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क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टो करेंसी क्या है पैसे कैसे कमाए | Crypto Currency Kya Hai

CryptoCurrency Kya Hai In Hindi: इंटरनेट के माध्यम से आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में तो आपने सुना ही होगा. पर क्या आप जानते हैं Cryptocurrency क्या है और काम कैसे करती है, क्रिप्टोकरेंसी का अबिष्कार कब हुआ, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें, क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कैसे कमाए, क्रिप्टोकरेंसी के फायदे व नुकसान क्या हैं तथा भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा.

अगर आपके मन में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इसी प्रकार के सवाल आते रहते हैं तो आज के इस लेख के द्वारा हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिस करेंगे.

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे हम छु नहीं सकते हैं, अपने पास नहीं रख सकते या फिर बैंक या तिजोरियों में छुपा नहीं सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को हम अपने डिजिटल Wallet में रख सकते हैं और ऑनलाइन Transaction के साथ – साथ क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग भी कर सकते हैं .

कई विशेषज्ञ कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य में स्थाई तौर पर उपयोग में लाया जाएगा, और कई कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई भविष्य नहीं है. इसी कारण से दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को illegal माना जाता है तो कई सारे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को Legal कर दिया गया है. भारत भी उन्हीं देशों की सूची में है जहाँ क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? लीगल है.

क्रिप्टो करेंसी क्या है कैसे काम करती है हिंदी में (CryptoCurrency Kya Hai In Hindi)

क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तृत जानकरी प्राप्त करने के लिए इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. तो चलिए शुरू करते क्रिप्टोकरेंसी क्या है? हैं बिना किसी देरी के आज के इस लेख – क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी.

करेंसी क्या है (What is Currency in Hindi)

करेंसी एक ऐसी धन – प्रणाली होती है जिसे किसी देश के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है और उसकी कोई Value होती है. करेंसी को उस देश के लोगों द्वारा धन के रूप में प्रयोग किया जाता है, लोग करेंसी के इस्तेमाल से वस्तुएं खरीद सकते हैं.

Currency को हिंदी में मुद्रा कहा जाता है. आजकल लगभग सभी देशों के पास खुद की करेंसी होती है जैसे भारत की करेंसी रुपया है और अमेरिका की डॉलर इसी प्रकार अन्य देशों की भी अलग – अलग करेंसी होती है.

करेंसी को कागज़ या धातु के टुकड़ों (सिक्कों) पर प्रिंट किया जाता है. करेंसी भौतिक रूप में होती है, मतलब कि हम इसे छु सकते हैं, अपने पास रख सकते हैं. इसलिए करेंसी को फिजिकल करेंसी भी कहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इससे बहुत अलग है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है जो कंप्यूटर के अल्गोरिथम पर बनी होती है. यह एक डिजिटल asset है जिसके द्वारा ऑनलाइन चीजों की खरीददारी का काम कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है, Decentralized होने के कारण इसका मालिक कोई नहीं है और न ही दुनिया के किसी भी देश के सरकार का अधिकार क्रिप्टोकरेंसी में है.

क्रिप्टोकरेंसी Peer to Peer इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है जिसके द्वारा हम इंटरनेट के माध्यम से Service या Good को खरीदते हैं. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने के लिए किसी बैंक या सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है.

Digital Form में होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी को छु नहीं सकते हैं और ना ही हम इसे भौतिक रूप में अपने पास रख सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी के द्वारा लोग ऑनलाइन खरीदकारी करने के साथ – साथ क्रिप्टो में ट्रेड करने का काम सकते हैं.

तकनीकी रूप से कहें तो क्रिप्टोकरेंसी Blockchain Technology पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी है जो कि Cryptography के द्वारा सुरक्षित है. Cryptocurrency को Digital Currency, Virtual Currency या Electronic Currency के नामों से भी जाना जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास (History of Cryptocurrency in Hindi)

क्रिप्टोकरेंसी की शुरुवात 2009 में हुई थी जिसका नाम बिटकॉइन था. जापान के इंजिनियर सतोषी नाकमोतो ने बिटकॉइन को बनाया था. शुरुवात में यह इतना ज्यादा Popular नहीं था, लेकिन धीरे – धीरे क्रिप्टोकरेंसी के रेट बहुत क्रिप्टोकरेंसी क्या है? अधिक बढ़ने लगे और देखते ही देखते क्रिप्टोकरेंसी बहुत अधिक महंगी हो गयी जिसके बाद से लोगों का ध्यान क्रिप्टोकरेंसी पर गया और लोग इसमें निवेश करने लगे.

2009 में क्रिप्टोकरेंसी की Value 1 रूपये थी लेकिन आज 45 लाख 1 बिटकॉइन की Value है. शुरुवात में क्रिप्टोकरेंसी को illegal कर दिया था लेकिन धीरे – धीरे क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखकर कुछ देशों ने इसे Legal कर दिया. अभी भी बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ क्रिप्टोकरेंसी illegal है. भारत की बात करें तो यहाँ क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से Legal है

कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम

वैसे तो सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं पर इनमें से कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी जो अच्छा Perform कर रहे हैं उनके नाम निम्न हैं –

  • बिटकॉइन (Bitcoin)
  • इथेरयम (Ethereum)
  • रेडकॉइन (Redcoin)
  • सोलाना (Solana)
  • रिप्पल (Ripple)
  • लाइटकॉइन (Litecoin)
  • मोनेरो (Monero)
  • तेथेर (Tether)
  • डोज़ कॉइन (Dogecoin)
  • शीबा एनु (Shiba Coin)

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे (Advantage of Cryptocurrency in Hindi)

क्रिप्टोकरेंसी के अनेक सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ के बारे में हमने लेख में बताया है –

  • क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, इसमें fraud होने की संभावना बहुत कम है.
  • क्रिप्टोकरेंसी फिजिकल फॉर्म में उपलब्ध नहीं रहती है, इसे हम तिजोरी या बैंक में नहीं रख सकते हैं, जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के चोरी होने, कट – फट जाने या खो जाने की संभावना नहीं होती है.
  • क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना बहुत आसान है. आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं.
  • क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसकी कीमतों में तेजी से उछाल आते हैं.
  • क्रिप्टोकरेंसी को किसी बैंक, सरकार या देश के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है. यह एक स्वतंत्र करेंसी है.
  • क्रिप्टोकरेंसी बहुत Secure है क्योंकि इसमें Cryptography Algorithm का इस्तेमाल किया गया है.

क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान (Disadvantage of Cryptocurrency in Hindi)

क्रिप्टोकरेंसी के अनेक सारे फायदे होने के कारण इसके कुछ नुकसान भी हैं जो नीचे बताये गए हैं –

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी क्या है? तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

Cryptocurrency की भारत में आज की कीमत

क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है जिसे वस्तु और सेवाओं के बदले दिया जाता है. दरअसल क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क आधारित डिजिटल मुद्रा है. कुछ कंपनियों ने अपनी क्रिप्टो करेंसी भी जारी की है. जिसे टोकन्स कहते हैं. इन टोकन्स का प्रयोग आमतौर पर कंपनी के ही गुड्स और सर्विसेस खरीदने के लिए होता है.

वास्तविक मुद्रा और क्रिप्टो करेंसी में बेसिक फर्क यही क्रिप्टोकरेंसी क्या है? है कि आप जिस पैसे को बाजार में खर्च करते हैं उसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है. जबकि क्रिप्टो करेंसी को कोई व्यक्ति या कंपनी जारी कर सकती है.

डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक क्या है?

डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक रिसोर्स का एलोकेशन है. आसान भाषा में समझें तो ये कहा जा सकता है कि किसी वस्तु या रिसोर्स का नियंत्रण किसी एक व्यक्ति, संस्था या सेंट्रल टीम के पास नहीं होता है बल्कि उसका विकेंद्रीकरण यानी डिसेंट्रलाइजेशन होता है. क्रिप्टो करेंसी में जिस तकनीक ब्लॉकचेन का इस्तेमाल किया जाता है, उससे उस क्रिप्टो करेंसी पर किसी एक व्यक्ति या संस्था का नियंत्रण नहीं रहता, बल्कि डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी के जरिये उसे बहुत से कम्प्यूटर के जरिये अलग-अलग लोकेशन से मैनेज किया जाता है और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड किया जाता है. यह तकनीक जितनी मजबूत होगी वो क्रिप्टो करेंसी उतनी ही सिक्योर होगी.

क्रिप्टोकरेंसी FAQs

CryptoCurrency या डिजिटल करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. इसका यूज भी डिजिटल लेन-देन के लिए किया जा सकता है. इसे आप ना देख सकते हैं ना ही छू सकते हैं. इसका पूरा बिजनेस ऑनलाइन ही होता है. बाकी देशों की करेंसी की तरह इसे कोई कंट्रोल नहीं करता है. इसे नेटवर्क के जरिए ऑनलाइन ऑपरेट किया जाता है. इस वजह से इसकी कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है.

Bitcoin दुनिया की सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है. इसे साल 2008 में बनाया गया था. इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर साल 2009 में रिलीज किया गया था. Bitcoin बनाने वाले व्यक्ति या ग्रुप को Satoshi Nakamoto नाम से जाना जाता है. इसे किसी ने देखा नहीं है. इसे बनाने की वजह साफ थी. इसको लेकर कहा गया था ये एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जिस पर कोई भी सरकार कंट्रोल नहीं कर सकती है.

CryptoCurrency को भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के जरिए खरीदा जा सकता है. आप इन प्लेटफॉर्म पर जाकर अपना अकाउंट बना सकते हैं. उसके बाद बैंक से प्लेटफॉर्म पर पैसे ऐड करके आप किसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते हैं. भारत में WazirX और CoinDCX जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म काफी पॉपुलर है.

CryptoCurrency पर भारत में काफी ज्यादा टैक्स लगा दिया गया है. सरकार ने इसके लेनदेन पर 30 परसेंट का टैक्स लगाया है. लेकिन, वित्त मंत्री ने साफ किया है देश क्रिप्टोकरेंसी क्या है? में क्रिप्टोकरेंसी को फिलहाल लीगल नहीं किया गया है.

इसको लेकर कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है. कई क्रिप्टोकरेंसी कभी-कभी अच्छा फायदा भी करवा देती है लेकिन, कभी-कभी इन्वेस्टर्स का नुकसान भी काफी ज्यादा हो जाता है. आप इसमें बड़ी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी जैसे Bitcoin या Ether में इन्वेस्ट करके सेफ रह सकते हैं. लेकिन, इसके लिए आपको क्रिप्टो मार्केट पर भी ध्यान देना होगा. हालांकि, आपको बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी को निवेश के मकसद से नहीं बनाया गया था.

बिटकॉइन की कीमत कुछ समय पहले 50 लाख से भी ज्यादा हो गई थी. लेकिन, जब इसे लॉन्च किया गया था तब इसकी कीमत जीरो थी. लेकिन, कुछ ही समय के बाद इसकी कीमत 6 पैसे हो गई थी. अभी इसकी कीमत 31 लाख रुपये करीब है.

क्या है RBI का ‘डिजिटल रुपया', बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग

क्या है RBI का ‘डिजिटल रुपया', बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग

देश की डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ (e₹) का पहला क्रिप्टोकरेंसी क्या है? पायलट परीक्षण 1 नवंबर से शुरू हो गया. केंद्रीय बैंक (RBI) ने अभी होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है. इस परीक्षण में बैंक, सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन के लिए इस डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुरू ‘डिजिटल रुपये’ के पहले पायलट परीक्षण में ICICI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने मंगलवार को सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए हिस्सा लिया.

न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आईसीआईसीआई बैंक ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) का इस्तेमाल करते हुए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को जीएस 2027 प्रतिभूतियां बेचीं. डिजिटल रुपये के साथ कुल मिलाकर 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे हुए. भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी डिजिटल रुपये (थोक खंड) (e₹-W) के पहले पायलट परीक्षण में भाग लिया.क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

आखिर क्या है डिजिटल रुपया उर्फ CBDC

डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency or CBDC) है. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी. 30 मार्च 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया था. सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है. इससे यूजर्स को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे. डिजिटल रुपया, डिजिटल रूप में नकद रुपए-पैसे की ही तरह है. इसका उपयोग संपत्ति जमा करने के साधन के बजाय लेनदेन की मुद्रा के रूप में किया जाएगा. CBDC को फिजिकल तौर पर नष्ट, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है.

जिस देश का केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी को जारी करता है, उस देश की सरकार की मान्यता इसे हासिल होती है. यह उस देश की केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है. इसकी खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है.

लीगल टेंडर है डिजिटल रुपया

भारतीय रिजर्व बैंक का CBDC एक लीगल टेंडर है. CBDC के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक RBI का बैकअप रहेगा. यह आम मुद्रा यानी फिएट मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है? में होगा. फिएट मुद्रा, सरकार द्वारा जारी की जाने वाली करेंसी को कहा जाता है. इसलिए एक प्रकार से कह सकते हैं कि डिजिटल रुपया, सरकारी गारंटी वाला डिजिटल वॉलेट होगा. डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी इकाइयों को चलन में मौजूद मुद्रा में शामिल किया जाएगा. जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBDC से भी आप लेनदेन कर सकेंगे. सरल शब्दों में डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल हम अपने सामान्य रुपये-पैसे के रूप में कर सकेंगे, बस रुपये-पैसे डिजिटल फॉर्म में होंगे.

दो तरह की CBDC

रिटेल (CBDC-R): रिटेल CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी

होलसेल (CBDC-W): इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है.

पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और यूजर्स को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है. इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान क्रिप्टोकरेंसी क्या है? प्रणालियों को बदलना नहीं है.

RBI को सीबीडीसी की शुरुआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी. यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और लिक्विडिटी के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग

डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में काफी अंतर है. इसलिए दोनों में कन्फ्यूज न हों. सबसे बड़ा अंतर यह है कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है. डिजिटल रुपये को केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है. इसलिए इसमें जोखिम नहीं होता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट या वर्चुअल एसेट है. यह किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं है. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं है.

कब होगा रिटेल सेगमेंट का ट्रायल

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि डिजिटल रुपये (क्रिप्टोकरेंसी क्या है? खुदरा खंड) (e₹-R) का पहला पायलट परीक्षण नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की योजना है. आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है. डिजिटल रुपये (थोक खंड) के पहले पायलट परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC को चुना गया है.

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