जमा और निकासी मानदंड

पर्सनल लोन के फीस और शुल्क
हमारी सलाह है कि, हमारे पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करने से पहले हमारी फीस और शुल्क विस्तार से पढ़ें.
लागू फीस और शुल्क
शुल्क का प्रकार
लोन राशि के 3.84% तक की प्रोसेसिंग फीस (लागू टैक्स सहित)
बाउंस होने पर लगने वाले शुल्क
रु. 600 - रु. 1,200 प्रति बाउंस.
मासिक किश्त/ईएमआई के भुगतान में कोई भी देरी होने पर बकाया मासिक किश्त/ईएमआई पर, डिफॉल्ट की तिथि से लेकर मासिक किश्त/ईएमआई की प्राप्ति तक प्रति माह 3.50% की दर पर दंड ब्याज लगेगा.
पार्ट प्री-पेमेंट शुल्क*
4.72% (लागू टैक्स सहित)
राज्य के कानूनों के अनुसार देय और लोन राशि से अग्रिम कटौती
मैंडेट अस्वीकरण शुल्क
कस्टमर के बैंक द्वारा मैंडेट की अस्वीकृति की तिथि से, नया मैंडेट रजिस्टर नहीं होने तक, देय तिथि के पहले महीने से प्रति माह रु. 450/- (लागू टैक्स सहित).
वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क
फ्लेक्सी टर्म और फ्लेक्सी हाइब्रिड लोन - 0.295% (लागू टैक्स सहित), ऐसे शुल्क लगाने की तिथि पर, कुल निकासी योग्य राशि पर, चाहे जो भी राशि उपयोग हुई हो.
जानें लॉकडाउन के समय में EPF से पैसा निकालने की क्या प्रक्रिया है?
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ने नई घोषणा जारी करते हुए कहा है कि खाताधारक, कुल जमा राशि का 75% या तीन महीने के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता में से जो कम है, उसका अग्रिम भुगतान प्राप्त कर सकते हैं. यह घोषणा कोरोना वायरस के कारण उपजी वित्तीय समस्याओं के हल के रूप में सामने आई है.
कोरोना महामारी के संकट के समय में बहुत से लोगों के पास रुपये की तंगी आ चुकी है क्योंकि बहुत से लोगों को या तो सैलरी नहीं मिल रही है या फिर उनकी नौकरी ख़त्म हो चुकी है.
इस कठिन समय में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ने राहत देने वाली घोषणा करते हुए कहा है कि खाताधारक कुल जमा राशि का 75% या तीन महीने के जमा और निकासी मानदंड मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता में से जो कम है, उसका अग्रिम भुगतान प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, यह राशि 45 हजार रुपये से अधिक नहीं हो सकती है.
NOTE: COVID-19 महामारी के कारण EPF खाते से निकाली गई राशि को खाताधारक को वापस EPF खाते में जमा करने की जरूरत नहीं है.
लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि से रुपया कैसे निकाला जाता है. ऐसे लोगों की मदद के लिए हमने इस लेख में कर्मचारी भविष्य निधि से रुपया निकालने की स्टेप बाई स्टेप प्रक्रिया को बताया है.
उदाहरण के लिए: मान लें कि अगर आपको मासिक वेतन Rs. 50,000 मिलता है और आपका EPF बैलेंस 5 लाख जमा और निकासी मानदंड रूपये है, तो आप इतनी राशि को बाहर निकाल सकते हैं;
1- तीन महीने के वेतन के हिसाब से: INR जमा और निकासी मानदंड 50,000 x 3 = Rs. 1,50,000
2- आपके EPF बैलेंस का 75%: (INR 5,00,000 x 75) / 100 = Rs. 3,75,000
इस प्रकार, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, आप दोनों में से जो भी राशि कम है उसको निकाल सकते हैं; इसलिए, आप इस मामले में अपने ईपीएफ खाते से रु.1,50,000 निकाल सकते हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि क्या है? (What is Employee Provident Fund)
कर्मचारी भविष्य निधि या ईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत एक योजना है जो सभी सेवानिवृत्त व्यक्तियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद मौद्रिक लाभ प्रदान करता है. इस योजना का प्रबंधन EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) द्वारा किया जाता है.
ईपीएफ खाते से पैसे कैसे निकालें?
प्रेसस 1. आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पैसे निकालने के लिए कदम:
1- सदस्य ई-सेवा की आधिकारिक वेबसाइट यानि यूनिफोर्टपोर्ट- mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाएं.
2- क्रेडेंशियल दर्ज करें जैसे कि पूछा गया यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN), पासवर्ड और कैप्चा कोड इत्यादि
3- ऑनलाइन सेवाओं पर क्लिक करें और क्लेम फॉर्म चुनें.
4- अब आप एक नए पेज पर पहुंच जाएंगे, जहां आपका विवरण दिखाई देगा. अब अपने बैंक खाते के अंतिम 4 अंक दर्ज करें और सत्यापित बटन दबाएं.
5- अपने बैंक अकाउंट नंबर के वेरिफिकेशन के बाद ऑनलाइन क्लेम के लिए Proceed पर क्लिक करें.
6- ड्रॉप-डाउन मेनू से PF अग्रिम (फॉर्म 31) का चयन करें.
7- निकासी का उद्देश्य बताएं. कोविड 19 सेलेक्ट करें.
8- निकाली जाने वाली राशि दर्ज करें और चेक की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड करें और अपना पता दर्ज करें.
9- अब आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा. OTP दर्ज करें. ध्यान रखें यह नंबर आधार से लिंक होना चाहिए.
10- आपके द्वारा दर्ज किए गए ओटीपी को सत्यापित करने के बाद राशि निकालने का आपका दावा प्रस्तुत किया जाएगा. आपके द्वारा दर्ज किए गए विवरण के सत्यापन के बाद पैसा
आपके खाते में जमा हो जाएगा. कोविड 19 के कारण अब पैसा 72 घंटे के अंदर आपके खाते में आ जायेगा.
प्रेसस 2. उमंग ऐप के जरिए पैसे निकालने जमा और निकासी मानदंड के लिए प्रोसेस
1- EPFO के उमंग ऐप पर लॉगइन करें
2- ईपीएफओ और फिर कर्मचारी सेंट्रिक सेवाओं का चयन करें,
3- Raise Claim बटन पर क्लिक करें
4- क्रेडेंशियल दर्ज करें और ओटीपी प्राप्त करें
5- अब आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा. OTP दर्ज करें
6- अब अपने बैंक खाते के अंतिम 4 अंकों को दर्ज करें और ड्रॉप-डाउन मेनू से सदस्य आईडी चुनें.
7- अब क्लेम बटन के लिए प्रोसीड पर क्लिक करें.
8- एड्रेस डालकर नेक्स्ट पर क्लिक करें.
9- अपने चेक की सॉफ्ट कॉपी अपलोड करें.
10- आपके द्वारा दर्ज किए गए विवरणों के सत्यापन के बाद आपके खाते में पैसे जमा हो जाएंगे.
ईपीएफ खाते से निकासी के लिए पात्रता जमा और निकासी मानदंड मानदंड क्या है?
ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट या ऐप के माध्यम से क्लेम करते समय, सदस्यों को नीचे दी गई शर्तों को पूरा करना होगा:
1- क्लेम के लिए आवेदन करने वाले ईपीएफ सदस्य का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) सक्रिय जमा और निकासी मानदंड होना चाहिए.
2- आधार नंबर को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के साथ जोड़ा जाना चाहिए.
3- EPF सदस्य का बैंक खाता संख्या और IFSC कोड UAN के साथ लिंक होना चाहिए.
अपने दावे की स्थिति की जांच कैसे करें?
1- सदस्य ई-सेवा की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं यानी यूनिफोर्टपोर्ट- mem.epfindia.gov.in/memberinterface पर जाए.
2- ऑनलाइन सर्विसेज टैब के तहत 'ट्रैक क्लेम स्टेटस' बटन पर क्लिक करें.
तो यह थी जानकरी कि आप अपने कर्मचारी भविष्य निधि अकाउंट से पैसे पैसे निकाल सकते हैं और अप्लाई करने के बाद उसका स्टेटस भी चेक कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि कर्मचारी भविष्य निधि के तहत केवल उन्हीं श्रमिकों को लाभ दिया जाएगा जो ईपीएफओ के साथ पंजीकृत हैं.
फ्लेक्सी हाइब्रिड सुविधा के साथ यूज़्ड कार फाइनेंस
बजाज फिनसर्व यूज़्ड कार फाइनेंस के साथ, आप प्री-ओन्ड वाहन की खरीद को आसानी से फंड कर सकते हैं. अपने ऑटोमोबाइल के लिए हाई-वैल्यू वाला लोन प्राप्त करें और सुविधाजनक अवधि में इसे चुकाएं. फ्लेक्सी हाइब्रिड लोन चुनकर, आप 50% तक कम ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं, जिससे लोन को मैनेज करने में आसानी होती है. इसके अलावा, इसमें बिना किसी शुल्क के असीमित जमा और निकासी की जा सकती हैं.
फ्लेक्सी लोन के बारे में यहां अधिक जानें.
फ्लेक्सी लोन की विशेषताएं और लाभ
आकर्षक लोन
कार की कीमत के 100% तक कवर करने वाले लोन के साथ, प्री-ओन्ड वाहन खरीदना अब हो गया आसान.
सुविधाजनक पुनर्भुगतान विकल्प
सुविधाजनक अवधि या 72 महीनों में लोन का पुनर्भुगतान करें. अपनी सुविधानुसार अवधि चुनें.
अपनी ईएमआई को कम करें
फ्लेक्सी हाइब्रिड फीचर आपको अपनी ईएमआई को 50% तक कम करने की सुविधा देकर कार लोन पर अधिक अनुकूलता प्रदान करता है.
अनलिमिटेड निकासी
अपनी लोन लिमिट से आवश्यकतानुसार उधार लें, हर बार एक नई एप्लीकेशन की ज़रूरत नहीं.
पार्ट प्री-पेमेंट की सुविधा
अतिरिक्त पैसे होने पर पार्ट-प्री-पे करें. यह सुविधा शून्य शुल्क पर उपलब्ध है.
केवल उपयोग की गई राशि पर ब्याज का भुगतान करें
फ्लेक्सी हाइब्रिड फीचर आपको केवल उपयोग की गई राशि पर ब्याज़ का भुगतान करने देता है जमा और निकासी मानदंड न कि पूरे मूलधन पर.
[मोटर दुर्घटना] साक्षर दावेदार विवेक का प्रयोग कर सकते हैं, ट्रिब्यूनल को बिना कारण बताए फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीप्ट में अपना पैसा निवेश करने से बचना चाहिए: गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने एक वायु सेना के व्यक्ति को मोटर दुर्घटना दावों में दिए गए मुआवजे की फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीप्ट को समय से पहले निकालने की अनुमति दी, जो अपने स्थायी निवास के लिए घर खरीदने का इरादा रखता है।
जस्टिस गीता गोपी ने कहा,
"जमा किए गए धन दावेदारों के हैं। साक्षर विवेकपूर्ण ढंग से विवेक का प्रयोग कर सकते हैं, अपने फंड का प्रबंधन कर सकते हैं और व्यक्तिगत रूप से फंड के निवेश के लिए व्यवस्थित योजना जमा और निकासी मानदंड के बारे में निर्णय ले सकते हैं। साक्षर व्यक्ति के मामले में, ट्रिब्यूनल को पांडित्य को नहीं अपनाकर छूट देना आवश्यक है। लंबी अवधि के जमा में पैसा निवेश करने के कारणों को दर्ज किए बिना लंबी अवधि के एफडीआर में पैसा निवेश करने का दृष्टिकोण।"
हाईकोर्ट ने यह भी देखा कि ट्रिब्यूनल अक्सर 'कठोर रुख' अपना रहे हैं और 'यांत्रिक रूप से आदेश' दे रहे हैं कि मुआवजे को लंबी अवधि के एफडीआर में निवेश किया जाना चाहिए।
यहां याचिकाकर्ता, भारतीय वायु सेना के एक रडार ऑपरेटर, को अपने परिवार के लिए एक स्थायी निवास की आवश्यकता थी। याचिकाकर्ता को इसके लिए 20 लाख रुपये की जरूरत थी। उसने बयाना राशि जमा कर दी थी लेकिन शेष राशि की आवश्यकता थी। नतीजतन, उन्होंने एफडीआर में समय से पहले निकासी के लिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण का रुख किया था। वही आंशिक रूप से अनुमति दी गई थी। याचिकाकर्ता ने मकान के लिए बैंक से कर्ज लिया था।
याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि ट्रिब्यूनल पैरेंस पैट्रिया क्षेत्राधिकार को लागू करने में विफल रहा है जिसमें वह बिक्री समझौते को प्रस्तुत करने और कारण की प्रकृति को देखते हुए वापसी की अनुमति दे सकता है। ट्रिब्यूनल ने एफडी के परिसमापन को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि आवासीय घर जैसी अचल संपत्ति का समझौता एक पंजीकृत दस्तावेज नहीं है। इसलिए, ट्रिब्यूनल ने इसे 'धोखा' के रूप में देखा।
याचिकाकर्ता ने ए.वी. पद्मा एंड जमा और निकासी मानदंड अन्य बनाम आर. वेणुगोपाल एंड अन्य, का तर्क है कि दावेदार की वास्तविक आवश्यकताओं पर विचारपूर्वक विचार किया जाना चाहिए और 'अधिनियम की वस्तु और भावना' की अनदेखी करते हुए यांत्रिक दृष्टिकोण से बचना चाहिए। आगे महाप्रबंधक, केरल राज्य सड़क परिवहन निगम, त्रिवेंद्रम बनाम सुसम्मा थॉमस और अन्य।, (1994) 2 एससीसी 176 ने सुप्रीम कोर्ट के रुख को दोहराने के लिए कहा कि साक्षर व्यक्तियों के समय से पहले निकासी की मांग के मामले में, ट्रिब्यूनल यह जमा और निकासी मानदंड सुनिश्चित करने के मानदंड में ढील दे सकता है कि राशि का उपयोग पैसे निकालने के लिए एक चाल के रूप में नहीं किया जाता है। इसके लिए वित्तीय पृष्ठभूमि और समाज के उस स्तर को ध्यान में रखना होगा जिससे दावेदार संबंधित है।
हाईकोर्ट ने विशेष रूप से सुसम्मा थॉमस के फैसले से नोट किया,
"सभी मामलों में ट्रिब्यूनल को दावेदारों को आपातकाल के मामले में निकासी के लिए आवेदन करने की स्वतंत्रता देनी चाहिए। ऐसी आकस्मिकता से निपटने के लिए, यदि दी गई राशि पर्याप्त है, तो दावा न्यायाधिकरण इसे एक से अधिक सावधि जमा में निवेश कर सकता है यदि एक ऐसी F.D.R की आवश्यकता है जिसे समाप्त किया जा सकता है।"
एवी पद्मा फैसले से जस्टिस गोपी ने निष्कर्ष निकाला कि दावेदार की आवश्यकता को देखते हुए न्यायाधिकरण को प्रयोग करने के लिए पर्याप्त विवेक दिया गया है। साक्षर व्यक्तियों के मामले में, ट्रिब्यूनल को बिना कारण बताए एफडीआर में लंबी अवधि में पैसा निवेश करने का 'पांडित्यपूर्ण दृष्टिकोण' नहीं अपनाना चाहिए। हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि गैर-पंजीकरण के कारण बिक्री समझौते को वापस लेने के लिए विचार नहीं किया जा सकता है।
यदि समय से पहले निकासी की अनुमति नहीं दी जाती है, तो कठिनाई को देखते हुए हाईकोर्ट ने निर्णय आदेश प्राप्त होने पर ब्याज सहित समय से पहले निकासी की अनुमति दी।
केस टाइटल: धवलकुमार अशोकभाई अघेरा बनाम रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड।