारी करवायी जाएगी।
* यहां स्किल ट्रेनिंग के प्रोग्राम भी चलेंगे और इस स्कूल को देश के कोने-कोने से हर बच्चा एक्सेस कर सकता है।
* ये स्कूल मुख्य तौर पर उन बच्चों के लिए है जो किसी न किसी वजह से पढ़ाई से दूर हैं।
* जैसे काम पर जाने के कारण, लड़कियां होने पर मां-बाप का उनकी पढ़ाई में रुचि न लेने के कारण, गांव में स्कूल न होने के कारण या स्कूल बहुत दूर होने के कारण।
* वजह कोई भी हो हर बच्चा यहां से अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है।
* बच्चे या तो लाइव क्लास अटेंड कर सकते हैं या रिकॉर्डिंग देख सकते हैं, जैसा उन्हें ठीक लगता है।
* ये स्कूल नौंवी से बारहवीं के लिए है लेकिन अभी केवल 9वीं क्लास के लिए आवेदन मंगाए गए हैं।
* ये स्कूल दिल्ली बोर्ड ऑफ एजुकेशन से मान्यता प्राप्त होगा।
* 13 से 18 साल का कोई भी बच्चा जिसने 8वीं पास की हो, वह आवेदन कर सकता है।
मुरादाबाद: 200 बेड की पुलिस बैरक का मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल लोकार्पण
मुरादाबाद, अमृत विचार। बुधवार को पुलिस लाइन में सिपाहियों के लिए 200 बेड की बैरक का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से वर्चुअल शुभारंभ किया। पुलिस लाइन में छह करोड़ 89 लाख रुपये की लागत से बहुमंजिला बैरक का निर्माण कराया गया था। जिसका मुख्यमंत्री ने वर्चुअल लोकार्पण किया। इसके बाद पुलिस लाइन में जिला …
मुरादाबाद, अमृत विचार। बुधवार को पुलिस लाइन में सिपाहियों के लिए 200 बेड की बैरक का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से वर्चुअल शुभारंभ किया।
पुलिस लाइन में छह करोड़ 89 लाख रुपये की लागत से बहुमंजिला बैरक का निर्माण कराया गया था। जिसका मुख्यमंत्री ने वर्चुअल लोकार्पण किया। इसके बाद पुलिस लाइन में जिला पंचायत अध्यक्ष शेफाली सिंह और शहर विधायक रितेश गुप्ता ने भी वर्चुअल मनी मैनुअल रूप से लोकार्पण किया।
इस मौके पर मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह, डीआईजी शलभ माथुर, जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह, एसपी देहात विद्यासागर मिश्रा, सीओ सिविल लाइंस डॉ अनूप सिंह और भाजपा महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र नाथ मिश्रा सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।
Cryptocurrencies: रूस ने दिया क्रिप्टोकरेंसी को तगड़ा झटका, किया इस वर्चुअल करेंसी को बैन, बताई ये वजह
Cryptocurrencies: रूस का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिग और आतंकवाद को पल्लवित करने की दिशा में किया जा सकता है। डिजिटल मुद्रा मौद्रिक प्रणालियों को कमजोर कर सकती है। इससे मौद्रिक नीति की संप्रभुता और मुद्रा की स्थिरता खतरे में आ सकती है।
January 21, 2022
नई दिल्ली। आजकल क्रिप्टोकरेंसी के दिन कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। उसकी हालत अब धोबी के उस कुत्ते की तरह होती जा रही है, जो न घर का रहने वाला है और न घाट का। अब आप कहेंगे कि भई आप ऐसा क्यों कह रहे हैं। आखिर क्रिप्टोकरेंसी से ऐसी क्या खता हो गई, तो देखिए वर्चुअल मनी खता-वता का तो नहीं पता, लेकिन कुछ लोगों को क्रिप्टो फूटी आंख नहीं सुहा रहा है। लिहाजा इन लोगों ने एकजुट होकर क्रिप्टो के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। इन्होंने तय कर लिया है कि क्रिप्टो के आयाम को किसी भी कीमत पर विस्तारित होने से रोकाना होगा। अगर इसके बढ़ते आयाम को नहीं रोका गया, तो आगामी दिनों में हमें इसके भयावह नतीजों से रूबरू होना होगा। आखिर क्रिप्टो के बढ़ते आयाम से इन लोगों को किस बात का डर सता रहा है। हम आपको आगे की रिपोर्ट में सब कुछ तफसील से बताएंगे, लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि रूस ने अपने देश में क्रिप्टो के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। बता दें कि रूस से पहले चीन, बांग्लादेश, मिस्र, मोरक्को, तुर्की, ईरान, अल्जीरिया, बोलीविया, कोलंबिया, इंडोनेशिया, नेपाल और उत्तरी मैसेडोनिया जैसे देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा चुके हैं। खैर, यह तो रही रूस द्वारा क्रिप्टो पर पाबंदी लगाने की बात,लेकिन आइए आगे आपको बताते हैं कि आखिर इन देशों को क्रिप्टो के बढ़ते आयाम से किस बात का डर सता रहा है? आखिर क्यों डर रहे हैं ये क्रिप्टो के बढ़ते कदम से?
दरअसल, रूस का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिग और वर्चुअल मनी आतंकवाद को पल्लवित करने की दिशा में किया जा सकता है। डिजिटल मुद्रा मौद्रिक प्रणालियों को कमजोर कर सकती है। इससे मौद्रिक नीति की संप्रभुता और मुद्रा की स्थिरता खतरे में आ सकती है। वास्तविक मुद्रा की भांति डिजिटल मुद्रा को नियंत्रित करने हेतु कोई स्थायी संस्थान नहीं है, जिससे भविष्य में इसका अनुचित उपयोग किया जा सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए रूस ने यह कदम उठाया है। हालांकि, रूस के इस कदम से आपको ज्यादा चौंकने की जरूर नहीं है…वो इसलिए….क्योंकि रूस ने पिछले काफी दिनों से क्रिप्टो के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था, जिसे देखते हुए इस बात के कयास भी तेज हो गए थे कि रूस क्रिप्टो के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठा सकता है।
हालांकि, रूस ने 2020 में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा दिया था लेकिन भुगतान के साधन के रूप में उनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, रूसी केंद्रीय बैंक के वित्तीय स्थिरता विभाग के प्रमुख एलिसैवेटा डेनिलोवा ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मालिक होने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। बैंक ने कहा कि रूस में सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स की वार्षिक लेन देन मात्रा लगभग 5 बिलियन डॉलर है। अब ऐसी स्थिति में आगे चलकर क्रिप्टो का भविष्य कैसा रहेगा। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।