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क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु

क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु

माल्टा में क्रिप्टो-मुद्राओं के कराधान की परिभाषा और दृष्टिकोण

माल्टा के राजस्व आयुक्त ने वितरित खाता प्रौद्योगिकी ('डीएलटी') परिसंपत्तियों के कर उपचार के संबंध में तीन दिशानिर्देश जारी किए हैं। प्रत्येक दिशानिर्देश एक अलग कर से संबंधित है: आयकर, वैट, और दस्तावेजों और स्थानान्तरण पर देय शुल्क।

डीएलटी आस्तियों की श्रेणियाँ

कराधान के प्रयोजनों के लिए डीएलटी परिसंपत्तियों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है:

  • सिक्के - यह श्रेणी डीएलटी संपत्तियों को संदर्भित करती है, जिसमें सुरक्षा की कोई विशेषता नहीं है, जिसका जारीकर्ता से संबंधित किसी भी परियोजना या इक्विटी से कोई संबंध नहीं है, और जिसकी उपयोगिता, मूल्य या आवेदन सीधे माल या सेवाओं के मोचन से संबंधित नहीं है। . कार्यात्मक रूप से सिक्के 'फिएट मुद्राओं' के क्रिप्टोग्राफिक समकक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • वित्तीय टोकन - यह श्रेणी इक्विटी, डिबेंचर, सामूहिक निवेश योजनाओं या डेरिवेटिव में इकाइयों के समान विशेषताओं वाली डीएलटी परिसंपत्तियों को संदर्भित करती है, और इसमें वित्तीय साधन शामिल हैं। आम तौर पर, उन्हें 'सुरक्षा', 'संपत्ति' या 'संपत्ति-समर्थित' टोकन के रूप में जाना जाता है। वैकल्पिक रूप से, ऐसे टोकन प्रदर्शन या मतदान अधिकारों के आधार पर संभावित इनाम प्रदान कर सकते हैं, या संपत्ति में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, या संपत्ति द्वारा सुरक्षित अधिकार, जैसे कि संपत्ति-समर्थित टोकन, या उपरोक्त के संयोजन में।
  • उपयोगिता टोकन - यह श्रेणी एक डीएलटी परिसंपत्ति को संदर्भित करती है जिसका उपयोग, मूल्य या अनुप्रयोग केवल डीएलटी प्लेटफॉर्म के भीतर या डीएलटी प्लेटफॉर्म के सीमित नेटवर्क के भीतर वस्तुओं या सेवाओं के अधिग्रहण तक ही सीमित है। इस श्रेणी में अन्य सभी डीएलटी परिसंपत्तियां भी शामिल हैं जो टोकन हैं और जिनका उपयोग केवल वस्तुओं या सेवाओं के अधिग्रहण तक ही सीमित है, चाहे वह डीएलटी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो या नहीं। उनका जारीकर्ता की इक्विटी से कोई संबंध नहीं है और उनमें सुरक्षा की विशेषताएं नहीं हैं।

प्रासंगिक टोकन के नियमों और शर्तों के आधार पर, टोकन में वित्तीय और उपयोगिता टोकन की विशेषताएं शामिल होना संभव हो सकता है। इस मामले में टोकन को 'हाइब्रिड' के रूप में संदर्भित किया जाता है और कराधान इस बात पर निर्भर करेगा कि हाइब्रिड टोकन का उपयोग कैसे किया जाता है; एक वित्तीय टोकन के रूप में, एक उपयोगिता टोकन के रूप में, या एक सिक्के के रूप में।

डीएलटी संपत्तियों का आयकर उपचार

आयकर के संदर्भ में डीएलटी परिसंपत्तियों से जुड़े लेनदेन को किसी अन्य लेनदेन की तरह ही माना जाता है, गतिविधियों की प्रकृति, पार्टियों की स्थिति और विशेष मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों के संदर्भ में।

अंततः, किसी भी प्रकार की डीएलटी संपत्ति का कर उपचार उसके वर्गीकरण द्वारा निर्धारित नहीं किया जाएगा, बल्कि उस उद्देश्य और संदर्भ पर निर्भर करेगा जिसमें इसका उपयोग किया जाता है।

जब कोई भुगतान क्रिप्टोक्यूरेंसी में किया जाता है या प्राप्त किया जाता है तो इसे आयकर उद्देश्यों के लिए किसी अन्य मुद्रा में भुगतान के रूप में माना जाता है। तदनुसार, उन व्यवसायों के लिए जो क्रिप्टोक्यूरेंसी में वस्तुओं या सेवाओं के लिए भुगतान स्वीकार करते हैं, राजस्व की पहचान होने या कर योग्य लाभ की गणना करने के तरीके में कोई बदलाव नहीं होता है। वही पारिश्रमिक के भुगतान पर लागू होता है, जैसे वेतन या मजदूरी, जिसे सामान्य सिद्धांतों के संदर्भ में कर योग्य माना जाता है। जब कोई भुगतान किसी वित्तीय या उपयोगिता टोकन के हस्तांतरण के माध्यम से किया जाता है, तो इसे किसी अन्य 'वस्तु के रूप में भुगतान' के रूप में माना जाता है।

आयकर के प्रयोजन के लिए, डीएलटी परिसंपत्तियों से जुड़े लेनदेन का मूल्यांकन डीएलटी परिसंपत्ति के बाजार मूल्य के संदर्भ में किया जाता है:

  • प्रासंगिक माल्टीज़ प्राधिकरण द्वारा स्थापित दर, OR (यदि ऐसी दर उपलब्ध नहीं है);
  • प्रासंगिक लेनदेन या घटना की तारीख पर एक प्रतिष्ठित एक्सचेंज पर औसत उद्धृत मूल्य के संदर्भ में, या;
  • अन्य कार्यप्रणाली जो राजस्व के माल्टीज़ आयुक्त की आवश्यकताओं को पूरा करती है।

डीएलटी परिसंपत्तियों से जुड़े लेनदेन के लिए सामान्य कर सिद्धांतों के आवेदन के उदाहरण

डीएलटी सिक्कों से जुड़े लेनदेन का कर उपचार कानूनी मुद्रा से जुड़े लेनदेन के कर उपचार के समान है। सिक्कों के आदान-प्रदान से प्राप्त लाभ को उसी तरह माना जाता है जैसे कि फिएट मुद्रा के आदान-प्रदान से प्राप्त लाभ। क्रिप्टोक्यूरेंसी के खनन से राजस्व खाते में लाभ और/या लाभ, आय का प्रतिनिधित्व करते हैं। डीएलटी सिक्के पूंजीगत लाभ कर के दायरे से बाहर हैं।

वित्तीय टोकन रखने से प्राप्त रिटर्न, उदाहरण के लिए, लाभांश, ब्याज, प्रीमियम आदि जैसे भुगतान, एक क्रिप्टोकुरेंसी में या किसी अन्य मुद्रा में, या वस्तु के रूप में, कर उद्देश्यों के लिए आय के रूप में माना जाता है।

  • वित्तीय और उपयोगिता टोकन का हस्तांतरण

एक वित्तीय या उपयोगिता टोकन के हस्तांतरण का कर उपचार, इस पर निर्भर करता है कि हस्तांतरण एक व्यापारिक लेनदेन है या पूंजीगत संपत्ति का हस्तांतरण है।

यदि स्थानांतरण एक व्यापारिक लेनदेन है, तो प्रतिफल को राजस्व खाते में रसीद के रूप में माना जाएगा और इसे व्यापारिक लाभ के रूप में माना जाएगा।

वित्तीय टोकन के हस्तांतरण के मामले में, यदि यह एक व्यापारिक लेनदेन नहीं है, तो स्थानांतरण पूंजीगत लाभ कर के दायरे में आ सकता है।

वित्तीय टोकन (या टोकन जनरेशन इवेंट) की प्रारंभिक पेशकश में आमतौर पर पूंजी जुटाना शामिल होता है। इस तरह के मुद्दे की आय को जारीकर्ता की आय के रूप में नहीं माना जाता है और पूंजीगत लाभ कर के प्रयोजनों के लिए नए टोकन के मुद्दे को हस्तांतरण के रूप में नहीं माना जाता है। सेवाओं के प्रावधान या माल की आपूर्ति से प्राप्त लाभ या लाभ आय का प्रतिनिधित्व करेंगे।

वैट के संबंध में, डीएलटी परिसंपत्तियों से जुड़े लेनदेन का विश्लेषण किसी अन्य लेनदेन की तरह ही किया जाता है, जिसमें वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के स्थान को हमेशा ध्यान में रखा जाता है।

  • दस्तावेज़ों और स्थानान्तरण पर शुल्क

जब एक हस्तांतरण में डीएलटी संपत्तियां शामिल होती हैं जिनकी 'विपणन योग्य प्रतिभूतियों' के समान विशेषताएं होती हैं, तो वे माल्टा 'दस्तावेज़ों और हस्तांतरण अधिनियम पर शुल्क' के प्रावधानों के अनुसार कर्तव्य के अधीन होते हैं।

अतिरिक्त जानकारी

यदि आप इस विषय पर अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया माल्टा में डिक्सकार्ट कार्यालय से संपर्क करें:सलाह[email protected] या आपका सामान्य डिक्सकार्ट संपर्क।

Xplained: जानिए कैसे दूसरे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को किया जाता है रेग्युलेट

Xplained: दुनिया के कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को Legal Tender के तौर पर मान्यता दे रखी है. तो कुछ मान्यता देने को लेकर उहापोह की स्थिति में है. भारत क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है.

By: ABP Live | Updated at : 25 Nov 2021 08:06 PM (IST)

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर नकेल कसने के लिये सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आ रही है. इस बिल को संसद से मंजूरी मिलने के बाद ये कानून का शक्ल लेगा जिसके तहत देश में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त डिजिटल करेंसी ( Digital Currency) को लॉन्च किये जाने का फ्रेमवर्क तैयार हो जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) को लेकर पेश किया जाने वाले बिल में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी ( Private Cryptocurrency ) पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने और ट्रेड करने की सरकार इजाजत दे सकती है. क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिये बिल लाने की खबर के बाद स्थानीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बड़ी गिरावट देखने को मिली. माना जा रहा है बैन लगने के डर से पैनिक में आकर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने वाले निवेशक बिकवाली करने लगे. भारत में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि कुछ देशों में इसे लेकर जरुर नियम बनाये गये हैं आइए डालते हैं नजर.

कैसे दुनिया के अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट किया जाता है?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देशों और रेग्युलेटरों का अलग अलग रुख रहा है. कुछ इन एसेट्स पर पूरी तरह प्रतिबंध के पक्षधर रहे हैं तो कुछ इन्हें रेग्युलेशन के साथ ऑपरेट करने दिये जाने के पक्ष में है. कुछ देश किसी गाइडलाइंस के अभाव में इन वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग को जारी रखने के पक्ष में है.

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सरकार और रेग्युलेटर्स में मतभेद

क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी माना जाये या फाइनैंसिल एसेट इसे लेकर सरकारें और रेग्युलेटर्स के बीच भारी मतभेद है. साथ ही इनके ऑपरेशंस पर कैसे नियंत्रण रखा जाये इसे लेकर भी आपसी सहमति नहीं है. El Salvador जैसे देश ने बिट्कॉइन को लीगल करेंसी की इजाजत दे दी है तो चीन ने पूरी तरह से इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. चीन ने क्रिप्टोकरेंसी और उसकी सेवाएं देने वालों के खिलाफ कड़े नियम बना रखे हैं.

भारत अभी उलझन में

भारत जैसे देश अभी भी उलझन में हैं और बीच की नीति अपनाना चाहते हैं. भारत क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के साथ पॉलिसी बनाकर उसे इजाजत दिये जाने के पक्ष में है. अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में रेग्युलेटरी मैनडेट को दरकिनार करते हुये इसे लेकर चर्चा जारी है.

कनाडा ने क्रिप्टो को अपनाया

जिन देशों ने विस्तृत नियम जारी नहीं किए हैं, उनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने इन करेंसी को पहचाना और परिभाषित भी किया है. उदाहरण के लिये कनाडा Money Laundering और Terrorist Financing Regulations के तहत इस प्रकार क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित करता है. इस साल जून में थॉमसन रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा क्रिप्टो के शुरुआती अपनाने वालों में से एक रहा है, और कनाडा राजस्व प्राधिकरण (सीआरए) आम तौर पर देश के आयकर अधिनियम के प्रयोजनों के लिए क्रिप्टोकरेंसी को एक वस्तु की तरह मानता है.

कुछ देशों ने दी है मान्यता

इजरायल ने अपने फाइनैंशियल सर्विस कानून के तहत फाइनैंशियल एसेट्स के तौर पर वर्चुअल करेंसी को शामिल कर लिया है. इजरायल ने सिक्य़ोरिटी रेग्युलेटर ने क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षा से जुड़ा वस्तु मानता है. वहीं इजरायल के टैक्स अथॉरिटी ने क्रिप्टोकरेंसी को फाइनैंशियल एसेट मानते हुये उसपर 25 फीसदी कै कैपिटल गेन टैक्स लगा दिया है.

जर्मनी के फाइनैंशियल सुपरवाइजरी अथॉरिटी ने ने वर्चुअल करेंसी को फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट मानते हुये यूनिट्स ऑफ अकाउंट माना है. The Bundesbank बिटकॉइन को क्रिप्टो टोकन मानता है जो कि करेंसी की तरह काम नहीं करता. हालांकि देश के नागरिक या कोई legal entities क्रिप्टोकरेंसी की खरीद बिक्री कर सकता है. हालांकि ये एक्सचेंज या फिर German Federal Financial Supervisory Authority से लाइसेंस प्राप्त लोगों के जरिये ही किया जा सकता है.

अमेरिकी सरकार ने नहीं दी है मान्यता

UNITED KINGDOM में क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी या मुद्रा के तौर पर मान्यता हासिल नहीं है. इसलिये उसे किसी भी प्रकार के निवेश के तरीके या पेमेंट करने के तौर मान्यता हासिल नहीं है. अमेरिका में अलग अलग राज्यों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अलग अलग तरीके से परिभाषित किया है. अमेरिकी सरकार ने अब तक क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दिया है. हालांकि कुछ राज्यों ने जरुर उसे मान्यता अपनी ओर से दिया हुआ है.

थाइलैंड में डिजिटल एसेट्स में कारोबार करने के लिये लाइसेंस लेना होता है और उसे financial institutions का दर्जा भी हासिल है. इस महीने की शुरूआत में थाईलैंड के सबसे पुराने बैंक Siam Commercial Bank ने Bitkub Online जो कि स्थानीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है उसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया है.

इनमें से ज्यादातर देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को legal tender नहीं माना है. हालांकि वे इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि आज की तारीख में इनकी कितनी वैल्यू है. इसलिये ये इन्हें एक्सचेंज का माध्यम या फिर यूनिट्स ऑफ अकाउंट मानते हैं. भारत की तरह कई देशों ने अपने सेंट्रल बैंक के जरिये डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.

कैसे काम करेगा डिजिटल करेंसी

आरबीआई अपना डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है. वॉलेट के जरिये ब्लॉकचेन की माध्यम इनका ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा. आरबीआई इसे रेग्युलेट करेगा. डिजिटल करेंसी का कॉसेप्ट पूरी तरह बिट्कॉइन से प्रेरित है. हालांकि ये डिसेंट्राईज्ड वर्चुअल करेंसी और क्रिप्टो एसेट्स से अलग है. डिसेंट्राईज्ड वर्चुअल करेंसी और क्रिप्टो एसेट्स किसी देश द्वारा जारी नहीं किया गया है और उसे मान्यता भी हासिल नहीं है.

सेंट्रल बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त डिजिटल करेंसी को निवेशक देश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के बाहर भी इसका ट्रांजैक्शन कर सकेंगे. इसके लिये कोई तीसरा पक्ष या बैंक की जरुरत नहीं होगी. कई देश इसे लेकर पॉयलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं. भारत यदि अपना डिजिटल करेंसी लॉन्च करता है तो इंटरनेशनल फाइनैंशियल मार्केट में रुपये की वैल्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी. डिजिटल करेंसी भी वर्चुअल करेंसी ही होगा लेकिन प्राइवेट डिजिटल करेंसी से अलग.

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Published at : 25 Nov 2021 07:50 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Bitcoin RBI parliament session parliament of india digital currency Explainer Xplained India to bring law on cryptocurrency Private Digital Currency to be banned Explaining हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क्रिप्टो सिस्टम को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है

क्रिप्टो करेंसी

किसी नई प्रणाली को यदि नियामक समर्थन न हो, रेगुलेशन का नियम न हो तो उस व्यवस्था के चलायमान रहने को लेकर शंकाएं पैदा होना स्वाभाविक है। क्रिप्टोकरेंसी भी इसी प्रकार की शंकाओं से ग्रस्त है और उसके प्रवाह को क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु व्यवस्थित करने वाली पूरी प्रणाली वास्तव में बहुसंख्यक आबादी के लिए अपारदर्शी है। यही कारण है कि इसे हाइप करने से इसके नीचे जाने का जोखिम था। ऐसा हो भी रहा है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी की पूरी व्यवस्था चरमरा रही है। क्रिप्टो के लिए परेशानी दिसंबर में शुरू हुई जब इसके सबसे बड़े बाजार भारत ने आभासी मुद्राओं पर अपना शिकंजा कसने का फैसला किया। उसके बाद अपरिपक्व निवेशकों ने बाजार से बाहर निकलना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे डाउनट्रेंड के कारण क्रिप्टो करेंसी के मूलभूत पहलुओं में गिरावट आई।

नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) जो किसी समय क्रिप्टो में निवेश करने वाले उत्साही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र था, अब उसमें केवल गिरावट देखी जा रही है। ध्यान देने वाली बात है कि इस वर्ष जनवरी में, दुनिया भर में $4.62 बिलियन के NFT बेचे गए। फरवरी में इसने असामान्य गिरावट दर्ज की, जब केवल 2.99 अरब डॉलर मूल्य के NFT बेचे गए। मार्च में बिक्री में और गिरावट आई, वर्ष के तीसरे महीने में NFT की बिक्री केवल 2.44 बिलियन डॉलर रही।

काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं क्रिप्टोकरेंसी और NFT

NFT का मतलब नॉन-फंजिबल टोकन है। यह एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन है जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। किसी व्यक्ति के पास NFT का होना यह दर्शाता है कि उसके पास कोई यूनिक या एंटीक डिजिटल आर्ट वर्क है, जो दुनिया में और किसी के भी पास नहीं है। सामान्य भाषा में कहें तो जैसे हम पैसे देकर कोई अनोखी और मूल्यवान वस्तु खरीदते हैं, वैसे ही कोई डिजिटल आर्ट वर्क खरीद सकता है और उसे ही NFT कहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी और NFT काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं। हालांकि, लोग रुपया, डॉलर जैसी फिएट मुद्रा का उपयोग करके NFT खरीद सकते हैं, अधिकांश खरीदार NFT खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी चुनते हैं। इसके अलावा, अगर एक टीम जिसके पास अपनी क्रिप्टोकरेंसी है, उसके पास NFT परियोजनाएं भी हैं, तो उस मुद्रा को NFT नहीं रखने वालों की तुलना में अधिक स्थिर माना जाता है।

क्रिप्टो को लेकर भारत शुरू से ही सशंकित रहा है और सुरक्षात्मक कदम उठाता रहा है। अप्रैल 2018 में, भारत सरकार ने निर्णय लिया था और राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने प्रभावी ढंग से घोषणा करते हुए कहा कि क्रिप्टो मुद्रा के लिए UPI का उपयोग अवैध है। US आधारित क्रिप्टो मुद्रा ने तब अपने मंच पर UPI को रोकने का फैसला किया। जल्द ही, MobiKwik जैसे बैंक और वॉलेट अधिक सतर्क हो गए और क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ लेनदेन के नियमों को कड़ा कर दिया।

क्रिप्टो मार्केट के लिए अगला बड़ा सदमा क्रिप्टो ट्रेडिंग में शामिल लोगों पर कर लगाने का भारत का निर्णय था। भारत वर्तमान में क्रिप्टो ट्रेडर्स पर 30 प्रतिशत कर लेता है। हालांकि, इस निर्णय ने क्रिप्टो समुदाय पर दबाव कम कर दिया क्योंकि उनका मानना था कि अब वे वैधता के दायरे क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु में हैं। लेकिन अभी भी वैधता को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कराधान का मतलब यह है कि उनकी आय पर कर लगाया जाएगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आय का स्रोत (क्रिप्टो ट्रेडिंग) कानूनी है। भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर जो घटनाएं हुई हैं उनका भी क्रिप्टो बाजार पर उल्टा असर पड़ा है। क्रिप्टो मार्केट की समस्याओं को रूस-यूक्रेन युद्ध ने और बढ़ा दिया। रूस और US क्रिप्टो खनन के हॉट बेड हैं। दोनों देशों के बीच तनाव का मतलब था कि अब बाजार पर प्रतिकूल असर आएगा। हालांकि, क्रिप्टो मार्केट से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि प्रतिबंधों के चलते, रूस डॉलर आधारित अर्थव्यवस्था से बाहर हो रहा है, ऐसे में रूस अब क्रिप्टो में वापस आ जाएगा।

क्रिप्टो की शुरू हो चुकी है उल्टी गिनती

बताते चलें कि अब तो क्रिप्टो बाजार की स्थिति और भी बिगड़ गई है। एक के बाद एक नकारात्मक घटनाओं के बाद भी क्रिप्टो बाजार के कुछ मूल रूप से स्थिर क्रिप्टो कॉइन्स के कारण बाजार में स्थिरता थी लेकिन जल्द ही एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी Luna की हालत डांवाडोल हो गई। Luna को क्रिप्टो वर्ल्ड में सबसे मूल रूप से स्थिर सिक्का माना जाता है। इसकी स्थिरता का कारण यह था कि इसका एक युगल सिक्का जिसे Terra के नाम से जाना जाता है, उपलब्ध है। यदि दोनों में से किसी एक की कीमत गिरती तो निवेशक एक में विनिवेश करके, इसे दूसरे के साथ बदल सकते हैं।

लेकिन मई के मध्य में Luna का जबरदस्त मूल्य ह्रास हुआ, जिससे क्रिप्टो बाजार में निवेशकों के 40 बिलियन डॉलर डूब गए। Luna के निर्माता लूना 2.0 के साथ आए। प्रारंभिक चढ़ाव के बाद, यह भी गिरने लगा और इसमें निवेशकों के पैसे का 70 प्रतिशत डूब गया। Luna 2.0 का पतन एक स्पष्ट संकेत है कि अब निवेशक आभासी मुद्रा में विश्वास खो रहे हैं। उन्होंने महसूस किया है कि यह निवेश का एक सतत तरीका नहीं है।

हाल के महीने क्रिप्टो के लिए अच्छे नहीं रहे हैं। प्रारंभ में, कुछ आशावादी निवेशकों का मानना था कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा, लेकिन उम्मीदें दिन-प्रतिदिन धुंधली हो रही हैं। यहां तक कि सबसे अच्छा और मूल रूप से स्थिर सिक्के भी अब गिर रहे हैं। यह एक स्पष्ट संकेत है कि क्रिप्टो मुद्रा तकनीकी बबल का एक रूप है, जो अब फूट रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी से हुए प्रॉफिट पर कितना लगेगा टैक्स? लोगों को नहीं है जानकारी

Cryptocurrency: टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स इस बात पर भी निर्भर करेगा कि सरकार एसेट को कैसे परिभाषित करती है.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - November 18, 2021 / 03:19 PM IST

क्रिप्टोकरेंसी से हुए प्रॉफिट पर कितना लगेगा टैक्स? लोगों को नहीं है जानकारी

भारतीय रुपये में जमा आय को क्रिप्टो करेंसी 'टीथर' में बदल दिया और फिर इसे केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक क्रिप्टो वॉलेट सेवा 'बिनेंस वॉलेट्स' में बदल दिया था

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले काफी कम लोगों को इससे हुए प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स की जानकारी है. ऐसे में ये लोग टैक्स से जुड़ी जानकारी के लिए अपने सलाहकारों के पास जा रहे हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस पर लगने वाला टैक्स 30% तक हो सकता है. सरकार भी किप्ट्रोकरेंसी (Cryptocurrency) के लिए लीगल फ्रेमवर्क लाना चाहती है. ऐसी भी खबरें है कि सरकार क्रिप्टो पर GST लगा सकती है.

टैक्स एक्सपर्ट क्रिप्टो पर एक राय नहीं

टैक्स एक्सपर्ट इस बात पर एक राय नहीं है कि क्रिप्टो एसेट से मिले रिटर्न को इक्विटी या रियल एस्टेट पर लागू होने वाले कैपिटल गेन की तरह वर्गीकृत किया जाना चाहिए या बिजनेस इनकम के रूप में. सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर कानून लाना चाहती है. सरकार नए ड्राफ्ट बिल में क्रिप्टोकरेंसी को टैक्सेशन सहित सभी उद्देश्यों के लिए संपत्ति/वस्तु के रूप में मान सकती है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स इस बात पर भी निर्भर करेगा कि सरकार एसेट को कैसे परिभाषित करती है.

निवेशकों के किस तरह के सवाल?

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई निवेशकों यह जानना चाहते हैं कि क्रिप्टो एसेट्स से मिले रिटर्न पर टैक्स कैसे लगाया जाएगा? इकोनॉमिक टाइम्स से टैक्स एडवाइजरी फर्म KPB एंड एसोसिएट्स के पार्टनर पारस सावला ने कहा, ज्यादातर इंक्वायरी में इस तरह के सवाल किए जाते हैं कि क्रिप्टो को एसेट माना जाए या गुड्स? एक क्रिप्टो करेंसी का दूसरी क्रिप्टो के लिए एक्सचेंज, क्रिप्टो के वैल्यूएशन, क्रिप्टो का फिएट करेंसी में परिवर्तन, एक सॉफ्ट वॉलेट से दूसरे में क्रिप्टो का ट्रांसफर, नॉन-क्रिप्टो बिजनेस से प्राप्त क्रिप्टो पर लगने वाला टैक्स.

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