क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट

शेयर बाजार के फायदे Share Market Benefits Hindi
What Is Share Market In Hindi (शेयर मार्केट क्या है ?) Share market के बारे में तो अपने जरूर सुना होगा कुछ लोगो को तो इसके बारे में अच्छी तरह पता है लेकिन यदि आपको Share market बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको Share market hindi में बतायेंगे और बतायेंगे की आप कैसे share market में निवेश करके अच्छे पैसे कमा सकते है इसके फायदे क्या है और इसके नुकसान क्या क्या है ?
क्योकि आज बहुत से लोग share market से पैसे कमा कर करोड़पति बन चुके है और बहुत लोग share market के अन्दर ट्रेडिंग करना चाहते है लेकिन इसके बारे में जानकारी नही है और share market के फायदे नुकसान के बारे में नही पता है तो वह share market से पैसे नही कमा सकते है इसलिए आज हम Share Market Benefits Hindi के बारे में विस्तार से बतायेंगे | share market ke fayde
शेयर का क्या अर्थ है ?
What is Share Hindi :- Share का अर्थ एक हिस्सा होता है | जब आप किसी कंपनी निवेश करते हैं, तो आप उस कंपनी के आंशिक हिस्सेदार बन जाते हैं |Share किसी कंपनी में आंशिक भागीदारी प्राप्त करने का एक तरीका हैं | जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हो, तब आप उस कंपनी के शेयर होल्डर या ‘इक्विटी होल्डर’ बन जाते हो | शेयर को इक्विटी और स्क्रिप्ट भी कहा जाता है |
जैसे – एक ABC कंपनी की कुल पूंजी 1 करोड़ है, और कंपनी अपनी 1 करोड़ की पूंजी को, 1 लाख अलग-अलग, बराबर मूल्य के हिस्से में बाँट देती है, अब बांटा गया हर एक हिस्सा, कंपनी की पूंजी का एक सबसे छोटा भाग है जिसकी कीमत अब 100 रूपये है, पूंजी के इसी छोटे भाग को ही SHARE कहा जाता है,
इस तरह ABC कंपनी की पूंजी SHARE में बाँट दिए जाने पर अब कंपनी की पूंजी SHARE CAPITAL कहलाएगी, जो इस प्रकार से होगी –
TOTAL NO of SHARE X SHARE PRICE = SHARE CAPITAL
1,00,000 (एक लाख SHARE) X 100 (एक शेयर) = 1,00,00,000 (1 करोड़ कुल शेयर कैपिटल)
शेयर मार्किट क्या है ? What is Share market in Hindi?
Share Market kya hai? Share market या stock market एक ऐसा मार्किट जंहा कंपनी के शेयर की Selling aur Purchasing की जाती है यानि जिस मार्किट के अन्दर कंपनीज के शेयर को खरीदा और बेचा जाता है उसे Share market या stock market कहते है शेयर मार्किट के अंदर बहुत सी कंपनी अपने शेयर Issue करती है और बहुत से इंवेस्टवेर उन्हें खरीदते है और फिर उन्हें बेचते है और इस प्रक्रिया को Stock Market ट्रेडिंग कहते है share market in hindi basic knowledge
और यह एक बहुत से लोग बहुत सारा पैसा कमाते है और बहुत से लोग बहुत सारा पैसा डूबा भी देते हैकंपनी के शेयर की कीमत कभी घटती ही तो कभी बढती रहती है इसलिए Share market in hindi बहुत जोखिम वाली मार्किट है क्योकि यदि कोई किसी कंपनी के के शेयर खरीदता है तो उस इन्वेस्टर की उस कंपनी के लाभ और हानि के अन्दर हिसेदारी हो जाती है तो कंपनी अच्छी परफॉरमेंस के साथ काम कर रही है तो शेयर का रेट कम नही होगा और इन्वेस्टर को लाभ होगा और कंपनी की परफॉरमेंस अच्छी नही है तो इन्वेस्टर के शेयर रेट कम हो जायेगा और उसके पैसे डूब जायेंगे | share market ke fayde
शेयर बाजार के फायदे – Share Market Benefits hindi
उच्च लिक्विडिटी (High Liquidity) :- इंडियन शेयर मार्किट में, दो एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) हैं ज्यादातर कंपनियां या तो इन इन दोनों एक्सचेंजों पर या इनमें से किसी एक में अपने शेयरों का बिज़नेस करती हैं। यह निवेशकों को उच्च लिक्विडिटी प्रदान करता है क्योंकि औसत दैनिक मात्रा अधिक होती है। इसलिए, यदि कोई इन्वेस्टर स्टॉक एक्सचेंजों पर किसी भी शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है, तो लिक्विडिटी इसे आसान बनाती है।
कम समय अवधि में उच्च रिटर्न (High returns) :- Bonds और Fixed Deposits जैसे अन्य इन्वेस्टमेंट ऑप्शन से तुलना की जाये तो शेयर मार्किट निवेशकों को तुलनात्मक रूप से कम समय अवधि में अधिक रिटर्नदेता है लेकिन शेयर मार्किट रूल को फॉलो करना पड़ेगा जैसे : ट्रेडिंग की योजना बनाना, स्टॉप–लॉस और ले–प्रॉफिट ट्रिगर्स का उपयोग करना, अनुसंधान और उचित परिश्रम करना, और धैर्यवान होने से स्टॉक निवेश में निहित risk को काफी कम किया जा सकता है और शेयर बाजार निवेश पर रिटर्न को बढाया जा सकता है |
No Money Investment Limit :- शेयर मार्किट एक ऐसा इन्वेस्टमेंट आप्शन है जिसके अन्दर अगर आपके पास ₹1000 भी है, तो भी आप इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और अगर वह 1000 करोड़ पर करोड़ है तब भी आप शुरू कर सकते हैं, यहां पर इन्वेस्टमेंट करने के लिए कम से कम या अधिक से अधिक पैसों की कोई सीमा नहीं है |
पैसे से पैसा कमाना :- शेयर मार्किट एक ऐसी जंहा आपको किसी तरह का कोई भी प्रोडक्ट खरीदना या बेचना नहीं होता हैइ आप सिर्फ अपने पैसों से स्टॉक्स खरीदते हैं और STOCKS बेचकर बेचकर पैसे प्राप्त करते हैं |
Share Market Benefits hindi
लाभ और हानि की कोई सीमा नहीं :- शेयर मार्किट के अन्दर प्रॉफिट और loss की कोई लिमिट नही है इसके अन्दर इन्वेस्टर के उपर निर्भर करता है की कितने अच्छे से ट्रेडिंग कर सकता है और अच्छे पैसे कमा सकता है |
No Time और Space Limit :- शेयर मार्किट एक सप्ताह के अन्दर 5 दिन और हर दिन 6 घंटे चलता है ओ आप अपनी मर्जी के हिसाब से ट्रेडिंग कर सकते है और इसके लिए ज्यादा स्पेस की जरुरत नही पड़ती है और जंहा अच्छा इन्टरनेट मिले वंहा से ट्रेडिंग कर सकते है |
Regulatory Environment and Framework :- इंडियन स्टॉक मार्किट को स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है SEBI के पास स्टॉक एक्सचेंजों को विनियमित करने, इसके विकास और इन्वेस्टर के अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। इसका मतलब यह है कि जब इन्वेस्टर शेयर बाजार में वित्तीय प्रोडक्ट में निवेश करते हैं तो उसके साथ कोई धोखाधड़ी नही हो सकती है
Facility (सुविधा) :- स्टॉक मार्किट के अन्दर इन्वेस्टर को बहुत सी सुविधा दी जाती है जैसे कोई भी इन्वेस्टर इलेक्ट्रॉनिक रूप से शेयर को ट्रान्सफर कर सकता है और ट्रेडिंग कर सकता है इसके अलावा, ब्रोकिंग सेवा प्रदाता ऑनलाइन शेयर कारोबार सुविधाएं प्रदान करते हैं जो निवेश को सुविधाजनक बनाते हैं, क्योंकि निवेशक अपने घरों या कार्यालयों के आराम से कंप्यूटर के माध्यम से अपने आर्डर स्थापित कर सकते हैं |
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क्या होता है शेयर बाजार में अपर ओर लोअर सर्किट, निवेशकों के लिये क्या हैं इसके मायने
निवेशकों के हित और निवेश की रक्षा के लिये और बाजार एवं स्टॉक्स में तेजी या गिरावट के नियंत्रित करने के लिये सर्किट लगाये जाते हैं
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Jan 09, 2022 | 8:00 AM
इसी हफ्ते जी लर्न का शेयर बाजार की सुखियों में तब शामिल हुआ था जब स्टॉक में अपर सर्किट लगा था. लगभग हर दिन शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में ऐसे शेयर (stock) सबसे ऊपर दिखते हैं जिनपर सर्किट लगा हो. ऐसे में सवाल उठता है कि सर्किट (Circuit limit in Stock) आखिर होता क्या है और इसका निवेशकों के निवेश और उनकी रणनीति पर क्या असर देखने को मिलता है.
क्या होता है सर्किट
सर्किट समझने के पहले स्टॉक मार्केट के बेसिक को समझना आवश्यक है. स्टॉक मार्केट में स्टॉक का कारोबार होता है स्टॉक की मांग और आपूर्ति के आधार पर कारोबार के समय में इनकी कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. इसमें तेज गिरावट और तेज उछाल दिखना एक सामान्य प्रक्रिया है. इन स्टॉक्स के प्रदर्शन के आधार पर ही इंडेक्स में भी उतार-चढ़ाव दर्ज होता है, क्योंकि इस कारोबार में निवेशकों की रकम सीधे तौर पर जुड़ी होती है ऐसें में कारोबार की मूल सोच यानि प्राइस डिस्कवरी और निवेशकों के हित दोनो में संतुलन जरूरी होता है. एडेल वाइस के मुताबिक सर्किट कारोबार के दौरान किसी भी वजह से कीमतों में आये तेज उतार चढ़ाव से निवेशकों, कारोबारियों और यहां तक कि पूरे सिस्टम को बचाये रखने में मदद करता है. सर्किट किसी कारोबारी दिन स्टॉक के कारोबर की अधिकतम और न्यूनतम सीमा होती है. किसी भी तरफ इस सीमा को तोड़ने पर उस स्टॉक में कारोबार एक सीमित अवधि के लिये रुक जाता है.
क्या होता है अपर और लोअर सर्किट
एंजेल वन के मुताबिक शेयर बाजार में सर्किट दो तरह के होते हैं पहला अपर सर्किट यानि किसी स्टॉक या इंडेक्स में किसी कारोबारी सत्र में बढ़त की अघिकतम सीमा और लोअर सर्किट किसी कारोबारी सत्र में अधिकतम गिरावट की सीमा होती है. ब्रोकिंग हाउस के मुताबिक नियामक कंपनी के अपने फंडामेंटल और जुड़े जोखिम के क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट हिसाब से सर्किट की सीमा तय करते हैं जो कि 5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के बीच होते हैं. स्ट़ॉक मार्केट समय समय पर कंपनियों के लिये सर्किट लिमिट में बदलाव करते हैं, जैसे पिछले साल जून में बीएसई ने 544 स्टॉक्स के लिये सर्किट लिमिट बदली थी,
क्यों लगता है सर्किट
सर्किट लगने की कई अहम वजह होती है. सरकार या नियामक की कार्रवाई, नीतियों में सकारात्मक या नकारात्मक कार्रवाई, कंपनियों के अपने प्रदर्शन, बड़े सौदे, अधिग्रहण यहां तक कि बाजार में स्टॉक्स की सीमित सप्लाई, अफवाहें, अनुमान औऱ कभी कभी प्रमोटर्स की तरफ से जानवूझकर क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट पैदा किया गया उछाल या गिरावट. इतने सारे कारण होने की वजह से ही सर्किट लगाये जातें है जिससे कारोबार रुकने के दौरान सही तस्वीर सामने आ सके और निवेशकों के बीच बेवजह उत्साह या डर को नियंत्रित किया जा सके
क्या है निवेशकों के लिये सर्किट का मतलब
सर्किट ट्रिगर होने का मतलब साफ होता है कि उस स्टॉक, इंडेक्स या पूरे बाजार में कुछ अप्रत्याशित हुआ है. अगर किसी स्टॉक में लगातार सर्किट लगते हैं तो एंजेल वन सलाह देता है कि नये निवेशक ऐसे स्टॉक से दूर रहें. क्योंकि बार बार सर्किट लगने का मतलब है कि उस स्टॉक में प्राइस मूवमेंट बाजार के अनुमानों से कहीं ज्यादा हो रहा है. वहीं अगर आप किसी स्टॉक में हैं और उसके सर्किट लगा है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें. क्योंकि ऐसा देखने को मिला है कि किसी खबर या अनुमान की वजह से स्टॉक में सर्किट लगता है लेकिन कंपनी द्वारा खंडन करने पर स्टॉक में उतनी क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट और कभी कभी उससे ज्यादा गिरावट भी दर्ज होती है.
(ये रिपोर्ट एडेलवाइस और एंजेल वन की वेबसाइट पर इसी सब्जेक्ट पर दी गयी जानकारी को लेकर बनाई गयी है)
Stock Market vs Stock Exchange: स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? समझिए
Stock Market vs Stock Exchange: एक नया निवेशक हमेशा स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच अंतर नहीं जान सकता है। तो आइए जानें कि शेयर मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? (Difference Between a Stock Market and a Stock Exchange)
Stock Market vs Stock Exchange: आम तौर पर, लोग कुछ अधिक आय का आनंद लेने के लिए फाइनेंसियल मार्केट में प्रवेश करते हैं। इस प्रकार, उन्हें करेंसी मार्केट की शर्तों का ज्ञान नहीं है। एक नौसिखिया के लिए 'शेयर', 'स्टॉक' और 'इक्विटी' जैसे शब्दों को समझना मुश्किल है। लेकिन स्पष्ट समझ नहीं होने से समस्या हो सकती है।
एक निवेशक को निवेश शुरू करने से पहले इन शर्तों से अच्छी तरह परिचित होना चाहिए। उनके अर्थों से अवगत होने से आपको समझदारी से निवेश करने में मदद मिलती है। इस लेख में, हम स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज (Stock Market vs Stock Exchange) के बारे में बात करेंगे और देखेंगे कि उनके अंतर क्या हैं। एक नया निवेशक हमेशा स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच अंतर नहीं जान सकता है। तो आइए जानें कि शेयर मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज में क्या अंतर है? (Difference Between a Stock Market and a Stock Exchange)
स्टॉक मार्केट क्या है? | What is Stock Market in Hindi
शेयर मार्केट खरीदारों और विक्रेताओं के एकत्रीकरण को संदर्भित करता है जो स्टॉक में व्यापार करते हैं। स्टॉक एक्सचेंज बुनियादी ढांचे को संदर्भित करता है जो शेयरों की ऐसी खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करता है। स्टॉक एक्सचेंज एक फॉर्मल आर्गेनाइजेशन है जो कंपनियों को अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने और उन्हें जनता को बिक्री के लिए पेश करने में सक्षम बनाता है।
शेयर मार्केट एक व्यापक शब्द है जो उन सभी कंपनियों को संदर्भित करता है जो सार्वजनिक निवेशकों को खरीदने के लिए अपने शेयर सूचीबद्ध करती हैं। इसमें प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों बाजार शामिल हैं और यह ओटीसी (काउंटर पर) ट्रेडिंग, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग और स्टॉक एक्सचेंजों का एक कॉम्बिनेशन है। यह वह मंच है जहां व्यापार होता है, कंपनियों को अपनी विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण के लिए क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट जनता से पूंजी जुटाने में सक्षम बनाता है।
निवेशकों की भावना के आधार पर शेयर मार्केट को तेजी या मंदी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। एक बाजार जहां निवेशक भविष्य के मुनाफे की प्रत्याशा में शेयर खरीदना चाहते हैं, एक बुल मार्केट है। एक बियर बाजार एक ऐसे बाजार को संदर्भित करता है जहां निवेशक बाजार में गिरावट की प्रत्याशा में अपनी होल्डिंग का निपटान करने की कोशिश कर रहे हैं।
स्टॉक एक्सचेंज क्या है? | What is Stock Exchange in Hindi
स्टॉक एक्सचेंज वे संस्थाएं हैं जो लिस्टिंग के लिए शर्तों को निर्धारित करके, व्यक्तियों, व्यापारियों और दलालों को सेवाएं प्रदान करके और कीमतों में उतार-चढ़ाव और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर नज़र रखकर शेयरों में व्यापार की सुविधा प्रदान करती हैं। इस प्रकार, स्टॉक एक्सचेंज खरीदारों क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट और विक्रेताओं को एक आम बैठक बिंदु पर एक साथ लाते हैं, जो फिजिकल या वर्चुअल हो सकता है।
भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट BSE) हैं। देश में ज्यादातर शेयर ट्रेडिंग इन्हीं दो एक्सचेंजों के जरिए होती है। BSE एशिया में स्थापित होने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था और यह दुनिया के सबसे तेज एक्सचेंजों में से एक है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी और यह देश में पहला डिम्युचुअलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज होने का दावा करता है।
Stock Market vs Stock Exchange
स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक मार्केट के बीच अंतर इस प्रकार हैं-
स्टॉक मार्केट सभी प्रकार के स्टॉक ट्रेडिंग के लिए एक सामान्य शब्द है, जबकि स्टॉक एक्सचेंज वह इकाई है जो इस तरह के व्यापार की सुविधा प्रदान करती है।
शेयर मार्केट में OTC, इलेक्ट्रॉनिक और स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडिंग शामिल हैं। यह शेयर मार्केट का एक अभिन्न अंग है।
स्टॉक मार्केट स्टॉक के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक मिलन स्थल है जबकि स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसी इकाई है जो लाभ के उद्देश्य से काम करती है।
शेयर बाजार और स्टॉक एक्सचेंज दोनों ही अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तरलता पैदा क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट करके, वे आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं।
शेयर बाजार की वो गलती…जिससे डूब जाती है आम आदमी की पूरी रकम
Stock Market Tips-शेयर बाजार में कई बार पैसा लगाने वालों के लिए ये खबर बेहद जरूरी है. क्योंकि अक्सर कुछ गलतियां लोगों की पूरी कमाई को डूबो देती है.
मनोज कुमार | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Jan 17, 2022 | 1:22 क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट PM
सोशल मीडिया पर मिली एक स्टॉक टिप (Stock Market Tips)ने रजत के लाखों रुपये डुबो दिए हैं. आप सोच रहे होंगे कि शायद उनके साथ कोई ऑनलाइन फ्रॉड हुआ होगा, लेकिन, ऐसा नहीं है रजत तो शेयर बाजार (Share Bazaar) में ऊंचा रिटर्न कमाने के चक्कर में बर्बाद हो गए. अब पूरी कहानी आप भी जानना चाहते होंगे तो हुआ दरअसल यूं कि शेयर बाजार में तेजी से मोटा मुनाफा कूटने के लिए रजत भी बेकरार थे. वे बस इस इंतजार में थे कि स्टॉक्स (Stocks) की कंही से कोई ऐसी टिप मिले कि वे पैसा लगाएं और पूंजी धड़ाधड़ दोगुनी-तिगुनी हो जाए. रजत के दिमाग में अभी खलबली चल ही रही थी कि किसी ने एक व्हॉट्सऐप ग्रुप पर उन्हें जोड़ लिया और इस ग्रुप में एक स्टॉक में पैसा लगाने की राय दी गई. मोटे मुनाफे का पूरा गणित बता दिया गया.बस रजत ने आगापीछा सोचे बगैर झोंक दी मोटी पूंजी और बैठ गए कि अब होगा पैसा डबल, लेकिन ऐसा हुआ नहीं एक-दो दिन चढ़ने के बाद स्टॉक बुरी तरह गिरने लगा.
रजत की लगाई पूंजी का 80 फीसदी हिस्सा खत्म हो चुका है तो इससे ये सबक मिलता है कि बिना जांचे-परखे सोशल मीडिया के जरिए मिलने वाली टिप्स पर पैसा न लगाएं, लेकिन तमाम लोग इन हथकड़ों का शिकार हो जाते हैं. इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाजार की कम जानकारी होती है.
सेबी ने 6 लोगों को प्रतिबंधित किया
शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने हाल में ही एक ऐसा मामला पकड़ा है जिसमें कुछ लोग अपने फायदे के लिए सोशल मीडिया के जरिए लोगों का पैसा शेयर बाजार में फंसाते थे. सेबी ने इस मामले में 6 लोगों को पूंजी बाजार में प्रतिबंधित भी कर दिया है.
सेबी ने जिस मामले में यह कार्रवाई की है, उसे लेकर जुलाई और अक्टूबर में शिकायत मिली थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाने के लिए ट्विटर और टेलीग्राम पर सलाह देकर शेयरों की कीमतों को बनावटी तौर पर प्रभावित कर रहे हैं तो आप समझ लीजिए कि कुछ इस तरह से आपको चूना लगाने की तैयारी होती है.
मोटे मुनाफे के नाम पर आपका पैसा डुबोने वाले लोग छोटी-छोटी कंपनियों को चुनकर उनके शेयरों को बड़ी मात्रा में खरीदने की सोशल मीडिया के जरिए सलाह देते हैं.
आमतौर पर सोशल मीडिया पर सलाह देने से पहले ये लोग कंपनी के शेयर खुद खरीदकर रख लेते हैं और सोशल मीडिया पर सलाह के बाद जब शेयर भागता था तो मुनाफा बटोर अपने शेयर बेचकर निकल जाते हैं.
इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, ईमेल, ट्विटर, फेसबुक जैसे हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह से ठगी का मायाजाल क्या होता है स्टॉक मार्केट तथा शेयर मार्केट चलाया जा रहा है.
आपके पैसे के साथ खिलवाड़ करने वाले ये लोग अपने यहां एनालिस्ट्स और रिसर्चर्स के होने का भी दावा करते हैं..बस लोग यहीं फंस जाते हैं. झटपट पैसा कमाने के लालच में तमाम निवेशक इनके झांसे में फंस जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई डुबा बैठते हैं.
बाजार के जानकार आम निवेशकों को इस तरह के लोगों से बचने की सलाह दे रहे हैं जो अपने फायदे के लिए किसी और को फंसा देते हैं. सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी रिसर्च हेड येशा शाह का कहना है कि महामारी के दौर में शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहा है और कई लोग खुद को मार्केट एक्सपर्ट मानने लगे है.
ऐसे ही कुछ तथाकथित मार्केट एक्सपर्ट जो सेबी में रजिस्टर भी नहीं हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से निवेशकों को शेयर खरीदने या बेचने का ज्ञान दे रहे हैं. कुछ लोग तो अपने फायदे के लिए निवेशकों को ठग रहे हैं.
निवेशक भी मुनाफा चूकने के डर से ऐसे लोगों के झांसे में फंसकर नुकसान उठा रहे हैं. निवेशकों को ठगने वालों के खिलाफ सेबी तो कार्रवाई कर ही रहा है लेकिन निवेशकों को भी सावधान रहने की जरूरत है.
मनी 9 की भी यही सलाह है, लालच में आकर ऐसे लोगों के जाल में न फंसें जो अपने फायदे के लिए आपका पैसा मार्केट में फंसा दें. सोशल मीडिया से मिली सलाह पर शेयर बाजार में पैसा लगाना भी ठीक नहीं है. पैसा लगाने से पहले या तो निवेशक खुद रिसर्च करें या सेबी से मान्यता प्राप्त सलाहकार की मदद लें.