आरओआई क्या है

बैंक ऑफ बड़ौदा ने एफडी पर ब्याज दर बढ़ाई, होगा ज्यादा फायदा
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने अपनी सावधि जमा योजना यानी एफडी (FD) की ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. बैंक ने दो करोड़ रुपये से कम की सावधि जमा योजना पर करीब 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है. बैंक ऑफ बड़ोदा की वेबसाइट के अनुसार ये नई ब्याज दरें 13 सितंबर, 2022 से लागू मानी जाएंगी.
हैदराबाद: बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने दो करोड़ रुपये से कम की सावधि जमा (FD) की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. बैंक ने सभी अवधियों के लिए सावधि जमा ब्याज दरों में 20 आधार अंकों (बीपीएस) तक की बढ़ोतरी की है. बैंक ऑफ बड़ौदा की वेबसाइट के अनुसार, नई ब्याज दरें 13 सितंबर, 2022 से लागू मानी जाएंगी.
बैंक ऑफ बड़ौदा की सावधि जमा ब्याज दरें: बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक साल से अधिक की अवधि के लिए FD ब्याज दर में वृद्धि की है. एक साल की मैच्योरिटी वाली जमा पर ब्याज दर 5.30 फीसदी से बढ़ाकर 5.50 फीसदी कर दी गई है, जो 20 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी है. 1 वर्ष से 2 वर्ष से अधिक के कार्यकाल के लिए, ब्याज दर 5.45 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.50 कर दी गई है. 2 साल से ऊपर और 3 साल तक की अवधि के लिए बढ़ोतरी के बाद दी जाने वाली ब्याज दर 5.55 प्रतिशत है.
इसके अलावा तीन साल या उससे अधिक और दस साल तक की परिपक्वता वाली सावधि जमा पर ब्याज दर 5.50 प्रतिशत से बढ़कर 5.65 प्रतिशत हो गई है. इसके अलावा सीनियर सिटीजन FD की ब्याज दरों पर नजर डालें तो बैंक ऑफ बड़ौदा वरिष्ठ नागरिकों के लिए एफडी पर 3.50 प्रतिशत से 6.50 प्रतिशत तक की ब्याज दर प्रदान करता है.
क्या है बैंक ऑफ बड़ौदा की तिरंगा जमा योजना आरओआई:आरओआई क्या है बड़ौदा तिरंगा जमा योजना, उच्च ब्याज दरों के साथ एक अद्वितीय सावधि जमा उत्पाद है, जो बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा पेश की गई है. बड़ौदा तिरंगा जमा की दो अवधि वाली बकेट के लिए ब्याज दरें 444 दिनों के लिए 5.75 प्रतिशत और 555 दिनों के लिए 6 प्रतिशत तक की गई हैं. इस नई योजना के तहत 2 करोड़ रुपये से कम की खुदरा राशि को जमा किया जा सकता है और यह 16 अगस्त से प्रभावी हो गई है, जिसे 31 दिसंबर, 2022 तक चलाया जा सकता है.
आरटीआई कैसे दर्ज करें: एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
प्रणाली में पारदर्शिता लाने और भारत के नागरिकों को समय पर सूचना प्रदान करने की पहल में, सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 पारित किया गया था, जिसके तहत सभी सरकारी विभागों के लिए नागरिकों के सरकारी सूचना के अनुरोधों का जवाब देना अनिवार्य है। . प्रक्रिया को अब ऑनलाइन कर दिया गया है, जिसके माध्यम से नागरिक सरकार से विस्तृत जानकारी के लिए खोज और आवेदन कर सकते हैं। यहां आरटीआई के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का तरीका बताया गया है।
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Online RTI File Kaise Kare ? RTI Ki Jankari Hindi Me | RTI Format
देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने 2015 एक अधिनियम लागू किया | जिसका नाम सूचना का अधिकार अर्थात RTI रखा गया | सूचना का अधिकार आरटीआई अधिनियम मुख्य रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ लाया गया है | इसके अंतर्गत कोई भी नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकता है | जानकारी प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार के अंतर्गत पूछे जाने वाली सभी जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए | सूचना के अधिकार के अंतर्गत कोई भी नागरिक अपने क्षेत्र के विकास कार्य में खर्च हुए पैसे और स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है |
इसके साथ ही आपके क्षेत्र में राशन की दुकान में कब कितना राशन आया , स्कूल , कॉलेज , हॉस्पिटल में कितने पैसे खर्च हुए , ऐसे ही सार्वजनिक कार्यों में कितना कब कहां खर्चा हुआ , इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | इस तरह के किसी भी प्रकार के सवालों का जवाब का राइट टू इनफार्मेशन एक्ट के अंतर्गत प्राप्त कर सकते हैं |
गुजरात सूचना आयोग ने 10 व्यक्तियों को किया ब्लैक लिस्ट, आरटीआई डालने पर लगाया 'अजीवन प्रतिबंध',जानिए क्या है मामला?
एनजीओ 'जोग' ने दावा किया कि गुजरात में यह पहली बार है जब लोगों को सूचना मांगने से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदकों को काली सूची में डालने का कोई प्रावधान नहीं है
गुजरात सूचना आयोग ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अधिकारियों को बार-बार आरटीआई (सूचना का अधिकार) दर्ज कर ‘परेशान’ करने के आरोप में नौ लोगों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है, और आदेश दिया है कि उनके आवेदनों का आगे से जवाब नहीं दिया जाना चाहिए।
पिछले दो वर्षों में सूचना आयुक्तों के आदेशों का विश्लेषण करने वाले एक एनजीओ ने दावा किया कि गुजरात में यह पहली बार है जब लोगों को "जानकारी मांगने से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है"। आयोग ने कहा कि ये नौ व्यक्ति "आरटीआई अधिनियम का बार-बार उपयोग कर रहे थे", "आरटीआई आवेदन दाखिल करके अधिकारियों को परेशान कर रहे थे", "दुर्भावनापूर्ण इरादों" के साथ प्रश्न दर्ज कर रहे थे।
एनजीओ 'जोग' ने दावा किया कि गुजरात में यह पहली बार है जब लोगों को सूचना मांगने से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, इस तथ्य के बावजूद कि आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदकों को काली सूची में डालने का कोई प्रावधान नहीं है। यहां तक कि एक आरटीआई क्वेरी का जवाब देते हुए केंद्रीय सूचना आयोग ने भी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।
जोग ने कहा कि ये सभी 10 व्यक्ति गुजरात सूचना आयोग के आदेश को चुनौती देने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा आरओआई क्या है खटखटा सकते हैं। एनजीओ के अनुसार, सूरत के अर्जुनसिंह सोलंकी को दक्षिण गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (डीजीवीसीएल) से जानकारी मांगने से रोक दिया गया था क्योंकि वह ऐसी जानकारी मांग रहा था जिसका जनहित से कोई लेना-देना नहीं है और यह आरटीआई का दुरुपयोग का मामला लग रहा है
जीआईसी ने अरवल्ली जिले के मोडासा शहर के एक स्कूल कर्मचारी सत्तार खलीफा पर "आभासी सुनवाई के दौरान आयोग के सामने कदाचार और दुर्व्यवहार" का भी आरोप लगाया।
RTI Full Form क्या है? आरटीआई ऑनलाइन कैसे लगाए पूरी जानकारी
भारत में किसी नागरिक को सरकार से कोई सवाल पूछना है या फिर कोई जानकारी लेनी है तो उसे RTI लगाने की सलाह दी जाती है। आरटीआई लगाने के कुछ समय बाद ही उन्हें सरकार से लिखित में उसका जवाब मिल जाता है। इंडिया में बहुत से लोग ऐसे भी है जिन्हें नहीं पता होता की RTI क्या होता है? RTI का मतलब और Full Form क्या होती है और आरटीआई ऑनलाइन कैसे लगाई जाती है? आरटीआई एक्ट से संबधित ऐसे सभी जानकारी आगे आपको विस्तार से देंगे, इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़े।
आरटीआई भारत के नागरिको को सुचना अधिकार देता है। वो सूचना किसी सरकारी काम, किसी कानून को लेकर या अपने अन्य किसी अधिकार से जुडी हो सकती है। उदहारण के लिए आपके गाँव में कोई निर्माण कार्य हुआ है जिसे गाँव के सरपंच द्वारा करवाया गया है और आपको उस निर्माण कार्य कुल लागत और अन्य जानकारी चाहिए तो आप उसके लिए RTI लगा सकते है। जिसके बाद आपके द्वारा मांगी गई जानकारी सीधा सरकार से आपको कुछ समय में ही मिल जाएगी। ये जानकारी संबधित सरकारी विभाग से मिलती है इसलिए इसकी प्रमाणिकता में भी कोई शक नहीं होता।
Table of Contents
आरटीआई क्या है – What is RTI Meaning & Full Form
भारत का सविधान देश के नागरिको को सूचना का अधिकार प्रदान करता है। RTI भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया ऐसा ही एक अधिनियम है जो भारतीय नागरिको के सूचना के अधिकार को लेकर नियम और प्रक्रिया निर्धारित करता है। RTI की मदद से आप किसी भी तरह की जानकारी ले सकते है। इस अधिनियम के आने से सरकार और देश के नागरिको के बीच पारदर्शिता भी बढती है।
सूचना का अधिकार पहले Freedom of Information Act, 2002 के नाम से था जिसे RTI Act से बदला गया था। भारत के संसद में 15 जून, 2005 में RTI ACT पास हुआ था। ये अधिनियम 12 अक्टूबर 2005 प्रभावी रूप से शुरू हुआ था। जिसके बाद से हर रोज हजारो आरटीआई दर्ज होती है जिनका जवाब एक निश्चित समय में नागरिको को दिया जाता है।
अगर आप किसी सरकारी संस्थान, किसी सरकारी कार्य या अन्य कोई जानकारी पाने के लिए RTI लगाना चाहते है तो आपको उससे संबधित विभाग में RTI Application Submit करनी होती है। उस संस्थान द्वारा उस RTI का जवाब 30 दिन के अंदर देना होगा। भारत के किसी भी राज्य का नागरिक आरटीआई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से लगा सकता है, जिसके बारे में नीचे डिटेल में बात करेंगे।
आरटीआई फुल फॉर्म क्या है – RTI Full Form in Hindi
- RTI Full Form – Right to Information
- आरटीआई फुल फॉर्म – सूचना का अधिकार
इंडिया के सभी संवैधानिक अथॉरिटीज इस एक्ट के अंतर्गत आते है जो इससे भारत के सबसे शक्तिशाली कानूनों में से एक बनाता है। हालाँकि आरटीआई भारत के सविधान में मौलिक अधिकार के रूप में शामिल नहीं है, ये अधिनियम सविधान में अनुच्छेद 19(1)(ए) अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी और अनुच्छेद 21 (व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) की गारंटी देता है।
RTI (Right to Information) के फायदे
- आरटीआई से आप सीधा सरकार से जानकारी ले सकते है जिससे देश के नाम नागरिको और सरकार के बीच में पारदर्शिता बनती है।
- आपके एरिया में होने वाले सड़क निर्माण, गली निर्माण या किसी भी अन्य सरकारी काम की लागत से लेकर अन्य सभी जानकारी आप Right to Information (Full Form of RTI) लगाकर ले सकते है।
- आपके आस पास कोई भ्रष्टाचार हो रहा और आपको उसकी जानकारी है तो आप आरटीआई एक्ट के माध्यम से उसकी जानकारी संबधित विभाग तक पंहुचा सकते है। आरटीआई कानून के बनने के बाद से भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है।
- देश के आम नागरिको के अन्य अधिकारों की रक्षा भी आरटीआई द्वारा होती है। अपने अधिकारों की पूरी जानकारी लेने के लिए भी आरटीआई दर्ज की जा सकती है। जिसका जवाब 30 दिन के अंदर आपको मिल जाता है।
- आस पास टूटे रोड, अवैध अतिक्रमणों और अन्य किसी गैर आरओआई क्या है कानूनी गतिविधियों की शिकायत आप सीधा सरकार से कर सकते है। क्योंकि शिकायत सीधा सरकार तक पहुचती है तो उसका समाधान भी जल्द मिलने आरओआई क्या है की संभावना रहती है।
आरटीआई कैसे लगाएं – How to Fill RTI Application Online
अपने सूचना के अधिकार RTI का इस्तेमाल आप Online और Offline दोनों तरीके से कर सकते है। नीचे हमने आरटीआई ऑनलाइन लगाने का तरीका बताया है।
- आपको सबसे पहले RTI Online की ऑफिसियल वेबसाइट (rtionline.gov.in) पर जाना है।
- आरटीआई वेबसाइट पर आपको कई विकल्प दिखाई देंगे जिसमे से मेनू में दिए Submit Request विकल्प पर आपको क्लिक कर देना है।
- इसके बाद अगले पेज पर आपको आरटीआई ऑनलाइन पोर्टल के उपयोग के लिए दिशानिर्देश दिखाई देंगे, जिन्हें आपको ध्यान से पढ़ लेना है। इसमें RTI application online submit करने से जुड़े रूल लिखे होगे।
- दिशानिर्देश पेज पर नीचे ‘I have read and understood the above guidelines‘ के आगे दिए बॉक्स में टिक करने के बाद नीचे दिए Submit बटन पर क्लिक करे।
- अब अगले पेज पर आपके सामने Online RTI Request Application आरओआई क्या है Form खुल जाएगा। इस फॉर्म में सबसे पहले दिए विकल्प Select Ministry/Department/Apex body में संबधित विभाग को सिलेक्ट करना है। यानी जिस विभाग से जुडी जानकारी के लिए आरटीआई लगाना चाहते है उसे चुने। उसके बाद इस विभाग के Public Authority को चुने।
- इसके बाद आपको अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर इत्यादि व्यक्तिगत जानकारी भरनी है।
- आरटीआई एप्लीकेशन फॉर्म के आखिर में आपको Text for RTI Request application का विकल्प मिलेगा जिसमे आपको विषय पूरा लिखना है।
- उसके नीचे संबधित डॉक्यूमेंट को भी अपलोड करना है और अंत में दिए सबमिट बटन पर क्लिक कर देना है।
- अगले पेज पर आपको RTI Fees की Payment भी Online कर देनी है। RTI लगाने की फीस 10 रूपए है जिसे आपको क्रेडिट/डेबिट कार्ड या UPI से कर सकते है।
इस तरह आरटीआई ऑनलाइन लगाने की प्रक्रिया पूरी होती है। आप अपने Right to Information (RTI Full Form) का Status भी यही से Online देख पाएँगे।
आरटीआई से संबधित आम सवाल FAQ
आपके द्वारा आरटीआई सफलतापूर्वक दर्ज कराने के 30 दिन के अंदर आपको जवाब मिल जाता है। अगर आपको 30 दिन के बाद भी RTI का जवाब नहीं मिला है तो आप First Appeal Submit कर सकते है।
आमतौर पर RTI File करने के लिए ली जाने वाली Fees 10 रूपए होती है। हालाँकि भारत के अलग राज्यों में ये फीस 10 रूपए से 100 रूपए के बीच हो सकती है।
RTI Full Form है Right to Information. हिंदी में आरटीआई का पूरा नाम/ फुल फॉर्म है सूचना का अधिकार।