ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स? रोज़ पैसे कमाए [2022] | Intraday Trading Tips in Hindi
दोस्तों क्या आप इंट्राडे ट्रेडिंग के बहुत सारे टिप्स को जानकर शेयर मार्किट से करोड़ों रुपए कमाना चाहते हैं अगर हाँ तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए ही है क्यूंकि इस पोस्ट में मैंने इंट्राडे ट्रेडिंग के कई सारे टिप्स को बताया है – Intraday Trading Tips in Hindi.
Table of Contents
इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स – Intraday Trading Tips in Hindi
रेगुलर शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा है. घाटे से बचने के लिए, विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए, इस तरह के ट्रेडिंग की मूल बातें समझना महत्वपूर्ण है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको केवल उतनी ही राशि का निवेश करें जो की अगर डूब जाए तो आप उसे सह सके.
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? – Intraday Trading Kya Hai in Hindi
जब कोई निवेशक किसी एक शेयर को खरीदकर वह उस शेयर को उसी दिन मार्किट बंद होने से पहले बेच देता है तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. इसमें आप एक ही दिन में लाखों रूपए भी कमा सकते हो और गवां भी सकते हो इसलिए आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होना काफी जरुरी है
नीचे दी गयी इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स से निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी.
दो या तीन लिक्विड शेयर चुनें
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडिंग समय के अंत से होने से पहले सभी शेयर्स को बेचना होता है. यही कारण है कि दो या तीन लार्ज-कैप शेयरों को चुनने की सिफारिश की जाती है जो अत्यधिक तरल अर्थात जिसमे ज्यादा पैसा लगा होता हैं. मिड-साइज़ या स्मॉल-कैप में निवेश करने से निवेशक को कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण इन शेयरों को रखना पड़ सकता है.
प्रवेश और Target Price निश्चित करें
प्रवेश स्तर का मतलब है ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है? आप किसी शेयर को कितने price में खरीदना चाहते हैं और लक्ष्य मूल्य (Target Price) का अर्थ है आप उसी शेयर को कितने price पर बेचना चाहते हैं.
कोई भी शेयर खरीदने से पहले, आपको अपना प्रवेश स्तर (Entry Level) और लक्ष्य मूल्य (Target Price) निर्धारित करना होगा. शेयर खरीदने के बाद किसी व्यक्ति के मनोविज्ञान में बदलाव आना आम बात है. नतीजतन, आप कीमत में मामूली वृद्धि देखने पर भी बेच सकते हैं. इसके कारण, आप मूल्य वृद्धि के कारण उच्च लाभ का लाभ उठाने का अवसर खो सकते हैं.
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कम प्रभाव के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग करें
यदि शेयर कीमत एक निर्धारित सीमा से नीचे आती है तब स्टॉप लॉस का उपयोग शेयरों को स्वचालित (Automatic) रूप से बेचने के लिए किया जाता है, यह स्टॉक की कीमतों में गिरावट के कारण निवेशकों के लिए होने वाले नुकसान को कम करने में फायदेमंद है.
जिन निवेशकों ने शॉर्ट सेलिंग का इस्तेमाल किया है अगर शेयर की कीमत उनकी उम्मीदों से अधिक हो जाती है उनके लिए स्टॉप लॉस नुकसान को कम करता है. यह इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति यह सुनिश्चित करती ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है? है कि आपके निर्णय से भावनाएं समाप्त हो जाएं.
लक्ष्य पूरा होने पर अपना मुनाफा बुक करें
अधिकांश दिन व्यापारी भय या लालच से पीड़ित होते हैं. निवेशकों के लिए न केवल ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है? अपने घाटे में कटौती करना महत्वपूर्ण है, बल्कि लक्ष्य मूल्य (Target Price) तक पहुंचने के बाद अपना मुनाफा भी बुक करना है. यदि व्यक्ति को लगता है कि स्टॉक की कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना है, तो इस उम्मीद से मेल खाने के लिए स्टॉप लॉस ट्रिगर को फिर से adjust किया जाना चाहिए.
अपनी इच्छा सूची पर अच्छी तरह से शोध करें
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी इच्छा सूची (जो शेयर खरीदना हैं) में 8 से 10 शेयरों को शामिल करें और इन पर गहराई से शोध करें. कॉर्पोरेट घटनाओं, जैसे विलय, बोनस तिथियां, स्टॉक विभाजन, लाभांश भुगतान इत्यादि के बारे में उनके तकनीकी स्तरों के साथ जानना महत्वपूर्ण है. प्रतिरोध (Resistance) और समर्थन (Support) स्तर खोजने के लिए इंटरनेट का उपयोग करना भी फायदेमंद होगा.
बाजार के खिलाफ मत जाओ
यहां तक कि उन्नत उपकरणों वाले अनुभवी पेशेवर (Expert) भी बाजार के उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे समय होते हैं जब सभी तकनीकी कारक (Factors) बुल मार्केट को दर्शाते हैं; हालाँकि, अभी भी गिरावट हो सकती है. ये कारक केवल सांकेतिक हैं और कोई गारंटी नहीं देते हैं. यदि बाजार आपकी अपेक्षाओं के विरुद्ध चलता है, तो भारी नुकसान से बचने के लिए अपनी स्थिति से बाहर निकलना महत्वपूर्ण है.
निवेश रणनीति की योजना बनाएं और उस पर टिके रहें
हर बार जब आप ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है? कोई ट्रेड शुरू करते हैं, तो इसके लिए यह महत्वपूर्ण होता है कि आपके पास इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें, इसकी स्पष्ट योजना होनी चाहिए. Trading शुरू करने से पहले प्रवेश और निकास मूल्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है.
स्टॉप लॉस ट्रिगर का उपयोग करके अपनी स्थिति पर संभावित नुकसान को कम करना सबसे महत्वपूर्ण इंट्राडे ट्रेडिंग युक्तियों में से एक है. इसके अलावा, एक बार जब स्टॉक लक्ष्य मूल्य प्राप्त कर लेता है, तो उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपनी स्थिति को बंद कर दें, और लालची न हों और उच्च लाभ की उम्मीद करें.
छोटी मात्रा में निवेश करें
Trading बाजार अस्थिर हैं और अनुभवी पेशेवरों के लिए भी Trends की भविष्यवाणी करना आसान नहीं है. ऐसी स्थितियों में, शुरुआती आसानी से अपना सारा निवेश खो सकते हैं. यही कारण है कि एक महत्वपूर्ण इंट्राडे टिप छोटी रकम का निवेश करना है जिसे उपयोगकर्ता खोने का जोखिम उठा सकता है.
तरल (Liquid) स्टॉक चुनें
इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, शेयर बाजार की मूल बातें और मौलिक और तकनीकी विश्लेषणों को समझने की सिफारिश की जाती है. इंटरनेट पर बहुत सारे शोध उपलब्ध हैं और इसे पढ़ने के लिए समय निकालना फायदेमंद होगा. इसके अलावा, ऐसे सैकड़ों स्टॉक हैं जिनका इक्विटी बाजारों में कारोबार होता है और व्यापारियों को केवल दो या तीन तरल शेयरों का ही व्यापार करना चाहिए. लिक्विड स्टॉक वे शेयर होते हैं जिनकी इंट्राडे मार्केट में काफी अध्क मात्रा होती है. यह व्यापारियों को ट्रेडिंग सत्र के अंत से पहले खुली स्थिति से बाहर निकलने की अनुमति देता है.
हमें आशा है की यह पोस्ट पढ़ने के बाद आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के टिप्स () के बारे में पता चल गया होगा और आप यह भी जान गए होंगे की इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?
विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.
स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? (What is Swing Trading?)
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) ट्रेडिंग की एक शैली है जो कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक स्टॉक (या किसी भी वित्तीय साधन) में लघु से मध्यम अवधि के लाभ को पकड़ने का प्रयास करती है। व्यापार के अवसरों की तलाश के लिए स्विंग व्यापारी मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
मूल्य प्रवृत्तियों और पैटर्न का विश्लेषण करने के अलावा स्विंग व्यापारी मौलिक विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं।
प्रमुख बिंदु :
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में एक प्रत्याशित मूल्य चाल से लाभ के ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है? लिए कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक चलने वाले ट्रेडों को शामिल किया जाता है।स्विंग ट्रेडिंग एक व्यापारी को रात भर और सप्ताहांत के जोखिम के लिए उजागर करती है, जहां कीमत में अंतर हो सकता है और बाजार अगले सत्र को काफी अलग कीमत पर खुल सकता है।
स्विंग ट्रेडर्स स्टॉप लॉस (Stop Loss) और प्रॉफिट टारगेट के आधार पर एक स्थापित जोखिम/इनाम अनुपात का उपयोग करके लाभ ले सकते हैं, या वे तकनीकी संकेतक या मूल्य कार्रवाई आंदोलनों के आधार पर लाभ या हानि ले सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग को समझना ( Understanding Swing Trading)
आमतौर पर, स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में एक से अधिक ट्रेडिंग सत्र के लिए या तो लंबी या छोटी स्थिति धारण करना शामिल होता है, लेकिन ये आमतौर पर कई हफ्तों ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या है? या कुछ महीनों से अधिक नहीं होता है। यह एक सामान्य समय सीमा है, क्योंकि कुछ ट्रेड कुछ महीनों से अधिक समय तक चल सकते हैं, फिर भी व्यापारी उन्हें स्विंग ट्रेडों पर विचार कर सकते हैं। स्विंग ट्रेड एक ट्रेडिंग सत्र के दौरान भी हो सकते हैं, हालांकि यह एक दुर्लभ परिणाम है जो अत्यंत अस्थिर परिस्थितियों के कारण होता है।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का लक्ष्य संभावित मूल्य चाल के एक हिस्से पर कब्जा करना है। जबकि कुछ व्यापारी बहुत सारे आंदोलन के साथ अस्थिर स्टॉक की तलाश करते हैं और कुछ अन्य व्यापारी अधिक शांत स्टॉक पसंद कर सकते हैं। किसी भी मामले में, स्विंग ट्रेडिंग यह पहचानने की प्रक्रिया है कि किसी परिसंपत्ति की कीमत आगे बढ़ने की संभावना है और स्टॉक एक स्थिति में प्रवेश कर रहा है, और फिर उसमे व्यापारी को लाभ दिख रहा है।
सफल स्विंग ट्रेडर केवल अपेक्षित मूल्य चाल के एक हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं, और फिर अगले अवसर पर आगे बढ़ते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ( Advantages and Disadvantages of Swing Trading)
कई स्विंग ट्रेडर ट्रेडों का मूल्यांकन जोखिम/इनाम के आधार पर करते हैं। एक परिसंपत्ति के चार्ट का विश्लेषण करके वे निर्धारित करते हैं कि वे कहां प्रवेश करेंगे, जहां वे स्टॉप लॉस (Stop Loss) रखेंगे, और फिर अनुमान लगाएंगे कि वे लाभ के साथ कहां से बाहर निकल सकते हैं। यदि वे एक सेटअप पर ₹ 1 प्रति शेयर का जोखिम उठा रहे हैं जो उचित रूप से ₹ 3 लाभ उत्पन्न कर सकता है, तो यह एक अनुकूल जोखिम/इनाम अनुपात है। दूसरी ओर, केवल ₹1 को जोखिम में डालकर ₹ 0.75 बनाना उतना अनुकूल नहीं है।
ट्रेडों की अल्पकालिक प्रकृति के कारण, स्विंग व्यापारी मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं। विश्लेषण को बढ़ाने के लिए मौलिक विश्लेषण का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर किसी स्टॉक में तेजी की स्थिति देखता है, तो वे यह सत्यापित करना चाहते हैं कि परिसंपत्ति के मूल तत्व अनुकूल दिखते हैं या इसमें सुधार भी हो रहा है।
स्विंग ट्रेडर्स अक्सर दैनिक चार्ट पर अवसरों की तलाश करेंगे और सटीक प्रविष्टि, स्टॉप लॉस (Stop Loss) और टेक-प्रॉफिट स्तर खोजने के लिए 1-घंटे या 15-मिनट के चार्ट देख सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग की योग्यता :
इसे दिन के कारोबार की तुलना में व्यापार करने के लिए कम समय की आवश्यकता होती है।
यह बाजार के बड़े उतार-चढ़ाव पर कब्जा करके अल्पकालिक लाभ क्षमता को अधिकतम करता है।
व्यापारी विशेष रूप से तकनीकी विश्लेषण पर भरोसा कर सकते हैं, व्यापार प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के दोष :
व्यापार की स्थिति रातोंरात और सप्ताहांत बाजार जोखिम के अधीन हैं।
बाजार में अचानक उलटफेर से काफी नुकसान हो सकता है।
स्विंग ट्रेडर्स अक्सर शॉर्ट-टर्म मार्केट मूव्स के पक्ष में लंबी अवधि के रुझानों को याद करते हैं।
What is Target - Stop loss in share market | Stop Loss और Target क्या होता है ?
शेयर मार्केट (share market) में निवेश के लिए स्टॉपलॉस (Stop loss) और टारगेट (Target) काफी महत्वपूर्ण रहते हैं। शेयर मार्केट में आने से पहले आपको यह बात पता होनी चाहिए कि शेयर मार्केट में जितना फायदा हो सकता है उतना ही आपको नुकसान भी शेयर मार्केट में हो सकता है ।
अगर आपको पता नहीं है कि स्टॉपलॉस और टारगेट क्या होता है तो आपके लिए यह बात जानना बेहद जरूरी है । आइए इसका मतलब जानने की कोशिश करते हैं । किसी भी शेयर का स्टॉप लॉस वह मूल्य है जिससे ज्यादा आप को नुकसान नहीं हो सकता । आइए इसको एक उदाहरण से समझे है ।
मान लीजिए कि आपने किसी कंपनी का शेयर ₹100 में खरीदा है और उसका टारगेट प्राइस ₹150 रखा है और इसका स्टॉपलॉस प्राइस आपने ₹70 रखा है तो इसका मतलब यह है कि अगर यह शेर ₹70 के नीचे जाएगा तो आपकी पोजीशन वहां से कट कर दी जाएगी मतलब की आपको उससे ज्यादा लॉस नहीं हो सकता और ठीक वैसे ही आपने टारगेट प्राइस 130 रखा है इसका मतलब यह है कि अगर शेयर 130 की टारगेट प्राइस तक पहुंचता है तो आपका प्रॉफिट वहां से बुक हो जाएगा ।
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से शेयर करें ताकि उनको भी शेयर मार्केट की जानकारी मिल सके ।
What is Target - Stop loss in share market | Stop Loss और Target क्या होता है ? Reviewed by Share Market Help on मार्च 03, 2021 Rating: 5
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है – What is intraday trading 2022
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ? जब आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हो और उससे अच्छा रिटर्न मिलने के बाद बेच देते है लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग का एक ऐसा जरिया है जिसमें आपको ज्यादा दिनों का इंतजार नहीं करना पड़ता है बल्कि आप एक ही दिन में मार्केट से प्रॉफिट निकाल सकते है इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर आपको एक ही दिन मे किसी कंपनी के शेयर को खरीदना है और उसी दिन बेच देना है इसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं अब चलिए मैं आपको बताता हूं की इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर आपको कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है – what is intraday trading
यह शेयर मार्केट से पैसे कमाने का एक ऐसा तरीका है जिसमें आपको सप्ताह, महीना और सालों का इंतजार नहीं करना पड़ता है बल्कि आपको एक ही दिन में प्रॉफिट मिल जाता है दोस्तों आप भी इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसा कमाना शुरू कर सकते हैं
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए वरना आपका पैसा डूब भी सकता है वह कौन से महत्वपूर्ण पहलू है जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए चलिए मैं आपको बताता हूं लेकिन इससे पहले जानते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें – how to do intraday trading
Intraday Day Trading करने के लिए आपके पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है इसी के ऊपर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले हैं इसके साथ ही आपके पास एक लैपटॉप या पर्सनल कंप्यूटर होना आवश्यक है जिसके ऊपर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को एनालिसिस करना पड़ता है वैसे यह काम आप मोबाइल से भी कर सकते हैं लेकिन कंप्यूटर या लैपटॉप हो तो सोने पर सुहागा हो जाएगा,
इसके अलावा आपके पास एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन होना आवश्यक है अब आपको इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए 9:15 से 3:30 तक का समय मिलता है इसी समय के अंदर आपको किसी एक कंपनी के स्टॉक को खरीदना और बेचना होता है,
इंट्राडे शेयर कैसे खरीदें – how to buy intraday shares
यह तो समझ लिया की इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है, अब जानते हैं कि आपको इंट्राडे के लिए शेयर खरीदने के 1 दिन पहले कुछ शेयर का चुनाव करना होता है,
अब आपको इन चुने गए शेयर को एनालिसिस करना होता है जैसे कि टेक्निकल एनालिसिस जिसमें यह शेयर कहां पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस ले रहा है कहां पर शेयर की ट्रेंडलाइन टूट रही है आदि ऐसी कई सारी बातें टेक्निकल एनालिसिस के अंदर आती हैं यह एनालिसिस आपको इंट्राडे के लिए शेयर का चुनाव करते समय करना होता है
आप न्यूज़ पढ़ कर जैसे कि कौन सी कंपनी को अच्छा प्रॉफिट हुआ है या किसी कंपनी से संबंधित कोई अच्छी न्यूज़ आती है ऐसे शेयर को आप अपनी वॉच लिस्ट में ऐड कर सकते हैं इन बातों का ध्यान रखकर आप इंट्राडे ट्रेनिंग के लिए शेयर का चुनाव कर सकते हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे
यहां से आप रोज पैसा कमा सकते है
No Risk
इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर जब मार्केट बंद हो जाता है उसके बाद आप को नुकसान नहीं हो सकता क्योंकि मार्केट के बंद होने से पहले यदि आप अपनी शेर को बेच देते हैं या फिर नहीं भी बेचते हैं तो भी आपका शेयर ऑटोमेटिक बिक जाता है जिससे आपको बाद में कोई भी नुकसान नहीं हो सकता है
डे ट्रेडिंग के अंदर आपको बहुत ज्यादा समय का इंतजार नहीं करना पड़ता है क्योंकि यहां पर आप एक ही दिन में शेयर को खरीदते और बेच भी देते है हैं और उसी दिन अपना मुनाफा मार्केट से निकाल लेते हैं
आप इंट्राडे ट्रेडिंग की कम पैसों के साथ भी शुरुआत कर सकते हैं क्योंकि यहां पर आपको ज्यादा समय का इंतजार नहीं करना पड़ता है
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान – Advantages of intraday trading
- आपको बिना सीखें इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए क्योंकि यहां पर आपके पैसे के डूबने का खतरा बना रहता है
- इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय आपको अपने खुद पर कंट्रोल करना भी आना चाहिए क्योंकि यहां पर जब आपके टारगेट से ऊपर शेयर की प्राइस जाती है तो वहां पर ऑटोमेटिक लालच आ जाता है जिसके कारण आप उस शेयर से नहीं निकल पाते है
- आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अच्छे शेयर का चुनाव करना आना चाहिए वरना आप किसी गलत कंपनी के शेयर में फंस सकते हैं
- दूसरों की टिप्स पर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए वरना आपको काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है
इंट्राडे ट्रेडिंग नियम – intraday trading rules
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास 1 दिन पहले ही एक ट्रेडिंग प्लान होना आवश्यक है जिसके अंदर आपको उन शेर की लिस्ट बनानी होती है जो आप दूसरे दिन ट्रेड करने वाले है इसके साथ ही आप उन शेयर के अंदर कब एंट्री लेने वाले हैं और कब निकलने वाले हैं यह सारा कुछ लिखा हुआ होना चाहिए
प्रॉफिट निकालना
आपको इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय एक बार प्रोफिट होने के बाद उसे निकालना आना चाहिए क्योंकि कई सारे लोग एक बार प्रोफिट होने के बाद भी लालच के कारण उस शेयर से नहीं निकल पाते हैं और उनको नुकसान हो जाता है इसलिए हमेशा जो प्रॉफिट हो रहा है उसे लेना सीखें
स्टॉप लॉस
आप अपना ट्रेंनिंग प्लान बनाते समय जिन शेयर का चुनाव करते हैं उन शेयर का एक निश्चिंत स्टॉपलॉस भी डिसाइड करें क्योंकि यदि वह शेयर आप के बनाए हुए प्लान के अनुसार नहीं चला तो आपका स्टॉप लॉस आपको ज्यादा नुकसान होने से बचा लेगा
ओवरट्रेडिंग
जब आपको एक बार इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय प्रॉफिट हो जाता है तो आप ज्यादा ट्रेड नहीं करें क्योंकि इससे आपका कमाया हुआ पैसा भी आपके हाथ से निकल जाता है और कई बार तो कमाए हुए के साथ आपकी कैपिटल का भी पैसा लॉस में कन्वर्ट हो जाता है इसलिए आप ज्यादा ओवरट्रेडिंग नहीं करें
अपने आप पर काबू
दोस्तों अधिकांश लोगों के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय खुद पर कंट्रोल नहीं रह पाता है क्योंकि जब उनको किसी शेयर की कीमत बढ़ती हुई नजर आती है तो वह सोचते हैं कि यह और ऊपर जाएगा जिसके कारण वह उस शेयर से नहीं निकल पाते हैं इसके बाद अचानक वह शेयर नीचे गिर जाता है और उनको नुकसान हो जाता है
ऐसे ही जब कोई शेयर नीचे गिरता है तो वह लोग सोचते हैं कि यह इससे ज्यादा नीचे नहीं जाएगा जिसके कारण रहे अपना स्टॉप लॉस लगाने के बाद भी उस शेयर से नहीं निकल पाते हैं और वह शहर और नीचे चला जाता है जिसके कारण उनको काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय सबसे ज्यादा खुद पर काबू पाना आना चाहिए
4 thoughts on “इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है – What is intraday trading 2022”
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nice afternoon!