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व्यापार मार्ग

व्यापार मार्ग
व्यापारियों ने बताया कि जल्द ही निगम ने सड़क की चौड़ाई कम करने के संबंध में निर्णय नहीं लिया तो वे सड़क पर उतरेंगे। कोरोना महामारी की वजह से पहले ही बाजार में व्यापार कम है ऐसे में निगम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई कर दी तो उनके सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। निगम पहले भी कई जगह सड़क की चौड़ाई 100 फीट के बजाय 80 फीट कर लोगों को राहत दे चुका है। सुभाष मार्ग पर भी ऐसा किया व्यापार मार्ग जा सकता है। दुकानदार अंकित गर्ग, राधेश्याम व्यास, ओम शर्मा आदि ने बताया कि चौड़ीकरण को लेकर कई सवाल हैं लेकिन व्यापार मार्ग उनका समाधान नहीं मिल रहा। अधिकारी भी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।

भारत और भूटान के बीच नया व्यापार मार्ग व्यापार मार्ग खुला

भारत और भूटान ने पश्चिम बंगाल में जयगांव और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला है।जयगांव और अहल्ये व पसाखा के बीच यह कदम महामारी के इस दौर में काफी अहम साबित होगा। अस्थायी वैकल्पिक व्यापार मार्ग से माल की आवाजाही दोनों देशों के बीच काफी सुगम हो जाएगी।

महत्व:

  • नया भूमि मार्ग पासाखा इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए माल और औद्योगिक कच्चे माल की सुगम बनाकर भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा और इससे जयगांव – फुएंटशोलिंग मार्ग पर वाहनों का आवागमन कम हो जाएगा.

भारत-भूटान संबंधों पर इस मार्ग के खुलने से पड़ेगा यह प्रभाव:

इंदौर के सुभाष मार्ग के व्यापारी दहशत में, व्यापार हो रहा प्रभावित

इंदौर के सुभाष मार्ग के व्यापारी दहशत में, व्यापार हो रहा प्रभावित

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सुभाष मार्ग के व्यापारी इन दिनों दहशत में हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस मार्ग पर चौड़ीकरण की मुहिम चलाई जाना है। दुकानों पर ग्राहक नहीं बल्कि निगम के अधिकारियों का पहुंचना जारी है। कभी सेंट्रल लाइन के लिए कवायद हो रही है तो कभी चौड़ीकरण की जद में आ रही दुकानों की नप्ती को लेकर। बताया जा रहा है कि 10 से 25 फीट तक निर्माण प्रभावित होना है। कई मकान और दुकानें ऐसे भी हैं जो पूरी तरह से जद में आ रहे हैं।

किसी अधिकारी की गाड़ी रूकती है तो व्यापारियों की सांसें ऊपर-नीचे होने लगती है। वे अधिकारियों को घेरकर सवालों की झड़ी लगा देते हैं। किसी को समझ नहीं आ रहा कि आखिर हो क्या रहा है। सालों से लंबित इस मार्ग के चौड़ीकरण के काम में अचानक इतनी तेजी कैसे आ गई। व्यापारियों ने बताया कि वे चौड़ीकरण के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सिर्फ इतना चाहते हैं कि 100 फीट के बजाय 80 फीट चौड़ी सड़क बनाई जाए। ऐसा होता है तो कई मकान और दुकानें तोड़फोड़ से बच जाएंगे। दुकानें भले ही छोटी हो जाए लेकिन पूरी तरह व्यापार मार्ग से खत्म नहीं होगी। व्यापार भी कम प्रभावित होगा। व्यापारियों और रहवासियों ने निगम की कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है।

अर्थव्यवस्था समसामियिकी 4 (18-July-2020)^जयगाँव-पसाखा व्यापार मार्ग ^(Jaygaon-Pasakha व्यापार मार्ग trade route)

Posted on July 19th, 2020

* हाल ही में भारत और भूटान द्वारा पश्चिम बंगाल में जयगाँव (भारत) और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला गया।

* यह नया व्यापार मार्ग मौजूदा COVID-19 महामारी के दौर में दोनों देशों के संबंधों खास तौर पर व्यापार संबंधों को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

* साथ ही इस नए मार्ग के खुलने से पहले से मौजूदा मार्ग पर व्यापार मार्ग वाहनों के दबाव को कम किया जा सकेगा।

* भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत वर्ष 1968 में थिम्पू (Thimphu) में भारत के प्रतिनिधि की नियुक्ति के साथ हुई थी, हालाँकि वर्ष 1949 में ही दोनों देशों के मध्य मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे।

अर्थव्यवस्था समसामियिकी 4 (18-July-2020) जयगाँव-पसाखा व्यापार मार्ग (Jaygaon-Pasakha trade route)

Posted on July 19th, 2020 | Create PDF File

hlhiuj

* हाल ही में भारत और भूटान द्वारा पश्चिम बंगाल में जयगाँव (भारत) और भूटान के पासाखा के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोला गया।

* यह नया व्यापार मार्ग मौजूदा COVID-19 महामारी के दौर में दोनों देशों के संबंधों खास तौर पर व्यापार संबंधों को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

* साथ ही इस नए मार्ग के खुलने से पहले से मौजूदा मार्ग पर वाहनों के दबाव को कम किया जा सकेगा।

* भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत वर्ष 1968 में थिम्पू (Thimphu) में भारत के प्रतिनिधि की नियुक्ति के साथ हुई थी, हालाँकि वर्ष 1949 में ही दोनों देशों के मध्य मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किये गए थे।

व्यापार मार्ग

नौभार (कार्गो) के लाने-ले व्यापार मार्ग जाने के लिये प्रयुक्त मार्गों के नेटवर्क को व्यापार मार्ग (trade route) कहते हैं। कुछ प्रसिद्ध व्यापार मार्ग ये थे, अम्बर माभारत रोमन पाठ , मसाला मार्ग , पुर्तगालियों द्वारा खोजा गया यूरोप से भारत पहुँचने का समुद्री मार्ग , रेशम मार्ग, रोमन-भारत मार्ग , ग्रैंड ट्रंक रोड आदि।

इन्हें भी देखें

  • अम्बर रोड
  • Hærvejen
  • Incense Route
  • Kamboja-Dvaravati Route
  • King's Highway
  • शाही मार्ग
  • नमक मार्ग
  • साइबेरिया मार्ग
  • चाय मार्ग
  • Varangians to the Greeks
  • Via Maris
  • Triangular trade
  • Volga trade route
  • Trans-Saharan trade
  • Old Salt Route
  • Maritime Republics
  • Hanseatic League

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स्वेज नहर से होता है दुनिया का 10 फीसदी समुद्री व्यापार

स्वेज नहर से होता है दुनिया का 10 फीसदी समुद्री व्यापार

लाल सागर से भूमध्य सागर को जोडऩे वाली स्वेज नहर के निर्माण को 150 वर्ष हो गए हैं। 1859 में फ्रांसीसी इंजीनियर फर्डीनेंड की देखरेख में शुरू हुआ नहर का काम दस वर्ष में पूरा हुआ। 1869 में इसे व्यापार के लिए खोल दिया गया था। 165 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी इस नहर से दुनिया का 10 फीसदी समुद्री व्यापार होता है। स्वेज नहर से यूरोप से एशिया और पूर्वी अफ्रीका का मार्ग खुल गया, जिसे 9 हजार 550 किलोमीटर की दूरी कम हो गई। व्यापार मार्ग इससे पूर्वी अफ्रीका, ईरान, अरब, भारत, पाकिस्तान से लेकर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक देशों के बीच व्यापार सुविधा हो गई।

1887 से पहले नहर से दिन में ही जहाज पार होते थे, लेकिन इसके बाद सुरक्षा प्रबंधों को बढ़ाने के बाद रात व्यापार मार्ग व्यापार मार्ग में भी नहर से निकासी शुरू हो गई। दिलचस्प बात ये है कि पनामा नहर से इसकी लंबाई दोगुनी होने व्यापार मार्ग के बावजूद इस पर पनामा के मुकाबले एक तिहाई ही खर्च हुआ था। 1866 में इस नहर को पार करने में 36 घंटे लगते थे, लेकिन अब 18 घंटे से भी कम समय लगता है। इस वक्त नहर पर मिस्र का नियंत्रण है।

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